पैंटी सेक्स कहानी मेरी मौसी की पैंटी की खुशबू की है. मैंने मौसी की पहनी हुई चड्डी चुराकर उसे सूँघ कर उसमें मुठ मारता था. मौसी को पता चल गया.
दोस्तो, अभी मेरी सगी मौसी की उम्र कुछ 47 साल की होगी और तब उनकी उम्र शायद 44 या 45 की थी जब मैंने उन्हें पहली बार चोदा था.
मुझे हमेशा उन पर एक सेक्स आकर्षण था और मैं सोचता था कि एक ना एक दिन मैं उन्हें ज़रूर चोदूंगा.
उनकी शादी के कुछ समय बाद ही उनका तलाक भी हो चुका था क्योंकि उनके पति का कोई और लड़की के साथ शारीरिक संबंध था.
वो थोड़ी मोटी हैं लेकिन बहुत गोरी हैं. लम्बे बाल और चुचे भी बड़े बड़े हैं. लेकिन मुझे फिगर के साईज़ का सही से कोई अंदाज़ा नहीं है.
उनका एक बेटा था लेकिन वो अपने पिता के पास रहता था और कभी कभी मौसी से घर पर आकर अपनी मां से मिला करता है.
मैं मौसी के पास रहता हूँ और वो मुझे अपने बेटे से भी ज़्यादा प्यार करती हैं. मैं उनसे जो भी मांगू, वो मुझे लाकर देती हैं.
वो बहुत अमीर भी हैं क्योंकि उनके तलाक के कारण उन्हें एक मोटी रकम मिली थी.
गांव में उनका एक शानदार घर भी है जो उन्होंने किराए पर दिया हुआ है.
मैं नहीं जानता कि उन्हें सेक्स में ज्यादा रूचि है कि नहीं.
मैं हर रोज़ रात में अपने रूम में सोने से पहले उनके दिए हुए लैपटॉप में ब्लूफिल्म देखता रहता हूँ.
मस्त चुदाई वाली फिल्म देख कर मुठ मारना और फिल्मों में चुदाई के तरह तरह से आसन देखना मुझे बहुत अच्छा लगता है.
मेरे रूम से जो बाथरूम है, वो उनके रूम से भी जुड़ा हुआ है और बाथरूम में दो दरवाज़े हैं.
जब भी कोई भी बाथरूम में जाएगा, वो अन्दर से दोनों दरवाज़े लॉक करेगा, तभी बाथरूम यूज करेगा.
मैं रात को बाथरूम में जाकर उनकी पैंटी में अपना लंड रगड़ कर अपना रस उनकी पैंटी से पौंछता हूँ.
यह मैं हर दिन, रात को सोने से पहले पैंटी सेक्स करता हूँ और कभी कभार अगर उनकी पैंटी नहीं मिले, तो मैं बाथरूम में ही वीर्य गिरा देता हूँ.
फिर एक दिन अचानक से मौसी का पैंटी रखना बंद हो गया और उनके स्वाभाव में भी बदलाव आ गया.
वो हमेशा मुझसे गुस्से से बात करने लगीं.
करीब दो हफ्ते बाद जब मौसी मुझे सुबह उठाने आईं तो मैं उठ गया और उनकी तरफ देखे बिना मैं फ्रेश होने चला गया.
किचन के पास डाइनिंग टेबल पर गया तो देखा कि उनका मूड कुछ अलग किस्म का था.
यह मूड पिछले दो हफ्तों में आज मुझे बदला हुआ लग रहा था.
वो मुस्कुरा कर बात कर रही थीं.
नाश्ता करते करते हम दोनों इधर उधर की बातें कर रहे थे.
हमारी ये बातें पढ़ाई के बारे में और उनके मिलने वालों के बारे में थीं और उनकी पार्टी वगैरह की बातें भी हो रही थीं.
फिर उन्होंने पूछा- बेटा आज रविवार है. आज क्या तेरी कहीं पर ट्यूशन है?
मैं- नहीं मौसी, आज कहीं पर ट्यूशन नहीं है … क्यों?
मौसी- नहीं, मैं सोच रही थी कि अगर आज हम लंच बाहर करें और कहीं पर घूमने चलें तो कैसा होगा … क्योंकि मैं बहुत बोर हो रही हूँ. फिर हम शाम को फिल्म देखते हुए घर पर लौटेंगे.
मैं- ठीक है, मौसी मैं तैयार हो जाता हूँ और आप भी तैयार हो जाइए.
मौसी- ठीक है बेटा.
फिर हम लोग एक मॉल में गए. वहां पर मौसी ने कुछ शॉपिंग की.
मुझे कंप्यूटर गेम्स का बहुत शौक था तो उन्होंने मुझे 4 गेम्स खरीद कर दिए.
फिर हम दोनों ने मॉल में पिज़्ज़ा खाया और फिल्म देखने हॉल में घुसे तो फिल्म शुरू होने में अभी भी 20 मिनट बाकी थे.
हम बातचीत करने लगे.
तभी अचानक से मौसी ने कहा कि बेटा एक बात पूंछू … सच सच बताएगा?
मैं- हां मौसी पूछो ना.
मौसी- तू मेरी पैंटी से हर रात को खेलता था ना?
उनकी बात सुनकर मैं बहुत डर गया और एसी में बैठकर भी मुझे पसीना आने लगा.
उन्होंने कहा कि बेटा रिलॅक्स हो जा और सच सच बोल दे, मैं कुछ नहीं कहूँगी.
मैं- वो मौसी … हां मैं वो पैंटी सेक्स करता था.
मौसी- क्या करता था?
मैं- मैं वो मुठ मारा करता था … लैपटॉप में ब्लू फिल्म देखने के बाद. मौसी मुझे माफ़ कर दो प्लीज और मैं अब कभी भी नहीं करूंगा. मुझे बस एक बार माफ़ कर दो … मौसी प्लीज़ गुस्सा मत होना.
मौसी- अरे बेटा रिलॅक्स … कोई बात नहीं, मैं भी कभी कभी रात को चूत में उंगली करती हूँ. यह तो सभी करते हैं, इसमें गुस्सा होने की क्या बात है?
मुझे उनके मुँह से चुत में उंगली करने की बात इतनी आसानी से कह देने पर जरा आश्चर्य हुआ.
पर मैंने कुछ भी रिएक्ट नहीं किया.
मैं- थैंक्स मौसी … सही में आप बहुत अच्छी हो मौसी.
मौसी- चल ठीक है बेटा.
फिर मैंने ये बहुत अच्छा मौका समझा कि उन्हें आसानी से पटाया जा सकता है और उनकी चुदाई की जुगाड़ सैट की जा सकती है.
फिल्म शुरू होने के बाद मैं जानबूझ कर उन्हें दिखा दिखा कर अपने लंड को सहलाने और दबाने लगा.
मौसी भी मुझे तिरछी नजरों से बार बार देख रही थीं.
कुछ देर बाद मैं बिंदास लंड बाहर निकाल कर उसकी मुठ मारने लगा.
मौसी मेरे लंड को देखने लगीं.
करीब दस मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने मौसी से कहा- मौसी मैं टॉयलेट होकर आता हूँ.
मौसी- क्यों, थोड़ी देर और रुक जा ना … इंटरवेल के बाद में जाना.
मैं- नहीं मौसी, मुझे अभी जाना है.
मौसी ने मेरा हाथ पकड़ कर बैठा लिया और कहने लगीं.
मौसी- क्यों बेटा अगर इतनी जल्दी है तो पैंटी उतार कर दूं क्या?
मैं उनकी बात सुनकर डर गया और मौसी से बोला- नहीं मौसी ऐसी कोई बात नहीं है.
उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, चल मैं भी चलती हूँ तुम्हारे साथ.
फिर वो बाहर आईं और मुझसे बोलीं- तू यहीं पर रुक बेटा, मैं लेडिज टॉयलेट में जाकर पैंटी उतार कर लाती हूँ.
मैं- क्या सच में मौसी आप मुझे पैंटी लाकर दोगी?
मौसी- हां रुक, मैं लाती हूँ.
फिर वो अन्दर गईं और मैं टेंशन फ्री हो गया था.
मौसी बाहर आईं और उन्होंने मेरे हाथ में चुपके से अपनी पैंटी को पकड़ा दिया.
फिर मैं अन्दर गया तो मैंने देखा कि उनकी पैंटी थोड़ी भीगी हुई थी.
मैं समझ गया कि वो भी गर्म हैं.
उनकी पैंटी पर मैंने अपना वीर्य डाल दिया और बाहर आकर चुपके से मौसी को पैंटी वापस दे दी.
मैंने सोचा कि वो अपने बैग में रख लेंगी लेकिन वो अन्दर टॉयलेट में जाकर पहन कर वापस आ गईं और मुझसे बोलीं- मैंने पहन ली है.
मैं इस बात से और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया.
उन्होंने मुझसे कहा- तूने तो पूरा गीला कर दिया.
तभी मैं हंस दिया और कहा- मौसी मैं एक बात बोलूं तो आप बुरा तो नहीं मानोगी ना?
मौसी- अरे नहीं बिल्कुल नहीं … बेझिझक बोल दे.
मैं- मौसी, आपने कहा कि आप भी कभी कभी चूत में उंगली करती हो … तो आप भी मेरी अंडरवियर में वो सब कुछ कर लिया करो न!
मौसी- वाह बेटा … तू तो सच में बड़ा हो गया. लेकिन मैं वो सब नहीं करूंगी. मैं तेरी मौसी हूँ, यह नहीं हो सकता.
मैं- लेकिन क्यों मौसी, अगर मैं कर सकता हूँ तो आप क्यों नहीं?
मौसी- चल ठीक है लेकिन तेरी मम्मी, पापा या किसी और को भी इस बारे में पता नहीं लगना चाहिए … ठीक है?
मैं- चलो ठीक है मौसी.
फिर हम दोनों फिल्म देखकर घर वापस आए और रात का खाना बाहर से मंगवा लिया.
खाना के बाद जब रात को सोने जा रहा था तो मैंने मौसी से उनकी पैंटी मांगी.
उन्होंने मुझे अपनी पैंटी के साथ ब्रा भी देकर कहा- पैंटी में तो तू कर चुका है, मेरी ब्रा क्यों बाकी रहे?
मैं उन्हीं के सामने उनकी ब्रा को सूंघने लगा तो वो शर्मा कर चली गईं.
थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरे रूम में नॉक किया, तब मैं उनकी ब्रा को अपने लंड पर रगड़ रहा था.
मैंने तुरंत टावल पहना और दरवाज़ा खोला तो देखा कि वो नाईटी में हैं और मेरी तरफ वासना से देख रही हैं.
मौसी ने कहा- मुझे अपना अंडरवियर दे दो, मुझे कुछ काम है.
मैंने कहा- काम अच्छे से करना मौसी.
वो हंसने लगीं और मेरा अंडरवियर लेकर चली गईं.
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.
मैं भी हर रोज़ कम से कम दिन में दो बार उनसे उनकी पैंटी और ब्रा मांगता और वो उठाकर दे देतीं.
वो रात को मेरे रूम से मेरा अंडरवियर ले जातीं. कभी कभी तो वो कहीं बाहर जाने से पहले भी अपना रस मेरे अंडरवियर में डाल देतीं और मुझे देकर चली जातीं.
कभी कभी में स्कूल जाने से पहले मैं उनसे अपना अंडरवियर मांगता और पहन लेता था जो हमेशा गीला रहता था.
मैं उन्हें कह देता कि मौसी मुझे गीली अंडरवियर पहनने की आदत हो गयी है.
उन्होंने कहा- हां मुझे भी.
फिर एक दिन लंच टाईम पर मैंने उनसे कहा- मौसी, एक बात कहूँ अगर आप बुरा ना मानो तो?
मौसी- हां बोल ना?
मैं- मौसी वो मुझे आपको देखना है।
मौसी- तो देख ना, मैं तो तेरे सामने ही बैठी हूँ और इस बुड्ढी को देखकर क्या करेगा?
मैं- नहीं मौसी, आप मुझे बुड्ढी नहीं लगतीं बल्कि सेक्सी लगती हो. मुझे आपकी खुशबू बहुत पसंद है, जो पैंटी में सूंघता हूँ. वैसे भी मुझे आपको सू सू करते हुए देखना है.
मौसी- नहीं … यह नहीं हो सकता है.
मैं- नहीं मौसी, सच में मुझे देखना है … प्लीज.
मौसी- ठीक है, फिर कल सुबह देख लेना, मैं दरवाज़ा खुला छोड़ दूँगी.
मैं- आपको बहुत बहुत थैंक्स मौसी.
मौसी- फिर मैं भी तुझे जो कहूँगी, वो करना पड़ेगा … सोच ले.
मैं- आपके लिए कुछ भी करूंगा मौसी.
मौसी- ठीक है … शुभ रात्रि.
फिर हम सोने चले गए.
सुबह मैं जल्दी जाग गया और देखा कि बाथरूम का दरवाज़ा खुला है तो मैं दौड़ कर गया और देखा कि मौसी अपना लोवर उतार रही थीं.
उन्होंने मुझे देखा और कहा- बेटा उठ गया … चल आ जा.
मैं उन्हें देख कर मुस्कुरा दिया.
वो टॉयलेट कमोड पर बैठ गईं और मूतने लगीं.
मैं झुककर उनकी झांटों से भरी हुई चूत को देखता रहा. मैं और पास में जाकर देखने लगा और सूंघने लगा.
उन्होंने कहा- क्या कर रहा है, यह गंदी चीज़ है.
मैंने कहा- नहीं, मुझे यह बहुत अच्छी लगती है.
उन्होंने कहा- बेटा मेरी पैंटी रखी हुई है, तू उसे ले जा सकता है.
मैंने कहा- मौसी में इधर ही मुठ मार लूँ?
उन्होंने कहा- हां.
मैं तुरंत पैंट उतार कर उनकी पैंटी को सूंघने लगा और चाटने लगा.
वो हैरान होकर मुझे पैंटी सेक्स करते देखती रहीं.
मैं उनकी पैंटी में अपना लंड रगड़ रहा था और वो देख रही थीं.
फिर वो अचानक से खड़ी हो गईं.
तो मैंने कहा- मौसी, मुझे आपकी गांड को देखकर झड़ना है. प्लीज़ आप ऐसे ही रहिए.
उन्होंने कहा- ठीक है, जरा जल्दी कर.
मैं जब झड़ने वाला था तो उनकी गांड में अपना लंड सटा कर उनके छेद के बाहर ही झड़ गया.
उन्होंने मेरा वीर्य अपनी गांड और चूत पर मल लिया और ऊपर से पैंटी पहन ली.
फिर वो मेरे लंड को दबा कर बाहर चली गईं.
उसके बाद मैं और मौसी एक दूसरे के सामने नंगे ही रहने लगे लेकिन दोस्तो, मौसी ने मुझे अभी तक चुदाई नहीं करने दी.
आगे जब मैं उनकी चुदाई करूंगा तो आप लोगो को जरूर बताऊंगा.
वैसे चुदाई की कहानी तो आपको इस सेक्स साईट पर बहुत पढ़ने मिल जाएंगी.
मगर चुदाई से पहले की सेक्स कहानी का मजा कुछ अलग ही होता है.
इस पैंटी सेक्स कहानी पर आपकी क्या राय है, प्लीज़ बताएं.
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