भाई बहन Xxx हिंदी कहानी मेरी मौसी की बेटी के साथ सेक्स की है. गाँव में शादी की रात हम दोनों साथ सोये थे. उसने मेरे शर्ट में हाथ डाल दिया.
यह मेरी अपनी असली सेक्स कहानी, जो मेरे साथ घटी थी.
ये छह महीने पहले की घटना है, इसमें जो हुआ था, वो मैं आज लिख रहा हूँ.
यह भाई बहन Xxx हिंदी कहानी मेरे और रेनू के बीच की है.
रेनू मेरी मौसी की बेटी है … मतलब मैंने अपनी ही मौसेरी बहन के साथ मज़े किए थे.
अभी रेनू की उम्र बीस साल की है और वो दिखने में बहुत लाजवाब है.
उसकी गांड और चुचियां देख कर तो कोई भी पागल हो जाएगा और उसको चोदना चाहेगा.
लेकिन भाग्य से उसे सबसे पहले चोदने का मौका मुझे मिला.
मेरा नाम अमर है और मैं 19 साल का जवान लड़का हूँ.
उस वक़्त मैं एक गबरू जवान सा दिखने लगा था. मेरा लंड काफी लम्बा और मोटा है.
मेरे लौड़े को देखकर कोई भी जवान लड़की चुदवाने के लिए पागल हो जाएगी.
उस समय मैं अपनी बहन की शादी में गया हुआ था और यह शादी गांव में होने वाली थी.
मैं करीब सात साल के बाद गांव गया था. उसी समय मेरे गांव वाले घर में मेरी मौसी की बेटी भी आयी हुई थी जिसे मैंने आज तक कभी देखा नहीं था, सिर्फ उसका नाम ही सुना था.
उसका नाम रेनू था और दिखने वह बड़ी हॉट थी.
उसका रंग थोड़ा सा सांवला था लेकिन उसका फिगर बड़ा ही लाजवाब था.
रिश्ते में तो वह मेरी मौसेरी बहन थी.
उसकी गदरायी जवानी देख कर मुझे बड़ा मस्त लग रहा था. मैं भूल गया था कि वो मेरी बहन है.
जब हम सब घर पहुंचे तो सबने आराम किया और फ्रेश हो गए.
उस समय गांव में ठंडी का मौसम भी चल रहा था और वो फरवरी का महीना था.
आप गांव की ठंडी का अंदाजा लगा सकते हो कि खुले में ये ठंडक क्या गांड फाड़ होती है.
शाम का धुंधलका भी जल्दी हो जाता था और देखते ही देखते रात होने लगती थी.
उस दिन भी रात होते ही हम सब सोने की तैयारी करने लगे.
घर में ज्यादा चारपाई ना होने की वजह से हम सारे मर्दों को जमीन पर ही सोना पड़ा.
तो मैंने अपने सोने के लिए पियरा या पुआल (एक प्रकार की घास होती है जिसके ऊपर सोने से ठंड कम लगती है) का बिस्तर लगा दिया.
लेकिन मैं थोड़ी देर के लिए बाहर चला गया.
बाद में जब मैं आया तो देखा कि मेरे छोटे भाई मेरी बिछाई पुआल पर सोया हुआ है.
तो मैंने उसे जगाना ठीक नहीं समझा और सोने के लिए दूसरी जगह ढूंढने लगा.
तभी रेनू ने मुझे देख लिया.
उससे मैंने कहा- मेरे कमरे में सोने की जगह नहीं है.
तो उसने मुझे अपने कमरे में सोने के लिए बुला लिया.
उधर सारी लेडीज सोई हुई थीं. वो सारी महिलाएं रिश्ते में मेरी चाची बुआ मौसी आदि लगती थीं.
वहीं पर मेरी मम्मी भी सोयी हुई थीं.
पहले तो मैंने रेनू को मना कर दिया लेकिन उन रिश्ते में लगने वाली एक चाची के बोली- सब अपने ही तो हैं, हमसे कैसी शर्म आ जा, यहीं आकर सो जाओ.
तो मैं जाकर सो गया और किस्मत भी ऐसी कि मुझे रेनू के बगल में ही सोने की जगह मिली.
उस वक़्त मैंने लेदर की जैकेट पहनी हुई थी और मैं वही पहन कर सो गया.
कुछ समय पश्चात मैंने अपनी लेदर जैकेट की चैन खोल दी क्योंकि मैं आराम से सोना चाहता था.
मेरी नींद लग गई.
थोड़े समय के बाद … तक़रीबन रात के एक बजे मैंने रेनू के हाथ को अपने सीने के ऊपर महसूस किया.
मुझे अच्छा तो लग रहा था लेकिन मैंने डर के मारे उसका हाथ आराम से अपने ऊपर से हटा दिया और फिर से सोने लगा.
मगर दस मिनट के बाद मैंने उसका हाथ फिर से अपनी टी-शर्ट के अन्दर महसूस किया.
इस बार मैंने कुछ नहीं किया और उसका हाथ महसूस करता रहा और चुपचाप लेटा रहा.
फिर थोड़े समय के बाद वह मेरे एक निप्पल को छेड़ने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
कुछ पल बाद उसने मेरे दूसरे निप्पल को जोर से चिमटी काटी. मैं चीखना चाहता था लेकिन चीख ही नहीं पाया. वह यह सब इसलिए आराम से कर पा रही थी क्योंकि वह एक साइड होकर लेटी थी और मैं सीधा सोया हुआ था.
जब मुझे ऐसा लगा कि अब कुछ करने की बारी है, तो मैंने अपना मन बनाया.
अभी मैं कुछ कर पाता कि उससे पहले ही उसने मेरे छाती पर नाख़ून से चुभोना शुरू कर दिया.
मुझे एकदम से कोई झटका सा लगा.
मैं अभी भी उसके इस हमले को झेल कर खुद पर कण्ट्रोल करके लेटा रहा.
उसके इतना सब करने के बाद मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मैंने समय को समझते हुए करवट ले ली और अपनी लेदर जैकेट पूरी तरह से उतार कर अपने सर के नीचे रख दी.
ये देख कर मेरी बहन भी शांत हो गई और कुछ नहीं बोली.
अब तक मेरा लंड भी सो गया था यानि नार्मल हो गया था.
लेकिन मेरे वापिस सोते ही उसने अपना एक हाथ मेरी पैंट पर मेरे लंड के ऊपर वाले हिस्से पर रख दिया.
उसका हाथ लंड पर महसूस करते ही मेरा लंड झट से खड़ा हो गया और फुंफकार मारने लगा.
उसने समझ लिया कि मैं भी जाग रहा हूँ.
तो उसने भी मौके का फायदा उठाया क्योंकि शायद उसे पता लग गया था कि मुझे भी अच्छा लग रहा है.
अब उसने मेरे लोअर में हाथ डाला और मेरे लंड को पकड़ लिया.
मेरा लम्बा मोटा लंड उसने हाथ में पकड़ते ही पहले तो हाथ हटा लिया.
शायद वो बड़े लंड से सहम गई थी.
फिर अगले ही पल उसने फिर से मेरे लोअर में हाथ डाल दिया और इस बार उसने पहले मेरे पूरे लंड की लम्बाई नापी और उसे कसके पकड़ लिया.
मैंने भी टांगें खोल कर अपना लंड उसे सौंप दिया था.
उसे मेरा लंड सहलाने में मजा आने लगा था.
कुछ पल बाद उसने मेरी रजाई भी निकाली और मुझे अपनी रजाई में ले लिया.
अब मेरे लिए भी रास्ता साफ़ हो गया था.
मैंने अपना एक हाथ उसकी चूचियों पर रखा और घुमा कर उसके दूध सहलाए.
तब मुझे फील हुआ कि उसने ब्रा नहीं पहनी है वो सिर्फ टी-शर्ट ही पहन कर लेटी थी.
मैं उसके कड़े निप्पलों को अपने हाथों से महसूस कर पा रहा था.
उसके कड़क मम्मों का अहसास पाते ही जोश में मेरा लंड और टाइट हो गया और उसमें से प्रीकम निकलने लगा.
यह रस उसने अपने हाथ पर फील किया और मेरे लंड को आराम आराम से ऊपर नीचे करने लगी.
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर कुछ समय बाद उसने अपने मम्मों को अपनी टी-शर्ट से बाहर निकाल दिया और मेरे मुँह को अपने एक दूध के ऊपर चिपका दिया.
मैं बड़े मज़े से उसके मम्मे को चूसने लगा. मैं उसकी दोनों चूचियों को मस्ती से चूसने लगा.
यह सब उस कमरे में बड़े आराम से शांति के साथ हो रहा था, जिस कमरे में छह लोग और भी सो रहे थे.
मैं अपनी बहन की चूचियों को चूसने में मस्त भी था और थोड़ा डर भी लग रहा था कि कहीं कोई देख न ले.
कमरे में जीरो वाट का बल्ब जल रहा था, तब भी काफी उजाला था.
तभी अचानक से लाइट चली गयी और रूम में जो जीरो वाट का बल्ब जल रहा था, वो बंद हो गया.
चूँकि ठंडी का मौसम था तो किसी को लाईट जाने पता ही नहीं चला.
इस तरह से अचानक से लाईट का चला जाना मेरे लिए सोने पर सुहागा वाला मौका था.
अब हम दोनों ने अपनी अपनी रजाई नीचे कर दी और मैंने उसको अपने और करीब खींच कर उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया.
मैं लगभग बीस मिनट तक उसके होंठों को और मम्मों को बेदर्दी से चूसता चूमता रहा.
वो भी मेरे लौड़े को मींजती रही और उसे हिलाती रही.
उसके बाद हम दोनों सीधे लेट गए और मैंने अपने लोअर को नीचे खिसका दिया था.
जब मैंने उसकी चुत को छूने के लिए उसकी लैंगिंग्स में हाथ डाला, तो उसने भी अपनी लैंगिंग्स का अवरोध मेरे लिए खोल दिया था.
मैं उसकी चुत में अपनी उंगली आगे पीछे करने लगा.
मैंने जैसे ही उसकी चुत को एकदम गीला सा अनुभव किया तो मैंने अपनी उंगली की रफ़्तार बढ़ा दी.
वह भी मेरे लंड को तेजी से हिलाने लगी.
कुछ मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए और मैंने अपना सारा माल उसकी हाथों पर गिरा दिया.
उसका भी सारा पानी मेरे हाथों पर आ गया था था, जिसे मैं चाट लिया.
बड़ा ही नमकीन रस था उसका.
फिर हम दोनों ने अपनी पोजीशन को ठीक किया और रजाई को ओढ़ ली.
उसके बाद हमने लगभग दो घंटे तक एक दूसरे को प्यार किया, एक दूसरे को हर तरह से मसला और चूसा चूमा.
इस दौरान वो फिर से एक बार झड़ गयी और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बांहें डालकर सो गए.
सुबह होने से पहले ही वो मुझे मेरी रजाई औढ़ा कर वाशरूम चली गयी.
उसे अपनी लैंगिंग्स और पैंटी को बदलना था.
फिर सुबह हो गयी और मैं उठ कर बाहर आ गया.
बाहर वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी.
हमने किसी को इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि हम दोनों ने रात को जवानी का खेल खेल लिया है.
हम दोनों बिल्कुल ऐसे बात कर रहे थे कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं था.
इसके बाद हम दोनों ने दो रात तक ऐसा ही किया और मज़े किए.
मगर अब प्यास बढ़ चुकी थी और हम दोनों को चुदाई करने का समय व मौका नहीं मिल पा रहा था.
फिर वह दिन भी आ गया, जिस दिन हम दोनों को अपनी जवानी की प्यास बुझानी थी.
मुझे मेरे लंड की आग और उसे अपनी चुत की.
हुआ यूं कि शादी के बाद हम सब थक गए थे तो विदाई के बाद सब गहरी नींद में सो गए थे.
उस दिन दोपहर में मैं उसे नींद से जगा कर खेतों में ले गया.
दिन में काफी धूप थी और बड़ा सुहाना मौसम था.
वो मुझसे बोली- किधर चलना है?
मैंने कहा- चने के खेत में … आज तुझे चोदने का मन है.
वो भी चुदने को बेचैन थी. मगर डर रही थी कि कहीं कोई देख न ले.
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो मैं तीन दिन से उस जगह की रेकी कर रहा हूँ. उधर इस वक्त कोई नहीं होता है.
मैंने अपने साथ एक दरी ले ली थी भाई बहन Xxx चुदाई के लिए!
चने के खेत में बीचों बीच एक जगह ऊसर थी, जिधर खेती नहीं हुई थी. वो जगह कुछ गड्डे जैसी थी और एकदम सूखी थी.
मैंने उस गड्डे में अपनी बहन को नीचे उतारा और हम दोनों ने दरी बिछा कर अपनी चुदाई का मैदान तैयार कर लिया.
जल्दी ही हम दोनों नंगे हो गए और एक दूसरे के लंड चूत चाट कर गर्म करने लगे.
अगले पांच मिनट में मैं अपनी बहन की टांगें फैला कर उसकी चूत पर लंड सैट करके चढ़ गया था.
उसने भी चुदाई की जल्दी में अपनी गांड उठा दी और इधर से मैंने शॉट मार दिया.
लंड चूत में घुसता चला गया और चूत की सील टूट गई.
एक दो मिनट के दर्द के बाद हम दोनों भाई बहन चूत चुदाई का मजा लेने लगे.
अगले एक घंटे में मैंने अपनी बहन की चूत की दो बार चुदाई की और दोनों बार उसकी चूत में ही रस छोड़ा.
चुदाई समारोह के बाद हम दोनों वापस घर आकर सो गए.
तो दोस्तो, चने के खेत में ये देसी भाई बहन Xxx हिंदी कहानी आपको कैसी लगी, आप जरूर बताएं.
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