भाभी की देसी चुदाई का मजा मुझे मिला मेरे दोस्त की भाभी के साथ. एक बार भाभी घर पर अकेली थी तो मैं उनके घर गया. वहां क्या और कैसे हुआ? पढ़ें इस कहानी में.
दोस्तो, मेरा सभी चिकनी और रसीली चुत वालियों को एक लम्बा किस.
मेरा नाम विक्की (बदला हुआ) है, मैं कानपुर से हूँ.
आज मैं आपके साथ अपनी रियल सेक्स स्टोरी साझा कर रहा हूँ.
ये मेरी पहली सेक्स कहानी है तो दोस्तो, कोई गलती हो तो माफ कीजिएगा.
मेरी हाईट छह फीट है और मेरा लंड भी छह इंच का है, जो किसी भी लड़की को खुश कर सकता है.
मुझे फोरेप्ले बहुत पसन्द है और चुत चाटना तो बहुत ही ज्यादा पसंद है.
ये भाभी की देसी चुदाई कहानी कुछ समय पहले की है. मैं तब बारहवीं क्लास में था.
उस समय मेरे दोस्त के भाई की शादी हुई और भाभी घर आ गईं.
मेरे दोस्त का भाई अपने जॉब की वजह से घर से दूर रहता था.
तो भाभी का हनीमून भी अभी तक अच्छे से नहीं मना था.
शादी के एक हफ्ते बाद ही भाभी का पति अपनी जॉब पर चला गया था.
वो दो महीने से घर ही नहीं आ सका था.
इस दौरान मैं अपने दोस्त के घर जाता था तो मुझे भाभी से बात करने को मिल जाती थी.
भैया के घर पर न रहने की वजह से भाभी की चुदाई की आग शांत नहीं हो सकी थी. वो लंड के लिए तड़प रही थीं.
ये सब भाभी ने मुझे बाद में बताया था.
एक दिन मेरे दोस्त ने बताया कि उसकी पूरी फैमिली शादी में जा रही है; सिर्फ भाभी ही घर पर रहेंगी.
उसकी भाभी के भाई को कुछ काम था, तो वो घर पर रुकने आ सकता था.
मेरे दोस्त ने कहा- यदि वो नहीं आए तो तुम एक बार भाभी से मिल लेना. उन्हें किसी चीज की जरूरत हो तो देख लेना.
मैंने हां कह दी.
जब मैं उनके घर गया था, तब वहां सिर्फ भाभी ही थीं, उनका भाई अभी नहीं आया था.
मैं वहां गया तो भाभी ने गेट खोला.
मैंने उनसे नमस्ते की और अन्दर आने लगा.
भाभी बोलीं- भैया रुको, घर पर कोई नहीं है.
मैंने अनजान बनते हुए पूछा कि अरे … सब कहां गए हैं?
भाभी बोलीं- सब लोग शादी में गए हैं.
मैंने अपने दोस्त को फोन किया- यार, मुझे कुछ नोट्स लेने हैं.
मैंने उसे ये नहीं बताया कि मैं उसके घर पर ही खड़ा हूँ.
उसने बोला- तू घर चला जा और भाभी से बोल देना, वो दे देंगी.
अब मैंने कहा- मैं तेरे घर पर ही हूँ, ले अपनी भाभी को बता दे.
उसने भाभी से बात की तो भाभी बात करने में थोड़ी गुस्सा सी लगीं.
भाभी का रुख देख कर मैं कुछ डर गया.
फिर काल कट हो गयी.
मैं उनकी तरफ देखने लगा.
भाभी ने मुझसे बैठने को कहा.
मैं अन्दर आकर सोफे पर बैठ गया.
उन्होंने कहा- चाय चलेगी ना!
मैंने कहा- हां भाभी ठीक है.
वो मेरे लिए चाय बना लाईं.
मैं बिना कुछ बोले चुपचाप से चाय पी रहा था.
भाभी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा- पढ़ाई कैसी चल रही है?
मैंने बोला- ठीक चल रही है भाभी.
उसी समय न जाने कैसे मेरे हाथ से कप छूट गया और थोड़ी चाय मेरे ऊपर गिर गई.
चाय एकदम गर्म थी तो मैं हड़बड़ा गया.
भाभी भी एकदम से ‘अरे ये क्या हुआ …’ कह कर घबरा सी गईं.
मैं पैंट पर गिरी गर्म चाय को साफ़ करने लगा.
भाभी ने भी मेरे लंड पर हाथ लगाते हुए चाय साफ करने की कोशिश की.
फिर उन्हें लंड का अहसास हुआ तो हाथ हटाती हुई बोली- अरे ऐसे नहीं … जाओ जल्दी से बाथरूम में जाओ और साफ कर लो.
भाभी का हाथ मैंने अपने लंड पर महसूस कर लिया था तो मुझे मजा गया था.
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं भाभी, सब ठीक हो जाएगा.
भाभी झुक कर जमीन साफ करने लगीं.
उसी समय मेरा ध्यान उनके चूचों की ओर चला गया.
उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जो उनके ब्लाउज से साफ़ दिख रही थी.
मस्त नजारा देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
तभी भाभी मेरी ओर देख कर बोलीं- जाओ जल्दी … साफ करके आओ यहां क्यों खड़े हो.
मैं बाथरूम में चला गया और बिना दरवाजा लगाए भाभी की मस्त चूचियों को याद करके मुठ मारने की सोचने लगा.
मेरा लौड़ा बेहद अकड़ गया था तो मैं मुठ मारने लगा.
तभी भाभी की आवाज आई- ये क्या हो रहा है?
मैंने जल्दी से लंड अन्दर किया और बाहर आने लगा.
मैंने सोचा आज तो मेरी आफत आ गयी.
तभी भाभी बोलीं- अपनी फीलिंग्स पर कंट्रोल करो, ये सब ठीक नहीं है.
मैंने भाभी से सॉरी बोला और कहा- अब ऐसा नहीं करूंगा भाभी, गलती हो गई.
भाभी बोलीं- मैं समझ सकती हूँ, डरो मत … मैं किसी से कुछ नहीं बोलूँगी.
उनकी बदली हुई आवाज से मुझे थोड़ी राहत मिली.
फिर उन्होंने मुझे नोट्स दिए और मैं वहां से आने लगा.
तभी भाभी ने कहा- तुम मुझे अपना नंबर दे दो.
मैंने बिना कोई सवाल किए भाभी को अपना नंबर दे दिया और मैं अपने घर आ गया.
घर आकर मैंने भाभी के नाम की मुठ मारी और खुद को शांत कर लिया.
लंड का पानी निकला, तब जाकर मेरे लंड को राहत मिली.
अगले दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में मैंने सोचा भी नहीं था.
आगे बढ़ने से पहले मैं यहां पर आपको भाभी के बारे में बता देता हूँ.
भाभी का नाम सुमन है. उनकी उम्र 23 साल की है और उनका फिगर 34-26-36 का है.
भाभी का रंग एकदम गोरा है और उनकी चितवन कुछ ऐसी है कि वो किसी भी लंड को पल भर में अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं.
तो हुआ कुछ ऐसा था कि भाभी ने मुझे फोन किया और अपने घर बुलाया, वो भी जल्दी आने को कहा.
मैं तुरंत उनके घर आ गया.
जब मैंने घर की बेल बजाई तो अन्दर से आवाज़ आई कि गेट खुला है, अन्दर आ जाओ.
मैं अन्दर चला गया. भाभी ने ब्लैक कलर की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थीं.
जब मैंने भाभी को देखा तो मेरी नजर उनसे हट ही नहीं रही थी.
भाभी मुस्कुरा कर बोलीं- क्या हुआ?
मेरे मुँह से न जाने किस झौंक में निकल गया- आप बहुत सेक्सी लग रही हो.
भाभी तेवर बदलती हुई बोलीं- क्या बोल रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं बस ऐसे ही मुँह से निकल गया भाभी … सॉरी.
भाभी बोलीं- मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी थी. पर पहले तुम प्रॉमिस करो कि ये बात किसी को नहीं बताओगे.
मैंने हां में सिर हिला दिया.
उन्होंने एक मिनट रुक कर कहा कि तुम जो कल कर रहे थे, उसको रियल में करना चाहोगे!
ये सुनकर तो मैं सोच में पड़ गया कि भाभी ये क्या बोल रही हैं … मुझसे कहीं कुछ गड़बड़ न हो गई हो.
भाभी बोलीं- क्या हुआ … बताओ ना, करोगे या नहीं?
मैंने सर हिला कर हां कर दी.
भाभी- मुँह से बोलो.
मैंने हां कह दी.
भाभी मेरी हां सुनकर बहुत खुश हुईं.
उन्होंने कहा- मेरी एक बात और मानोगे?
मैंने पूछा- क्या बात?
भाभी ने अपने स्वर बदल दिए और एकदम साफ़ शब्दों में बोलीं- मुझे बिल्कुल एक रंडी की तरह चुदना है.
ये सुनकर मैंने भाभी को देखा और अवाक रह गया.
भाभी ने एक मादक अंगड़ाई ली और फिर से कहा- जवाब दो राजा.
मैंने उनसे पूछा- आप ऐसा क्यों चाह रही हैं?
भाभी बोलीं- मुझे ये सब अपने पति को खुश करने के लिए सीखना है.
मैंने पूछा- क्या मतलब मैं समझा नहीं.
उन्होंने कहा- ये सब मैं बाद में बताती हूँ … चलो हम दोनों पहले थोड़ा एंजॉय कर लेते हैं.
मैंने भी हां कर दी क्योंकि अब मैं भी कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.
जब सामने इतना मस्त माल चुदने के लिए रेडी हो तो कंट्रोल कैसे हो?
फिर मैंने भाभी के होंठों पर एक किस कर दिया.
इससे भाभी थोड़ी सी चौंक गईं और बोलीं- अरे वाह, तुम्हें तो मुझसे भी ज्यादा जल्दी है.
मैं बस हंस दिया.
भाभी ने कुछ नहीं कहा, तो मैंने फिर से उन्हें किस करना चालू कर दिया और भाभी के गुलाबी होंठों को पूरी तरह से चूसने लगा.
सच में यार बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर भाभी ने मुझसे दूर होते हुआ कहा- चलो रूम में चलते हैं.
मैं उनके पीछे पीछे चल दिया और रूम में जाते ही मैं भाभी पर टूट पड़ा.
अब भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
मैंने उनके होंठों पर किस करते हुए उनकी साड़ी उतार दी.
भाभी अब मेरे सामने पेटीकोट और ब्लाउज में थीं.
फिर मैंने उनके ब्लाउज को भी अलग कर दिया और देखा कि भाभी ने पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी जिसमें उनके चूचे बहुत मस्त लग रहे थे.
मैं भाभी के मम्मों पर टूट पड़ा और उनके मम्मों को दबाने काटने लगा जिसकी वजह से भाभी आह आह करने लगीं.
उनकी मादक आवाजों से मुझमें और जोश चढ़ने लगा.
फिर भाभी बोलीं- आज मुझे रंडी की तरह चोदना भोसड़ी वाले … कुत्ते … साले हरामी … मुझे चोद कर रंडी बना माँ के लौड़े.
उनके मुँह से गालियां सुनकर मैं और जोश में आ गया.
मैंने भाभी के पेटीकोट को भी हटा दिया और उन्हें बिस्तर पर लिटा कर उनकी चुत सूँघने लगा.
भाभी की पैंटी गीली हो चुकी थी.
वे मादक आवाज में मेरे सर पर हाथ रखती हुई बोलीं- साले कुत्ते, ऊपर से ही मजे ले लेगा क्या?
अब मैंने भी बोला- साली रंडी … बहुत जल्दी है तुझे … रुक जा भैन की लौड़ी… आज धीरे धीरे ही तेरी सारी गर्मी उतार दूँगा … रंडी की जनी.
मेरी गालियां सुनकर भाभी खुश हो गईं और बोलीं- अब आया पटरी पर साले. चल शुरू हो जा!
मैंने भाभी की पैंटी हटा दी और अपने कपड़े भी अलग कर दिए.
मैं पूरा नंगा हो गया और भाभी को लंड चूसने का इशारा कर दिया.
वो थोड़ा हिचकिचा रही थीं.
मैंने कहा- साली रंडी … जल्दी चूस वरना जबरदस्ती मुँह में डाल दूंगा.
अब उन्होंने मेरे लंड का टोपा मुँह में ले लिया और तुरंत ही बाहर कर दिया.
इससे मुझे गुस्सा आ गया … और मैंने जबरदस्ती अपना पूरा लंड मुँह में घुसेड़ना चालू कर दिया.
भाभी मुझे धक्का देने लगीं, पर मैं नहीं माना और लंड अन्दर बाहर करने लगा.
फिर कुछ ही पलों बाद भाभी खुद ही लंड चूसने लगीं.
भाभी बोलीं- साले, खुद ही मज़ा लेता रहेगा या मुझे भी मज़ा देगा!
मैं कहा- चल आजा मेरी रांड.
फिर हम दोनों 69 की मुद्रा में आ गए और मैं भाभी की चुत पर किस करने लगा.
वो बहुत उत्तेजित हो गईं और आह आह करने लगीं.
मैंने अपनी पूरी जीभ उनकी चुत में डाल दी, इस वजह से भाभी ने मेरा लंड और तेजी से चूसना शुरू कर दिया.
हम दोनों में चुसाई का आलम पूरी गति पर आ गया था.
कुछ देर बाद भाभी ने लंड को चूसना बन्द कर दिया और सीधी होकर मेरे सर को अपनी चुत में दाबने लगीं.
वो बोलने लगीं- भोसड़ी वाले कुत्ते मेरी चुत को खा जा … आज इसकी पूरी गर्मी निकाल दे … आह आह और तेज चूस भोसड़ी वाले … आंह और तेज आह मज़ा आ गया … आज तो आज मेरी असली सुहागरात है … आज मैं खूब चुत मरवाऊंगी … आज मेरी चुत की मां बहन एक कर दे.
मैं भाभी की चुत पर मानो पिल पड़ा था.
थोड़ी देर भाभी की चुत का रस निकलने को हो गया और वो अकड़ने लगीं.
उन्होंने मेरे मुँह को अपनी चुत में दबा लिया और गांड उठा उठा कर अपनी चुत मेरे मुँह पर घिसने लगीं.
तभी चुत से रस गिरने लगा और मैंने उनकी चुत का सारा रस चाट लिया.
अब भाभी को चोदने की बारी आ गई थी.
मैं भाभी के ऊपर आ गया.
भाभी बोलीं- जल्दी डालो प्लीज़.
मैंने अपना लंड भाभी की चुत पर लगाया और अन्दर पेलने ही वाला था कि तभी मुझे कंडोम की याद आ गयी.
मैंने भाभी से कंडोम के लिए बोला, तो भाभी ने मना कर दिया.
मैंने कहा- भाभी सेफ्टी जरूरी है.
भाभी बोलीं- तुम क्या मुझे रंडी समझ रहे हो. मैंने अभी तक कभी वीर्य अन्दर नहीं लिया है, इसलिए कोई प्रॉब्लम नहीं है … अभी तक तो मेरी सुहागरात भी सही से नहीं बनी है.
मैंने पूछा- क्या मतलब?
भाभी बोलीं- वो सब मैं बाद में बताती हूँ … अभी मुझे चोद दो प्लीज़.
मैंने भी जल्दी से अपना लंड भाभी की चुत पर लगाया और एक धक्का लगा दिया.
पर लंड अन्दर नहीं गया.
एक बार और कोशिश की पर चुत की फांकें लंड अन्दर नहीं ले रही थीं.
फिर मैंने भाभी से तेल मांगा और अपने लंड पर लगा लिया.
भाभी की चुत तो पहले ही गीली थी मगर मैंने फिर भी उंगली से चुत में तेल लगा दिया.
मेरी उंगली चुत में गई तो भाभी को दर्द हुआ.
मैं कुछ सोच में पड़ गया कि क्या अब तक भाभी की चुत की सील ही नहीं खुली है.
फिर मैं दुबारा से चुत पर लंड सैट किया और फिर से धक्का लगा दिया.
इस बार पूरा लंड अन्दर घुसता चला गया और भाभी चीख पड़ीं.
मुझे उनकी चीख निकलने का अंदेशा था तो मैंने तुरंत भाभी के होंठ अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिए और किस चालू कर दी.
भाभी का मुँह बंद हो गया था.
इधर मैं उनकी चुत में झटके देता रहा.
भाभी मुझे हटाने के लिए धक्का दे रही थीं पर मैं नहीं रुका.
थोड़ी देर में भाभी नॉर्मल हो गईं और मजा लेने लगीं.
अब मैं बोला- क्यों भोसड़ी वाली साली ऐसे रंडी बनेगी … भैन की लौड़ी चिल्ला चिल्ला कर रो रही थी … क्या हुआ तेरी दम निकल गयी बहन की लौड़ी साली कुतिया रांड छिनाल. ले लंड खा …
भाभी कुछ नहीं बोलीं. बस आंह आंह करती रहीं.
मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और भाभी की चुत फाड़ चुदाई फुल स्पीड पर करना शुरू कर दी.
भाभी सिर्फ ‘आह आह आह …’ करे जा रही थीं.
बीस मिनट तक धकापेल चुदाई के बाद अब मैं निकलने वाला था.
मैंने झटके और तेज कर दिए और भाभी की चुत में ही झड़ गया.
झड़ कर मैं भाभी के ऊपर ही लेटा रहा और थोड़ी देर अलग होकर भाभी के मुँह में लंड डालने लगा.
भाभी ने लंड चूसना शुरू कर दिया. उनकी लंड चुसाई से लंड कुछ ही देर में फिर से लोहा हो गया.
एक बार फिर से भाभी की देसी चुदाई का सीन बन गया.
दोस्तो भाभी के साथ असली चुदाई तो अब शुरू हुई थी. उसमें बहुत मज़ा आया था.
आपको भाभी की देसी चुदाई कहानी में मजा आया या नहीं? मुझे मेल ज़रूर कीजिएगा.
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