अनजान औरत सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं सड़क पर चल रहा था तो एक गाड़ी मेरे पास रुकी. उसमें से एक भाभी ने मुझसे बात की और मुझे अपने साथ ले गयी.
दोस्तो, आप सभी को नमस्कार.
मेरा नाम विवेक मौर्य है और मैं वाराणसी का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 21 साल है और हाइट करीब 6 फीट है. मैं शरीर से ठीक-ठाक हूं.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जो बिल्कुल सच्ची घटना है.
बात उन दिनों की है, जब मुझे जॉब की बहुत ज्यादा जरूरत थी. मेरा बी एस सी नर्सिंग कंप्लीट हो चुका था.
मैं जॉब की तलाश में इंटरव्यू देने के लिए दिल्ली जाकर एक कमरा लेकर रहने लगा था.
तो अनजान औरत सेक्स कहानी का मजा लें.
एक दिन मैं अपोलो हॉस्पिटल दिल्ली गया था.
सरोजनी नगर में मेरा एक दोस्त रहता है … मैं इंटरव्यू देने के बाद मैं उसके यहां जा रहा था.
तब रात के करीब 9:00 बजे थे. रोड पर काफी कम ट्रेफिक था.
तभी अचानक से एक गाड़ी आई और मेरे बगल में रुक गई.
मैंने सोचा कि लगता है, ये मुझसे कुछ रास्ता आदि पूछेगा.
फिर मैंने देखा तो गाड़ी से एक बहुत ही खूबसूरत महिला ने शीशा नीचे किया और अपना हाथ हिला कर मुझे करीब आने जैसा इशारा किया.
जब मैं उसके पास गया, तो वह बोली- चलोगे क्या?
मैंने अचकचा कर पूछा- कहां?
तो वह मुझे ध्यान से देखने लगी और गाड़ी से बाहर निकल आई.
मैंने देखा, वह करीब 5 फुट 8 इंच की शादीशुदा महिला थी और दिखने में बहुत खूबसूरत थी.
उसने लाल रंग की लिपस्टिक लगाई थी और नील रंग की साड़ी पहनी थी.
वह बहुत हॉट लग रही थी, उसके बूब्स काफी बड़े और एकदम मस्त लग रहे थे.
मैं बड़ी ही प्यासी नजरों से उसके सेक्सी दूध देख रहा था.
वह बोली- तुम कॉल बॉय हो?
मैंने कहा- जी नहीं.
उसने आगे कहा- काम करोगे?
मैंने कहा- क्या काम?
वो अपने दूध उठाती हुई बोली- मेरी चुदाई करोगे?
मैंने उसकी चूचियां देखने लगा.
वह दूध हिलाती हुई बोली- रात भर के लिए चलोगे तो पूरे 4000 दूंगी!
यह सुनकर मैंने कुछ देर सोचा, फिर उसकी तरफ एक नजर देखा.
उसको देखने के बाद मेरा मन हां करने को हुआ और मैंने हां कह दिया.
उसकी अदाएं बहुत ही सेक्सी थीं.
मेरे मन में बहुत डर सा था कि मैं कहीं फंस ना जाऊँ.
तभी उसने गाड़ी मे बैठ कर अपनी बगल का दरवाजा खोला और मुझे अन्दर आने को कहा.
मैं यंत्रवत सा उसकी गाड़ी में घुसा और उसके बगल वाली सीट पर बैठ गया.
उसने अगले ही पल कार को गति दे दी.
वह सामने देख कर ड्राइविंग कर रही थी, मुझसे उसने एक शब्द भी नहीं बोला.
मैं बस उसकी चूचियां देखता रहा.
कुछ बीस मिनट चलने के बाद उसने एक बड़े से बंगले के सामने गाड़ी रोक दी और हॉर्न बजाया.
दरबान ने गेट खोला और उसने गाड़ी अन्दर बढ़ा दी.
अन्दर जाकर उसने एक पोर्च में गाड़ी रोकी और मुझसे बोली- चलो, नीचे उतरो.
मैं नीचे उतर कर उसके साथ चल दिया. वह मुझे बंगले के अन्दर ले गई.
देखने में बंगला काफी आलीशान था, बहुत ही खूबसूरत लग रहा था.
वहां जाने के बाद मैंने देखा उसके घर में कोई नजर नहीं आ रहा था.
मैंने पूछा- क्या आप अकेली रहती हैं?
उसने बताया- नहीं … मेरे सास ससुर और देवरानी रिलेशन में शादी में गए हैं.
उसके बाद वह मुझे अपने बेडरूम में ले गई.
मुझे सोफ़े पर बैठने का कह कर उसने पूछा- आप क्या लोगे?
मैंने कहा- मुझे भूख लगी है, खाना खाना है.
मेरे मुँह से खाना की सुनकर उसने मेरी तरफ हैरानी से देखा और हल्की सी मुस्कान के साथ अपना सर हिलाती हुई ओके कह कर अन्दर चली गई.
उसके बाद उसने खाना लगा कर मुझे आवाज दी.
मैं अन्दर गया तो हैरान रह गया.
बड़ा ही शानदार हॉल था और उधर एक बड़ी सी डाइनिंग टेबल लगी थी.
उसने एक कुर्सी पर बैठने का इशारा किया और हम दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने लगे.
बड़ा ही स्वादिष्ट भोजन था; मैंने छक कर खाया.
उसके बाद वह मुझे अपने बेडरूम में ले गई और मुझसे बोली- तुम दो मिनट यहीं रुको, मैं आती हूं.
मैं उसके बेडरूम में इंतजार करता रहा.
करीब 5 मिनट बाद वह आई.
उसको देखकर मेरे आंखें खुली की खुली रह गईं.
वह एक हाफ जींस और टॉप पहन कर आई थी.
उसकी बॉडी पर एक भी बाल नहीं था. उसके टॉप में बूब्स बड़े उभरे हुए थे और बहुत ही मस्त लग रहे थे.
मैं उन्हें देख ही रहा था कि वह मेरे बगल में आकर कब बैठ गई, मुझे पता ही नहीं चला.
फिर हम दोनों ने बातचीत की तो उसने बताया कि उसका पति विदेश में है और 2 साल से घर नहीं आया है.
इतना कहकर उसने मुझको कसकर पकड़ लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करने लगी.
अब मैं भी उसके होंठों को चूसने लगा और उसका साथ देने लगा था.
फिर धीरे-धीरे मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और वह मेरे होंठों को कसके चूसने लगी.
मैं उसके मम्मों को कसके मसलने लगा था, तो उसे दर्द हो रहा था.
वह बोली- आह आराम से करो न.
कुछ देर बाद मैंने उसके कपड़ों को उतार दिया. उसने अन्दर लाल रंग की ब्रा पहनी थी. उसकी चूचियां अभी बिल्कुल टाइट थीं और बेहद गर्म थीं.
वह मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी.
मैंने भी उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स मसलते हुए उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
वह आ उह आह कर रही थी.
मेरा मन और जोश में आता जा रहा था.
कुछ देर बाद उसने मेरी पैंट निकाल दी और मेरे अंडरवियर को नीचे करके मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
कुछ देर ऐसे ही चूसने के बाद मैंने उसके नीचे का हाफ जींस पैंट को उतार दिया और देखा कि उसने नीचे काली पैंटी पहनी है.
मैंने हाथ से उसकी चुत को टच करते हुए उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चुत को चाटने लगा.
वह अपनी दोनों टांगें फैला कर चुत उठाती हुई मेरे मुँह में दिए जा रही थी और मादक आवाज में कह रही थी- आह खा जाओ … और जोर से चाटो … अच्छा लग रहा है … आह अपनी जीभ को अन्दर तक डाल दो.
मैं 5 मिनट तक चुत को चाटता रहा.
उसके बाद वो कहने लगी- अब और मत तड़पाओ … जल्दी से डाल दो.
ऐसा कहकर वह फिर से मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
वह बोल रही थी- तुम्हारा लंड बहुत बड़ा और मोटा है. जल्दी से मेरी चुत में डाल दो.
फिर मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और लंड के टोपे को उसकी चुत के मुँह पर रख कर रगड़ने लगा.
वह सुपारे की गर्मी से अकुला गई और चुदासी रांड सी कहने लगी- आह साले अब और देर ना कर … तड़पा मत … जल्दी से डाल दो प्लीज.
मैंने देर ना करते हुए एक जोरदार झटका दे मारा और मेरा आधा लंड उसकी चुत में पेल दिया.
वह पहले तो एकदम से चिल्लाई.
मैं रुक गया.
फिर धीरे-धीरे लौड़े को आगे पीछे करने लगा. अब वह थोड़ी शांत हो गई थी, तो मैंने फिर एक जोरदार झटका मारा.
इस बार मैंने पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया और जोर जोर से धक्का मारने लगा.
अब उसे भी मज़ा आने लगा था.
वह कहने लगी- डाल दो पूरा आज मेरी प्यास बुझा दो … बहुत दिनों से तड़प रही हूं.
मैं उसको जोर-जोर से चोद रहा था और हाथ से उसके दूध दबा रहा था.
वह ‘आ आह ऊ उई मां आ …’ करती हुई चुदवा रही थी.
ऐसे ही 15 मिनट तक पेलमपाली करने के बाद अब उसका निकलने वाला था.
उसने मुझको कसके जकड़ लिया और कहने लगी- आह और तेज … और तेज … आह पूरा डाल दो, फाड़ दो.
फिर वो झड़ गई और उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया.
मैंने अभी झड़ने से बहुत दूर था. सच तो ये था कि मेरे लंड को झड़ने में काफी टाइम लगता है.
हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और मैं उसके मम्मों को दबा रहा था.
उसने पूछा- तुम्हारा हो गया?
मैंने कहा- अभी नहीं.
वो हैरानी से मेरी तरफ देखने लगी और बोली- कमाल है. इतनी देर में भी नहीं हुआ?
मैंने कहा- मुझे टाइम लगता है.
वो कुछ नहीं बोली.
मैं उसकी चुत सहलाने लगा और चुत में उंगली से मालिश भी कर रहा था.
कुछ देर बाद वह फिर से गर्म हो गई. उसने कहा- इस बार तुम जिस तरह से चाहो, मैं वैसे ही हो जाऊँगी.
मैंने उसको डॉगी स्टाइल में किया और पीछे से लौड़े को काम पर लगा दिया.
वो मस्त हो गई और अपनी गांड हिलाने लगी. लंड को अन्दर बाहर करवाने लगी.
मैंने उसकी पीठ पर चढ़ कर उसकी चूचियां पकड़ लीं और उसकी चुत को दबादब चोदने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और अलग होकर बैठ गए.
उसने मेरी तरफ देखा और अपना मुँह झुका कर मेरे लौड़े को अपने मुँह में भर लिया.
वो दस मिनट तक मेरे लंड को चाटती रही.
लंड खड़ा हो गया.
उसके बाद मैंने उसे अपने ऊपर बिठाया और लंड पेल कर गांड उछालने लगा.
वह अपनी गांड उठा उठा कर चुत की खुजली मिटवा रही थी.
मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसकी चूचियां मसलते हुए मजा लेने लगा.
करीब 20 मिनट बाद मेरा माल निकलने वाला था, तो मैंने पूछा- कहां निकालूं?
उसने फटाक से मेरे ऊपर से उतार कर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और बोली- मेरे मुँह में निकाल दो.
मैंने उसके मुँह में ही अपना वीर्य निकाल दिया.
वह सब पी गई.
उसके बाद कुछ देर तक हम लोग लेटे रहे.
फिर हमने रात में तीन बार चुत चुदाई का मजा लिया.
अनजान औरत सेक्स के बाद हम सो गए.
सुबह उसने मुझे उठाया और कपड़े पहनने का कहा.
मैं कपड़े पहन कर आने लगा, तो उसने मुझे कहा- मुझे तुम्हारे साथ बहुत मजा आया.
उसने मेरा मोबाईल नंबर ले लिया और बोली- तुम लंबी रेस के घोड़े हो … सुपर कॉल बॉय बन सकते हो … यदि बन जाओगे तो मैं तुमको कस्टमर दूंगी.
मैं हंस दिया और उसको अपना नंबर देकर बंगले से बाहर निकलने लगा.
वो बोली- इधर से नहीं, पीछे वाले रास्ते से निकलो.
वो मुझे पीछे की तरफ ले गई और उधर से एक गली में रास्ता खुलता था, उधर से उसने मुझे बाहर का रास्ता दिखा दिया.
मैं जाने लगा तो बोली- आज रात को आना चाहो, तो मुझे फोन करना … मैं इसी रास्ते से तुम्हारा इंतजार करूंगी.
मैं हामी भर कर वापस अपने कमरे पर चला आया.
उस रात को उसके साथ रमण सुख लिया और उसकी संगत का असर ये हुआ कि अब तक मैं बहुत सी कस्टमर को अपनी सर्विस दे चुका हूं.
वह भी मुझे कई बार बुला चुकी है.
इस तरह मैं कॉल बॉय बन गया.
आपको अनजान औरत सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं.
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