बिग बूब्ज़ गर्ल फक स्टोरी मेरे मामा की जवान बेटी की चूत चुदाई की है. मैं मामा के घर रहने गया तो उसके मस्त यौवन से मेरी नज़र ही नहीं हट रही थी.
नमस्कार दोस्तो, मैं राज कुमार 19 साल का हूँ. मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
आपके लिए एक मजेदार और सच्ची सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूं जो मेरे साथ कुछ दिन पहले घटी थी.
आप अपने मोटे लंड और कसी हुई चूत पर हाथ फेर लीजिए.
यह बिग बूब्ज़ गर्ल फक स्टोरी कुछ दिन पहले की है.
मैं बहुत पढ़ने वाला बन्दा हूँ, फ़ालतू की सेक्स की चर्चा पर समय खराब नहीं करता हूँ पर इस वेबसाइट पर आकर सेक्स कहानी जरूर पढ़ता हूँ.
हुआ यूं कि मैं कुछ दिन पहले अपने मामा के घर गया था.
मेरे मामा के यहां कुल तीन सदस्य रहते हैं, मामा मामी और उनकी एक बेटी बबली.
बबली अभी बारहवीं में है और उसके बूब्स छोटी उम्र में ही बहुत बड़े बड़े हो गए हैं.
वो देखने में काफी सुंदर है. पूरे मोहल्ले के लड़के उसके लिए पागल हैं.
मैं जब मामा के घर पहुंचा तो मामा बड़े खुश हुए और मेरे व मेरे घर के हाल चाल पूछने लगे.
मामी भी कहने लगीं- ऐसा लग रहा है कि तुम अब हम लोगों को भूलने लगे हो.
मैं- नहीं मामी जी, ऐसी बात नहीं है. बस अब कॉलेज खुल गए हैं, तो टाइम ही नहीं मिलता.
मामी- हां, बना ले बहाने!
वैसे मेरी मामी भी बहुत हॉट दिखती हैं. उनके गुब्बारे से फूले हुए चूचे और उठी हुई गांड देख कर तो कोई भी पगला जाए.
तभी मामी ने बबली को आवाज लगाई- बबली, नीचे आओ. देखो कौन आया है.
मामी की आवाज लगने के कुछ ही देर बाद वो नीचे आई.
उसने ब्लैक कलर का टॉप ओपन गला वाला और सफ़ेद रंग की हाफ जींस पहन रखी थी.
वैसे तो उसको बचपन में बहुत देखा था, पर जवानी में पहली बार देखकर मेरी उसके मदमस्त यौवन से नज़रें ही नहीं हट रही थीं.
बड़ी कांटा माल लग रही थी.
मैं ये सब सोच ही रहा था कि उसकी आवाज आई- जी मम्मी!
मामी- अरे बबली देखो, राज आया है … तुम्हारी बुआ का लड़का!
बबली- ओह … हाय राज. मैं पहचान ही नहीं पाई तुम्हें.
मैं- हाय बबली … मैं भी तुम्हें पहचान नहीं पाया. कितनी बड़ी हो गई हो!
मैं अपने मन में सोच रहा था कि तुमने अपनी चूचियां कितनी बड़ी कर ली हैं बबली … खुद ही मसल कर फुला ली हैं या किसी से चुसवा कर फुलवाई हैं.
तभी बबली की आवाज ने मुझे अपनी सोच से बाहर ला दिया- कैसे हो राज और आजकल क्या कर रहे हो?
मैं- मैं ठीक हूँ और बीए कर रहा हूँ … तुम बताओ!
बबली- मैं तो अभी फर्स्ट इयर में ही हूँ. एक साल फेल भी हो गई थी.
इतना कहकर वो हंस पड़ी.
मामी- अब सिर्फ बातें ही करती रहेगी या इसे खाना-वाना भी खिलाएगी?
मैं- नहीं मामी, अभी कुछ नहीं. मैं घर से खाकर चला था.
मामी- अरे ऐसे कैसे, यहां से मोटे होकर जाओगे … देख लेना!
फिर कुछ देर यूं ही मजाक मस्ती हुई और मैं एक कमरे में जाकर सो गया.
शाम को 5 बजे उठा, तो देखा घर में कोई नहीं था.
मैंने आवाज दी- मामी … मामी!
बबली- क्यों शोर कर रहे हो … मम्मी बाजार गई हैं!
मैं- अरे यार प्यास लग रही है. एक गिलास पानी मिलेगा क्या?
बबली- हां जरूर.
उसने पानी दिया तो मैं पीकर उसके पास बैठ गया.
तब उसने पूछा- गेम खेलोगे?
मैं- कौन सा?
बबली- जो तुम्हें पसंद हो.
मैं- आओ लूडो खेलते हैं.
बबली- हां चलो.
तो मैंने अपने फोन में लूडो चालू कर दिया.
हम दोनों खेलने लगे.
वो मेरे सामने ढीली सी टी-शर्ट में बैठी थी. जब जब झुकती, तो उसके बूब्स के दर्शन हो जाते थे.
ऐसे ही काफी देर तक खेलते रहे और मैंने उसकी एक पक्की गोट काट दी.
बबली- नहीं यार, ये चीटिंग है.
मैं- अच्छा हारने लगी तो चीटिंग … लूजर लूजर.
इतना कहते ही वो मेरा फोन छीनने लगी.
मैंने भी बहुत ताकत से फोन को पकड़ा था.
ऐसे ही काफी देर तक हम दोनों लड़ते रहे.
फिर मेरा हाथ गलती से उसके बूब्स पर टच हो गया.
मुझे जैसे ही अहसास हुआ तो मैंने तुरत हाथ ढीला कर लिया … मगर हटाया नहीं.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो आंख बंद करके मेरे स्पर्श का अहसास कर रही थी.
तो मैंने भी अगले पल उसके दूध को तेज तेज दबाना शुरू कर दिया.
उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं ‘उम्ह्ह उम्ह्ह्ह उफ …’
पर मैंने जैसे ही उसकी पैंटी की तरफ हाथ बढ़ाया तो उसने रोक दिया- यार, मम्मी आने वाली होंगी, बाद में करते हैं.
मैं- बाद में कब?
बबली- रात में जब मैं फोन करूं, तब आ जाना. अब जाओ मुझे काम करना है वरना मम्मी चिल्लाएंगी.
उसके बाद हम दोनों अलग हो गए और कुछ देर बाद फिर से बाहर ड्राइंगरूम में बैठ कर बातें करने लगे.
मैंने उससे अपने मन में दबी बात पूछना सही समझा- एक बात साफ़ साफ़ पूछ सकता हूँ?
वो बोली- हां, पूछो न!
मैंने कहा- तुम्हारे ये इतने बड़े कैसे हो गए?
वो मेरी आंखों की तरफ देखती हुई अपने बिग बूब्ज़ को देखने लगी.
फिर मुस्कुरा कर अपने दूध सहलाती हुई बोली- क्यों जानना है?
मैंने कहा- बस यूं ही जानना है.
वो बोली- जब साफ़ साफ़ पूछना ही है, तो घुमा फिरा कर क्यों पूछ रहे हो … सीधे ही पूछो न!
मैंने समझ लिया कि बंदी बहुत तेज है, मैंने कहा- तुझे मेरा सवाल समझ आ गया है न … तो तू ही साफ़ साफ़ बता दे न?
वो इठला कर अपने मम्मे मेरी तरफ करती हुई बोली- ऐसे नहीं … तुम पूछोगे तो ही बताऊंगी.
मैंने सीधे सीधे पूछा- जलेबी ने शीरा पी लिया या अभी सिर्फ ऊपर ऊपर से खेली है?
वो हंस कर बोली- जलेबी सी पहेली क्यों पूछ रहे हो. साफ़ साफ़ कहो कि सेक्स कर लिया है या नहीं?
मैंने कहा- चल तुझे सवाल समझ में आ गया है, तो उत्तर दे दे.
वो बोली- अभी तक खुद से खेली है जलेबी. मगर अब शीरा चखने का मन है.
मैंने लंड पर हाथ फेर कर कहा- जब तेरी जलेबी शीरा पिएगी, तब पिएगी. तब तक तुम मुँह से गन्ना चूस सकती हो.
वो मेरे लंड पर हाथ फेरती हुई बोली- आज रात तुम्हें बुला रही हूँ न … उधर ही गन्ना भी चूस लूंगी और तुम जलेबी को शीरा भी पिला देना.
अभी हम दोनों इसी तरह की गर्म गर्म बातें कर ही रहे थे कि मामी आ गईं.
हम दोनों ने टॉपिक चेंज कर दिया और पढ़ाई की बातें करने लगे.
कुछ देर बाद बबली अपनी मम्मी से कह कर मुहल्ले की अपनी एक सहेली के घर चली गई.
उसके जाते ही मामी मेरे पास आकर बैठ गईं और उन्होंने अपनी बात कहनी शुरू कर दी.
मामी- और सुनाओ … कोई सहेली बनाई या ऐसे ही मस्ती कर रहा है?
मैं मामी की बात सुनकर एक बार तो सकपका गया कि मामी ये क्या कह रही हैं.
फिर समझ गया कि मामी को भी गन्ना चुसवाया जा सकता है.
मैंने कहा- अभी तो ऐसे ही चल रहा है मामी जी. आप बताएं आपकी नजर में कोई हो, तो उसे सहेली बना लूँ?
मामी हंस कर बोलीं- मुझे ही बना ले अपनी सहेली.
मैंने कहा- मुझे कोई दिक्कत नहीं है. बस सहेली के साथ वो मस्ती वाली बात का देख लीजिएगा.
वो भी हंसने लगीं और मेरी जांघ पर हाथ फेरती हुई मेरे लंड को एक बार टच करके दूर हो गईं.
मैंने कहा- मामी जी आप बेफिक्र रहें … मैं हर तरह से आपकी सेवा करने के लिए परफेक्ट हूँ.
अभी मैंने समझ लिया था कि बबली और इसकी अम्मा दोनों को एक ही पलंग पर एक साथ रगड़ने का सुख लिया जा सकता है, बस थोड़ा समय लगेगा.
कुछ देर बाद मामा जी भी आ गए और मैं उनसे बात करने लगा.
फिर मैं अपने रूम में आ गया और इंतजार करने लगा.
जैसे तैसे टाइम कटा.
रात में सब डिनर करके अपने अपने रूम में सोने के लिए चले गए.
मुझे उसके फोन का इंतजार था और नींद भी आने लगी थी.
रात में करीब 2 बजे उसका फोन आया, तो मैंने उठाया.
वो बोली- जल्दी से आ जाओ. और सुनो … देखकर आना.
मैं जल्दी से उठा और बिना आवाज किए उसके कमरे में घुस गया.
बबली ने मुझे तुरंत गले से लगा लिया और कहने लगी- आई लव यू राज, मैं तुमसे बचपन से प्यार करती हूँ … पर कभी कह न पाई. प्लीज आज मुझे ठंडा कर दो.
मैं- आई लव यू टू बेबी. मुझे भी प्यास लगी है.
और मैं उसके होंठों को चूमने लगा.
वो भी साथ देने लगी और बार बार ‘आई लव यू … आई लव यू राज …’ बोले जा रही थी.
मैं उसे चूमता रहा.
उसके मुँह से सिसकारियां निकलती रहीं- उन्ह्ह राज आई लव यू … प्लीज़ फक मी.
मैंने उसकी ब्रा से उसके बिग बूब्ज़ को आजाद कर दिया और जोर जोर से दबाने व पीने लगा.
बबली- ओह आह उम्म्ह्ह और जोर से बाबू … और जोर से … आह काट डालो मेरे दूध.
वो अपने हाथों से अपने दूध मेरे मुँह में देती हुई चुसवाने लगी.
मैं मम्मों के बाद धीरे धीरे नीचे सरका और उसकी नाभि पर किस करने लगा.
मैंने उसकी पैंट उतार दी.
थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही करते रहे, फिर मैं उसकी पैंटी के ऊपर से सहलाने लगा.
उसके बाद उसकी पैंटी भी निकाल फेंकी और उसे बेड पर लिटा कर उसकी चूत चाटने लगा.
उसकी मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आआहह बाबू ये क्या कर दिया … उम्म्ह्ह्ह और अन्दर तक चाटो.
थोड़ी देर तक मैं चूत चाटता रहा, फिर उसने कहा- प्लीज अब मत तड़पाओ … अन्दर डाल दो बाबू.
मैंने कहा- अभी गन्ना चूसने का टाइम है जान!
वो हंस दी.
मैंने उसके मुँह में अपना लंड दे दिया और वो चूसने लगी.
वो एकदम पॉर्न स्टार की तरह लंड चूस रही थी.
उसकी लंड चुसाई में जादू था.
दस मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा फिर कहा- डाल दो अब!
मैंने भी जोश में उसकी चूत पर अपना लंड रखा और जोर से धक्का लगा दिया.
उसकी चूत गीली थी तो लंड चूत में समाता चला गया.
उसकी चीख निकल गई- हाय जालिम मर गई … ऐसे कौन डालता है उईई मां … मेरी फट गई आह प्लीज बाहर निकालो … मैं मर जाऊंगी … मत चोदो.
पर मैंने उसकी एक न सुनी और तेज तेज धक्के लगाने लगा.
मैंने उसके मुँह में उसकी पैंटी ठूंस दी.
थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हो गई और गांड उचका कर मजे लेने लगी- आआ आह्ह उफ्फ उम्म्म उम्म और तेज और तेज बाबू … और तेज चोदो … आह फाड़ दो मेरी चूत … और तेज.
मैंने भी स्पीड बढ़ा दी.
काफी देर बाद हम दोनों झड़ गए और चिपककर सो गए.
एक घंटा बाद मेरी नींद खुली तो मेरी बहन मेरे बाजू में एकदम नंगी पड़ी थी.
क्या कयामत लग रही थी.
मैंने उसके होंठों पर किस लिया और पोजीशन बना कर अपना लंड उसकी चूत पर लगा कर सीधा पेल दिया.
वो अचानक लंड घुसने से चिल्ला दी और छटपटाने लगी- ऊऊऊई मम्मी बहनचोद … साला उठा तो लिया होता … आह अचानक क्यों डाल दिया?
मैंने उसकी एक न सुनी, बस पेलता गया.
कुछ धक्कों बाद वो भी मजा लेने ली और कुछ मिनट बाद मैं झड़ गया.
उसके बाद तो समझो वो मेरे लंड की दीवानी हो गई थी.
मैं जितने दिन उधर रुका, मैंने उसे रोज दो बार चोदा.
तो दोस्तो, बिग बूब्ज़ गर्ल फक स्टोरी कैसी लगी, मुझे बताएं.
उसके बाद मामी जी को कैसे पेला व मामी के साथ बबली को एक साथ निपटाया, वो सेक्स कहानी भी लिखूँगा.
आप मुझे मेल जरूर करें.
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