छोड़कर सामग्री पर जाएँ

सेक्स की लत में दीदी ने मेरी मदद की- 2

  • द्वारा


एनल गर्ल लिक कहानी में मैंने बताया है कि मुझे अपने कॉलेज में लड़कियों की गांड चाटने, चोदने की लत लग चुकी थी। मेरी दीदी मुझे रोका और अपने जिस्म के साथ मुझे मजा लेने दिया.

दोस्तो, मैं लकी!

कहानी के पहले भाग
कॉलेज की लड़कियों ने मुझे सेक्स की लत लगायी
में अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे कॉलेज की दोस्त राशिदा और उसकी सहेलियों ने मुझे गांड चाटने और चुदाई की लत लगा दी थी।
एक दिन मैं कॉलेज में लड़कियों की चूत चोदकर उनकी चूत का पेशाब पी रहा था, तो दीदी ने मुझे देख लिया!

अब आगे एनल गर्ल लिक कहानी:

शाम को जब मैं घर गया तो दीदी खाना बना रही थी।
पापा अभी तक नहीं लौटे थे तो मैं सीधा अपने कमरे में चला गया।

थोड़ी देर बाद दीदी ने आवाज लगाई- लकी, खाना खा लो!
लेकिन मैं पापा के डर से नहीं गया कि कहीं दीदी ने पापा को वो सब ना बता दिया हो।

फिर दीदी खाना लेकर मेरे कमरे में आ गई और बोली- खाना खा लो।
मैं दीदी को देखकर रोने लगा।

दीदी बोली- पहले खाना खा लो, फिर बात करेंगे।
और दीदी खाना मेज पर रख कर चली गई।

रात को सोते हुए दीदी ने मुझे जगाया।

मैंने दीदी को देखकर कहा- दीदी, आपको क्या हुआ?
दीदी बोली- आज सुबह कॉलेज में जो हुआ, वो ग़लत है। ये सब बंद कर दो।

फिर मैं दीदी के पैरों में गिर गया तो दीदी ने मुझे गले लगा लिया।

मैं बोला- दीदी, मैंने बहुत कोशिश की ये सब छोड़ने की, लेकिन नहीं कर पाया मैं। मुझे सेक्स की लत लग चुकी है, नहीं रुका जाता मुझसे!

वे बोली- तू कोशिश तो कर, मैं तेरी मदद करूंगी।
फिर मैं दीदी की बात मान गया और सो गया।

अगले दिन फिर से मेरी हालत खराब होने लगी।
मुझे बार बार सेक्स की याद आ रही थी और साथ ही नशे की भी।

किसी तरह दिन कट गया।
फिर रात हुई।

दीदी मेरे साथ सोई हुई थी।
मैंने रात में देखा कि दीदी की गांड मेरी तरफ ही थी।

गांड देखकर मैं पागल होने लगा मुझे एनल गर्ल लिक करने का मन होने लगा.
मैं सलवार के ऊपर से ही दीदी की गांड को चाटने लगा।

वे उठ गई और बोली- यह क्या कर रहे हो लकी!

फिर मैं होश में आया और मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आया।
मैं लंड को निकाल कर उसे खींचने मरोड़ने लगा, कि सब इसी के कारण हो रहा है।

दीदी ने मुझे रोका और बोली- शांत हो जाओ।
मैं फिर से रोने लगा.
दीदी ने मुझे चुप कराया।

मैं बोला- मुझे आपको देखकर गंदे ख्याल आ रहे थे। अबकी बार मैं अपनी जान दे दूंगा।
वे बोली- तू ऐसा कुछ नहीं करेगा, शांत हो जा!

इतना बोल कर दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया और मेरे लंड को सहलाने लगी।

मैंने दीदी को रोकना चाहा पर दीदी बोली- लकी, इससे तुम्हें आराम मिलेगा।

अब मुझे भी मजा आने लगा था।
मैं अपनी आंखें बंद कर लेटा रहा।
दीदी मेरा लंड सहलाती रही।

थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया।
दीदी ने अपने दुपट्टे से मेरा लन्ड साफ कर मेरा लोवर ऊपर कर दिया।

अब मुझे रिलेक्स महसूस हो रहा था।

फिर मुझे पता ही नहीं चला मुझे कब नींद आ गई।

सुबह मुझे दीदी ने कॉलेज के लिए तैयार होने का बोल कर उठाया।
अब मैं दीदी से नजरें नहीं मिला पा रहा था।

दीदी बोली- लकी, तू मुझसे सही से बात नहीं कर रहा! रात जो हुआ मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं, आखिर एक बहन अपने प्यारे भाई के लिए इतना तो कर सकती है।

फिर मैंने भी उन लड़कियों से बात करना छोड़ दिया।
अब शायद उनका मन भी मुझसे भर गया था।

अब रात को दीदी मेरे पास सोती और मेरा लंड पकड़ कर मेरा पानी निकाल देती।

धीरे धीरे मेरा मन दीदी को चोदने का करने लगा।
मैं सोचता रहता कि दीदी की गांड कैसी होगी, उनकी सीलपैक चूत चोदने में कितना मजा आएगा।

मैंने दीदी के प्यार का फायदा उठाकर उनको मजबूर करने की सोची।
तब मैंने दीदी को एक वीडियो दिखाया जिसमें हाथ से लंड हिलाने, या मुठ मारने के नुकसान के बारे में था कि कैसे इससे लंड की नसें कमजोर हो जाती हैं।

वीडियो देख दीदी बोली- तो आज से बंद कर देते हैं ये सब!
फिर मैंने कहा- लेकिन दीदी, मुझे लंड शांत हुए बिना नींद नहीं आती है।

वे बोली- तो फिर क्या करें!

मैंने कहा- दीदी, मुझे आपके साथ वो सब करना है।
वे बोली- पागल हो गया है क्या तू?

मुझ डांटकर दीदी दूसरी तरफ मुंह करके सोने लगी।

मैं भी सोने की कोशिश करने लगा लेकिन दीदी की गांड देखकर मुझे नींद नहीं आ रही थी।
तो मैं दीदी की गांड पर हाथ फेरने लगा।

दीदी ने उठकर मुझे थप्पड़ मारा।
फिर वे उठकर दूसरे रूम में चली गई जिससे मुझे बहुत गुस्सा आया।

मैं जैसे तैसे मन मारकर सोने की कोशिश करने लगा।

अगले दिन फिर मैं दीदी से कॉलेज में दूर रहने लगा।
यह सब देखकर राशिदा और उसकी सहेलियां मेरे आसपास घूमने लगीं।

मैं दीदी को जलाने के लिए उनके पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा।
वे बोलीं- आ गई हमारी गांड की याद?

दीदी ने ये सब देखा और उनके पास से हटने को कहा।

राशिदा बोली- इतनी ही चिंता है तो अपनी गांड चटवा दे इसको!
दीदी बोली- मैं तुम्हारे जैसी नहीं हूं, मुझे रिश्तों और इज्जत का ख्याल है।

फिर हम लोग घर आ गए।

मैंने दीदी से कहा- या तो आप मुझे अपने साथ करने दो, नहीं तो फिर मुझे उनके पैरों में पड़ा रहने दो।

मेरी बात सुनकर वो रोने लगी और बोली- मैं तेरे साथ नहीं कर सकती। हम भाई-बहन हैं। और अगर तू उन लड़कियों के पास जाएगा तो वे तुझे बर्बाद कर देंगी।
मैं नहीं माना और बोला- मैं अपनी जान दे दूंगा।

फिर मैं घर से बाहर निकल गया और शाम को लौटा।
पापा भी आ चुके थे।

दीदी खाना बना रही थी।
मैं अपने कमरे में चला गया।

दीदी मुझे खाना खाने के लिए बुलाने आई लेकिन मैंने मना कर दिया कि भूख नहीं है।
वे बोली- नहीं खाएगा तो पापा सवाल करेंगे।

फिर मैं खाना खाने आ गया।
मैं खाकर फिर रूम में चला गया।

रात को दीदी मेरे पास आई और मुझे समझाने लगी- अगर किसी को इस बारे में पता चला तो हमारी कितनी बदनामी होगी, हम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।

मैंने दीदी से कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और आपको पाना चाहता हूं।

दीदी कुछ देर चुप रही फिर बोली- लकी, इस सब में बहुत खतरा है। अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो?
मैंने कहा- गोली ले लेना, उससे बच्चा नहीं होता।
दीदी बोली- मुझे पता है लेकिन उससे लड़कियां बांझ भी हो सकती हैं।

मैंने कहा- तो मैं कंडोम लगा लूंगा।
दीदी बोली- नहीं, तुम्हारा भरोसा नहीं है। तुम ऊपर से ही कर लो जो करना है, अंदर नहीं देना।

यह सुनकर मैं तो खुश हो गया।
मैं पकड़ कर दीदी के होंठों को चूसने लगा।
वे भी मेरा साथ देने लगी।

धीरे धीरे मैंने दीदी के सारे कपड़े उतार दिए।

अब मैं दीदी की चूचियां दबा कर चूसने लगा।

मैंने दीदी की चूचियां मसल कर लाल कर दीं।

दीदी बोली- लकी, धीरे धीरे करो, मैं कहीं भागी नहीं जा रही।

चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की नाभि चूसने लगा।
दीदी आंखें बंद किए मज़ा ले रही थी।

अब मैंने दीदी की चूत को देखा।
दीदी की चूत एकदम सील बंद थी; दीदी की चूत छोटी सी, और गुलाबी रंग की थी।

अब दीदी की चूत गीली होने लगी थी।
मैंने अपना मुंह दीदी की सील पैक चूत पर रख दिया और चूत चाटने लगा।

दीदी एकदम होश में आई और बोली- यह गंदी है, इसे मत चाट!
मगर मैंने दीदी की एक ना सुनी।

दीदी के मुंह से आवाज आती रही- मत चाट … ये गंदी जगह है … आहह … मत चाट … छोड़ दे … आह्ह मर गई।
इतने में दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया।

मैं दीदी की सील पैक चूत का सारा पानी चाट गया।
उनकी चूत का पानी बहुत स्वादिष्ट था।

वे लंबी सांसें लेने लगी, बोली- अब तो खुश है ना?
मैंने कहा- अभी मेरा पानी नहीं निकला है।
वो बोली- मैं हाथ से कर देती हूं।

मैंने कहा- नहीं, मुझे मजा नहीं आता।
वे बोली- चूत में तो नहीं डालने दूंगी।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, और भी तो छेद हैं उसके अलावा!
तब मैंने दीदी की गांड की ओर इशारा कर दिया।

वे बोली- नहीं, गंदी जगह है। इससे अच्छा तुम मेरे मुंह में कर लिया करो।
यह बोलकर दीदी मेरा लंड चूसने लगी।

साथ ही दीदी ने मेरे मुंह में अपनी चूत रख दी।
अब वे मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत!
हम एकसाथ एक दूसरे के मुंह में झड़ गए।

मैंने दीदी को कहा- लंड का पानी मुंह में रोक ले।
इधर मैंने भी दीदी की चूत का पानी अपने मुंह में रोक लिया।

फिर हमने लिपलॉक किया और एक दूसरे का पानी पी लिया।

तब हम लिपटकर सोने लगे।

सुबह मैंने एक बार फिर दीदी को लंड पकड़ा दिया तो दीदी ने मेरे लंड का पानी चूसकर निकाल दिया।
फिर हम कॉलेज चले गए।

आज मेरा मूड दीदी की गांड मारने का था इस लिए आज मैं जानबूझ कर राशिदा के पास जा रहा था।

दीदी बोली- लकी तुमने वादा किया किया था कि नहीं जाओगे।
मैंने दीदी को कहा दीदी- मेरा मन चुदाई को कर रहा है।

वे बोली- ठीक है, तू उसके पीछे मत जा; मैं तेरा पानी निकाल दूंगी घर जाकर!
मैंने कहा- नहीं, मुझे चुदाई ही करनी है।

यह बोलकर मैं राशिदा के पीछे बाथरूम में जाने लगा।

दीदी रोकने लगी तो मैंने कहा- मुझे नहीं पता, मेरा पानी अभी निकलवाओ, नहीं तो राशिदा अपनी गांड खोले खड़ी है अंदर!

तो दीदी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दूसरे बाथरूम में ले गई और मेरी चेन खोल कर लंड बाहर निकाल कर चूसने लगी।
दीदी ने चूस कर मेरा पानी झाड़ दिया और चुपके से वहां से निकल गई।

घर आकर मैं रात होने का इंतजार कर रहा था।

जब दीदी काम खत्म करके रूम में आई तो मैंने उन्हें पकड़ लिया।
मैं दीदी के होंठों को चूसने लगा और उसे जल्दी से नंगी कर दिया।

मैंने दीदी को पलंग पर लिटा लिया।
मैं दीदी की चूचियों को मसलने लगा।
वे आंख बंद करके सिसकारियां लेने लगी।

चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की चूत चाटने लगा।
दीदी ने मुझे रोक दिया, दीदी बोली- आज मेरे पीरियड्स हैं, आज यहां भी गंदी है।

यह सुनकर मुझे गुस्सा आ गया।
मैंने दीदी से कहा- आपका कुछ गंदा नहीं, आज तो मैं आपकी टट्टी भी खा जाऊंगा।
इतना बोल कर मैं दीदी की चूत चाटने लगा।

दीदी की चूत से खून और बहुत सारा पानी निकल रहा था।
मैं दीदी की चूत चाटने लगा तो दीदी का सारा शरीर कांपने लगा, बदन पसीने से भीग गया था।

मैंने एकदम से दीदी को उल्टा कर उनके चूतड़ों को फैलाकर उनकी गोरी, चिकनी, गुलाबी गांड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी।
दीदी एकदम से हड़बड़ा कर उठ गई।

वे बोली- लकी ये मत करो, ये गंदी जगह हैं। यहां मत मुंह मार!
लेकिन मैंने दीदी की एक ना सुनी और दीदी को पकड़ लिया।

मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रख दिया।
दीदी मुझे रोकती, उससे पहले ही मैंने जोर से दबा कर झटका मारा और मेरा लंड दीदी की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया।

इससे दीदी की जैसे जान निकल गई।
दीदी रो रही थी और मैं दीदी को चोद रहा था।

उसकी चूत बहुत टाइट थी।
मेरा लंड ज्यादा देर दीदी की चूत की गर्मी नहीं झेल पाया और दीदी की चूत में ही झड़ गया।

जब दीदी को गर्म वीर्य का अहसास हुआ तो वो होश में आई।
वे जोर जोर से रोने लगी।
उन्होंने कहा- लकी, तुमने ये क्या कर दिया!

दीदी की चूत से खून और वीर्य निकल रहा था।
पीरियड्स के कारण दीदी की चूत से इतना खून और पानी निकाला कि दीदी की गांड के नीचे खून और वीर्य का बड़ा दाग़ बन गया।

वे बोली- तुमने तो मेरी इ ज्जत लूट ली।
फिर वे गालियां देने लगी।

लेकिन मैंने उनको उल्टी कर कुत्ते की तरह गांड को चाटना शुरू कर दिया।

दीदी की गुलाबी गांड को चाट चाटकर मैंने साफ कर दिया।
वे पलंग पर उल्टी पड़ी अभी भी रो रही थी।

मैं दीदी के ऊपर लेट गया और दीदी के चूतड़ों को फैलाकर अपना लंड गांड के छेद पर लगा दिया।

वे गुस्से में देखते हुए बोली- कुत्ते, अपनी औकात दिखा दी!

इससे पहले वे कुछ और कहती, मैंने एक झटके में दीदी की गांड में लंड घुसा दिया।
वे तिलमिला उठी और चिल्लाने लगी।

दीदी की गांड फट गई और खून निकल आया।
मैं जोर जोर से गांड चोदने लगा।

फिर कुछ देर बाद वे शांत होने लगी।

तब दीदी बोली- अब बहुत अजीब सा लग रहा है।
लेकिन मैं नहीं रुका और गांड को चोदता रहा।

मेरा वीर्य निकलने वाला था।
चोदते हुए ही मैं दीदी की गांड में झड़ गया और दीदी के ऊपर लेट गया।

वे कराह रही थी।
मैंने उन्हें पकड़ कर सीधी किया।

फिर मैंने उनके होंठ चूसे और उन्हें बाथरूम में ले गया.

वहां मैंने दीदी की चूत गांड को साफ किया और फिर वापस रूम में लाया।

वे चुदाई के कारण थक गई थी।

मैं भी फिर चिपक कर लेट गया और हम सो गए।

आधी रात को जब नींद खुली तो देखा दीदी ने गांड मेरी तरफ कर ली थी।

मेरा लंड खड़ा हो गया।
मुझे चुदाई का मन करने लगा।

लेकिन दीदी सोती हुई बहुत सुंदर दिख रही थी।
मुझे दीदी पर बहुत प्यार आया और मैंने उसे नहीं जगाया और मैं दीदी के चूतड़ों में लंड डालकर ऐसे ही सो गया।

अब दीदी मुझे रोज सेक्स करने देती थी।

तो दोस्तो, यह थी मेरी दीदी की चुदाई की कहानी।
आपको कैसी लगी ये एनल गर्ल लिक कहानी, मुझे जरूर बताना।
कहानी पर कमेंट करना न भूलें।
मेरा ईमेल है- [email protected]

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *