अपनी चचेरी बहन को चोदा मैंने अपने ही घर में! हम दोनों घर में अकेले थे. रात को मैंने उसकी नंगी टांगें देखी तो उसकी चुदाई का ख्याल आया. अगले दिन उसे नंगी देखा बाथरूम में!
दोस्तो, मेरा नाम राहुल शर्मा है. मैं कोटा का रहने वाला हूँ और अभी 21 साल का हूँ.
आज मैं आपको अपने जीवन की एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मैंने अपनी चचेरी बहन को चोदा!
मैं कॉलेज में पढ़ता था और तब मेरे एग्जाम चल रहे थे.
उस समय मेरे घर वाले शादी में कुछ 14-15 दिनों के लिए गांव जाने वाले थे.
मेरी चचेरी बहन कुमकुम का भी शादी में जाने का मन था पर वह इस साल अपनी बोर्ड की परीक्षा देने वाली थी तो चाचा जी ने उसे मना कर दिया और बोला- दो महीने के बाद तेरी परीक्षाएं हैं, तू उसकी तैयारी कर. अगर तू गांव जाएगी, तो न तेरी पढ़ाई हो पाएगी और न ही तेरे भैया के लिए खाना बनाने वाला कोई रहेगा.
इस तरह से मेरी चचेरी बहन और मैं घर पर रह गए, बाकी सब लोग शादी में जाने की तैयारी करने लगे.
अगले दिन सुबह सब लोग गांव चले गए.
मेरा एक ही एग्जाम बचा था, मैं उसकी तैयारी कर रहा था.
दोपहर को मैंने और कुमकुम ने खाना खा लिया, उसके बाद मैं वापस पढ़ने बैठ गया.
पढ़ते पढ़ते शाम हो गई थी.
कुमकुम ने आकर खाने के लिए कहा.
मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया और फिर से पढ़ने बैठ गया.
आखिरी एग्जाम जो था.
रात को करीब दो बजे तक मैं पढ़ता रहा और पूरी तैयारी करने के बाद सोने की तैयारी कर रहा था.
उससे पहले मैं टॉयलेट करने के लिए बाथरूम में गया.
जब सोने के लिए गया तो कुमकुम भी मेरे कमरे सो रही थी.
वो गहरी नींद में थी
घर पर कोई नहीं था. मैं उससे बहुत बार लड़ता था, उसे बहन के जैसे प्यार करता था.
पर आज उसके गोरे कोमल बदन को देख कर मेरे होश उड़ गए.
उसने उस समय शॉर्ट्स पहन रखा था.
मैं अपना संतुलन खो बैठा और उसकी गांड पर हाथ लगाने ही वाला था कि तब तक वो उठ गई.
मुझे अपने करीब खड़ा देख कर कुमकुम बोली- अरे भईया, आप अभी तक सोए नहीं?
मैंने कहा- हां बस अब सो रहा हूँ.
यह बोल कर मैं बिस्तर पर लेट गया.
कुछ ही देर बाद मेरी आंख लग गई.
अगले दिन एग्जाम देने के बाद जब मैं घर पर आया, तब दोपहर के 3 बजे थे.
उस समय घर का मेन गेट का ताला बंद था.
मेरे पास एक दूसरी चाभी थी. उससे मैंने दरवाजा खोला और अन्दर आ गया.
अन्दर कुमकुम नहीं दिख रही थी, तब मैं उसके कमरे में गया.
वो वहां भी नहीं थी. मगर पानी गिरने की आवाज आ रही थी.
मेरी नजर उसके बाथरूम पर गई. उसका दरवाजा खुला था.
मैंने अन्दर झांका, तो वो अन्दर नहा रही थी.
वो अपने बूब्स पर साबुन लगा कर दबा रही थी और चूत में उंगली डाल रही थी.
ऐसा सीन देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने जैसे तैसे अपने आपको संभाला और कमरे से बाहर आ गया.
फिर मैं हॉल में बैठ गया और कुमकुम को आवाज लगाने लगा.
मैं उसे खाना देने के लिए आवाज लगा रहा था.
उसने ‘आती हूँ भैया …’ कहा और वो कपड़े पहन कर हॉल में आ गई.
मैं खाना खाने लगा और बिस्तर पर लेट गया.
मेरे मन में से कुमकुम का ख्याल जा ही नहीं रहा था.
बाथरूम में उसकी नंगी चुचियां और चूत में उंगली करने का सीन बार बार मुझे गर्म कर रहा था.
उसकी जवानी लंड मांग रही थी.
वो पक्के में जल्द ही किसी न किसी से चुद सकती थी.
मेरे घर का माल मैं किसी दूसरे लंड से कैसे चुद जाने दे सकता था.
मैंने उसे चोदने का ठान लिया.
पिछली रात की नींद अभी बाकी थी तो थोड़ी देर में ही मैं सो गया.
रात को खाने के बाद हम दोनों टीवी देखने लगे, उसके बाद सोने आ गए.
वो बिस्तर पर लेटते ही सो गई थी.
मैं अपना हाथ उसकी गांड फेरने लगा.
वो मेरे हाथ फेरने से एकदम से उठ गई और बोली- ये क्या कर रहे हो भैया?
मैंने बोला- सॉरी गलती से हो गया यार!
वो उठी और शायद चाचा जी को फोन करने के लिए हॉल में गई.
मैं उसके पीछे भागा और उससे फोन ले लिया.
उसने फिर मेरे हाथ से फोन खींचने की कोशिश और भागने लगी. तभी मैंने उसकी शर्ट पकड़ी, तो वो फट गई.
शर्ट फट जाने से उसकी ब्रा एकदम साफ़ दिखने लगी और उसका गोरा बदन मुझे पागल करने लगा.
मैं अपने आप पर काबू नहीं कर रख पाया और मैंने उसको पकड़ लिया.
मैं उसेकमरे में लाया और बेड पर लेटा दिया. साथ ही मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसे दबोचे रहा.
मैंने उसकी ब्रा खोल दी, फिर उसके होंठों को चूमने लगा.
उसके बूब्स को चूसने लगा और उसके ऊपर चढ़ कर उसे अपने जिस्म से रगड़ने लगा.
अब वो मेरा साथ दे रही थी.
इसका सीधा सा मतलब ये था कि मेरी चचेरी बहन कुमकुम भी अब एन्जॉय के मूड में आ गई थी.
कुछ देर बाद मैंने उसे ढील दी और नीचे आ गया. उसने वहां से हटने की जरा भी कोशिश नहीं की.
अब मैंने उसे पूरे इत्मीनान से नंगा कर दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.
थोड़ी ही देर में उसकी चूत गीली हो गई और वो गर्म हो चुकी थी.
मैंने उसकी आंखों में देखा, तो वो बोलने लगी- अब क्या देख रहे हो, ज्यादा टाइम मत लगाओ … जल्दी से चोद दो मुझे भैया!
ये कह कर उसने अपनी टांगें खोल दीं.
मैंने अपना लंबा और मोटा लंड निकाल कर हिलाया और उसकी चूत की फांकों में रगड़ने लगा.
लंड की गर्मी का अहसास चूत की फांकों को हुआ तो वो गांड उठा कर मचलने लगी.
मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा. जल्दी से लंड चूत के अन्दर डाल दिया.
लंड का सुपारा चूत के अन्दर चला गया था.
सुपारा मोटा था और कुमकुम की चूत अनचुदी थी.
वो लंड का अहसास करते ही ‘ओह … मर गई भैया … आंह मर डालो …’ बोलने लगी.
मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और थूक लगा कर वापस से अन्दर डाला.
इस बार थूक की चिकनाई भी थी और मेरी दाब भी कुछ अधिक थी.
लंड घुसा तो कुमकुम और जोर से चीखने लगी.
कुछ देर तक सील साबुत रही मगर लंड चूत में हाहाकार मचाने ही गया था.
अगले एक डेढ़ मिनट में चूत की ओपनिंग हो गई और कुछ देर बाद कुमकुम का दर्द भी जाता रहा.
मुझे उसकी कसी हुई चूत चोदने में बहुत मजा आ रहा था. वो भी गांड उठा उठा कर लंड का मजा लेने लगी थी.
कुछ दस मिनट बाद मैंने कुमकुम को खड़ा कर दिया और घोड़ी बना कर अपनी चचेरी बहन को चोदा.
फिर उसकी गांड को लुपलुप करते देखा तो मेरा मूड बन गया.
मैंने उसे ड्रेसिंग टेबल के पास चलने को कहा.
उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे आईने के सामने खड़ी करके चोदने की बात कही.
वो मेरे लंड से चुदने के चक्कर में बावली हो गई थी.
मैं उसे ड्रेसिंग टेबल के करीब लाया और उधर से नारियल के तेल की शीशी उठा ली.
मैं पीछे से लंड पेल कर अपनी बहन की चूत चौड़ी कर रहा था.
उसी समय मैंने उसकी गांड में तेल टपकाना शुरू कर दिया.
जब गांड तेल से लबालब हो गई तब मैंने एक उंगली उसकी गांड में सरका दी.
वो उंह आन्ह करने लगी.
मैंने लगातार तेल टपकाते हुए उसकी गांड में एक के बाद दो और फिर तीन उंगलियां चलाना शुरू कर दीं.
वो भी समझ गई थी कि आज पक्के में उसकी गांड का गुड़गांव बनेगा.
मैंने उससे कहा- अब जरा सहना मेरी बहना.
वो बोली- हां पेल दो भैया … ढीली तो कर ही दी है. मैं पहले भी मोमबत्ती से मजा लेती रही हूँ.
मुझे ये बात मालूम ही नहीं थी कि मेरी बहन पहले से ही अपनी गांड में मोमबत्ती चलाती थी.
मैंने लंड चूत से निकाला और उसकी गांड के छल्ले को फैलाते हुए लंड के सुपारे को बेखौफ फंसा दिया.
वो कसमसा रही थी मगर मैं एक हाथ से तेल टपका रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत के दाने को रगड़ रहा था.
कुछ ही देर में लंड ने गांड की गहराई नाप ली थी.
बस अब कुछ दर्द और होना बाकी था.
गांड की चुदाई ने कमरे में मस्ती का माहौल बना दिया था.
धकापेल चुदाई हुई.
फिर मैं झड़ने को हुआ और लंड का वीर्य उसके मुँह पर फैला दिया.
वो भी बाजारू रंडी की तरह अपने गालों पर मेरे लंड की मलाई से मालिश करने लगी.
झड़ कर हम दोनों ही नंगे पड़े थे.
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत को फिर से चाटना शुरू कर दिया.
कुमकुम ने कहा- अभी के लिए इतना बहुत है बेबी.
मैंने भी कह दिया- ओके जान.
फिर कुमकुम नहाने गई, मैं भी मुस्कुराता हुआ उसके साथ नहाने चला गया.
नहाने के बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और टीवी देखने लगे.
एक घंटा बाद उसने अपने कपड़े बदले और एक मस्त सी साड़ी पहन ली.
मैंने उससे पूछा, तो उसने मुझसे भी अच्छे से कपड़े पहनने को बोला.
इसके बाद उसने मेरे कमरे और बेड को सजाया.
मैंने पूछा कि ये सब क्यों?
उसने बोला कि आज हमारी सुहागरात है.
मैंने उससे क़हा कि एक काम बाकी है.
वो मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने सिंदूर की डिब्बी को लिया और उसकी मांग भर दी.
मैंने कहा- तुम अब मेरी पत्नी हो.
उसने मेरे पैर छुए.
मैंने उसे अपनी बांहों में भरा और चूम कर बेड पर लिटा दिया.
मैं अपनी बहन को प्यार करते हुए धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने लगा, उसके होंठों को चूमने लगा.
फिर मैं उसके बूब्स को चूसने लगा और जोर जोर से दबाने लगा.
उसे काफी मजा आने लगा था.
वो पूरी नंगी हो चुकी थी.
मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
मैंने अपनी बहन की चूत के अन्दर अपनी जीभ डाल दी.
उसकी चूत ही ऐसी थी कि मैं जितना चाटूं, उतनी ज्यादा मजा देती थी.
जल्दी ही उसकी चूत गीली होने लगी.
इस बार मैंने उसके हाथ बांध दिए और जोर जोर से चोदने लगा.
वो मादक सिसकारियां लेने लगी.
मेरा लंड जब पूरा अन्दर जाता तो वह जोर से आवाज भरने लगती.
कोई बीस मिनट की चुदाई में हम दोनों झड़ चुके थे और वहीं लेट गए थे.
कुमकुम ने बोला- भैया, कुछ नया करने का मन कर रहा है.
मैंने कहा- क्या करने का मन कर रहा है?
कुमकुम ने सहमते हुए कहा- आप अपने कुछ दोस्तो को बुला लीजिए ना.
मैंने पूछा- क्यों?
वो सर झुका कर बोली- मुझे चोदने के लिए.
मैंने कहा- तुम ये क्या बोल रही हो कुमकुम?
कुमकुम- भैया, ये सब करने का आज ही तो मौका मिला है. मुझे जोर जोर से और कई मर्दों से चुदना है.
मैंने कहा- ठीक है, मैं तुम्हें चोदने के लिए अपने कुछ नए साथियों को बुला लूंगा.
अगले दिन मैंने मेरे 5 दोस्तों को बुला लिया.
उन्हें हॉल में बैठा कर मैं अपने कमरे में कुमकुम के पास गया.
मैंने कुमकुम से कहा- मैंने अपने दोस्तों को बुला लिया है पर उन्हें तुम्हें चोदने के लिए कैसे कहूं?
कुमकुम ने कहा- आप हॉल में जाओ … मैं सब इंतजाम कर लूंगी. बस कुछ मिनट बाद आप मुझे आवाज देना. मैं आकर सबको मना लूंगी.
मैं हॉल में बैठ गया.
फ़िर कुमकुम ने जैसा कहा था, मैंने वैसे ही उसे 5 मिनट बाद आवाज दी.
जब कुमकुम हॉल में आई तो मेरे और मेरे दोस्तों के होश उड़ गए.
कुमकुम पूरी नंगी अपने बूब्स को मसलती हुई आ रही थी.
मेरे दोस्तों के लंड खड़े हो गए.
फिर कुमकुम मेरी गोद में बैठ गई और मुझे किस करने लगी.
बाद में कुमकुम मेरे दोस्तों के सामने टेबल पर बैठ गई और बोलने लगी कि निकालो अपना हथियार और पेल दो मुझे.
मेरे दोस्तों ने कुमकुम को कस कर पकड़ लिया.
कोई उसे किस करने लगा, कोई उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा, कोई चूत चाटने लगा.
मैंने और मेरे दोस्तों ने कुमकुम को बांध कर घोड़ी बना कर बारी बारी से मेरी चचेरी बहन को चोदा, उसकी चूत गांड एक साथ चोदी.
फिर जब तक घर वाले गांव से वापस नहीं आ गए, तब तक हम दोनों ऐसे ही रहने लगे और घर में नंगे घूमते रहे.
मैं भाई बहन की और भी मस्त चुदाई के बारे में लिखूँगा.
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