भाभी सेक्स Xxx कहानी में मेरे पड़ोस की भाभी ने मुझे अपना जिस्म दिखाकर अपनी ओर आकर्षित किया और मेरे लंड का मजा लिया. मैंने भी उसे आगे पीछे से खूब चोदा.
दोस्तो, मेरा नाम रोहित है. मैं हिमाचल के बिलासपुर का रहने वाला हूं.
मेरी यह भाभी सेक्स Xxx कहानी लॉकडाउन के समय की है.
उस समय मैं चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा था और अकेला ही रहता था.
मेरे लंड की लम्बाई अच्छी खासी है.
मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती हैं जो बिल्कुल कांटा माल हैं.
उनके पति विदेश में काम करते हैं, वे 6 महीने में एक बार आ पाते हैं.
भाभी का साइज 34-30-38 का है, उन्हें देखते ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
जब लॉकडाउन लगा तो भाभी का घर से बाहर निकल पाना भी बंद हो गया था.
वे अकेली हो गई थीं.
मैं सुबह अपने घर की छत पर कसरत करता था.
एक दिन सुबह भाभी ने मुझे घर पर कसरत करते हुए देख लिया.
पसीने के कारण मेरा लोअर मेरे लंड से चिपक गया था.
सुबह के कारण मेरा लंड खड़ा था और मैंने अन्दर कुछ नहीं पहना था.
तभी मैंने देखा कि भाभी सामने खड़ी होकर मेरे लंड को एकटक घूर रही हैं.
मेरे उनकी तरफ देखते ही वह वहां से चली गईं.
धीरे धीरे वह मुझसे बात करने लगीं.
जल्द ही हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए.
मैंने महसूस किया कि भाभी मुझसे बात करने के बहाने ढूंढने लगी थीं.
मुझे भी उनके साथ समय व्यतीत करने में अच्छा लगने लगा था.
एक बार ऐसे ही बातों ही बातों में भाभी ने मुझसे मेरा नंबर ले लिया.
अब वो मुझसे फोन पर बात करने लगीं.
फोन पर बात करते समय कभी कभार भाभी नॉनवेज जोक भी सुना देती थीं, जिससे मुझे शर्म आने लगती थी … जबकि वो हो हो करके हंसने लगती थीं.
सुबह छत पर कसरत करते समय भाभी का आना भी नियमित हो गया था.
वो भी मेरे साथ ही कसरत करने लगी थीं.
लेकिन उनका कसरत करना एक बहाना था.
वो चुस्त और सेक्सी कपड़ों से मुझे रिझाने की कोशिश करती थीं.
अब मुझे ऐसा लगने लगा था कि भाभी मुझसे चुदना चाहती हैं.
एक दिन भाभी ने मुझे अपने घर खाना खाने रात को बुलाया.
मैं भी समय से पहुंच गया.
उस समय भाभी खाना बना रही थीं.
मैं उनका हाथ बंटाने लगा.
हम दोनों ने साथ में काम खत्म किया और बात करने लगे.
भाभी ने मुझसे पूछा- क्या तुम शराब पीते हो?
मैंने मना कर दिया हालांकि मैं ड्रिंक करता था मगर भाभी के सामने कुछ झिझक रहा था.
वो मेरी झिझक समझ गईं. वो शराब की बोतल और चखना ले आईं.
भाभी ने दो पैग बनाए और एक मुझे थमाते हुए कहा कि मुझे कंपनी दे दो.
मैंने भी गिलास पकड़ लिया.
हम दोनों शराब का आनन्द लेने लगे.
वो शुरू हो गईं और सेक्सी जोक सुनाने लगीं.
मैं भी उनकी मस्त जवानी को निहारने लगा.
उस समय भाभी ने एक मस्त टॉप पहना हुआ था, जिसके गहरे गले से उनके चूचे मुझे गर्म कर रहे थे और भाभी खुद झुक झुक कर मुझे अपने दूध दिखा रही थीं.
मेरी नजरें उनके मम्मों पर टिक गई थीं.
भाभी ने मेरी नजरों को ताड़ा और कहा- कैसे हैं मेरे?
मुझे शराब का नशा हो गया था और दिमाग में ये था कि भाभी मस्ती करने में मुझसे आगे हैं और आज मुझे भी भाभी के साथ मस्ती भरी बातें कर लेनी चाहिए.
इसलिए मैं हाथ से इशारा करते हुए कहा- मस्त!
बस मेरा इतना कहना था कि भाभी ने अपना पैग एक झटके में खत्म कर दिया.
उनका पैग खत्म करने का अंदाज कुछ ऐसा था कि कुछ शराब उनके मम्मों को भी भिगो गई.
भाभी ने दूसरा पैग बनाकर हाथ में लिया और आकर मेरी गोद में बैठ गईं.
वो मुझे किस करने लगीं.
पहले तो मैं अचकचा गया, फिर मैं भी उनका साथ देने लगा.
वो मुझे चूमने लगीं और कहने लगीं- रोहित, मैं बहुत प्यासी हूँ. मेरी प्यास बुझा दो.
मैंने ये सुना तो भाभी को उठाकर बेडरूम में ले गया और बेड पर पटक कर जोर जोर से भाभी के चूचे दबाने लगा, चूसने लगा.
भाभी भी मजे से अपने चूचे मुझे पिलाने लगीं. भाभी के मुँह से मादक सीत्कार भी निकल रही थीं.
उन्होंने मेरी पैंट से मेरा लौड़ा निकाल लिया और हिलाने लगीं.
वो मेरे लंड को देखकर बहुत खुश थीं.
कुछ ही देर में वो मेरे लौड़े को चूसने लगीं और पूरा लंड गले तक अन्दर लेने लगीं.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
भाभी भी पूरा मजा लेने रही थीं.
तभी मैंने भाभी को नंगी कर दिया.
अब भाभी सिर्फ कच्छी और ब्रा में ही थीं.
मैं कच्छी के ऊपर से ही भाभी की चूत सहलाने लगा और एक हाथ से उनके चूचे दबा रहा था.
तभी मैंने कच्छी और ब्रा को फाड़ दिया और भाभी को 69 में लेकर चूत चाटने लगा.
भाभी पागल सी हो रही थीं.
भाभी मेरा लौड़ा चूस रही थीं और तभी वह झड़ गईं.
मैं भी उनका सारा पानी पी गया.
भाभी कहने लगीं- अब और न तड़पाओ … चोद दो इस मादरजात चूत को … साली ने बहुत तंग किया है. फाड़ दो मेरी फुद्दी को.
मैंने भी अपना लौड़ा चूत पर सैट किया और जोर का धक्का दे मारा.
पर लंड अन्दर नहीं जा पाया.
मैंने ढेर सारा तेल चूत पर और लंड पर लगाया और फिर से लौड़ा सैट किया.
इस बार एक ही झटके के साथ पूरा लौड़ा भाभी की चूत में था.
भाभी जोर से चिल्ला पड़ीं- आह … फाड़ दी मेरी फुद्दी … धीरे पेल बहनचोद … मार डालेगा क्या?
पर मैंने उनकी एक न सुनी और गालियां देते हुए जोर से धक्के मारने लगा.
मैं- आह साली रांड तेरी चूत को फाड़ना जरूरी है कुतिया!
भाभी भी गाली दे रही थीं- चोद और जोर से चोद मेरी फुद्दी को … चोद कर भोसड़ा बना दे.
मैं भी गाली दे रहा था- आह साली … मां की लौड़ी … छिनाल साली रंडी की औलाद … भोसड़ी वाली कुतिया खा मेरा लंड आह. तेरी चूत को आज मैं फाड़़ दूंगा … साली रंडी मादरजात … आह क्या गांड है तेरी … बहन की लौड़ी, आज तेरा हर छेद फाड़ दूंगा.
भाभी भी पूरे मजे में गालियां निकाल रही थीं- हां चोद मुझे … मां के लंड बड़ा मस्त चोदता है तू … चोद डाल अपनी इस रंडी को. मुझे अपनी रखैल बना ले … मैं आज से तेरी रंडी हूं. तू जब जहां चाहे, इस रंडी की कच्छी फाड़कर गांड चूत सब ठोक सकता है.
इसी तरह से हम दोनों चुदाई की मस्ती में जो मुँह में आ रहा था, वो बक रहे थे.
बीस मिनट की चुदाई के बाद भाभी झड़ गईं और साथ ही मैं भी भाभी की चूत में झड़ गया.
हम दोनों वहीं पर लेट गए और फिर से शराब की चुस्कियां लेने लगे.
भाभी मेरी गोदी में नंगी बैठ कर मुझे शराब पिला रही थीं.
मैंने कहा- अपनी चूची पर शराब टपका कर पिलाओ भाभी.
वो अपनी चूचियों पर शराब टपकाती हुई मुझे निप्पल से शराब पिलाने लगीं.
उसके बाद मैंने उन्हें चित लिटाया और उनकी चूत पर शराब टपका कर चूत चूसी.
भाभी को इसमें बड़ा मजा आ रहा था.
फिर उन्होंने भी घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड पर मुझसे शराब गिरवा कर चूसा.
इसी तरह की मादक हरकतों के बाद हम दोनों दूसरे राउंड के लिए तैयार हो गए.
इस बार मैंने भाभी की गांड में उंगली करना शुरू कर दिया.
भाभी ने पहले तो मना किया कि गांड मत मारो, बड़ा दर्द होता है.
मगर मेरी जिद के आगे भाभी राजी हो गईं.
मैंने पहले भाभी की गांड में तेल लगाया और लंड पर भी तेल लगाया. मैंने गांड पर लंड सैट करके जोर का धक्का मारा और आधा लंड अन्दर चला गया.
भाभी जोर से चिल्ला पड़ीं- मादरजात आराम से डाल!
मैंने एक और जोर का धक्का मारकर पूरा लंड गांड में पेल दिया.
अब भाभी भी मजा लेकर जोर जोर से कमर हिलाकर गांड मरवाने लगीं.
भाभी के मुँह से जोर की आह आह आ अआआ की आवाज़ें आ रही थीं.
फिर 15 मिनट की जोरदार गांड ठुकाई के बाद मैंने सारा माल भाभी के चूचों पर गिरा दिया और हम दोनों नंगे ही लिपट कर लेट गए.
कुछ देर बाद भाभी बोलीं- अब खाना खा लेते हैं.
हम दोनों ने एक दूसरे को खिलाते हुए खाना खाया.
खाने के बाद एक ही सिगरेट से हम दोनों ने मजा लिया और वापस चूत चुदाई में लग गए.
उस रात तीसरी बार की लम्बी चुदाई के बाद मैं उनके साथ ही नंगा सो गया.
ऐसी गहरी नींद आई कि हम दोनों सुबह 10 बजे उठे.
भाभी और मैं दोनों ही बाथरूम में जाकर एक साथ नहाने लगे.
हम दोनों नहाते समय एक दूसरे को किस करने लगे.
तभी भाभी मेरे लौड़े को पकड़कर सहलाने लगीं और चूसने लगीं.
मेरा लंड भी अब पूरी तरह से चुदाई के लिए तैयार हो गया था.
मैंने भाभी की एक टांग उठा ली और उन्हें वहीं पर धकापेल चोदने लगा.
भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. भाभी अपने मुँह से जोर जोर से मादक सिसकारियां निकाल रही थीं.
हम दोनों चुदाई के चरम पर पहुंच गए थे. मैं जोर जोर से लंड को बाहर निकालकर दोबारा अन्दर डाल रहा था.
भाभी को भी ऐसे चुदवाने में मजा आ रहा था.
मेरे लंड के सामने भाभी ज्यादा समय तक नहीं ठहर सकीं और वहीं पर उनका शरीर अकड़ने लगा. वे जोर जोर से हांफती हुई झड़ गईं.
भाभी को उठाकर मैं दोबारा वहीं बेड पर ले आया.
अब भाभी भी कुछ थक गई थीं और हम दोनों को भूख भी लग रही थी.
सुबह की चाय के साथ दो दो ब्रेड खाकर हम दोनों फिर से अभिसार में लग गए.
उसके बाद भाभी का मन खाना बनाने का नहीं था, तो हमने बाहर से खाना मंगवा लिया और साथ मिलकर खाना खाकर एक दूसरे को किस करने लगे.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और भाभी भी अब गर्म हो गई थीं.
पहले भाभी मेरा लंड चूसने लगीं.
भाभी के मुँह से मैंने लंड निकाल कर उनको घोड़ी बनाकर पीछे से गांड में एक ही झटके में पेल दिया.
मैं जोर जोर से गांड मारने लगा; साथ ही एक हाथ से उनके चूचे दबा रहा था और कभी गांड पर जोर से चमाट भी मार रहा था.
भाभी भी मजा ले रही थीं.
मैं उनकी चूचियां मसल मसल कर उनकी गांड बजा रहा था.
वो भी मस्ती से पीछे धक्का देती हुई अपनी गांड मरवा रही थीं.
अब मेरा होने वाला था, मैं जोर के झटके के साथ गांड में ही झड़ गया और भाभी के ऊपर लेट गया.
भाभी मुझसे चुदवा कर काफी खुश थीं.
उन्होंने कहा भी- सच में रोहित, अब मुझे जरा भी अकेलापन महसूस नहीं होता है.
इसके बाद भी हमने कई बार सेक्स किया.
पर अब भाभी अपने पति के पास चली गई हैं.
तो दोस्तो, आपको मेरी यह भाभी सेक्स Xxx कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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