Xxx चीटिंग सेक्स कहानी मेरी है. मैं सेक्स के मजे लेती रहती हूँ. एक बार जिम में मैंने एक अच्छे बॉडी वाले बन्दा पटाया. उसने पहले ही दिन मुझे लंड चुसवा दिया.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मेरा नाम शनाया है. आज में आपके सामने एक रिस्क से भरी घटना बताने जा रही हूँ.
मैंने अपनी इस छोटी सी लाइफ में सेक्स के बहुत मजे ले लिए थे और मैंने ठान लिया था कि मैं ये मजे लेती रहूँगी.
मैं 5 फुट 9 इंच हाइट की एक कामुक लड़की हूँ और अपने फिगर को मस्त बना रखा है.
मेरे 34 इंच के भरे हुए दूध हैं. कमर मेरी 28 की है और गांड हाहाकारी है.
मैंने अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से मैंने अपनी शादी एक अच्छे बॉडी वाले बन्दे से की थी.
लेकिन एक कहावत है न कि घर की मुर्गी दाल बराबर … तो मेरे लिए पति का लंड घर की दाल बराबर था.
मुझे शादी को करीब 3 महीने ही हुए थे कि मैं दूसरे लंड की तलाश में घूमने लगी.
मैंने जिम जॉइन कर ली.
मुझे वहां एक लड़का मिल गया.
वो करीब 26 साल का था लेकिन दिखने में डब्लू डब्लू ई का लड़ाका पहलवान सा लगता था.
उससे मेरी बात चालू हो गई. और यहीं से यह Xxx चीटिंग सेक्स कहानी भी शुरू हो गयी.
करीब एक महीने में बात उधर तक आ गई कि उसके बाद उसने मुझे चोदने के लिए अपने घर बुलाया.
उसके पास मेरी नंगी तस्वीर थी और मेरे पास उसकी नंगी तस्वीर थी.
जब भी उसके लंड की फ़ोटो देखती थी तो मुझे अपनी चूत में लंड के लिए एक तलब सी उठती थी.
मैं उसके मुहब्बत करने लगी थी तो वो भी मुझे जबरदस्त किस करते हुए प्यार करने लगा था. मैं भी उससे चुदना चाहती थी.
एक दिन हुआ ये कि जिम में उस वक्त तक कोई नहीं आया था.
बस वो लड़का आया था और मैं थी.
हम लोग 15 मिनट पहले आ गए थे.
उसने मुझे बाथरूम में ले जाकर जल्दी से मेरे स्तन चूसना शुरू किए और लंड निकाल कर मेरे मुँह में डाल दिया.
करीब 5 मिनट तक उसने मेरे दूध चूसकर लाल कर दिए थे.
फिर अपना लंड जबरदस्ती मेरे मुँह में डाल दिया था.
इस सबमें मतलब चूसते चुसवाते, पता नहीं कब 15 मिनट निकल गए, कुछ पता ही नहीं चला.
अब बाहर किसी के आने की आवाजें आने लगी थीं.
मैं जल्दी जल्दी हाथों से हिला कर उसके लंड की मुठ मारने लगी. मैं बहुत तेज हाथ चला रही थी.
उसने अपने लंड से सफेद माल फैंकना चालू कर दिया. उसके लंड से 6-7 पिचकारियां निकलीं और वो ढीला हो गया.
मैंने वहां से जल्दी से साफ़ सफाई करके बाहर निकल आई.
मुझे दुख तो बहुत हुआ था कि इतना तगड़ा लंड और इतनी हॉट व सुडौल बॉडी से चुदने का मजा नहीं ले पाई.
अब वो भी मिलने के लिए बेकरार था और मैं तो थी ही.
एक दिन मेरे पति को कंपनी की पार्टी में जाना था.
मेरे पति ड्रिंक बहुत ज्यादा करते थे तो उस रात ये पक्का था कि आज उनको ड्रिंक जमकर करनी थी.
कोई भरोसा नहीं था कि कितने बजे वापस आएंगे या फिर नहीं आएंगे.
इस मौके पर मैं अपने यार से चुदने के लिए मचल उठी.
करीब 9 बजे पति निकल गए.
मैंने उनके जाते ही अपने ठोकू को कॉल की.
कॉल पर बात पक्की होते ही मेरा रोमियो घर से निकल पड़ा.
लेकिन साले से आने में एक घंटा लगा दिया.
ये गलती बहुत बड़ी गलती हो गई थी.
अब मैं उसको रोमियो के नाम से बुलाऊंगी.
मैंने उस वक्त ब्लू कलर की ब्रा और ब्लू पैंटी पहन ली थी और ऊपर से एक झीनी सी नाइटी पहन ली.
डोरबेल बजी तो मैं गई और उसको अन्दर ले लिया.
उसके हाथ में एक गुलाबी गोली थी.
उसने आते ही मुझे खिला दी और बोला- अब तू मस्त मजे लेगी.
मैं दो गोली खाकर आया हूँ.
हम दोनों देर नहीं करना चाहते थे.
मुझे डर लग रहा था कि कहीं हस्बैंड वापस न आ जाए.
उस समय करीब 10-30 हो चुका था.
मेरे रोमियो ने देर न करते हुए मुझे अपनी बांहों में उठाया और किस करते करते रूम तक ले आया.
हमारी किस बहुत मजेदार हो रही थी.
वो खड़ा था, मैं उसके शरीर पर लदी थी.
उसकी कमर में मेरे पैर कसे हुए थे उसके दोनों हाथ मेरे पिछवाड़े को दबा रहे थे.
मेरे हाथ उसको सर को पकड़ कर किस लेने में मदद कर रहे थे.
छप्प छप्प की आवाज गूंज रही थी.
उसका शरीर मस्त कड़ियल था.
मैंने अपने हाथ उसके हाथों पर फेरते हुए मजबूती देखी और सोचने लगी कि हय मेरी किसी सहेली को ऐसा मस्त चोदू कभी नहीं मिला होगा.
इतनी मस्त बॉडी मस्त डोले शोले थे.
उधर उसको भी मेरा 65 किलो का वजन कुछ भी ज्यादा नहीं लग रहा था.
शायद उसको मेरे दूध बहुत मस्त लगे थे क्योंकि वो बार बार अपने हाथों से मेरे मम्मों को ही मसल रहा था.
मैं उसे अपने गेस्ट रूम में ले जाने की कहने लगी.
वो भी मुझे अपनी बांहों में कसकर किस करते हुए ले गया.
उधर मैं उसकी गोद से उतर गई और हम दोनों खड़े हो गए.
उसने मेरी नाइटी अलग कर दी.
अब मैं ब्लू ब्रा पैंटी में आ गई थी.
उसने मुझे माथे पर किस करके मेरे मम्मों पर हाथ रख दिए और एक स्तन के ऊपर अपने होंठ लगा दिए.
वो ब्रा के ऊपर से ही मेरे निप्पल को होंठों में दबा कर चूसने लगा.
फिर मेरे रोमियो ने मुझे पलट दिया और मेरी ब्रा की हुक को अपने मुँह से खोलने लगा.
उसके गर्म होंठों की तपिश मुझे कामोत्तेजित कर रही थी.
ब्रा खुलते ही मेरे मक्खन से सफेद स्तन उसके सामने आने वाले थे.
उसने जरा देर मेरी पीठ को अपनी गर्म साँसों से सताया और हुक को खोल दिया.
ब्रा माफ़ी मांगती हुई मेरे कंधों पर झूल गई, मेरे मम्मों से उसकी दोस्ती टूट गई थी.
फिर उसने अपने हाथ आगे बढ़ाए और मेरे मम्मों को पकड़ लिया.
उसी वक्त वो अपने लंड को मेरी गांड की दरार में महसूस कराने लगा.
मैं मस्त होने लगी थी.
वो आगे से मेरे स्तन मसल रहा था और पीछे से मेरी गांड में लंड दबा रहा था.
‘अह आआह … रोमियो … धीरे … दर्द कर रहे हैं आराम से करो यार आह.’
अब मैं उसकी तरफ घूम गई और उसकी टी-शर्ट को उतार दिया.
आगे से मुझे उसके सिक्स पैक दिखे तो मैं बहुत खुश हो गई, उसकी बॉडी का एक एक कट दिख रहा था.
फिर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे एक स्तन पर जीभ फिराने लगा.
मैं यह स्वर्गिक आनन्द महसूस कर रही थी.
वो मेरे स्तनों को मसल भी रहा था और मुँह से पी भी रहा था.
मैं भी कामुक भाव से सिसकारते हुए के जा रही थी- आआहह … कैसा लग रहा है मेरे रोमियो?
वो- मस्त मेरी जान.
फिर से वो मेरे दूध जोर जोर चूसने लगा.
कुछ देर बाद उसने अपना एक हाथ मेरी पैंटी के अन्दर डाल दिया और चूत में उंगली करने लगा.
वो ऊपर अपने एक हाथ से मेरे स्तन पकड़ कर जोर जोर से चूसने में लगा था और नीचे चूत की मां चोद रहा था.
मुझे लग रहा था, जैसे आज ये दूध निकाल कर ही मानेगा.
मैं ‘आआह आह प्लीज आराम से आआह मम्मी …’ करती हुई उसे रोक रही थी, मगर वो नहीं रुक रहा था.
मैंने उसका बड़ा और मोटा लंड पकड़ लिया और लंड की ताकत को महसूस करके बोली- जान, इसको बाहर निकालो ना … मैं लॉलीपॉप चूसना चाहती हूँ
मेरी बात सुनकर वो एक पल को रुक गया.
उसने मेरे दोनों स्तन टमाटर की तरह लाल कर दिए थे और निपल्स खींच खींच कर एकदम कत्थई से कर दिए थे.
मेरे स्तन कांपने लगे थे.
वो अपना लंड निकाल कर मेरे सीने पर चढ़ गया और हाथ से लंड पकड़ कर पट्ट पट्ट करके मेरे मुँह पर मारने लगा.
कसम से बहुत वजनी लंड, मोटा तगड़ा बहुत भारी था.
मैंने अपने होंठों को खोला तो उसने लंड अन्दर पेल दिया.
कुछ देर लंड चूसने के बाद वो मेरी चूत में लंड पेलने के लिए नीचे आ गया.
मैंने अपनी पैंटी उतार कर फैंक दी और लपक कर उसके ऊपर 69 में चढ़ गई. मैंने उसके मुँह पर अपनी चूत रख दी और अपने मुँह में उसका लंड ले लिया.
मैं किसी वहशी वेश्या की तरह उसका लंड चूसने लगी और उधर वो भी अपनी जीभ मेरी चूत के अन्दर डाल कर मेरी चूत की जीभ से चुदाई जैसी करने लगा था.
वो मेरे दोनों पैरों को कस कर पकड़ कर जोर जोर से चूत चूस रहा था और मेरे मुँह में अपने लंड से झटके देता जा रहा था.
यह सब कुछ समय तक चलता रहा.
अब उसने मुझे सीधा लिटा दिया और बोला- आह चल अब मैं तेरी चूत में लंड में डालने जा रहा हूँ. तैयार हो जा.
मैं भी उसके लंड का मजा लेना चाहती थी.
मेरी चूत उसका लंड मांग रही थी.
मैंने उससे कहा- हां जल्दी से डाल दो; बस ध्यान रखना कहीं रस मेरे अन्दर न टपका देना.
उस वक्त चुदाई की जल्दी के चक्कर में मुझसे ये गलती हो रही थी. कंडोम्स मेरे रूम में रखे थे और वो इतनी देर के लिए भी रुकने वाला नहीं था कि जाकर कंडोम उठा लाए.
वो बिना कोई सुरक्षा इस्तेमाल किए मुझे चोदना चाहता था.
मैं भी कुछ नहीं बोली क्योंकि मुझे खुद भी चुदास चढ़ रही थी.
उसने मेरे दोनों पैरों को हवा में उठाया और मेरी चूचियों पर दबाता हुआ मेरे हाथों में पकड़ा दिया. इससे मेरी चूत एकदम से खुल कर मेरे ठोकू के सामने आ गई थी.
वो अपने मूसल लंड के टमाटर से लाल सुपारे को मेरी लपलप करती चूत पर फेरने लगा था.
मैंने उत्तेजना में आकर अपने पैर छोड़ दिए और में उठा कर आह आह करने लगी.
उसे में पैर हवा में यूं फैले मजा नहीं दे रहे थे तो उसने उधर पड़ी अपनी बेल्ट उठाई और मेरे पैरों में बांध दी और उसी
बेल्ट को गले के पीछे से निकाल कर मेरी कुछ ऐसी स्थिति कर दी कि अब मेरे पैर बिना पकड़े ही हवा में सीधे हो गए और मेरी बिल्कुल गुलाबी चूत उसके सामने खुल कर फ़ैल गई.
वो चूत देख कर बोला- आह … आज पहली बार इतनी गुलाबी चूत चोदने जा रहा हूँ.
अपना लंड वो चूत की फांकों के बीच में फेरने लगा.
इतने में डोर बेल बज उठी.
मैं एकदम से घबरा गई.
मेरा हस्बैंड आ गया था.
लेकिन रोमियो ने जानबूझ कर झटके से लंड अन्दर पेल दिया और बिना रुके चोदने लगा.
उसके पहले झटके में ही मैं दर्द से तड़फ उठी और रोने लगी.
मगर वो बेदर्दी बिना किसी बात की परवाह किए अपने लंड के करारे झटके मारता चला गया.
मैं कलप उठी- आआह आह मर गई बस आआह … छोड़ दे.
उसने मेरी चिल्लपौं को नजरअंदाज करते हुए अपनी पूरी ताकत लगा दी थी.
अब मेरे चेहरे के आजू बाजू उसने अपने हाथ जमा दिए थे और वो मुझे हचक कर चोदने में लग गया था.
उधर डोरबेल फिर बज उठी.
मैं करीब दो मिनट से चुदी जा रही थी. मेरे अन्दर खलबली मच गई थी. उसके लंड की चोटें ऐसी लग रही थीं मानो अन्दर कोई गर्म हथौड़ा चोट मारने में लगा हो.
मेरे मुँह से ‘आआह ऊह ओह प्लीज प्लीज …’ निकल रहा था और आंखों से आंसू बहे जा रहे थे.
उसने जल्दी से मेरा चेहरा साफ किया और उसी वक्त मेरे हस्बैंड की कॉल आ गई.
मैंने फोन उठा लिया.
उनकी आवाज से लग रहा था कि वो बहुत ज्यादा नशे में हैं.
मैंने रोमियो से कहा- अरे यार छोड़ो अभी … बाद में चोद लेना.
उसने मेरे पैरों से बेल्ट खोल दी और मुझे नाइटी पहना दी.
वो बोला- जल्दी से हुलिया ठीक कर लो.
मैं उठी तो उसने मुझे उठा कर अपनी गोद में लिया और लंड पेल दिया.
वो दरवाजे तक मुझे चोदते हुए ले गया. मुझे बहुत डर लग रहा था.
मैंने दरवाजे को जरा सा खोला और पहले देखा कि कौन है.
सामने मेरे हस्बैंड थे. वो भी बहुत नशे की हालत में थे.
उन्हें देख कर रोमियो ने मेरी चूत से लंड निकाला और अलग हो गया.
वो मेरे रूम के बाथरूम में चला गया.
फिर मैंने दरवाजा खोला और हस्बैंड को अन्दर लिया. वो सीधे बेडरूम में आ गए और पलंग पर ढेर हो गए.
मैं उनके कपड़े उतारने लगी.
मैंने जल्दी से उनको नींद की दो गोलियां खिला दीं.
वो नशे में थे तो उन्होंने कुछ नहीं पूछा कि क्या है.
फिर वो बाथरूम जाने लगे.
वैसे तो वो बहुत नशे में थे, मगर तब भी जब वो बाथरूम जाने लगे, तो मैंने सोचा अब गई काम से.
मैंने उनको जल्दी से बेड पर पटक कर कहा- बेबी, कब से आपका इंतजार कर रही थी, अब आए हो.
मैंने जल्दी से पति को नंगा करके उनका मुरझाया हुआ लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैं बेड के नीचे जमीन पर खड़ी थी और हस्बैंड के मुर्दा लंड को झुक कर चूस रही थी.
मेरे पति अपनी आंखें बन्द करके ‘आआह जान …’ करने में लगे थे.
इधर मुझे पता ही नहीं चला कि कब पीछे से रोमियो ने आकर मेरी टांगों के बीच खुले छेद में लंड पेल दिया और मुझे चोदने लगा.
चूत में लंड घुसा तो मैं बहुत ज्यादा घबरा गई.
मैंने हाथ के इशारे से रोमियो से कहा कि प्लीज तुम जाओ.
मगर वो नहीं माना और मेरी चुदाई में लगा रहा.
उसका पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर तक जा रहा था.
आगे से मैं अपने पति का लंड चूस रही थी तो मेरी किसी तरह की आवाज ही नहीं निकल पा रही थी.
ऐसे ही करीब दस मिनट तक मैं चुदती रही और उसी दरमियान मैंने अपने पति का लंड भी चूस चूस कर खड़ा कर दिया.
पति का लंड खड़ा होकर सलामी देने लगा था.
उधर रोमियो मेरे पीछे खड़े होकर चूत में लंड पेलने में लगा था.
अब मैं भी उसके कठोर लंड का मजा लेने लगी थी.
फिर मुझे ध्यान आया और मैं उठ गई.
मैंने कंडोम निकाले और एक अपने पति परमेश्वर के कड़क फुदक रहे लंड पर चढ़ा दिया.
मेरे पति का लंड भी मस्त मोटा था लेकिन रोमियो के जैसा नहीं था.
अब मैं हस्बैंड के लंड पर बैठ गई.
मैं जैसे ही पति के लौड़े पर बैठी, तो मैंने अपने दांतों से होंठों को भींच लिया.
मेरे मुँह से ‘आउच आह …’ निकल आई थी.
उधर रोमियो मेरे मुँह के पास आ गया और लंड मेरे मुँह में डाल कर मुझे मजा देने लगा.
नींद की गोली ने असर दिखा दिया था, तो पति महोदय तो गहरी नींद में थे.
मैंने उनके लौड़े के ऊपर उछलना शुरू कर दिया था.
मेरे मम्मे ऊपर नीचे हो रहे थे.
करीब 5 मिनट बाद रोमियो ने मुझे पकड़ा और पति के बाजू में लिटा दिया.
वो बोला- उसके लंड को हाथों से मुठ मारो … तब तक मैं चूत का कीड़ा मारता हूँ.
वो मेरे बगल में लेट गया और उसने लंड पेल कर मेरी चूत की चुदाई शुरू कर दी.
मैं मजा लेने लगी ‘ऊह मां आह …’ करती रही.
वो जोर जोर से पेलने में लगा हुआ था.
मेरे हस्बैंड बहुत गहरी नींद में थे, दो गोली का जो असर था.
उनके लौड़े पर कमर ठुमकाती हुई मैं आज मन ही मन बहुत खुश रही थीं कि पति के सामने ये लड़का कैसे उसकी पत्नी को बजा रहा है.
अब वो ऊपर आ गया और अपना लंड चूत में फिर से डाल कर जोर जोर से धक्के देने लगा.
मैं उसके झटकों की तीव्रता से पूरी हिलने लगी थी.
‘आआह अअह अबे रुको साले … लग रही है.’
लेकिन वो रुका ही नहीं. उसने मुझे कस कर पकड़ा हुआ था और लगातार झटके देते जा रहा था.
पूरा बेड खड़र-बड़र हो रहा था, गद्दे की स्प्रिंग, जैसे हम दोनों को उछाल रही थी.
उधर मेरा पति भी नशे के धुत्त पड़ा हिल रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं बस मरने वाली हूँ क्योंकि मैं अपनी चरम सीमा पर थी और वो रुकने वालों में से नहीं था.
मैं तो उसके नीचे दबी थी और वो मेरे ऊपर पूरा वजन रख कर चढ़ा हुआ था.
बस उसके लंड वाला हिस्सा ऊपर नीचे ऊपर नीचे हो रहा था.
बेड अपनी आवाजें दे रहा था और रोमियो मेरे कान को काटता, बालों को पकड़ता, गले को चूमता हुआ मुझे रगड़ रहा था.
मैं अपनी कराहों भरी आवाजें निकाल कर चुदाई की उस मीठी पीढ़ा को सह रही थी- आआह एईई ओ माय गॉड … आआह नो रोमिईओ … आआह!
अब मैं झड़ने जा रही थी. मैंने चादर अपने हाथों में जकड़ ली और पैर सिकोड़ लिए.
मैं ऐंठने लगी, ‘आआह आआह आह आह …’ करती गई और मैंने पानी छोड़ दिया.
लेकिन बाहर कुछ नहीं आया.
मैं बिल्कुल ढीली पड़ गई थी लेकिन रोमियो लगा रहा.
मैंने कहा- यार उसी रूम में चलो ना उठा लो मुझे … इधर लफड़ा हो जाएगा.
वो समझ गया और मुझे उठा कर ले गया.
उसी दौरान उसका लंड चूत से निकल गया.
उसने लंड मेरी चूत के रस से सना देखा तो निकाल दिया.
मैंने दूसरा कंडोम खोला और उसके लंड पर चढ़ा दिया.
अब उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से लग गया.
कुछ मिनट तक उसने मुझे घोड़ी बना कर चोदा.
फिर मुझे खड़ा कर दिया.
उसने मुझे दीवार से टिका कर एक टांग उठा कर लंड पेला और फिर से चुदाई चालू कर दी.
बाद में वो झड़ गया.
मैं उसके लंड को एक बार और चूसने लगी और वो मुझे फिर से सोफे पर ले गया.
उसने मुझे बहुत देर तक सोफे पर बैठाकर और लेटाकर अलग अलग तरह से कई चोदा.
उस दौरान रोमियो ने 3 बार अपना प्रेम रस छोड़ा. एक बार मेरे मुँह में और दो बार मेरी चूत में.
कंडोम का कुछ काम ही नहीं हुआ.
फिर सुबह करीब 6 बजे वो अपने घर को चला गया और मैं कपड़े उठा कर अपने रूम में आ गई.
मैं बिना कपड़ों के ही सो गई.
करीब 8 बजे मेरे हस्बैंड उठ गए. सुबह से उनका लंड खड़ा था तो उन्होंने मेरा एक पैर उठाया और मेरी चूत में लंड पेल दिया.
एकदम से लंड चूत में घुसा तो मेरी नींद खुल गई.
थोड़ी चुदाई के बाद वो झड़ कर फिर से सो गए.
मैं भी सो गई.
मैं करीब 2 बजे में सो कर उठी और अपने मन में संतोष और चूत में मजा महसूस कर रही थी.
लेकिन मुझे दर्द भी महसूस हो रहा था.
दोस्तो, अब मेरी नजर अपने हस्बैंड का एक दोस्त है. जल्द ही उसको अपने जाल में फंसा कर उससे हुई चुदाई की कहानी आपके सामने पेश करूंगी.
कृपया कर मेल से और कमेंट से जरूर बताएं कि Xxx चीटिंग सेक्स कहानी में आपको कितना मजा आया?
धन्यवाद.
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मेरी पिछली कहानी थी: मैं खाली घर में पड़ोसी लड़के से चुद गयी