बिहारी सेक्स का मजा लिया मैंने जवान भाभी के साथ. मैं उनके मायके गया था. भाभी ने रात को वहीं पर मुझे सेक्स का मजा दिया. भाभी ने जम कर मेरा लंड चूसा.
दोस्तो, होर्नी भाभी शालिनी की चुदाई के दूसरे भाग में आपका स्वागत है।
आपने कहानी के पहले भाग
शहरी भाभी की प्यासी चूत
में अभी तक पढ़ा कि कैसे भाभी ने मुझे अपने जाल में फंसाया और मैं उनकी चुदाई के लिए तड़पने लगा।
भाभी ने अपने मायके बुला लिया था.
अब आगे बिहारी सेक्स का मजा:
भाभी- मैं कुछ कर लूंगी अपनी चुदाई के लिए … आप टेंशन ना लो.
और मुस्कुराती हुई चली गई।
शाम का समय हो गया था तो मैं भाभी के बेटे को छत पे ले जाकर उसके साथ खेलने लगा।
कुछ टाइम बाद भाभी की छोटी बहन छत पर आई।
मैंने उसको हाय बोला.
उसने भी मुझे हाय बोला।
आरती- आप दीदी के यहां रेंट पर रहते हो ना?
मैं- हां, मैं वहाँ रहकर MA कर रहा हूं।
हमारी ऐसे ही नोर्मल बात हुई कुछ समय तक.
धीरे – धीरे शाम ढलती गई और रात हो गई।
सब खाना खाकर सोने जाने लगे।
तभी आरती मेरे पास आई और बोली- चलिए मैं आपका कमरा दिखा देती हूं, वहीं आपको सोना है।
मैं उसके साथ चला गया।
वहां वह मेरे बिस्तर लगा रही थी तो मैं उसको ही देख रहा था।
वह भी मुझे देख कर स्माइल दे रही थी।
परंतु हमारी बात ज्यादा नहीं हुई.
तब तक भाभी रूम में आ गई और आरती को बोली- छोटू को अपने साथ ही सुला लेना। मैं अभी आती हूं, तुम चलो।
जैसे ही आरती रूम से निकली, मैंने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया और भाभी को कस के पकड़ लिया।
भाभी- इतना क्या जल्दी है मेरे राजा?
मैं- आप कहीं और सोयेंगी क्या?
भाभी- नहीं तो … मैंने आरती को इसलिए कहा कि उसको शक ना हो।
मैं- आपको आज खा जाऊंगा भाभी! बहुत दूर – दूर भागती रही हो आप! मुझे अपना जिस्म दिखा – दिखा कर मुझे पूरा हवशी बना दिया आपने!
भाभी- रोका किसने है, खा जाओ।
मैं भाभी के कमर में हाथ डाले हुए था और उसके एक बूब को कस के पकड़ के दबा रहा था।
मैंने उनके होंठ पे अपने होंठ रखकर किस करना चालू कर दिया.
हम्मम उमम्म उम्हा!
हम दोनों इतना जोर से एक दूसरे को पकड़ के किस कर रहे थे कि लग रहा था कि हम दोनों एक दूसरे में ही समा जायेंगे.
भाभी को किस करते हुए मैंने बेड पे पटक दिया और उनकी साड़ी साइड करते हुए उनके बूब्स और चूत ऊपर से ही सहलाने लगा।
और भाभी मेरे होटों को काटने लग गई थी।
उनके बूब्स को मैं इतना जोर जोर से दबा रहा था की भाभी की मुंह से निकल रहा था- ओह्ह आह्ह्ह ह्ह और जोर से दबाओ मेरे राजा … ओह्ह आहह … इतने जोर से आज तक किसी ने नहीं दबाया इनको … ओह्ह डार्लिंग!
मैं इतना जोश में था कि मैंने भाभी का ब्लाउज फाड़ दिया और उनकी ब्रा भी फाड़ने वाला था।
परंतु भाभी ने रोक लिया और भाभी ने जल्दी से ब्रा का हुक खोल के ब्रा को अपने चूची पर से हटा कर फेंक दिया।
भाभी मेरे नीचे थी.
मेरा खड़ा लन्ड भाभी की चूत को सहला रहा था।
मैं भाभी की दोनों चूची को कस के दबाकर चूस रहा था- उम्हा आआआ … उह्ह्ह भाभी, जितना दूध भरा है इनमें, मैं पी जाऊंगा आज!
भाभी- पी जाओ ना मेरे राजा, बहुत तंग करते हैं ये दूध मुझे!
कभी भाभी के चूचे दबा दबा कर चूस रहा था तो कभी उसकी क्लीवेज को चाट रहा था।
मेरा लन्ड एक दम टाइट हो गया था जो मुझे अब दर्द भी देने लगा था, लग रहा था कि मेरी पैंट को फाड़ के बाहर ही निकल जायेगा।
मैं- भाभी, मेरा लन्ड चूसो यार … बहुत टाइट हो गया है।
तब मैंने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके जल्दी से और उपर से नीचे तक नंगा हो गया।
भाभी मेरे खड़े लन्ड को देख कर बोली- यह लन्ड मुझे जन्नत का मजा देगा।
तब भाभी झट से घुटनों पर बैठी और मेरे लन्ड मुंह में ले लिया.
मुझे स्वर्ग में होने जैसा अनुभव था दोस्तो … आपको बता भी नहीं सकता।
भाभी मेरे लन्ड को ऐसे चूस रही थी कि वह बहुत ज्यादा प्यासी हो, उनको बहुत अनुभव था लन्ड चूसने का!
मैं भी उनके मुंह को पकड़ के चोदने लगा- ले भाभी साली … मेरी रण्डी, तेरे मुंह को आज फाड़ दूंगा!
उसको गाली देकर मैं उसके मुंह को खूब तेज तेज चोदने लगा।
पूरे कमरे में गुऊऊ गू गु गू की आवाजें गूंजने लग गई थी।
मैं अपने लन्ड पूरा उनके मुंह में डाल देता और उनके मुंह को लाल कर देता था।
भाभी- साले मारेगा क्या मुझे? आराम से नहीं चोद सकता।
मैं- आपके लब इतने सेक्सी हैं कि मन करता है कि आपका मुंह को चोद – चोद के फाड़ दूँ।
5 – 7 मिनट की चुसाई के बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया और भाभी सारा माल पी गई।
मेरा लन्ड थोड़ा शांत हुआ तो मैं भाभी को बेड पे धक्का देकर फिर से उसके उपर टूट पड़ा और उसके बूब्स को दबाते हुए लिप किसिंग शुरू कर दी।
मैं उसके लबों पर, गाल पर, माथे पर किस करते हुए उनके कान और उनकी सारी बॉडी पे किस करते हुए आगे बढ़ा।
उसके पेट और नाभि को अच्छे से चाटने के बाद अब बारी थी उसकी चूत चाटने की।
इससे पहले भाभी को एक लंबा किस किया और उसके पेटीकोट में हाथ डालकर उसकी चूत के दाने को मसल दिया।
भाभी- उह्ह्ह जान, अच्छे से सहलाओ, मसल दो इसको आज! अपने इस मोटे लन्ड से मेरी चूत आज फाड़ दो राजा! ओह्ह्ह आह … और जोर से देवर जी … उह्ह अह्ह मर गई मैं… ईई!
पूरे कमरे में भाभी की आवाजें गूंजने लगी थी।
मैंने भाभी का पेटीकोट खोला और उसकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को चूमा.
भाभी की पूरी पैंटी गीली हो चुकी थी।
मैंने जैसे ही भाभी की पैंटी उतारी, उनकी चूत का दाना फूला हुआ था।
भाभी कामवासना में डूबी हुई थी।
मैं भाभी की चूत पे पूरा मुंह लगा कर चूत को चूसने लगा.
भाभी- उह आआ ह्ह्ह चूस डालो पूरा चूत को!
वह मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी और मैं उसको चूसे ही जा रहा है।
फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी गांड और चूत सब चूस – चूस के गीला कर दिया।
5 मिनट की चूत चुसाई के बाद भाभी मेरे मुंह में झड़ गई और मैं चूत का पूरा पानी पी गया और उसको भी किस करके पिलाया।
उनकी चूत का स्वाद नमकीन सा था जो पूरा मैं चाट गया।
फिर हम दोनों एक दूसरे को साफ किया और लेट कर किस करने लगे।
किस करते हुए मैंने उनकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया और भाभी अपनी गांड उठा – उठा कर उंगली चूत में लेने लग गई।
जब उनसे रहा नहीं गया तो उन्होंने मुझे बेड पे पटक कर मेरे लन्ड को 2 मिनट तक चूसा और लन्ड को चूत में लेने लग गई।
अभी मेरा लन्ड का टोपा ही अंदर गया था … भाभी आह निकल गई क्योंकि भाभी पहले बार मोटा लन्ड ले रही थी चूत में!
मैंने भाभी की कमर को पकड़ा और जैसे ही भाभी फिर से लन्ड चूत में लेने गई तो मैंने नीचे से एक जोर का झटका मार दिया।
जिससे भाभी को जोर से आह निकल गई और भाभी खुद अपने मुंह पे हाथ रख कर सारा दर्द सह गई।
मैं उनको नीचे किया और उनको चूत में लन्ड डाले रखा।
कुछ समय बाद भाभी नोर्मल फील करने लगी तो मैंने उनको किस करते हुए एक जोर का झटका उनकी चूत में मारा और भाभी की चीख मेरे मुंह के अंदर ही रह गई।
परंतु मेरा लन्ड उनकी चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर घुस गया था।
नीचे भाभी छटपटा रही थी परंतु मैं भाभी को किस करते जा रहा था और उसके बूब्स को चूस रहा था।
जब सब नोर्मल हुआ तो भाभी नीचे से गांड़ उठा कर मुझे सिगनल दे दिया कि अब चोदो मुझे … दर्द खत्म हो गया है।
मैंने भाभी के दोनों पैरों को अपने कंधे पे रखा और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
भाभी- उह्ह अह्ह ह … और जोर से चोदो मुझे … ओह देवर जी … इतना बड़ा लन्ड क्यों छिपाए थे। मुझे चोद साले … अपने भाभी को चोद … और जोर से चोद।
मैं भाभी को चोद रहा था।
मैंने भाभी के दोनों दूध को अपने पंजों में पकड़े हुए थे, जोर जोर से मैं भाभी को चोद रहा था और भाभी को गालियां देते हुए चोदे जा रहा था- साली रण्डी, कब से तुझे चोदना चाहता था। तूने मुझे बहुत तड़पाया है। आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा, रण्डी कहीं की!
भाभी- हां साले, मैं आज से तेरी रण्डी ही हूँ. चोद मुझे जितना दम हो … चोद साले मुझे!
मैं अपना सुपरफास्ट लन्ड उनकी चूत में चलाने लग गया।
भाभी- ओह्ह अह्ह्ह … बहुत मजा आ रहा है. चोदो, ऐसे ही चोदो।
मैं लगातार भाभी को चोद रहा था.
भाभी को चुदाई का मजा लेते 10 मिनट ही हुए थे, तब तक भाभी झड़ गई.
परंतु मेरा अभी नहीं हुआ था.
मैंने भाभी को लगातार काफी देर तक खूब चोदा.
इस दौरान भाभी 2 बार झड़ गई थी।
भाभी के दूसरी बार झड़ने से लगभग 5 मिनट बाद मेरा भी होने वाला था।
मैंने भाभी को किस करते हुए उनसे पूछा- कहाँ निकालूं?
तो भाभी बोली- इतने मस्त लन्ड का माल मैं अपनी चूत में लेना पसंद करूंगी।
मैंने 10 या 12 धक्के मारे और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
मेर लन्ड ने पूरा उनकी चूत को भर दिया था पानी से!
बिहारी सेक्स का मजा लेने के बाद मैं उनके ऊपर ही लेटा रहा।
मैं- भाभी, कैसी रही मेरी पहली चुदाई?
भाभी- मस्त चोदते हो मेरे राजा … उम्हा!
फिर हम ऐसे ही बात करते रहे कुछ टाइम तक!
मैं- भाभी, मुझे आपकी गांड भी मारनी है।
भाभी- यहां नहीं, घर जाकर दूंगी।
फिर हम दोनों किस करने लगे और 5 मिनट के बाद फिर से हमारी चुदाई का दौर चला।
इस बार मैंने भाभी को हर पोज में चोदा और भाभी ने भी मुझसे खुल कर चुदाई करवाई।
मैंने भाभी को उस रात कई बार चोदा और हम सो गए।
सुबह उठा तो भाभी मेरे पास नहीं थी.
मैंने जल्दी – जल्दी कपड़े पहने और बाहर जैसे ही निकला तो आरती से टकरा गया।
मैं- सॉरी आरती जी, मैंने देखा नहीं आपको!
आरती- कोई बात नहीं हो जाता है।
मैं- आपने भाभी को देखा? आई मीन अपनी दीदी को?
आरती- वह बाहर है. परंतु आप इतना जल्दी में क्यों हो, क्या बात है?
मैं- अरे कुछ नहीं, हमको अभी निकालना था.
आरती- तो आप ही ना लेट उठे हैं!
मैं- सॉरी … रात को ज्यादा नींद आ गई थी।
आरती- ज्यादा नींद आई थी या कोई सपने में आई थी?
वह स्माइल देते हुए मेरे पास से चली गई।
मैंने घर में उनको ढूंढा तो पता चला कि भाभी तैयार हो रही थी।
मैं बरामदे में बैठा हुआ था.
तभी उसकी बहन आरती आई और मुझे एक कागज का टुकड़ा थमा कर चली गई।
मैंने खोला तो उसपर उसका नंबर लिखा हुआ था।
मैंने उसको देखा तो वह शर्माती हुई अंदर चली गई।
परंतु मुझे तो खुशी थी कि चलो एक और चूत मिल गई मुझे!
फिर मैं, भाभी और छोटू आधे घंटे बाद घर से नकल गए।
रास्ते में भाभी ने मेरे से पूछा- क्यों, मेरे से मन नहीं भरा क्या जो मेरी बहन को इतना देख रहे थे।
मैं- नहीं भाभी, ऐसा कुछ नहीं है. आपकी बहन ही मुझे ज्यादा देख रही थी। परंतु भाभी एक बात बोलूं?
भाभी- हां बोलो?
मैं- आपकी बहन ने मुझे अपना नंबर दिया है। क्या करूं आप ही बताओ. चाहता तो मैं इसे छुपा सकता था किंतु मुझे यह सही नहीं लगा।
भाभी- आप बहुत अच्छे हो अंकुश. इसलिए मैं आपसे प्यार करती हूं। क्योंकि आप ट्रस्टेबल हो।
मैं- भाभी, आप टेंशन ना लो. हम दोनों के रिश्ते के बारे में किसी को कुछ नहीं पता चलेगा. प्रोमिस!
भाभी- ठीक है, तुम मेरी बहन को चोदना चाहते हो तो चोद लेना। कुछ दिन के लिए मैं उसको अपने पास बुला लूंगी।
मैं- थैंक्यू भाभी, आप बहुत अच्छी हो।
भाभी- तुम भी अच्छे हो मेरे राजा!
तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली सेक्स स्टोरी कि कैसे मैंने शालिनी भाभी चोदा.
आपको यह बिहारी सेक्स की स्टोरी कैसी लगी?
मुझे जरूर मेल करें।
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धन्यवाद.