Xx हिंदी कहानी में पढ़ें कि काफी दिन से मेरी चूत में कोई लंड नहीं गया था. एक दिन मेरा चचेरा भाई आया तो मैंने सोचा कि आज इसी का लंड अपनी चूत में लेती हूँ.
दोस्तो, मेरा नाम शनाया राजपूत है. ये बात कुछ महीने पहले की उस वक्त की है, जब मैं पढ़ाई के कारण बाहर रहती थी. मैं एक कमरे वाला फ्लैट किराए पर लेकर रहती थी.
मेरी उम्र उस समय 22 साल की थी.
जवानी की उम्र थी तो चूत में खुजली होने लगी थी. मेरी चूत चुदनी ही थी, इसलिए मैं अपनी सील पहले ही अपने जीजू से तुड़वा चुकी थी.
आपने मेरी वो सेक्स कहानी जीजू ने दीदी से बोलकर मुझे अपने साथ सुला लिया था. फिर कोई गोली खिला कर रात भर चोदा और बेहोश करके छोड़ा था.
चुदाई के उन्होंने फिर से मुझे मेरे रूम में मुझे सुला दिया था.
उस रात दर्द से मेरी जान निकलने वाली हो गई थी. मेरे कपड़े खून से लथपथ हो गए थे और वो मैंने देख लिया था.
मेरी उस चुदाई में मेरी दीदी रोने लगी थी लेकिन ये दर्द कभी न कभी सहना ही था … तो जीजू ने मुझे चार बार चोद कर मेरी चूत को एक चुदी चूत बना दिया था.
जिससे मैं न केवल वाकिफ थी, बल्कि मेरी चूत में लंड की आग भी लग गई थी.
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अब मेरी भाई बहन Xx हिंदी कहानी का मजा लें.
फ्रेंड्स, मेरे पापा एक बड़े अधिकारी के पद पर हैं और हम दो बहनें हैं व एक छोटा भाई है.
मेरी बहन की शादी अभी एक साल पहले ही हुई थी. पापा ने मेरी शादी की कही तो मैंने उन्हें मना कर दिया था कि मुझे अपना कैरियर बनाना है.
मेरे पापा मम्मी मुझ पर बहुत विश्वास करते हैं इसलिए उन्होंने मुझे अपनी पढ़ाई के लिए बाहर रहने दिया.
मैंने एक कमरे वाला फ्लैट ले लिया था, जिसमें एक किचन, हॉल और एक रूम के साथ अटैच लेटबाथ था.
मैं आपको अपने बदन से मिलाना भूल गई.
मेरा शौक मॉडलिंग का था. मैंने कोशिश की भी थी लेकिन लेकिन वहां ये शर्त आड़े आ गई थी कि मुझे अपने जिस्म को वहां के हेड के हवाले करना पड़ता, तभी मेरा शौक पूरा हो पाता.
मैंने ये सब उचित नहीं समझा और अपने इस शौक को दफना दिया.
अब जब मेरा शौक मॉडलिंग का था तो आप समझ सकते हैं कि मैं किसी मॉडल जैसी ही दिखती होऊंगी.
मेरी हाइट साढ़े पांच फिट की है, वजन 56 किलो है और मेरे स्तनों का साइज 34 है. मेरा फिगर 34-28-36 का है.
ब्रा की साइज मैं 34 नम्बर से कम की पहनती थी, जिससे मेरे चूचे एकदम कसे हुए से नजर आते थे.
मैं अपनी इस मदमस्त कर देने वाली फिगर को लेकर जब भी कहीं से निकलती हूँ तो लगता है कि मुझे देखने वालों ने पक्का अपने सपनों में मुझे रात को पकड़ कर चोदा होगा.
उन सबकी कामुक निगाहें मुझे अन्दर तक गीली कर देती थीं.
यहां फ्लैट में रहते हुए मुझे एक साल हो गया था.
मैं अब पढ़ाई में मन लगा रही थी और इस वक्त चुदाई के नाम से बहुत दूर थी, चुदाई तो बहुत बड़ी बात है.
मगर आप तो सब जानते ही हैं कि जवान लौंडिया की चूत एक बार चुद जाए तो उससे रहा नहीं जाता है.
मेरे चुदाई का दिन अब नजदीक आ गया था.
उस समय ठंडी का मौसम चल रहा था.
एक दिन रात में 8 बजे मेरे चाचा जी के मंझले लड़के का कॉल आया.
उसका नाम शानू था.
शानू- दीदी, मैं लेट हो गया हूँ. घर जाने के लिए बस नहीं मिल रही है.
मैंने बोला- तो यहां आ जाओ न मेरे रूम पर … यहीं खाना भी खा लेना और सो भी लेना. सुबह घर चले जाना.
उसकी उम्र 20 साल से कुछ महीने कम थी.
यह बात मैंने अपनी सहेली को बताई तो उसने मुझे ज्ञान दिया- एक काम कर मेरी सन्नो, तेरा भाई आज तेरी प्यास बुझा देगा.
मैंने कहा- नहीं रे कुतिया … भाई है वो मेरा!
मैं उससे बात कर ही रही थी कि तभी शानू आ गया.
वो मुझे बात करते हुए निहार रहा था.
फिर वो बाथरूम में चला गया.
मैं अपनी सहेली से बात करने में फिर से बिजी हो गई थी.
मेरी सहेली ने कहा- देख, जैसे भी बने उसे सेक्स की गोली खिला देना … फिर तेरी प्यास बुझ जाएगी.
मैंने कहा- मगर यार ये गोली मेरे पास तो हैं ही नहीं.
उसने कहा- मैं लाकर दे देती हूँ.
तभी मुझे ध्यान आया और मैंने कहा- यार, दवा के साथ अच्छे से फ़्लेवर वाले दो पैकेट कंडोम भी ले आना. तू 3 गोलियां लेकर आना, मैं पैसे तुझे दे दूंगी.
हम दोनों की बात खत्म हुई, तब तक शानू बाहर आ चुका था.
कुछ देर बाद मेरी सहेली भी आ गई थी.
उसने बाहर से मुझे फोन लगा कर कहा- मैं बाहर खड़ी हूँ, अपनी चूत का सामान ले जा.
मैंने दांत पीसते हुए धीमे से कहा- साली कुतिया खड़ी रह, आती हूँ.
मैं रूम के बाहर आई और वो मुझे दोनों चीजें दे गई.
मैं अन्दर आई तो मैंने देखा कि मेरा भाई शानू मेरे कामुक बदन को निहार रहा था.
उस समय मैंने ब्रा नहीं पहनी थी तो जैसे ही मैं झुकती या चलती … तो मेरे स्तन हिलते और झुकने पर दिखने लगते.
ये अच्छा सिग्नल था कि मेरा भाई मेरे दूध देख रहा था.
लेकिन मैंने सोचा ब्रा पहन लेती हूँ.
मैं बाथरूम में गई और ब्रा देखने लगी.
मेरी ब्रा मुझे नीचे पड़ी मिली और उसमें सफेद सफेद चिपचिपा सा कुछ लगा हुआ था.
मैं समझ गई कि ये जरूर शानू का वीर्य होगा.
एक पल को लगा कि साले ने अपनी गर्मी ब्रा में ही निकाल दी जबकि मैं उसके लंड को अपनी चूत ने घूमने का मौका देने वाली थी.
फिर भी मैंने सोचा कि गोली खिला देती हूँ, फिर देखती हूँ.
उस समय करीब 9 बज गए थे.
मैंने अपने भाई को खाना परोसा और उसकी सब्जी रोटी और दाल चावल थाली में सजा दिए.
उसकी सब्जी में एक गोली मिला कर उसे खिला दी.
अब मैंने भी खाना खाया और एक गोली कुनकुने पानी के साथ खा ली.
थोड़ी देर में सानू बोला- दीदी मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है, सिर में दर्द हो रहा है.
मेरा ये भाई मेरे लिए बिल्कुल सीधा था और मुझसे डरता भी था.
लेकिन उसकी जवानी को आज मैं, उसकी बहन होकर भी लूटने वाली थी. वो मुझे, आज भाई नहीं … एक मर्द दिख रहा था, जिसको मैं ओरिजनल मर्द बनाने वाली थी.
मैं बोली- शानू, हॉल में सो जाओ.
वो बोला- दीदी उधर डर लगेगा, क्या करूं?
मैंने कहा- ठीक है, मेरे साथ सो जाओ.
उसने कहा- ठीक है.
फिर उसने मुझसे कहा- दीदी, मेरी आदत है बार बार करवट लेने की, हाथ पकड़ने की और हाथ पैर पटकने की. इससे आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी न दीदी?
मैं उसकी इस बात से अन्दर से खुश हो गई और मैंने कहा- ठीक है, लेकिन ध्यान रखना. सो जाओ.
वैसे तो मैं भी यही सब चाहती थी.
मैंने उसको सुला दिया.
ठंडी का समय था मेरे पास एक ही कंबल था. ये एक मस्त सबब बनने वाला था.
हम दोनों को एक ही कम्बल में अन्दर लेटना था.
मैंने कम्बल में घुसने से पहले अपनी फ्रेंड को कॉल किया.
उसने बताया कि कुछ समय रुक जा, अभी चूहा बिल से बाहर आ जाएगा, फिर टूट पड़ना तू … आज तेरा भाई तुझे ही रंडी बना कर चोदेगा.
वो कुतिया गंदी बातें कर रही थी तो मैंने फोन काट दिया.
थोड़ी देर में शानू का मौसम बनने लगा.
मैं आंख बंद करके सोने का ड्रामा करने लगी.
उसने मुझे हिलाया और बोला- दीदी.
मैं चुप रही.
फिर कुछ ही पल में उसका एक हाथ मेरे पेट पर आ गया.
मैं सिहर उठी लेकिन चुप पड़ी रही.
अब उसने अपना हाथ स्तन पर न लाते हुए मेरी पैंटी में डाल दिया, अन्दर हाथ डाला और जल्दी से बाहर निकाल लिया.
इस बार उसने मेरे स्तन पर हाथ पटक दिया और स्तन को पकड़ लिया.
मैं लेटी थी और चुप रही क्योंकि जरूरत तो मुझे भी थी.
वो बगल में लेटा हुआ था. उसने मेरी टी-शर्ट स्तन के ऊपर से अलग कर दी और मुँह से दूध को किस करने लगा.
मैंने सोचा उठने का ये सही मौका है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं करूंगी, जिससे बात बिगड़ जाए.
मैं जानबूझकर सिसकारियां लेने लगी और तड़पने लगी.
उसने पैंटी नीचे की.
मैं डर गई कि कहीं सच में जल्दी लंड अन्दर न डाल दे.
मैं उठ गई और बोली- ये सब क्या है?
वो बोला- अरे अरे दीदी आप … मुझे लगा कि कोई और है. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा दीदी … देखो न मेरा ये लंड दर्द कर रहा है सॉरी सॉरी.
मैंने एक लापड़ा उसके गाल पर मारा और उसका कड़क सफेद लंड पकड़ लिया.
वो कुछ समझ पाता कि तब तक मैं उसका लंड हिलाने लगी.
मैंने कहा- तू मुझसे कहता, तो मैं तेरा हिला हिला कर तेरी गर्मी निकाल देती लेकिन तुम तो बहन को ही अपनी रंडी बनाने वाले थे.
“दीदी इसमें क्या हर्ज है. देखिये ये तड़प रहा है … मैं मर जाऊंगा दीदी. पेलने दो न!”
मैंने कहा- ठीक है, मैं लेटी हूँ, तुझे अपने हाथ से जो करना है करो.
वो भी डर की वजह से अलग होकर लेट गया.
मैं उसके पास थोड़ी सी खिसक आई. मेरी पीठ अपने भाई की तरफ थी.
अब शानू ने करवट ले ली. मुझे उसका लंड अपने चूतड़ों में रगड़ता हुआ महसूस हुआ.
मैंने करवट नहीं बदली और कुछ नहीं कहा.
शानू जोश में था मगर वो डर गया था.
अब जो भी करना था, मुझे करना था.
मैंने एक हाथ पीछे किया और उसके लंड पर रख दिया.
मैं खुश हो गयी क्योंकि उसके लंड को महसूस करने से मुझे लगने लगा कि आज मेरी प्यास बुझ जाएगी.
इतना कड़क और लम्बा गर्म लंड मेरे बाजू में खड़ा था.
मैं अपने भाई के लंड को चूत में लेने को बेचैन हो गई थी.
मैंने अपनी सहेली से मैसेज से बात की.
वो बोली- तू भी न, पहले बाहर निकाल कर लंड देख ले. और तू कंडोम लगा देना उसके लंड पर क्या पता कब झड़ जाए और सुन … पांच मिनट लंड भी चूस लेना. यदि ढक्कन ढीला होगा तो रस निकल जाएगा. फिर निकलने की गुंजाइश ही नहीं रहेगी.
मैंने कहा- यार मैंने आज तक नहीं चूसा है.
वो बोली- तू पहले बाहर निकाल कर तो देख, यदि भाई का उठ जाए, तो सीधे लंड चूसने लगना और किस करने लगना.
मैंने फोन एक तरफ रखा और उसकी अंडरवियर निकाल दी.
सामने देखा तो कसम से लग ही नहीं रहा था कि ये मेरे भाई का लंड है. वो तो बहुत मोटा और बहुत लम्बा था मानो जैसे कोई लोहे का मोटा कीला हो. साले का लंड बिल्कुल सफेद गोरा था.
वो आंख बंद करके लेटा था.
मैंने लंड की फ़ोटो लेकर सहेली को भेजी.
वो बोली- बाप रे … मैंने भी कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा. मैं भी आ रही हूँ तेरे रूम पर!
मैंने सोचा कि साली ये आ जाएगी, तो मेरा मजा ये ले जाएगी. मैंने उसको मना कर दिया और कहा- तू कल आ जाना. कल मैं इसे कमरे पर रुका लूंगी.
मैंने फोन बंद कर दिया.
अब मैंने सोचा कि मेरे भाई का लंड गोरा और बड़ा है … क्योंकि न टेस्ट लेकर देख ही लिया जाए.
मैंने पहले अपनी टी-शर्ट उतारी और शानू के ऊपर लेट कर उसे किस करने लगी.
वो सोने का ड्रामा कर रहा था.
मुझे गुस्सा आया और मैंने सोचा- साला भैनचोद … चूत में आग लगा कर सो रहा है. यहां इसकी बहन चुदने तैयार पड़ी है.
मैंने उसके गाल पर एक तमाचा जड़ दिया और उसे किस करने लगी.
अब उसकी नींद खुली और उसने मुझे देख कर कहा- दीदी, ये क्या कर रही हो?
मैं बोली- अभी जो तूने अपना लंड खड़ा करके मेरी पैंटी नीचे करके डाल दिया था न, उसी से ये सब कर रही हूँ. देख मैं जवान हूँ, घर की इज्जत बाहर न उछले इसलिए अब तू मेरी जवानी लूट ले.
वो बोला- दीदी मैंने ये सब कभी पहले कभी किया ही नहीं.
मैंने कहा- बस अन्दर पेल कर धक्के देना पूरी दम से चोदने लगना … सब खुद ही सीख जाएगा.
ये कह कर मैंने अपने भाई को किस करना शुरू कर दिया. कुछ ही पलों में वो भी साथ देने लगा.
मैंने उसने एक हाथ को अपने स्तन पर रख दिया. वो मेरे दूध दबाने लगा और पूरी हैवानियत से किस करने लगा.
जल्द ही उसने मेरी पैंटी नीचे कर दी.
शानू जल्दी में था. उसका लंड मेरी चूत पर टिकने लगा था.
वो बोला- दीदी, आप बहुत मस्त हो, इतनी गोरी चूत तो मैंने अब तक किसी वीडियो में देखी ही नहीं है.
मैंने कहा- इसलिए तो तुझे दे रही हूँ … खुद लूट ले मजा और मुझे भी दे दे.
उसने लंड पकड़ कर चूत में घुसेड़ना चाहा.
मैंने कहा- रुक … अभी ये क्या कर रहा है?
वो बोला- दीदी, वीडियो में तो यही सब करते हैं, वही मैं भी कर रहा था.
मैंने कहा- साले पहले अपने लंड को देख, कितना बड़ा है. मैं तो मर ही जाऊंगी. इतना बड़ा कैसे ले सकती हूँ
वो बोला- दीदी, अपन तेल लगा कर करेंगे.
मैं नीचे खिसक कर आ गई और भाई के लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
शानू ‘आह आआह आआह …’ करने लगा.
मैंने सोचा कि आज इसका लंड गले के पार करके देखती हूं.
मैंने कोशिश की, मगर नहीं हो पाया.
वो बोला- मैं हेल्प करूं?
मैंने बोला- ठीक है.
वो बोला- आप लेट जाओ.
मैं लेट गई.
वो मेरे मुँह के पास आ गया और लंड होंठों पर रख कर बोला- अब लो अन्दर.
मैंने मुँह खोला तो उसने लंड अन्दर डाल दिया.
वो रुक रुक कर लंड अन्दर पेलता गया.
मेरी आंखें बंद हो गईं और आंसू आ गए.
उसने मेरे हाथ पकड़ लिए. अभी उसका लंड आधा मुँह में था, उसने एक जोर की ठेल मारी तो उसका लंड मेरे गले के नीचे पहुंच गया.
अब मुझे सांस लेने में दिक्कत आ रही थी. मैं छटपटा उठी.
उसने और तेजी से लंड पेल दिया साथ ही उसने गाल पर हाथ भी मार दिया.
पता नहीं चला, कैसे मुझे सांस मिल गई और मैं मजे से लंड चूसने लगी.
अब पता ही नहीं था कि मेरे साथ क्या हो रहा था.
मैं मुँह में लंड होने से कुछ बोल नहीं पा रही थी.
कुछ देर बाद जब मैंने हाथ पटके और इशारा किया, तो उसने लंड बाहर निकाल लिया.
वो बोला- आप ठीक हो न?
मैंने कहा- साले मैं मरी जा रही थी. ये सब कहां से सीखा?
वो बोला- मैंने वीडियो में सब देखा था दीदी मगर कभी किया नहीं था, तो आज करके देख रहा था.
मैंने कहा- अब चूत में मुँह डाल कमीने.
वो बोला- ठीक है.
अब उसने मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी.
मेरी ‘ऊम्म्म् आआ आआई ईईई …’ की आवाज निकलने लगी.
थोड़ी देर बाद मैं उसके बाल पकड़ने लगी और उसे अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैं अभी झड़ना नहीं चाहती थी इसलिए मैंने उससे हटने के लिए कह दिया.
दोस्तो, मैं इस वक्त एकदम रांड बन चुकी थी और मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि मेरा भाई का लंड मेरी चूत में जाने के लिए फड़फड़ा रहा है.
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भाई बहन Xx हिंदी कहानी का अगला भाग: छोटे भाई से चूत चुदाई का मजा लिया- 2