बहन की देसी सेक्सी चूत का मजा मुझे दिया मेरी बुआ की बेटी ने. मैंने उसे बड़ी मेहनत से पटाया और चुदाई के लिए राजी किया. एक बार खुली तो वह खुल कर चुदाई करने लगी.
दोस्तो, मेरा नाम मीत है. मैं बीस साल का हूँ. मेरा रंग गोरा है व मेरी हाईट छह फुट की है.
मेरी बहुत सारी गर्लफ्रेंड्स रह चुकी हैं और मैंने उन सभी को चोदा है.
शायद इसी लिए मुझे लड़कियों की चुदने की लालसा का जल्दी पता चल जाता है और मैं उन्हें काफी जल्दी पटा कर अपने लौड़े के नीचे ले लेता हूँ.
ये सेक्स कहानी एक साल पहले की उस वक्त है जब मैंने मेरी सगी बुआ की लड़की नेहा को रात को अपनी चारपाई पर चोदा था.
मैं इस सेक्स कहानी में बहन की देसी सेक्सी चूत का मजा मैंने लिया, वह बिल्कुल सच है.
पहले मैं आपको अपनी बहन नेहा के बारे में बता देता हूँ.
नेहा अक्सर गर्मियों की छुट्टी में हमारे घर आती थी.
शुरुआत में उसका रंग सांवला था.
शायद इसी वजह से मैंने कभी भी उसे वासना की नजर से नहीं देखा था.
फिर कुछ ऐसा हुआ कि वह दो साल हमारे घर नहीं आई.
जब वह दो साल के बाद आई तो मैं उसे देखता ही रह गया.
उसका जिस्म बड़ा ही गजब का हो चुका था. उसका फिगर 32-28-34 का पका हुआ माल जैसा हो चुका था.
मैं उसे देख कर उसका फैन हो गया था. उसके चूचे इतने बड़े बड़े हो चुके थे कि लंड ने लोअर में फनफनाना शुरू कर दिया था.
मैंने ध्यान से देखा कि उसके दूध उसके चुस्त कुर्ती में से बाहर आने को बेताब दिख रहे थे.
उसका मदमस्त खिला हुआ जोवन देख कर मुझसे रहा नहीं गया. मैं उसी वक्त बाथरूम में गया और उसके नाम की मुठ मार आया. जब लौड़े का रस निकल गया तब जाकर मैं थोड़ा शांत हुआ.
बाहर आकर मैंने उसे देखा तो वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी. मैं घबरा गया कि कहीं इसने ताड़ तो नहीं लिया कि मैं बाथरूम में क्यों गया था.
मैंने कुछ देर उससे बात की और उसके बाद मैं निकल गया.
अब वह जब भी मेरे साथ बात करती थी तो बड़ी सहज रहती थी. जबकि मैं उसे देख कर एकदम असहज हो जाता.
दो तीन दिन ऐसे ही निकल गए.
तीसरे दिन मैं अपने कमरे में बैठा अपनी एक गर्लफ्रेंड से बात कर रहा था. उस समय मैं वीडियो कॉल पर था.
उसी समय नेहा मेरे कमरे में आकर मेरे पास बैठ गई और मेरी गर्लफ्रेंड से बात करने लगी.
मैं चारपाई पर बैठा था.
वह बिल्कुल मेरे पास ही आकर बैठ गई.
उसके जिस्म की गर्मी मुझे झुलसाने लगी.
पहले ही गर्लफ्रेंड से सेक्सी बातें करके और वीडियो कॉल पर उसके मदमस्त जिस्म के नजारे लेकर मैं हॉर्नी था.
अब बाजू में मेरी बहन थी जो कि मुझे और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी और मेरे शरीर से सट कर बैठी थी.
इस वजह से मेरा लौड़ा लोवर में से बाहर आने को हो गया था.
मैंने जल्दी से मेरी गर्लफ्रेंड को बाय बोल दिया और अब हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.
हम दोनों ऐसे ही कुछ कुछ बातें करने में लगे थे.
पर बातों में मेरा कोई इन्टरेस्ट नहीं था; मेरी नजर तो उसके चूचों पर ही टिकी थी.
मेरा मन कर रहा था कि उसके दोनों दूध पकड़ कर दबा लूँ और चूस लूँ.
फिर मैंने हिम्मत करके उसको अपनी बांहों में ले लिया.
वह आराम से मेरे सीने से चिपक कर बातें करने लगी.
मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई और मैंने अपने अनुभव के आधार पर ये समझ लिया कि इसको मेरा साथ अच्छा लग रहा है. वरना कोई भी जवान लड़की किसी जवान लड़के के साथ ऐसे चिपक कर बात नहीं करती है.
ये सोचते ही मैंने उसके चूचे दबा दिए.
वह बोली- मीत, तू ये क्या कर रहा है?
मैंने उसकी बात को अनसुना किया और जबरदस्ती उसके ऊपर आकर उसको किस करने लगा.
मेरा अंदाजा था कि शुरू शुरू में लड़की मना करती ही है, बाद में वह खुद ही उछल उछल कर लंड लेने को मचलती है.
मगर मेरा अंदाजा इस बार कुछ गलत साबित हो गया.
नेहा गुस्से में बोली- मीत हट मेरे ऊपर से … जाने दे मेरे को!
मैंने उसे छोड़ दिया और वह वहां से चली गई.
उसका ये रवैया देख कर मेरी गांड फट गई कि कहीं नेहा सभी को बता न दे.
मैं अपने कमरे में ही लेटा रहा.
शाम को मैं अपने कमरे से बाहर आया और देखा तो सब नॉर्मल था.
अगले दिन वह फिर से मेरे कमरे में आई.
आज मैं भी चुप था और वह भी चुप थी.
मैंने उससे सॉरी बोलते हुए कहा- मैं तेरे से प्यार करता हूँ.
वह बोली- पागल … हम दोनों भाई बहन हैं. मैं तेरी बुआ की लड़की हूँ. ये नहीं हो सकता है.
मैंने कहा- उससे कुछ नहीं होता. मैं तेरे से प्यार करता हूँ … बस मुझे इतना पता है.
यह कह कर मैंने उसको अपनी बांहों में खींच लिया और उसे किस करने लगा.
वह मेरा साथ नहीं दे रही थी.
फिर थोड़ी देर बाद वह वहां से चली गई.
उस टाइम हमारे बीच कुछ नहीं हुआ.
वह थोड़े दिनों बाद अपने घर चली गई.
फिर तीन चार महीनों बाद मैं बुआ के घर आ गया.
मैं एक महीने के लिए आया था.
वह मुझे देख कर बहुत खुश हुई.
उसने उसी दिन मुझे अकेले में किस भी दिया, वह भी अपनी मर्जी से.
मैं बहुत खुश हुआ.
बुआ के घर में रात को सभी एक साथ सोते थे.
मेरी बुआ का लड़का, बुआ, नेहा और मैं सब एक कमरे में ही सोते थे.
मेरे फूफा बाहर रहते थे. वे दो तीन दिन में आते थे.
नेहा की चारपाई मेरी चारपाई के साइड में ही होती थी.
मैं सभी के सोने की प्रतीक्षा करता, जब सभी सो जाते तो मैं नेहा को उठा देता था.
फिर हम एक दूसरे को बहुत किस करते.
नेहा इससे ज्यादा मुझे कुछ और नहीं करने देती.
पांच दिन तक ऐसा ही चला.
फिर छठे दिन मैं नेहा से गुस्सा हो गया.
उस रात नेहा ने मुझे उठाया.
मैंने उससे कहा- मेरे से मत बोल!
वह बोली- क्या हुआ?
मैंने बोला- तू किस के अलावा मुझे कुछ नहीं करने देती. मेरे से मत बोल!
वह बोली- क्या करना है?
मैंने कहा कि चूची पीनी है.
वह बोली- ठीक है, पी ले.
मैंने उस रात उसकी चूचियों को बड़ा जोरदार तरीके से मसला और चूसा … आह मजा ही आ गया.
वह बोली- इसके अलावा और कुछ नहीं चाहिए?
मैंने कहा- अभी इतना ही ठीक है. तेरी चूची चूसने को मिल रही है, वो ही बहुत है.
वह हंस दी.
मैंने चार पांच दिनों तक ऐसा ही किया.
फिर मैंने कहा- अब कुछ और भी दे.
उसने पूछा- क्या और दूँ?
मैंने कहा- उस दिन तो पूछ रही थी कि और क्या चाहिए?
वह इठला कर बोली- मुझे याद नहीं आ रहा कि मैंने किस चीज के लिए पूछा था?
मैंने कहा- चल मेरी चारपाई पर आ, मैं सब बता देता हूँ कि क्या चाहिए?
वह हंस कर बोली- नहीं, पहले बता दो कि क्या चाहिए?
मैंने कहा- मुझे तुझे चोदना है.
वह बोली- नहीं, ऐसा कुछ नहीं हो सकता है.
फिर मैंने उससे कहा- तो बस आज से तेरी मेरी कट्टी.
मैं उससे सारे दिन नहीं बोला.
वह रात को बोली- ठीक है, मैं रात को तेरी चारपाई पर आऊंगी. लेकिन पांच मिनट के लिए.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने मन में सोचा कि साली ये तो सही फिर देखता हूँ. एक बार लंड देख लेगी तो बाद में चूत खोल ही देगी.
वह उस रात मेरी चारपाई पर आ गई.
मैंने जल्दी से उसकी सलवार निकाल कर पैंटी भी निकाल दी और उसकी कुंवारी चूत में अपना लंड दे दिया.
वह दर्द से तड़फ रही थी और वह मेरे सीने से चिपक गई थी.
वह चिल्ला भी नहीं सकती थी.
पर वह गुस्से में मेरे कान में बोली- बहनचोद आराम से चोद ले … आखिर मैं हूँ तो तेरी बहन ही … आराम से चोद ले बहन के लौड़े.
मेरा पूरा लौड़ा उसकी चूत में अन्दर तक चला गया था.
अब मैं आराम आराम से उसको ऊपर नीचे करते हुए चोद रहा था.
कुछ देर बाद उसको भी मजा आने लगा था तो वह भी आराम आराम से अपनी गांड उठा उठा कर चुदने लगी थी और धीमी आवाज में ‘आह उई उई …’ कर रही थी.
मैंने कहा- बड़ा मजा दे रही है साली रंडी … कितनी देर तक ले लेगी?
वह बोली- साले, तूने पांच मिनट की काही थी, जल्दी उतर लौड़े … कोई जाग गया तो मां चुद जाएगी.
मगर मैं कहां हटने वाला था.
वह मेरे लौड़े से काफी देर तक चुदती रही.
उसके बाद मैं उसके पेट पर झड़ गया और चुपके से बिना आवाज किए अपने बिस्तर पर आ गया.
फिर एक दिन हमें खुल कर चुदाई करने का मौका मिला.
दो दिन बाद फूफा जी बुआ जी और बुआ का लड़का, मेरी दूसरी बुआ के घर चले गए.
बुआ फूफा जी को मेरे घर में रहने से कुछ बेफिक्री हो गई थी.
तो बुआ और फूफा जी ने बड़ी बुआ से मिलने का प्रोग्राम बना लिया था.
वे सब लोग दिन में चले गए थे.
हम दोनों ही इतने ज़्यादा खुश थे कि क्या बताएं.
मगर बाजू में बुआ जी के जेठ का घर था.
तो दिन में कुछ नहीं किया जा सकता था; कोई भी आ सकता था.
नेहा ने शाम को खाना बनाया और खाना खाया.
उसके बाद घर का सारा काम खत्म किया.
रात को सिर्फ हम दो ही घर मे रहने वाले थे और कोई भी नहीं आने वाला था.
मैंने नेहा को बेड पर लिटाया और उसको बिल्कुल नंगी कर दिया.
वह भी चुदासी थी और अपनी चूत की झांटें आदि साफ करके मेरे साने नंगी चित पड़ी थी.
उसकी चूत और उसका बदन एकदम चिकना था.
मैं भी बिल्कुल नंगा हो गया और हम दोनों खटिया पर लेट कर एक दूसरे को किस करने लगे.
हम दोनों पागलों की तरह गुत्थम गुत्था हो गए थे.
मैं उसकी सांवली सी चूत को चाटने लगा. वह टांगें उठा कर तड़प रही थी.
उसके कंठ से सिर्फ ‘आह आह चाट ले बहनचोद आह …’ ऐसी आवाजें आ रही थीं.
जल्द ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था. मैं उसकी चूत का सारा पानी पी गया.
अब वह मेरा लौड़ा चूसने लगी थी.
वह जबरदस्त लौड़ा चूस रही थी.
मेरा भी थोड़ी देर में पानी बाहर आ गया. वह भी मेरा सारा पानी पी गई.
कुछ देर बाद वापस गर्मी चढ़ गई और अब मैंने उसकी चूत पर लंड रख कर अन्दर पेल दिया.
वह दर्द में मुझको गाली दे रही थी- आह बहनचोद आराम से चोद ले … कहां भागी जा रही हूँ मैं … भोसड़ी के क्यों मेरी चूत फाड़ रहा है कुत्ते … मारेगा क्या … आह आराम से चोद ले.
मैं तो पागल हो चुका था तो जोर जोर से उसे चोदे जा रहा था.
कुछ 15 मिनट चोदने के बाद मैंने उसके मुँह में लंड दे दिया और सारा पानी उसे ही पिला दिया.
उस रात मैंने उसे पांच बार चोदा.
उसके बाद मैंने उसको बहुत बार चोदा.
तो दोस्तो, कैसी लगी बहन की देसी सेक्सी चूत की सेक्स स्टोरी?
आशा करता हूँ कि आपको मेरी फुफेरी बहन की चुदाई की कहानी पसंद आई होगी.
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