सेक्स की कहानी में पढ़ें कि कैसे ऑटो में एक सेक्सी भाभी मेरे साथ जाती थी.एक दिन बारिश में मैं कार ले गया तो भाभी को लिफ्ट दे दी. उसके बाद क्या हुआ?
दोस्तो, कैसे है आप सभी लोग!
मेरा नाम सागर है और मैं 28 साल का हूँ. मेरा लंड 8 इंच लंबा और काफी मोटा है.
आज मैं आप लोगों के सामने अपनी एक सच्ची सेक्स की कहानी पेश कर रहा हूँ.
मुझे पूरा यकीन है कि मेरी ये सेक्स कहानी पढ़ने के बाद लड़कियों और भाभियों की चूत में खुजली शुरू हो जाएगी और लड़के दो बार मुठ जरूर मारेंगे.
वैसे मैं आप लोगों को बता दूँ कि मुझे भाभियों को चोदना बहुत अच्छा लगता है.
खासकर उन भाभियों के साथ चुदाई का मजा ज्यादा आता है, जिनके एक या दो बच्चे हों.
उनके साथ चुदाई में किसी भी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं होती है.
उनको जैसे चाहो, वैसे चोद लो. होटल में, रूम में … उनकी लेने में, कहीं कोई दिक्कत नहीं होती है.
सेक्स की कहानी आज से 2 साल पहले की उन भाभी की है जो दो बच्चों की मां थीं लेकिन भाभी को देखकर कोई भी ये नहीं बोल सकता था कि इनके दो बच्चे होंगे.
मैं रोज की तरह अपने आफिस ऑटो से जा रहा था.
तभी मेरे पास एक भाभी आकर बैठ गईं.
वो थोड़ा जल्दी में दिख रही थीं और उनके चेहरे पर एक अजीब सी उदासी भी दिख रही थी.
मैंने भाभी को ताड़ना शुरू किया तो वो मुझे एक मस्त माल लग रही थीं.
मैं बस उनको देखता रहा. फिर जहां भाभी को जाना था, वो वहां उतर कर चली गईं.
उनके जाने के बाद मैं अब भी उनकी ही यादों में खोया था.
उस दिन मेरा मन काम में जरा भी नहीं लगा और न आफिस में किसी और से बात करने में मन लगा.
मेरे दिल और दिमाग बस वो ऑटो वाली भाभी छाई हुई थीं.
अगले दिन नसीब से फिर से वही भाभी अपनी उसी हालत में मेरे ऑटो में आकर बैठ गई थीं.
आज जब भाभी ऑटो में बैठ रही थीं, तब अचानक से मेरा एक हाथ भाभी के नरम बूब से टकरा गया.
मुझे एकदम से झटका सा लगा.
आज वो मेरे बिल्कुल पास बैठ गई थीं. भाभी की टांगें मेरी टांगों से चिपकी हुई थीं.
भाभी ने आज कुर्ती और स्लैक्स पहनी थी.
जब उनकी टांगें मुझसे चिपकीं, तो मेरे तो तनबदन में मानो आग सी लग गई.
भाभी एकदम अप्सरा सी लग रही थीं, लेकिन न जाने वो क्यों गुमसुम सी रहती थीं.
अब भाभी लगभग रोज ही मेरे साथ ऑटो में जाने लगी थीं.
एक दिन सुबह से ही बारिश हो रही थी तो मैं उस दिन अपनी कार लेकर गया था.
जब उधर से वापस आ रहा था तब वो ऑटो के इन्तजार में खड़ी थीं और बारिश में भीग रही थीं.
मेरी नजर भाभी पर पड़ी तो मैं कार रोक कर उनको देखने लगा.
भाभी बड़ी मस्त माल लग रही थीं.
उस दिन भाभी ने ब्लू कलर की कुर्ती पहनी थी और सफेद रंग की स्लैक्स पहनी थी.
बारिश में भीगने की वजह से उनकी कुर्ती और स्लैक्स उनके बदन से चिपक गए थे और उनकी लाल ब्रा और काली पैंटी का रंग एकदम साफ दिख रहा था.
भाभी के मोटे मोटे बूब्स साफ़ नजर आ रहे थे और बारिश में भीग कर उनकी कुर्ती उसकी गांड से बिल्कुल चिपक गयी थी, जिससे उनकी मस्त गांड का आकार एकदम साफ दिख रहा था.
उनके गीले बाल जब उनके गालों पर आ रहे थे, तब वो और ज्यादा खूबसूरत दिख रही थीं.
मैंने कार उनके पास रोकी और उनसे कहा- अरे आप तो पूरी भीग रही हैं. कार में आ जाओ भाभी जी, मैं आपको आपके घर तक ड्रॉप कर देता हूं.
पहले तो वो बोलीं- मैं आपको पहचानती नहीं हूँ.
उनकी आवाज़ इतनी मीठी थी कि क्या बताऊं.
मैंने कहा- भाभी आप रोज जिस ऑटो से जाती हो, मैं भी उसी से जाता हूं और अब आप ज्यादा सवाल मत करो. अगर आप ज्यादा भीग गईं, तो बीमार हो जाएंगी.
भाभी के मना करने पर भी मैंने उनको अपनी कार में बैठा लिया.
वो ठंड से कांप रही थीं.
मैंने कार का हीटर चालू कर दिया जिससे उनको थोड़ा आराम मिलता दिखने लगा.
मैंने भाभी से उनका नाम पूछा, तो उन्होंने अपना नाम रूही बताया.
मैंने कहा- मैं रोज आपको देखता हूं, आप किसी आफिस में काम करती हैं न!
वो बोलीं- हां, मैं पास ही एक आफिस में काम करती हूं.
फिर मैंने उनसे उनके परिवार के बारे पूछा.
तो उन्होंने बताया कि मेरे दो बच्चे हैं और मेरे हस्बैंड बाहर जॉब करते हैं.
जब मैं अपनी कार के गेयर बदल रहा था तो मेरा हाथ बार बार उनकी जांघों को छू रहा था.
उनका वो स्पर्श मेरे अन्दर काम वासना को उत्तेजित कर रहा था.
बस मैं ये ही सोच रहा था कि कैसे मैं इस भाभी की मदमस्त जवानी का रसपान कर पाऊं.
भाभी मुझे अपने घर का रास्ता बताती जा रही थीं और मैं उनके बताए रास्ते पर कार दौड़ाए चला जा रहा था.
तभी भाभी ने एक घर के सामने कार रुकवाई और मुझसे कहा- आप अन्दर आ जाओ, चाय पीकर जाना.
मैंने कहा- ओके.
उन्होंने घर का गेट खोला तो अन्दर उनके दोनों बच्चे थे, जो 4 साल और 2 साल के थे.
भाभी के बच्चे एक आया के पास रहते थे. भाभी के आने पर वो आया बच्चों को लेकर अन्दर के कमरे में चली गई.
मैं वहीं सोफे पर बैठ गया और वो बाथरूम में चेंज करने चली गईं.
मेरे दिमाग में बस अब रूही भाभी की चुदाई का भूत सवार हो गया था.
मैं उठा और चुपचाप उनके बाथरूम की तरफ चला गया. वहां एक होल से उनको देखने लगा.
अन्दर का नज़ारा देख कर मैं चौंक गया. रूही भाभी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं, उनके मोटे मोटे बूब्स उनकी ब्रा को फाड़ कर बाहर आना चाह रहे थे.
उन्होंने भी अपने मम्मों को अपनी ब्रा से आज़ाद कर दिया और बूब्स बाहर फुदकने लगे.
भाभी के दूध एकदम गोल टाइट थे और निप्पल एकदम सुर्ख लाल थे.
वो अपने मम्मों को बड़े प्यार से एक तौलिए से पौंछने लगीं.
तभी मेरी नजर उनकी टांगों के बीच में पड़ी, उनकी जांघें एकदम चिकनी थीं. तभी भाभी ने अपनी पैंटी भी उतार दी.
आह क्या मस्त चुत थी उनकी … एकदम चिकनी.
भाभी की चुत पर एक भी बाल नहीं था.
वो उधर अपनी चुत को साफ करने लगीं, इधर मेरा लंड मेरी पैंट को फाड़कर बाहर आने लगा था.
भाभी ने अब एक गाउन पहना और मैं वापस अपनी जगह आकर बैठ गया.
वो जब बाहर आईं, तो ब्रा न पहनने के कारण उनके बूब्स इधर उधर हो रहे थे.
गाउन का गला बड़ा होने की वजह से उनके बूब्स की घाटी साफ दिख रही थी.
मुझसे अब और कंट्रोल नहीं हो रहा था. मेरा मन कर रहा था कि मैं अभी रूही भाभी को चोद दूँ.
रूही भाभी मुझसे बोलीं- आप बैठो … मैं चाय बनाकर लाती हूँ.
वो रसोई में चली गईं.
मैं अपने लंड को सहलाने लगा. अब बस मैं ये सोच रहा था कि कैसे रूही भाभी की चुत चोद लूं.
फिर मुझे पता नहीं क्या हुआ और मैं उनके पीछे पीछे रसोई में चला गया.
मैंने उनको पीछे से पकड़ लिया.
भाभी मेरी इस हरकत से एकदम चौंक गईं और मुझसे बोलीं- ये क्या बदतमीजी है.
उन्होंने मुझे एक धक्का दे दिया.
मैं वहां से जाने को हुआ.
फिर पता नहीं अचानक से मुझे क्या हुआ और मैं फिर रूही भाभी के गाउन को पीछे से उठा कर उनकी कमर और गांड पर पागलों की तरह किस करने लगा.
मेरे इस तरह से किस करने की वजह से भाभी भी शायद गर्म हो गयी थीं.
भाभी मेरी तरफ घूम कर मुझे देखने लगीं और वो भी मुझे किस करने लगीं.
मैंने उनको वहीं रसोई की स्लैब पर बैठा दिया और उनकी टांगें खोल दीं.
अपने होंठों को मैंने उनके नर्म होंठों पर रख दिया और उनके मम्मों को सहलाने लगा.
वो बोलीं- मैं उसी समय से तुमसे चुदना चाह रही थी, जब तुम मेरी जांघों को टच कर रहे थे.
मैंने कहा- फिर आपने मुझे धक्का क्यों दिया?
भाभी मुस्कुराने लगीं और बोलीं- तुम्हारा दम चैक कर रही थी कि तुम्हारे अन्दर कितनी हिम्मत है कि तुम मुझे चोद सको.
मैं भाभी को वासना से देखने लगा.
भाभी और ज्यादा हॉट हो गई थीं.
फिर वो मुझको होंठों पर किस करते करते मुझे अपने बेडरूम में ले गईं.
वहां उन्होंने मुझको बेड पर बैठा दिया.
मैंने उनका गाउन ऊपर किया और उनके पेट और नाभि पर किस करने लगा.
वो मेरे बालों को खींचती रहीं.
फिर मैंने भाभी को बेड पर लेटा दिया और उनकी टांगें खोलकर उनके पेट और बूब्स दबाकर किस करने लगा.
मैंने उनका जल्दी से गाउन उतार दिया. अब वो मेरे सामने एकदम नंगी थीं.
मैं पागलों की तरह भाभी के मम्मों को अपने होंठों से चूसने लगा और उनके बदन को मसलने लगा.
कभी मैं भाभी की जांघों पर किस करने लगता … तो कभी उनके पेट पर चूमने लगता.
मैंने भाभी की चुत पर अपनी जीभ रख दी और उनकी चुत के दाने को सहलाने लगा.
इससे भाभी वासना में तड़पने लगीं.
फिर मैंने भाभी को उल्टा लेटाया और उनके बाल आगे करके कमर से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया.
भाभी की गांड मेरे सामने आ गई थी तो मैं उनकी गांड के छेद को पागलों की तरह चाटने लगा.
कुछ देर बाद भाभी ने मेरी टी-शर्ट और पैंट उतार दी. मेरा फौलादी लंड उनके सामने हिल रहा था.
मेरा कड़क लंड देख कर वो चौंक गईं लेकिन कुछ बोली नहीं.
फिर मैंने भाभी को सीधा लेटाया और उनकी चुत पर अपना लंड रख दिया.
भाभी ने चुत उठाई तो मैंने एक तेज धक्का दे मारा जिससे मेरा आधा लंड चुत के अन्दर घुस गया.
एकदम से भाभी की चीख निकली और साथ में आंखों से आंसू भी निकल गए.
मैं भाभी के आंसुओं को पी गया.
आप लोगों को मैं क्या बताऊं … जब मेरा लंड उनकी चुत में घुसा तब मुझे कैसा फील हुआ.
वो आनन्द मैं आपको शब्दों में नहीं बता सकता हूँ.
थोड़ी देर बाद मैंने एक धक्का और मार दिया. इस बार मेरा समूचा लंड भाभी की चुत में समा गया.
मैं जोर जोर से रूही भाभी की चूत को चोदने लगा.
मैं इस समय भाभी को इतनी तेज रफ्तार से चोद रहा था कि पूरा बेड हिल रहा था.
मैंने रूही से पूछा- कैसा लग रहा है?
वो कुछ नहीं बोलीं और मुझसे कस कर चिपक गईं.
भाभी ने अपनी दोनों टांगें मेरे कमर में फंसा दीं.
मैं और जोर से रूही भाभी की चुदाई करने लगा.
कुछ मिनट बाद मैंने रूही भाभी की चूत को अपने लंड के गर्म माल से भर दिया और उनके ऊपर ही लेट गया.
थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और एक साथ बाथरूम में आ गए.
वहां मैंने फिर से एक बार रूही भाभी की चुदाई की.
फिर मैंने कपड़े पहने और जाने को हुआ तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझसे बोलीं- मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.
मैंने पूछा तो उन्होंने मुझे बताया- मेरे हस्बैंड महीने में 3 बार आते हैं और उनका लंड तुम्हारे जितना बड़ा नहीं है. आज तुमने मेरी चुत की प्यास मिटा दी है.
मैंने रूही भाभी से कहा- अब आप जब भी चाहो, मुझसे अपनी प्यास मिटवा सकती हो.
रूही भाभी बोलीं- आज तुम यहीं रुक जाओ और पूरी रात मुझे चोद कर मेरी प्यास मिटा दो.
मैंने कहा- जैसा आपका हुक्म भाभी, पर आपके बच्चे?
भाभी मुस्कुरा कर बोलीं- वो तुम चिंता मत करो. मेरी आया सब जानती है. वो बच्चों को कमरे में ही रखेगी.
मैंने कहा- आया को सब मालूम है, इसका क्या मतलब है भाभी?
भाभी ने हल्की सी स्माइल देते हुए कहा- वो ही मेरी सहारा है.
मैं समझ गया कि भाभी उसके साथ लेस्बियन सेक्स करती होंगी.
उस रात रूही भाभी को मैंने फुल नाईट चोदा.
सुबह तक भाभी की हालत उठने लायक नहीं थी.
अब भाभी मुझसे हर तीसरे दिन चुदती हैं.
अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने रूही भाभी को उनके घर पर उनके पति की मौजूदगी में चोदा और उनकी आया को भी पेल दिया.
आपको देसी भाभी सेक्स की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें.
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