Xxx देसी चूत की चुदाई का मजा मेरी चाची ने दिया. जब से चाची शादी के बाद हमारे घर, मैं उनको वासना से देखता था. मैं चाची की ब्रा पेंटी से लंड रगड़ता था.
नमस्कार दोस्तो, यह कहानी दो-तीन साल पहले की है.
मैं सोनू हूँ. मेरी उम्र 25 साल की है और मैं महेन्द्रगढ़ हरियाणा से हूँ.
ये Xxx देसी चूत की चुदाई का मजा मेरी पड़ोसन चाची के साथ हुई एक रोमांचक घटना को लेकर लिखी गई है और एकदम सच्ची कहानी है.
चाची की उम्र 35 साल की है.
वो देखने में एकदम कयामत ही हैं. कोई भी उन्हें एक बार देख भर ले, मेरी गारंटी है कि उसका लंड फनफना कर खड़ा न हो ज़ाए तो कहना.
यही मेरे साथ भी हुआ था.
जब से चाची की शादी हुई, तभी से मैं उनको वासना भरी नजरों से देखता आ रहा था.
मन में वासना का सागर हिलोरें मारता, तो मैं चाची की पैंटी को उठा कर सूंघ लेता, ब्रा को सूंघ लेता और लंड हिलाकर खुद को शांत कर लेता.
यदि हाथ से झड़ने में टाइम लगता, तो कभी कभी मैं चाची की पैंटी में ही मुठ मार लिया करता था.
एक दिन मैं उनके बाथरूम में उनकी पैंटी को लंड पर लगा कर मुठ मार रहा था.
और तभी चाची भी बाहर से अन्दर आ गईं.
चाची ने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया था और मेरे लंड पर उनकी पैंटी लिपटी हुई थी, ये भी उन्होंने देख लिया था.
उनको अन्दर आया देखते ही मैं घबरा गया और वहां से बाहर जाने लगा.
चाची ने मुझे पकड़ लिया और गुस्से में पूछा- ये सब करने आता है तू हमारे यहां?
मैंने सॉरी बोला और जैसे तैसे बात खत्म करना चाहता था.
लेकिन चाची गुस्से में थीं और धमकी पर धमकी दिए जा रही थीं.
मैं चुपचाप उनकी डांट खाता रहा और सर झुकाए खड़ा रहा.
फिर जैसे ही चाची ने मुझे छोड़ा, मैं वहां से निकल कर अपने घर आ गया.
उस घटना के बाद काफ़ी दिन तक मैं उनके यहां नहीं गया.
कुछ दिन बाद हमारे परिवार में एक अवसर आया, जब एक जन्मदिन का कार्यक्रम था.
मेरी किस्मत तो देखो, अंत मैं जब सब लोग फंक्शन के लिए जाने लगे तो चाची सामने दिखीं.
उस वक्त तक सब जा चुके थे और मैं व चाची ही जाने को अकेले ही बचे थे.
मेरे पास स्कूटी थी, उन्होंने लिफ्ट मांगी.
उनकी बात सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैंने उनको अपनी स्कूटी पर बिठाया और चल दिया.
हमारे घर से फंक्शन वाली जगह थोड़ा दूर खुले खेतों में थी.
जैसे ही हम मेन रोड से नीचे उतरे, तो जमीन समतल नहीं थी; जिस वजह से मैंने ब्रेक लगाना शुरू कर दिया.
चाची कुछ नहीं बोलीं और मैंने इस बात का फायदा उठा कर चाची से अपने जिस्म को रगड़ना शुरू कर दिया.
मैंने महसूस किया कि चाची भी मेरी पीठ से अपने मम्मों को रगड़ सुख ले रही थीं.
इससे मेरी हिम्मत जागी और मैंने चाची से बात करना शुरू कर दी.
पहले इधर उधर की बात की फिर मैं मुद्दे पर आ गया.
मैंने कहा- चाची मैं आपको पसंद करता हूँ.
इस पर चाची कुछ पल चुप रहीं और एक लम्बी से सांस लेकर बोलीं- ये सब गलत है, मैं तुम्हारी चाची हूँ. तुम मेरे बारे में ऐसा कैसे सोच सकते हो?
इस बात को लेकर काफी बातचीत हुई आखिर में मैंने उनको जैसे तैसे समझाया और वो मान गईं.
वो बोलीं- ठीक है … लेकिन ये बात हमारे बीच ही रहेगी. तू किसी से भी मेरे साथ अपने सम्बन्धों का जिक्र नहीं करेगा.
चाची के मुँह से इतना सुनते ही मैंने ब्रेक लगाए और पीछे मुँह करके उनके गाल पर एक किस कर दिया.
मेरे एकदम से चूमने से चाची सकपका गईं, फिर हंस कर बोलीं- अरे तू तो बड़ा फास्ट निकला. इतनी जल्दी चुम्मी भी ले ली?
मैंने भी हंस कर कहा- हां चाची, बोहनी करना तो बनता ही था.
चाची हंस दीं और उन्होंने भी मेरे गाल पर किस कर दिया.
उसके बाद हम दोनों फंक्शन में आ गए.
उधर से रात को वापसी में देर हो गई.
मैं ही चाची को वापिस ला रहा था.
चाची खुद भी मेरे साथ ही वापस आना चाह रही थीं.
मैं उनको लेकर आ रहा था तो उन्होंने कहा- रोड खाली है, मुझे भी स्कूटी चलाना सिखा दो.
मैंने उनको आगे बिठाया और पीछे से उनकी गांड से लंड चिपका कर बैठ गया.
अब मैं अपने हाथ आगे करके उनको बताने लगा कि स्कूटी को कैसे चलाते हैं.
वो सब बताते हुए मैं उनके मम्मों को टच करने लगा और गर्दन पर किस करने लगा.
वो खुद भी शायद ये सब चाह रही थीं. इसलिए चाची गर्म हो गईं.
मैं उनके चूचे दबा कर बोला- चाची, यहीं किसी झाड़ी में मजा ले लेने दो न.
चाची हंस दीं और बोलीं- इतनी ज्यादा आग लगी है क्या?
मैंने कहा- हां चाची, मैंने अब तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया है.
चाची ये सुनकर शायद ज्यादा खुश हो गई थीं कि आज तो उन्हें कुंवारा लंड मिलने वाला है.
उन्होंने कहा- नहीं इधर ठीक नहीं रहेगा. घर चल कर करेंगे.
मैंने कहा- घर पर तो चाचा आ गए होंगे.
तो चाची बोलीं- हां उन्हें आज रात वापस आना तो है. चलो मैं फोन लगा कर पूछ लेती हूँ.
चाची ने स्कूटी रुकवाई और चाचा को फोन लगाया.
चाची ने हैलो कहा तो चाचा ने कहा- हां सुनीता, मैं कबसे तुम्हारा फोन लगा रहा हूँ. लग ही नहीं रहा था.
चाची ने कहा- अरे वो फंक्शन भी आउट में था न … तो उधर नेट्वर्क की दिक्कत आ रही थी. आपका आने का सब हो गया … कितने बजे कि ट्रेन है?
चाचा बोले- अरे यही बताने के लिए तो फोन कर रहा था कि मैं आज नहीं आ रहा हूँ. तुम इन्जार मत करना और घर में किसी को बुला लेना.
चाची बोलीं- हां ठीक है, मैं सोनू को बुला लूँगी. अभी भी उसी के साथ हूँ, फंक्शन से लौट रही हूँ.
चाचा ने कहा- अच्छा ठीक है. अब मैं फोन रख रहा हूँ.
चाची ने फोन रखा, तो मैंने उन्हें अपनी बांहों में समेट लिया.
वो भी बिंदास मेरी बांहों में झूल गईं और बोलीं- आज रात घर में ही अपनी रासलीला होगी.
मैं खुश था.
फिर जैसे ही हम दोनों घर पहुंचे उन्होंने मेरे घर पर रुक जाने के लिए कहा और मेरी मम्मी ने हामी भर दी.
हम दोनों चाची के घर चले गए.
कमरे में जाते ही मैंने चाची को किस करना शुरू कर दिया.
चाची भी न जाने कबसे प्यासी थीं.
चाचा उनको कम ही चोद पाते थे शायद. चाचा का काम कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था.
चूमाचाटी में कब हमारे कपड़े निकल गए, मालूम ही नहीं चला.
चाची काली पैंटी ओर लाल रंग की ब्रा में मेरे सामने खड़ी थीं और मैं अंडरवियर में.
मैंने उनको लेटा दिया और उनके संगमरमर से जिस्म को जगह जगह चूमना चाटना शुरू कर दिया.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैं किस करने के साथ साथ चाची को जगह जगह पर काट भी ले रहा था जिससे चाची की आह आह निकल रही थी.
फिर मैंने चाची की पैंटी और ब्रा निकाल दी.
उनके बूब्स को मुँह में लेकर शुरू किया, तो वो पागल हुई जा रही थीं.
मैं चाची के दूध चूसने के बाद उन्हें चूमता हुआ धीरे धीरे नीचे आया और उनकी चूत पर जीभ रख कर चाटने लगा.
वो एकदम से मचल उठीं और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाती हुई आह आह करने लगीं.
कुछ ही देर में चाची झड़ गईं और मैं उनकी चूत का पानी पीने लगा.
मैंने कुछ ही देर में चाची की चूत चाट कर साफ़ कर दी.
वो पागल हो रही थीं.
उसके बाद उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरा अंडरवियर हटा कर लंड देखने लगीं.
मेरा मोटा लम्बा लंड देख कर चाची हैरान रह गईं और बोलीं- तेरा तो बहुत बड़ा लंड है. उस दिन जब तू बाथरूम में मेरी पैंटी में लंड दबा कर मुठ मार रहा था, तब मैं ठीक से देख ही नहीं पाई थी.
मैंने कहा- यदि आपको मेरा लंड पसंद आया हो, तो इसको मुँह में लेकर प्यार करो.
चाची शायद यही चाह रही थीं. वो झट से मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मेरा मन फिर से चाची की चूत चाटने का कर रहा था तो मैं उनसे बोला- चाची चलो अपन 69 में करते हैं.
चाची बोलीं- ये 69 क्या होता है?
मैंने कहा- एक दूसरे का आइटम एक साथ चाटने की पोजीशन को 69 कहा जाता है.
चाची- तू तो कह रहा था कि तू कुंवारा है और ये 69 के बारे में कहां से जानता है?
मैंने कहा- चाची, तुम्हारी चूत की याद में मैं बहुत ब्लू-फिल्म देख चुका हूँ. उसी में मैंने 69 का सीन देखा था.
चाची खुश हो गईं और हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए.
मैं चाची की चूत चूसने लगा और चाची मेरा लंड मुँह में लेकर कुल्फी जैसे चचोरने लगीं.
चाची मेरे लंड को अपने हाथ से मुठिया भी रही थीं और मेरे आंड भी सहला रही थीं.
मुझे बड़ी गुदगुदी हो रही थी.
चाची बार बार बस यही कह रही थीं- सोनू तेरा लंड बहुत बड़ा है. तेरे चाचा का तो तेरे लंड से आधा भी नहीं है.
मैंने कहा- मतलब आज तो आपके मजे हो गए चाची?
चाची हंस दीं और बोलीं- तुझे मेरी चूत चाटने में मजा नहीं आ रहा है क्या?
मैंने कहा- चाची, आपकी चूत तो जबरदस्त मलाई वाली चूत है. आज मुझे भी पहली बार चुदाई करने में मजा आ जाएगा.
चाची बोलीं- हां मुझे भी तेरे कुंवारे लंड से चुदने का सुख मिल जाएगा.
इसी तरह की बातचीत करते हुए हम दोनों एकदम चरम पर आ गए और झड़ गए.
हम दोनों ने ही एक दूसरे का पानी पी लिया.
चाची को मेरा लंड का माल इतना स्वादिष्ट लगा कि उन्होंने मेरे लंड का सारा पानी चूसने के बाद भी उसे नहीं छोड़ा.
वो लगातार लंड चूसती रहीं.
इससे नतीजा ये निकला कि मेरा हथियार फिर से खड़ा हो गया.
अब चाची ने मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी पोजीशन सैट की और अपनी Xxx देसी चूत में लंड डालने की कोशिश करने लगीं.
मैंने कहा- चाची मेरा पहली बार है … प्लीज़ मुझे अपने ऊपर चढ़ने का मौका दो न!
चाची ने हां कहा और टांगें पसार कर किसी सड़क छाप रंडी की तरह चूत खोल कर लेट गईं.
मैंने उनके ऊपर चढ़ कर बड़े प्यार से उनकी चूत में लंड सैट किया और पेलना शुरू कर दिया.
मेरा लंड मोटा था तो चाची की चूत में बड़ा टाईट जा रहा था.
चाची को भी दर्द हो रहा था. वो आह आह करती हुई चुदने लगी थीं.
धीरे धीरे मैंने पूरा लंड अन्दर पेला और धक्के लगाना शुरू कर दिया.
फिर धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और उनकी मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
जैसे जैसे लंड अपनी रफ्तार बढ़ा रहा था, वैसे वैसे चाची की आवाज़ भी बढ़ने लगी.
चूंकि मेरा एक बार और चाची का दो बार माल झड़ चुका था तो हमारा सर्कस लंबा चला.
कोई बीस मिनट में चाची एक बार झड़ गईं.
मेरा अभी भी नहीं निकला था.
तो उन्होंने कहा- मैं थक गयी हूँ अब बस कर सोनू!
मैंने लंड चूत से निकाल कर उनके मुँह में दे दिया.
चाची ने लंड चूसा और थोड़ी देर बाद भी जब मैं नहीं झड़ा, तो मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे से पेलना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद मैंने लम्बे लम्बे झटके लगाने शुरू किए तब जाकर मेरा रस निकला और मुझे शांति मिली.
चाची भी एकदम लस्त हो गई थीं.
उन्होंने मुझे चूमा और हम दोनों यूं ही नंगे लिपट कर सो गए.
उसके बाद हम दोनों को जब भी मौक़ा मिलता तो हम दोनों चुदाई कर लेते.
इसके बाद उन्होंने मुझे अपनी बड़ी बहन से मिलवाया.
वो देखने में ठीक ही थीं, ज़्यादा ख़ास नहीं थीं.
चाची के कहने पर मैं उनसे मिला और उनसे बात करने लगा.
उनके हज़्बेंड नहीं थे और दो बच्चे थे, दोनों स्कूल जाते थे.
सारा दिन वो घर में अकेली रहती थीं.
उस दिन मैं एक जरूरी काम आ जाने से उनके घर से आ गया.
दूसरे दिन उनका मुझे फोन आया और उन्होंने घर आने को बोला.
मैं उनके घर चला गया.
उन्होंने मुझसे बैठने का कहा और वो मेरे लिए चाय बनाने चली गईं.
मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया और किचन में उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया.
वो मेरे आने से मन ही मन खुश थीं.
मैंने पीछे से उन्हें हग कर लिया और अपने दोनों हाथ उनके चूचों पर रख कर मसलने लगा.
वो मस्त होकर आह आह करने लगीं.
मैं अपना मुँह उनके कान के पास ले जाकर उनके कान की लौ को चुभलाने लगा.
इससे उनकी आंखें बंद हो गईं और वो अपनी अन्तर्वासना में खो सी गईं.
मैंने किचन में ही एक हाथ नीचे ले जाकर उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. उनकी सलवार नीचे गिर गई.
अब वो नीचे से सिर्फ़ पैंटी में थीं और ऊपर कुर्ती थी.
मैंने उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया.
वो अपनी सालों से लंड की भूखी चूत पर मर्दाना हाथ पाते ही एकदम से सिसकारने लगीं.
मैंने चूत से रस निकाला और उंगली को चाट कर चटखारा लिया.
उन्होंने पूछा- कैसा लगा?
मैंने कहा- जबरदस्त स्वाद है आपकी चूत की मलाई का.
वो बोलीं- तो चलो न रूम में चलते हैं. उधर मैं भी तुम्हारे बाबूलाल का रस चख लूँगी.
मैंने हाथ बढ़ा कर गैस बंद कर दी और उनको अपनी गोद में उठा कर रूम में लेकर आ गया.
उनको बिस्तर पर लुड़का कर मैं उनके ऊपर ही चढ़ गया.
मैं चाची की बहन के होंठों से अपने होंठ जोड़ कर उन्हें लिप किस करने लगा.
कुछ ही देर में मैंने उनके कुर्ते को भी निकाल दिया.
अब मेरे सामने वो ब्रा और पैंटी में मचल रही थीं.
मैंने उनके जिस्म पर चुम्बनों की बौछार कर दी और साथ में मैं उनके बदन पर जगह लव बाईट करने लगा.
कुछ ही देर में मैंने उनकी ब्रा भी निकाल दी और उन पर लेट गया.
नीचे से लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा और ऊपर से मुँह से मम्मों को चूसते हुए खींचने लगा.
वो पागल हुई जा रही थीं.
अब मैंने धीरे से लंड को चड्डी से बाहर निकाला और उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
मैंने एक झटके से उन्हें उठाया और पलटा कर उनको अपने ऊपर ले लिया.
अब वो मुझे बाईट कर रही थीं और मैं उनकी गांड और चूत को हाथ से रग़ड़ रहा था.
फिर मैंने उनकी पैंटी निकाली और लंड चूत पर टिका कर अन्दर पेल दिया.
उनकी चिकनी चूत थी और मेरा झटका भी जोरदार था.
मेरा मोटा लंड एकदम से Xxx देसी चूत के अन्दर घुस गया.
उनकी चीख निकल गई और वो छटपटाने लगीं.
मैं लंड ठेले हुए रुका रहा और उनके एक दूध को अपने मुँह में दबा कर चूसने लगा.
थोड़ी देर में वो सामान्य हो गईं और लंड के मजे लेने लगीं.
दस बीस धक्कों के बाद तो वो खुद ही ऊपर नीचे होने लगीं.
अब मैंने उनको अपने नीचे लेटाया और ताबड़तोड़ चोदना चालू कर दिया.
दस मिनट में ही उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया मगर मैं लगा रहा.
करीब बीस मिनट तक जबरदस्त चुदाई के बाद मैंने लंड का पानी उनके मुँह में छोड़ा और वो सारा लंड रस पी गईं.
उस दिन हम दोनों ने 4 बार चुदाई की और मैं उनके घर से वापस आ गया.
अब जब भी वो मुझे कॉल करती हैं, मैं उन्हें चोदने चला जाता हूँ.
इसके बाद एक दिन मुझे चाची का कॉल आया.
उन्होंने मुझे घर आने को कहा.
मैं गया और चाची को नंगी करके चोदने लगा.
मुझे नहीं मालूम था कि उस दिन उनकी बहन भी उधर ही आई हैं.
आधी चुदाई में उनकी बहन भी नंगी होकर कमरे में आ गईं और हम तीनों ने थ्रीसम सेक्स का मजा लिया.
अब जब भी हम तीनों का मन होता है मैं चला जाता हूँ और चाची व उनकी बहन को एक साथ चोदने का आनन्द ले लेता हूँ.
इसके बाद मेरी चाची ने एक किराएदारनी को भी हमारी चुदाई गैंग में शामिल कर लिया.
अब वो चाहती हैं कि मैं अपने साथ एक या दो दोस्तों को भी इस चुदाई के कार्यक्रम में शामिल कर लूं ताकि चूत गांड की एक साथ चुदाई का मजा लिया जा सके.
अगली बार मैं आपको चाची, उनकी दोनों चुदक्कड़ों को एक साथ चुदाई की कहानी लिखूँगा.
तब तक आप मुझे मेल करें, बताएं कि आपको Xxx देसी चूत की चुदाई का मजा आया?
धन्यवाद.
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