हसबैंड फ्रेंड सेक्स कहानी में मेरे दोस्त की सेक्सी बीवी को मैंने पटा लिया था. या शायद उसने मुझे पटा लिया था. मैंने उसको उसी के घर में चोदा. आप मजा लें.
फ्रेंड्स, मैं राज आपको अपने दोस्त मुकेश की हॉट बीवी जीनी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
दोस्त की सेक्सी वाइफ से चूमाचाटी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने अपने दोस्त मुकेश की बीवी जीनी को सैट कर लिया था, मगर उसे चूमने सहलाने से ज्यादा कुछ न कर सका था.
अब उसे चोदने के लिए मेरा लंड बेकरार था और जीनी भी मुझसे चुदने मचल रही थी.
उसने मुझसे कहा था कि वो जल्द ही मुझे सरप्राइज देगी.
मैं उसके सरप्राइज के इन्तजार में था.
अब आगे हसबैंड फ्रेंड सेक्स कहानी:
आखिर शाम के 6:00 बजे मैं मुकेश और जीनी से मिला.
उस समय जीनी ने एक रेड बनारसी साड़ी और एक हॉट सा रेड बैकलेस ब्लाउज पहना था, जिससे उसकी पीठ पूरी दिख रही थी.
उसने बालों का जूड़ा बनाया हुआ था और उस पर मोगरा का गजरा लगा हुआ था.
होंठों पर लाल लिपस्टिक और बालों की कुछ लटें सामने की ओर खुली छोड़ी थीं, उसका ब्लाउज सामने से हल्का गहरे गले का था.
मैंने तो उसे देखते ही आंख मार दी थी. जिसे उसने देख लिया और मुस्कुरा कर मुझे भी जवाब दे दिया.
मैं जीनी से एक दूरी बना कर रखे हुए था ताकि मुकेश को किसी प्रकार का कोई शक ना हो.
बीच-बीच में जीनी और मैं दोनों एक दूसरे की ओर देखते और मुस्कुरा देते.
लेकिन हमने ज्यादा बात नहीं की थी.
हम लोग जिस पार्टी में गए थे, उस पार्टी में हमें पहचानने वाले कोई भी ना था.
केवल हमारा एक दोस्त ही हमें जानता था और उसकी शादी थी.
हम लोग जब खाना खा रहे थे, तब मुकेश और जीनी मेरे पास ही बैठकर खाना खा रहे थे.
तभी मुकेश ने मुझसे कहा- राज, मुझे रात के 11:00 बजे स्टेशन छोड़ देना, मुझे किसी जरूरी काम से दिल्ली जाना है … और हां राज, कल सुबह शादी का प्रोग्राम खत्म होने के बाद अपनी भाभी को लेकर वापस चले जाना.
मैं उसकी इन बातों को सुनकर काफी खुश हुआ.
लेकिन मैं अपनी खुशी को व्यक्त नहीं कर सकता था तो नॉर्मल रहा.
जीनी का भी यही हाल था.
आखिर रात 11:00 बजे मैं मुकेश को लेकर स्टेशन चला गया.
उसकी ट्रेन लेट थी लेकिन मैं उसे ट्रेन में बैठाकर ही पार्टी में वापस आया.
पार्टी में आते ही मैं जीनी को ढूंढने लगा.
वह कुछ महिलाओं के साथ बातचीत कर रही थी.
मैं पहुंचा तो जीनी ने मुझे देखकर अपने पास बुलाया और उन महिलाओं से मेरा परिचय कराया.
उसने कहा- मीट माय हस्बैंड.
मैं भौचक्का रह गया लेकिन मैंने उसकी बात को काटा नहीं और उन महिलाओं के साथ बातचीत करने लगा.
बाद में जीनी ने मुझे बताया कि वह उन्हें जानती नहीं थी, बस ऐसे ही बातचीत कर रही थी.
रात काफी हो चुकी थी, लगभग एक बज चुके थे.
फिर हम लोग अकेले खड़े होकर बातचीत करने लगे और हंसी मजाक करने लगे.
अब मैं जब उसका हस्बैंड बन ही गया था तो मैं उसे अपने वाइफ की तरह ट्रीट करने लगा और उसका हाथ अपने हाथों में पकड़ कर बातचीत करने लगा.
उसने हाथों में काफी अच्छी मेहंदी लगाई थी.
बात करते-करते जीनी और मैं एक किनारे चले गए, जहां कोई ना था और हल्का अंधेरा भी था.
मैंने समय की नजाकत को देखते हुए जीनी की कमर पर हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींच कर उसके गालों पर एक किस की.
मैंने जीनी से पूछा कि अब क्या करना है, सुबह तक रुकोगी या अभी वापस चलें?
इस पर जीनी ने कहा- यहां का तो सारा कार्यक्रम हो चुका है, अब यहां रुक कर क्या करना. चलो हम वापिस चलते हैं.
फिर हम आकर कार में बैठ गए और घर की ओर निकल पड़े.
रास्ते में मैंने बहुत बार जीनी को ऊपर ऊपर से तंग किया. जैसे कभी में उसके गालों पर हाथ फेर देता, कभी उसकी कमर पर चुटकी ले लेता, कभी उसके कंधे पर हाथ रख देता.
हम लोग जाते हुए ही एक दूसरे से फ्री हो गए लेकिन मैं कार चला रहा था, तो ज्यादा कुछ नहीं कर रहा था.
जीनी मुझे बोल रही थी- पहले घर चलो … फिर जो मन में हो सो कर लेना.
हम लोग रात को करीब तीन बजे जीनी के घर पहुंच गए.
मैंने नीचे अपनी कार पार्क की.
जीनी उतरने लगी तो मैंने उसे रोका और मैंने जाकर उसका गेट खोला.
रात के वक्त हमें कोई देख तो सकता नहीं था.
जीनी ने आंख मटका कर अपना लेफ्ट हाथ बाहर निकाला, जिसे मैंने पकड़ा.
फिर वो बाहर उतरी और हम दोनों उसके फ्लैट की ओर चल दिए.
हम उसके फ्लैट पर पहुंचे और उसने दरवाज़ा खोला.
वो आगे बढ़ कर अन्दर गई और मैं उसके पीछे.
मैं देख रहा था उसकी साड़ी एकदम उसके जिस्म से चिपकी थी.
मैंने अन्दर जाकर दरवाजा बंद कर दिया. अब वो और मैं हॉल में थे, जहां उसने आईने के सामने खड़े होकर अपने साड़ी की पिन निकाल दी.
उसकी साड़ी हल्की ढीली हो गई.
मैं सोफे पर बैठ कर उसे देख रहा था, मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
तभी मैं उठा और उसके पास जाकर उसका पल्लू खींच दिया.
पहले तो वो मेरे इस हमले के लिए तैयार ना थी, मगर उसका कोई विरोध भी न था.
जब तक जीनी कुछ सोचती, तब तक उसकी साड़ी का पल्लू मेरे हाथों में था.
अब जीनी मेरी ओर मुँह करके खड़ी थी.
वो हल्की सी मुस्कान के साथ और हल्के से गुस्से के साथ मुझे देखती हुई बोल रही थी कि यह क्या कर दिया?
मैं उसके मम्मों के बीच में बनी घाटी को अच्छी तरह से देख पा रहा था, जिस पर उसका ध्यान नहीं था.
लेकिन जैसे ही उसका ध्यान गया कि उसके बूब्स को मैं देख रहा हूं, उसने तुरंत अपने मम्मों को अपने दोनों हाथों से ढक लिया और उन्हें छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी.
मेरी उत्तेजना और बढ़ने लगी और मैंने उसकी साड़ी को हल्के हल्के खींचना शुरू कर दिया.
जीनी मेरी ओर ना आकर वहीं पर घूमने लगी, जिससे उसकी साड़ी उसके शरीर से धीरे-धीरे उतर रही थी.
मैं अपनी जगह पर खड़े होकर उसकी साड़ी खींच रहा था, वो बड़े ही मोहक अंदाज़ में अपनी साड़ी उतरवा रही थी.
वह अपनी जगह पर खड़ी हुई घूम रही थी.
धीरे-धीरे उसकी पूरी साड़ी मैंने खींच ली. साड़ी खींचते वक्त जब वह घूम रही थी, तब उसके सारे शरीर को मैं देख रहा था.
उसने जो बैकलेस ब्लाउज पहना था, उससे उसकी पीठ मुझे साफ साफ़ दिख रही थी और सामने से उसके बूब्स की घाटी, जिससे उसने अपने हाथों से ढक रखा था.
नीचे उसकी चिकनी कमर और टाइट साया, जो उसकी गांड और पैरों को ढके हुए था.
यह सब दृश्य मेरे सामने बड़ा ही मनमोहक लग रहा था.
अब जब मैंने उसकी साड़ी पूरी तरह खींच ली, तो वह आईने के सामने खड़ी होकर अपने बूब्स को छुपाते हुए पलट गई और शीशे की तरफ देखने लगी.
मैंने भी इस मौके का फायदा उठाया और उसके पास जाकर पीछे से उसके कंधे पर हाथ रख दिया.
अपना हाथ कंधे से नीचे किया और उसके हाथों पर से चलाते हुए उसकी कमर पर रख दिया.
अब वह मानो मेरी ओर हल्की झुक गई थी. उसकी पीठ मेरे सीने से लगी थी और मेरा चेहरा उसकी गर्दन के पास था.
मैंने उसकी गर्दन पर एक हल्की सी चुम्मी की और उसके कान में ‘आई लव यू …’ कहा.
फिर उसके गले पर किस किया.
वह किस के बाद जल्दी से मेरी ओर पलटी और मेरे सीने से लग गई.
मैं भी उसकी पीठ पर हाथ रख कर उस लम्हे के बारे में सोचने लगा.
वो भी एकदम चुप होकर मेरे सीने की गर्मी का अहसास लेती रही.
कुछ क्षणों तक हम लोग ऐसे ही रहे.
फिर मैंने अपने आपको उससे दूर किया और उसकी ओर देखने लगा.
वह अभी भी अपने हाथों को अपने बूब्स पर रखे थी.
मैं उसके पास आ गया और नीचे से हाथ डाला. एक हाथ उसके साए के ऊपर से और एक हाथ उसकी कमर में डाल कर मैंने उसे अपनी गोदी में उठा लिया.
वो मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगी तो मैंने उसे चूमा और उसके बेडरूम की तरफ ले जाने लगा.
अगले ही पल हम दोनों बेडरूम में पहुंच गए थे.
मैंने उसे बड़े ही प्यार से बेड पर बैठाया और अपनी शर्ट और बनियान उतार दी.
वह मेरे सामने ब्लाउज और पैंटीकोट में अपने पैरों को घुटने को मोड़ कर बैठी थी.
उसका मंगलसूत्र उसके गले में लटक रहा था. कानों के बड़े से लटकन और बालों में गजरा था.
उसके बालों की कुछ लटें सामने को आ गई थीं.
वो काफी खूबसूरत और बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी.
मैं बेड पर चढ़कर कर उसके साथ बैठ गया और उसके दोनों हाथों को अपने हाथों से थाम लिया. उसके हाथ उसके बूब्स को ढांपे हुए थे, मैंने उन्हें हटा दिया था.
अब उसके मम्मों की दूधिया घाटी मेरे सामने थी. मैंने उसके हाथों को चूमा और उसे अपनी तरफ़ खींच लिया.
वो भी किसी कटे वृक्ष की डाल की तरह मेरे सीने से आ लगी.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए.
मैं दोनों हाथों से उसकी पीठ, कमर और गर्दन को सहला रहा था.
उसके हाथ भी मेरी पीठ पर आ चुके थे और हम दोनों एक दूसरे को प्यार कर रहे थे.
कुछ समय बाद मैंने उसके चेहरे पर किस करना शुरू कर दिया.
मेरे किस की बौछार से वह अपने आपको हल्का सा बचाने की कोशिश करने लगी.
लेकिन मैं किस करता ही रहा.
धीरे-धीरे मैं उसके होंठों पर आ गया और उसके होंठों पर भी किस करने लगा.
मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वो मेरी जीभ को चूसने में लग गई.
हम दोनों के बीच किस का सिलसिला दस मिनट तक चला होगा, फिर हम अलग हो गए.
अब मैं उसके पीछे जाकर बैठ गया और पीछे से उसकी पीठ पर किस करने लगा.
फिर धीरे-धीरे मैं उसकी कमर पर आ गया और वापस उसकी गर्दन पर किस करने लगा.
मैंने उसके मोगरा के गजरे को खोल दिया लेकिन गजरा अभी भी जीनी के बालों में लटका हुआ था.
मैं अपने हाथों को आगे करके उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा.
वह हल्का सा विरोध कर रही थी लेकिन उसकी भी मंजूरी थी.
जब उसके ब्लाउज के सारे बटन खुल गए, तो मैंने पीछे से ही उसके ब्लाउज को खींचकर अलग कर दिया.
उसने अन्दर रेड कलर की जालीदार ब्रा पहनी थी.
मैंने उसके बालों का जूड़ा भी खोल दिया, जिससे उसके बाल पीछे बिखर गए.
मैंने बालों को एक साइड करते हुए उसकी पीठ पर किस किया और आगे की ओर आकर बैठ गया.
उसने अभी भी अपने पैर किसी नई दुल्हन की तरह मोड़ रखे थे.
मैं उसके पैरों पर हाथ रखते हुए अपना हाथ ऊपर की ओर ले जाने लगा.
मेरे हाथ उसके घुटनों तक आ गए और साया ऊपर हो गया, जिससे जीनी को शर्म आ गई.
उसने अपने पैर सीधे कर लिए और पीठ के बल लेट गई.
अब मैं उसके ऊपर आ गया.
इससे पहले मैंने अपनी पैंट खोल दी थी और मैं सिर्फ उसके सामने अंडरवियर में था.
मैं उसके ऊपर आ गया.
मेरा सीना उसके बूब्स के ऊपर था और मैं उसके गालों पर किस करते हुए उसके बूब्स के ऊपर किस करने लगा, साथ ही हल्का हल्का उन्हें दबाने भी लगा.
वह भी गर्म थी तो कब तक खुद को रोक पाती. मेरे मम्मों पर हुए हमले से वो भी तिलमिला गई और उसने अपना हाथ मेरे पीठ पर डाल दिया.
हम दोनों बिस्तर पर ही एक दूसरे के ऊपर झूमने लगे.
हम लोग बिस्तर पर लेटे लेटे एक दूसरे के ऊपर नीचे हो रहे थे.
कुछ देर बाद मैंने हाथ नीचे करते हुए उसके साए के नाड़े को खोल दिया और अपने हाथों और पैरों की मदद से उसके साए को अलग कर दिया.
अब वह रेड ब्रा और पैंटी में मेरे सामने थी.
मैंने ज्यादा देर न करते हुए उसकी ब्रा का हुक पीछे हाथ डालकर खोल दिया हम दोनों बेड पर एक दूसरे के ऊपर झूम रहे थे.
उस दौरान मैंने उसकी ब्रा को भी उसके शरीर से अलग कर दिया.
जीनी के बूब्स मेरे सामने नंगे थे. मैं जीनी के एक दूध को चूस रहा था और दूसरे को दबा रहा था.
जीनी सुख के सागर में गोते लगाने लगी.
उसने अपना हाथ मेरे सर पर रखकर मुझे अपने मम्मों पर दबा लिया था और अपने मम्मों की चुसाई का मजा ले रही थी.
मैं जब भी उसका निप्पल अपने दांतों से काटते हुए खींच देता, तो वह तिलमला उठती.
कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ नीचे करके उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत के दाने को मसल दिया.
उसने एक आह भरी और बड़ी कामुकता से मेरी पीठ पर अपने हाथों का दबाव देते हुए मुझे दबोच लिया.
मैं ज्यादा देर न करते हुए उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूत को मसलने लगा.
इससे वह बेकरार हो गई और मुझे और जोर से किस करने लगी.
मेरे लिए खुद को रोक पाना अब बहुत मुश्किल था क्योंकि मेरा लंड भी पूरा टाइट हो चुका था.
मैंने जल्दी ही उसकी पैंटी को उसके शरीर से अलग कर दिया और मैं उसके ऊपर छा गया.
उसने भी जल्दी ही अपनी दोनों टांगें फैला दी थीं.
उससे मैं समझ गया था कि लोहा गर्म हो गया और मुझे बस आगे बढ़ना है.
मैं जल्दी से उसकी टांगों के बीच में सैट होकर अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
इससे वह और बेकरार होकर मुझे अपनी ओर खींचने लगी.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर हल्का सा दबा दिया और उसी वक्त उसने अपनी गांड उठा कर लंड को अपने अन्दर लेना चाहा.
जब मैंने देखा कि वह बेकरार हो रही है तो मैंने जल्दी से एक जोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
उसकी आह निकली और वो अपने दांत भींच कर मेरे लंड को झेलने लगी.
एक दो पल रुकने के बाद मैंने कुछ झटके तो धीरे-धीरे मारे.
लेकिन जब देखा कि वो मेरे झटकों को एंजॉय कर रही है, तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
अब मेरे झटके जोर जोर से लग रहे थे. इस पर जीनी कराहने लगी और अपने मुँह से अजीब अजीब सी आवाजें निकालने लगी.
वो मस्ती में मुझसे कहने लगी- राज और जोर से … आह और जोर से और जोर से करो राज मुझे मजा आ रहा है.
ये कहती हुई उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और अपनी ओर करने लगी.
मैंने भी समय देखते हुए उसके गालों पर किस करना शुरू कर दिया, लेकिन नीचे मेरे झटके वैसे ही चालू थे.
मैं उसके बूब्स को पकड़कर बेरहमी से मसल रहा था.
उसे दर्द होने के बाद भी मेरा साथ दिए जा रही थी.
मैं उसके बालों को पकड़ पकड़ कर झटके मारे जा रहा था.
लेकिन फिर भी वह पीछे ना होकर मेरा साथ नहले पर दहला की तरह जवाब दे रही थी और मुझे चुदाई का पूरा मजा दे रही थी.
इस तरह करीबन 20 मिनट हमारी चुदाई का कार्यक्रम चला.
जिसमें मैंने उसे और उसने मुझे पूरी तरह संतुष्ट कर दिया था.
अब मैंने कहा- जीनी, मेरा निकलने वाला है.
इस पर उसने कहा- अन्दर ही डाल देना, मैं बाद में गोली खा लूंगी.
मैंने ताबड़तोड़ आठ दस झटके जोर जोर से मार कर अपना स्खलन शुरू कर दिया.
वह भी अपनी चूत को सिकोड़ कर हुए मेरे लंड को निचोड़ती हुई अपना ढेर सारा पानी निकालने लगी.
मैंने कुछ ही पलों में अपना सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया.
वैसे ही हांफ़ते हुए हम लोग एक दूसरे से चिपक कर करीब दस मिनट पड़े रहे.
हम लोग काफी थक चुके थे.
उसके बाद मैं जीनी के ऊपर से उठा और उसके बगल में लेट गया.
उसके बालों को सहलाते हुए बातें करने लगा और पता ही नहीं चला कि हम दोनों कब सो गए.
दोस्तो, आखिर हसबैंड फ्रेंड सेक्स करके जीनी मुझसे चुद ही गयी थी.
वो मुझसे क्यों चुदी थी और एक बार चुद जाने के बाद क्या मैं उसकी गांड भी मार सका.
ये सब मैं सेक्स कहानी के अगले हिस्से में लिखूंगा.
आप मुझे मेल करना न भूलें कि आपको हसबैंड फ्रेंड सेक्स कहानी कैसी लग रही है.
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हसबैंड फ्रेंड सेक्स कहानी का अगला भाग: मेरे दोस्त की वाइफ मुझसे चुदी- 3