बिहारी सेक्स स्वैप स्टोरी मेरी सहेली के साथ पति बदल कर चूत चुदाई की है. वो मुझे पटना वाली ट्रेन में मिल गयी. मुझे उसका पति पसंद आ गया.
कहते हैं कि जिनको सेक्स करने की इच्छा होती है वो सेक्स करने की जगह, सेक्स करने वाले लोग और सेक्स करने का मौक़ा ढूंढ ही लेते हैं।
मैंने भी एक बार ऐसा मौक़ा ढूंढ लिया था, वही बिहारी सेक्स स्वैप स्टोरी आपको बताने जा रही हूँ।
मैं मिसेज काजल सिन्हा हूँ दोस्तो!
मेरे पति मिस्टर करन सिन्हा सर्विस में हैं और मैं एक हाउस वाइफ!
मैं रहने वाली तो पटना बिहार की हूँ पर अब मैं अपने पति के साथ मुम्बई में रहती हूँ।
शादीशुदा हूँ, खूबसूरत हूँ, सेक्सी और हॉट भी हूँ।
मस्त जवान हूँ इसलिए मैं सेक्स खूब एन्जॉय करती हूँ।
वैसे तो सेक्स के खेल में पोर्न देखती हूँ, हिंदी की सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ और अपने ग्रुप में सभी औरतों से खूब गन्दी गन्दी बातें भी करती हूँ; नॉन वेज चुटकुले सुनाती हूँ; लण्ड चूत चूत भोसड़ा सब खुल्लम खुल्ला बोलती हूँ।
मैं नंगी गालियां भी खूब देती हूँ; मैं न शर्माती हूँ और न झिझकती हूँ।
अपनी कुछ खास दोस्तों के साथ तो बिना गाली के कोई मैं बात ही नहीं करती।
सबको पता है कि मिसेज काजल सिन्हा बुरचोदी बड़ी बोल्ड और मुंहफट औरत है।
दोस्तो, सच बात यह है कि मैं वास्तव में लण्ड की बड़ी दीवानी हूँ।
मैं अपने पति के लण्ड को छोड़ कर बाकी सबके लण्ड से खूब प्यार करती हूँ।
पराये मर्दों के लण्ड से खेलती हूँ और धकाधक अपनी चूत में पेलवाती भी खूब हूँ।
मैं ऊपर से बड़ी सभ्य औरत हूँ पर अंदर से बड़ी घुटी हुई, बदचलन और एकदम चुदक्कड़ औरत हूँ।
आप मुझे अगर रंडी कहें तो मैं बुरा नहीं मानूंगी।
मैं बहनचोद रंडी हूँ और रंडी की तरह पराये मर्दों से धकापेल चुदवाती हूँ, गांड में भी पेलवाती हूँ लण्ड!
मादरचोद मैं हमेशा लण्ड के नशे में रहती हूँ।
मैं अपनी जवानी शुरू होने की उम्र से लण्ड पकड़ती आ रही हूँ। साल दो साल तक तो लण्ड पकड़ पकड़ कर हिलाती रही, मुंह में भी लेती रही, मुट्ठ भी मारती रही लेकिन जब मैं और बड़ी हुई तो लण्ड चूत में पेलवाना शुरू कर दिया था।
शादी के पहले ही मैं खूब चुदी हुई थी।
यह बात केवल मैं जानती हूँ और मेरी चूत!
आज आप लोग भी जान गए हैं कि मैं अपनी शादी से पहले चुदी हुई थी।
मेरे लिए यह अच्छी बात है कि मेरा पति भी भोसड़ी का बड़ा रंगीन मिज़ाज़ है।
उसको भी सेक्स उतना ही पसंद है जितना मुझे!
हम दोनों मिलकर सेक्स खूब एन्जॉय करतें हैं।
दोनों में समझदारी बहुत मजबूत है।
न कभी उसने मुझसे पूछा कि तुम शादी के पहले किस किस से चुदी हो और न मैंने कभी उससे पूछा कि तुमने शादी के पहले किस किस को चोदा है।
जो हो गया वो हो गया। उसका ज़िकर करने की कोई जरूरत नहीं है।
वह मेरी जिस्म से संतुष्ट है और मैं उसके जिस्म से संतुष्ट हूँ।
मैं उसके लण्ड से प्यार करती हूँ और वह मेरी चूत और मेरे मम्मों से प्यार करता है।
लेकिन मुझे थोड़ा थोड़ा समझ में आ रहा था कि वह भी पराई बीवियों की चूत में लण्ड पेलता है।
लण्ड भी उसका जबरदस्त है तो पराई बीवियां जरूर पसंद करतीं होंगीं।
एक बार हम दोनों मुम्बई से पटना बिहार जा रहे थे।
हमारी बुकिंग ए सी फर्स्ट क्लास में थी। हमें लोवर बर्थ मिलीं थी।
मैं अपना सामान वगैरह जमा कर बैठी ही थी कि सामने से मेरी पुरानी सहेली ऋचा दिख गयी। वो भी बिहारी चूत है मेरी तरह!
मैंने उसे आवाज़ दी तो वह फ़ौरन मेरे पास आ गयी।
जब मैंने उसकी मांग में सिन्दूर देखा तो समझ गयी कि इस गंडमरी की शादी हो गयी है।
उसने कहा- अरे यार तू काजल यहाँ कहाँ?
मैंने कहा- यार मैं तो पटना जा रही हूँ.
वह बोली- पटना तो मैं भी जा रही हूँ। मेरे हसबैंड की पोस्टिंग वहां हो गयी है; पर मेरी बुकिंग अगले कोच में है।
तब मैंने अपनी कोच के दो ऊपर के बर्थ वाले लोगों से रिक्वेस्ट किया तो वो दोनों अगले कोच में चले गए।
इस तरह ऋचा हमारे कोच में आ गयी।
उसने सामान लगाया फिर उसका हसबैंड आ गया उसका नाम था अभीजीत!
अभीजीत मुझे एक ही नज़र में भा गया; मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी।
हम सबका एक दूसरे से परिचय हुआ और सब कुछ ठीक ठाक करके सब लोग आराम से बैठ गए।
कुछ छुटपुट बातें होने लगीं।
इतने में ट्रेन चल पड़ी।
ट्रेन छूटने के कुछ ही देर बाद टी टी आ गया, उसको मैंने सब समझा दिया।
वह भी टिकट चेक करके बोला- अब आप लोग आराम से सो जाइये। कोई प्रॉब्लम हो बताना वरना न कोई पटना के पहले उतरेगा और न चढ़ेगा।
मैंने दरवाजा बंद किया और बातों का मज़ा लेना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे आपस में खुल कर बातें होने लगीं।
मुझे मालूम था की ऋचा ड्रिंक्स लेती है।
तो मैंने इशारे से पूछा- ऋचा क्या ड्रिंक्स लोगी?
तो उसने इशारा से ही कहा- हां लूंगी और मेरा पति भी लेगा।
फिर क्या … मैंने चार गिलास निकाल कर टेबल पर रखे और व्हिस्की की बोतल निकाल कर पैग बनाने लगी।
इस तरह हम चारों ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगे।
बातों बातों में अभीजीत ने पूछा- काजल भाभी, लगता है कि आप दोनों कॉलेज की दोस्त हैं?
मैंने कहा- हां हम दोनों एक ही कॉलेज में और एक ही क्लास में पढ़ती थीं अगल बगल बैठ कर। ऋचा मेरी पक्की दोस्त है। उस समय यह बहुत ही चुलबुली और शरारती लड़की थी ऋचा!
अभीजीत बोला- चलो फिर मैं भी करन का आज से पक्का दोस्त बन जाता हूँ।
सब लोग हंसने लगे.
इतने में करन और अभीजीत दोनों टॉयलेट के पास चले गए सिगरेट पीने के लिए।
बस हम दोनों को बढ़िया मौक़ा मिल गया और तब हम खुल कर बातें करने लगीं।
मैंने कहा- चूत चोदी ऋचा तूने मुझे बताया नहीं कि बहनचोद तेरी शादी हो गई है और तेरा पति इतना हैंडसम है और स्मार्ट भी। मेरा तो दिल उस पर आ गया है यार!
वह बोली- हाय दईया भोसड़ी की काजल … तूने कभी अपना नंबर ही नहीं दिया मुझे तो बताती कैसे? वैसे तेरी पति भी बड़ा शानदार है। मुझे पसंद है। मेरी चूत में तो आग लग गयी है बहनचोद!
मैंने कहा- तो फिर ले ले तू मेरे पति को … मुझे कोई आपत्ति नहीं है.
वह बोली- हां ले तो लूंगी, पहले तू बता कि तेरे पति का लण्ड कैसा है?
मैंने कहा- तू माँ की लौड़ी खुद खोल कर देख ले न मेरे पति का लण्ड?
वह बोली- हां हां मैं तो देख लूंगी। पर तू भी देख ले पकड़ कर मेरे पति का लण्ड। पसंद आ जाये तो पेल लेना अपनी चूत में मेरे पति का लण्ड।
मैं बोली- तुझे मेरे पति का लण्ड अच्छा लगे तो बताना। मैं खुद अपने पति का लण्ड तेरी चूत में घुसा दूँगी।
उसने कहा- अरे यार, तो फिर क्यों न हम लोग हसबैंड स्वैपिंग कर लें। मौका बड़ा अच्छा है। सफर भी रंगीन हो जायेगा और मजे से कट भी जायेगा। आगे का भी रास्ता खुल जाएगा। कॉलेज में हम दोनों लड़कों के लण्ड एक दूसरे की चूत में पेल कर मज़ा लेतीं थीं तो यहाँ क्यों न हम एक दूसरे के पति का लण्ड पेल कर मज़ा लें?
मैंने कहा- हां यार, तू अपने पति से बात कर ले और मैं अपने पति से बात कर लेती हूँ।
वह बोली- तो फिर मैं बाथ रूम जाती हूँ और अपनी पति से बात करती हूँ। तेरे पति को वापस यहाँ भेज देती हूँ तू उससे बात कर ले।
फिर क्या ऋचा बाहर बाथरूम चली गईं और मेरा पति करन मेरे पास अंदर आ गया.
मैंने उसको सारी बात बता दी.
वह बोला- अरे यार हम दोनों भी यही बात कर रहे थे कि क्यों न हम लोग मौके का फायदा उठायें और वाइफ स्वैपिंग कर ले? एक दूसरे की बीवी चोदें? हम दोनों को एक दूसरे की बीवी बहुत पसंद आ गईं हैं। हमारे लण्ड में तो खलबली मची हुई है यार काजल!
मैंने कहा- आग तो हम दोनों की चूत में भी बड़ी बुरी तरह लगी हुई है। मैं तो अभीजीत से चुदवाने के लिए तैयार हूँ।
वह बोला- मैं भी अभीजीत की बीवी ऋचा की चूत चोदने को तैयार हूँ।
इतने में वो दोनों वापस आ गए।
हम लोगों ने एक दूसरे को देखा और आँखों आँखों में ही इशारा हो गया।
फिर ड्रिंक्स का आखिर पैग बनाया मैंने और सबको पकड़ा दिया।
शायद सबको चुदाई की बड़ी जल्दी थी। सबने ये आखिर पैग पानी की तरह एक ही सांस में पी डाला।
मदिरा पीने से थोड़ी बेशर्मी बढ़ गयी। सामूहिक चढ़ाई में बेशरम होना बहुत जरूरी था। खुल कर बोलने का, गाली गलौज करने का और खुल कर शरारत करने का बहाना तो मिल ही जाता है।
नशे में मन की बात जबान पर आ जाती है।
मेरा पति बोला- यार अभीजीत, मैंने जब तेरी बीवी देखी तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया था। मेरा मन हुआ कि मैं इसे अपने बदन से चिपका लूँ और खूब मस्ती से चोदूँ तेरी बीवी!
अभीजीत ने कहा- यार करन, मैंने जब तेरी बीवी देखी तो मन हुआ कि मैं इसकी बड़ी बड़ी चूचियों में अपना लण्ड घुसेड़ दूँ। इसके खूबसूरत मुंह में अपना लण्ड पेल दूँ। भगवान् ने मेरी सुन ली आज मैं खूब मज़ा लूंगा तेरी बीवी के साथ।
फिर मैंने अपनी बांहें अभीजीत के गले में डाल दीं और ऋचा बुरचोदी मेरे पति से चिपक गई।
मेरे पति ने ऋचा की बड़े प्यार से चुम्मी लीं।
उसके पति ने मुझे खूब चूमा और मेरे मम्मे खुले आम दबाने लगा।
मेरा पति भी ऋचा की चूचियाँ ऊपर से ही पम्प करने लगा।
गर्मी बढ़ने लगी; माहौल रंगीन होने लगा।
मेरा हाथ उसके पति के लण्ड पर चला गया और ऋचा भी मेरे पति का लण्ड ऊपर से दबा दबा कर मज़ा करने लगी।
करन उसकी बीवी के कपड़े उतारने लगा तो उसका पति मेरे कपड़े खोल खोल कर नीचे गिराने लगा।
पहले मेरी चूचियाँ खुली, फिर मेरी चूत खुली और फिर गांड भी सबके सामने खुल गयी।
उधर मेरे पति ने भी ऋचा को पूरी तरह नंगी कर दिया।
उसके बड़े बड़े मम्मे, मस्तानी चूत और सेक्सी गांड सबको दिखने लगी।
मैं भी जोश में थी और ऋचा भी!
उसने मेरे पति को नंगा किया, मैंने उसके पति को नंगा किया।
मैं उसके पति का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी वह मेरे पति का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
दरवाजा बंद था लेकिन हम सबके चूत और लण्ड खुले हुए थे।
हम दोनों पहली बार एक दूसरे के पति के आगे नंगी खड़ी थी और हम दोनों के पति भी हमारे सामने नंगे खड़े थे।
उनके लण्ड भी बहनचोद खड़े थे।
पराये मरद का लण्ड जब मेरे हाथ में आया तो लगा कि मुझे दुनिया की सारी दौलत मिल गयी।
थोड़ा शराब का शरूर हो तो पराये मरद का लण्ड और ज्यादा प्यारा लगता है।
मैं ऋचा के पति के लण्ड में खो गयी और वह मेरे पति के लण्ड में खो गई।
ऋचा बोली- बड़ा प्यारा और मस्त है तेरे पति का भोसड़ी का लण्ड, काजल!
मेरे मुंह से भी निकला- हाय मेरी चूत चोदी ऋचा, बड़ा मोटा तगड़ा है तेरे पति का मादरचोद लण्ड … मेरी तो नज़र इसके लण्ड से हट ही नहीं रही है।
इस तरह मैं उसके पति का लण्ड चूसने लगी वह मेरे पति का लण्ड।
मुझे एक हाथ से पेल्हड़ थामे हुए किसी पराये मरद का लण्ड चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
अभीजीत मेरी चूत चाटने लगा और मेरा पति ऋचा की बुर।
ट्रेन अपनी गति से चली जा रही थी और हम दोनों एक दूसरे के मरद के लण्ड में घुसी हुईं थीं।
लण्ड का टोपा बड़ा मज़ा दे रहा था।
अभीजीत के लंड का टोपा अंडाकार था और मेरे पति के लण्ड का टोपा एकदम गोल।
मैं बीच बीच में लण्ड अपनी चूचियों के बीच में घुसेड़ लेती, कभी उसे अपने होठों पर, कभी अपनी आँखों पर और कभी अपनी प्यारी प्यारी नाक पर फिराती।
उधर ऋचा मेरे पति का लण्ड अपनी दोनों हाथ के बीच में रख कर मथानी की तरह मथने लगी।
मेरी मस्ती बढ़ती ही जा रही थी।
फिर थोड़ी देर में ही मेरे पति ने उसकी बीवी की चूत में लौड़ा एक ही बार में घुसा दिया।
उसके मियां अभीजीत ने भी गच्च से लण्ड मेरी चूत में पेल दिया।
मैं भी एक रंडी की तरह घपाघप चुदवाने लगी।
हम एक दूसरे को देख देख कर चुदाई का आनंद लेने लगी।
मैं ऋचा के पति के लण्ड का मज़ा लूटने लगी और ऋचा मेरे पति के लण्ड का।
मुझे जब मज़ा आने लाग तो मेरे मुंह से कुछ न कुछ मस्ती में निकलने लगा- हाय दईया, फाड़ डालो मेरी हाय रे बड़ा, मुझे पराये मरद का लण्ड बड़ा अच्छा लगता है. चीर डालो मेरी बुर, पूरा लौड़ा घुसेड़ दो अंदर, हाय रे! मैं तेरी बीवी हूँ, तेरी रंडी हूँ मुझे चोदो बार बार चोदो दिन रात चोदो भकाभक चोदो।
इसी तरह ऋचा भी ऐसा ही कुछ बोलने लगी।
एक बर्थ पर मैं उसके पति से चुदवा रही थी और दूसरी बर्थ पर वह मेरे पति से चुदवा रही थी।
ऋचा बोली- काजल तू भोसड़ी वाली गपागप मेरे पति का लण्ड ले रही है अपनी चूत में! तू तो पहले से भी ज्यादा चुदक्कड़ हो गयी है माँ की लौड़ी।
मैंने कहा- चुदक्कड़ तो तू भी हो गयी है चूत चोदी ऋचा? देखो न घपाघप मेरे पति का लण्ड पेलवा रही हो अपनी चूत में।
वह बोली- मैं क्या करूँ यार … तेरे पति का लण्ड मुझे इतना मज़ा दे रहा है कि मैं मस्त होती जा रही हूँ। वाह क्या लौड़ा है तेरे पति का यार!
इसके बाद उसके पति ने मुझे बर्थ पर बैठा दिया और मेरी बड़ी बड़ी चूचियों के बीच लौड़ा पेल दिया।
मैंने भी अपने दोनों हाथ से अपनी चूचियाँ दोनों तरफ से दबाकर उनमें एक सुरंग बना दी। बस लण्ड उसी में आने जाने लगा।
मुझे देख कर ऋचा भी अपने बड़े बड़े बूब्स मेरे पति से चुदवाने लगी।
उत्तेजना इतनी बढ़ गई मेरे पति के लण्ड ने उगल दिया सारा वीर्य ऋचा की चूचियों पर!
ऋचा बड़ी शिद्दत से झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।
उधर मैं तो पहले ही खलास हो चुकी थी। मैंने फिर अभीजीत का लण्ड पकड़ा और मुट्ठ मारने लगी।
बस 10-12 बार ऊपर करते ही लण्ड की पिचकारी छूट गयी मेरे मुंह में और मैंने भी मस्ती से वीर्य का स्वाद लिया।
उसके बाद हम चारों ने नंगे नंगे बैठ कर थोड़ा आराम किया और फिर नंगे नंगे खाना भी खाया और खूब गन्दी गन्दी बातें भी की।
मेरी निगाह अभीजीत के लण्ड पर थी।
मैंने बड़े प्यार से उसका लण्ड पकड़ा तो वह भोसड़ी एकदम फिर तन कर खड़ा हो गया।
अभीजीत ने फिर मुझे अपने बदन से चिपका लिया।
हम दोनों बीवियां नंगी तो थीं ही।
ऋचा मेरे पति से चिपक गयी।
अभीजीत एकदम से बोला- काजल भाभी, मैं एक बार फिर चोदूंगा तेरी बिहारी चूत!
मैंने कहा- हाय मेरे राजा खूब चोदो बुर, जितना चाहो उतना चोदो जैसे चाहो वैसे चोदो।
तब वह बोला- अच्छा इस बार मैं तेरी गांड मारूंगा काजल भाभी!
मैंने कहा- हां हां खूब मस्ती से मार लो मेरी गांड! ये गांड बहनचोद है काहे के लिए? फाड़ डालो मेरी गांड। बिहार की बीवियां चूतचोदी बड़े प्यार से मरातीं हैं अपनी गांड। जहाँ चाहो वहां पेल दो लण्ड। ये चूत भी तेरी है और ये गांड भी तेरी!
फिर मैंने अपनी गांड उठा दी तो अभीजीत मेरी चूत चाटने के साथ साथ मेरी गांड भी चाटने लगा।
मुझे देख कर ऋचा भी मेरे पति से अपनी गांड चटवाने लगी, गांड में उंगली करवाने लगी, गांड के छेद को बड़ा करवाने लगी।
तब तक दोनों लण्ड गांड चोदने के लिए तैयरा हो गए।
अभीजीत ने जोर लगा के घुसा दिया लण्ड मेरी गांड में!
यह पहला मौक़ा नहीं था जब लण्ड मेरी गांड में घुस रहा था।
तब भी मैं चिल्ला तो पड़ी लेकिन फिर मस्ती से मरवाने लगी गांड!
ऋचा भी मजे से मराने लगी मेरे पति से अपनी गांड!
वह बोली- अरे यार काजल, पराये मरद का लण्ड जहाँ भी घुसता है, वहां खूब मज़ा देता है बहनचोद। मुझे तो तेरे पति से गांड मराने में भी बड़ा मज़ा आ रहा है।
इस तरह बिहारी सेक्स करते करते सवेरे के 4 बज गये।
फिर हम चारों नंगे नंगे ही सो गए।
लगभग 8 बजे किसी ने दरवाजा खटखटाया तब जल्दी जल्दी सबने कपड़े पहने और दरवाजा खोला।
दिन में लंच के बाद हम दरवाजा बंद करके फिर एक दूसरे के पति के लण्ड से खेलने लगीं।
जब तक हम लोग पटना पहुँच नहीं गए, तब तक एक दूसरे के पति के नंगे लण्ड का मज़ा लेतीं रहीं।
पटना पहुँचने पर भी मैंने ऋचा से बात की और अभीजीत से भी।
मुझे तो केवल एक हफ्ता रुकना था पर ऋचा की तो वहां पोस्टिंग ही थी।
एक दिन उसका फोन आया बोली- यार काजल, मुझे एक और कपल मिल गया है जो स्वैपिंग में इंटरेस्टेड है। इसलिए कल तुम अपने हसबैंड के साथ आ जाना. फिर रात भर हम तीनों बीवियां अपने अपने हसबैंड अदल बदल कर चुदवायेंगी।
इस तरह हमारा दायरा बढ़ता गया और हम सब अदला बदली के खेल मज़ा लेतीं रहीं।
तो ये थी हमारी एक सच्ची बिहारी सेक्स स्वैप स्टोरी … आपको कैसी लगी बताना जरूर!
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लेखिका की पिछली कहानी थी: सास बहू की चुदाई में ननद की चूत का तड़का