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पायल की अतृप्त प्यास- 3

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चुदाई चुदाई चुदाई … सुबह दोपहर शाम चुदाई … घर में चुदाई … ऑफिस में चुदाई! एक कमसिन लड़की को सेक्स का इतना जोश चढ़ा कि उसे हर पल बस यही दीखता था.

प्रिय पाठको,
मेरी कहानी के पिछले भाग
सुबह सवेरे कॉलेज गर्ल चुदने आ गयी
में आपने पढ़ा कि कॉलेज की लड़की पायल ने एक बार चूत चुदवा ली वह अगले दिन बहुत जल्दी कॉलेज आ गयी लंड का मजा लेने! वहां उसका मुखचोदन हुआ.

अब आगे चुदाई चुदाई चुदाई:

सुबह की मदमस्त चुदाई से पायल का ध्यान पढ़ाई में लग नहीं रहा था।
वो फिर से प्रकाश के लंड पर सवार होने को तड़प रही थी।

उसकी लंड की बढ़ती लालसा की इतनी इंतहा हो गई कि लंच में वो प्रकाश के कमरे में चली गई।

प्रकाश- क्या हुआ, लंड लेना है?
पायल- हां!
प्रकाश- थोड़ी देर रुक जा, सबको जाने दे, फिर देख कैसे तेरा भोसड़ा बनाता हूं।

पायल- इतना अच्छा चोदना कैसे सीखा, किसने सिखाया? आपकी पत्नी कितनी खुशनसीब हैं, वो नहीं जानती।
प्रकाश- मैं भी बहुत खुशनसीब हूं, घर पे गदराया भरा जिस्म और कॉलेज में कमसिन जवान छरहरा बदन मिलता है। मुझसे ज्यादा कौन खुशनसीब होगा।

पायल- क्या मुझसे पहले भी किसी जवां अनचुदी लड़की की सील तोड़ी है तुमने?
प्रकाश- जवानी में बहुत सील तोड़ी हैं, करीब 15 तो तोड़ी होंगी। पर सच कहूं, जो खेली खाई लड़की को चोदने का मजा है, वो अनछुई को चोदने में नहीं!

पायल- यानि मुझे चोदने में तुम्हें मज़ा नहीं आया?
प्रकाश- ऐसा नहीं है, तुम अलग हो, मरी मछली की तरह पड़ी नहीं रहती, साथ देती हो. मज़ा तो तभी आता है जब दोनों साथी एक साथ यौन सुख का मजा लें।

पायल- मैं और सुनना चाहती हूं, मेरी चूत में पहला प्रवेश पाकर तुम्हें कैसा लगा?

प्रकाश- तेरी चूत जन्नत है, किसी भी लोड़े का पानी निकाल दे। तेरी गर्मी तेरी चूत में नहीं, तेरे सेक्स के प्रति खुले नजरिए में है। जब जब तुझे देखता हूं, बस मन करता है, पकड़ के चोद डालूं! अपने लौड़े पे बिठा के तुझे पढ़ाऊं और तेरी सख्त चूचियां मरोड़ कर तुझे देरी से आने की सज़ा दूं, तू कुछ बोले तो तेरे मुंह में लौड़ा पेल दूं! और परीक्षा में नंबर लाने के लिए तुझे चोदने की रिश्वत लूं। तू छोटे छोटे कपड़े पहन के कॉलेज आए और टॉयलेट में तेरी स्कर्ट में हाथ डालकर तेरी चूत में उंगली करूं!

“अह्ह्ह्हह …”

ये सब कहते कहते प्रकाश का लौड़ा फिर से खड़ा हो गया।
पायल- और मेरा मन कर रहा है कि अभी तुम्हारी टांगों के बीच बैठ कर तुम्हारी पैंट की जिप खोलूं और तुम्हारा लौड़ा चूसूं।

प्रकाश- तो देर किस बात की है?

पायल ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और जैसा सोचा था वैसे करने लगी।

कुछ ही पलों में प्रकाश का तना हुआ मोटा मूसल लंड, पायल के मुंह में था।

प्रकाश को पायल के चुभते दांत मज़ा नहीं दे रहे थे, उसका लंड शिथिल होने लगा।

उसने पायल को रुकने को कहा… अभी तुझे मुख चोदन सीखने में वक्त लगेगा, मैं कुछ विडियो देता हूं ध्यान से देखना!

प्रकाश ने कुछ मुखचोदन वाली ज्ञानवर्धक चलचित्र पायल के फोन में भेज दिए।

अपने शिथिल लिंग को पैंट के अंदर डाल कर प्रकाश खाना खाने के लिए कमरे से बाहर चला गया.

पायल भी कान में इयरफोन लगा के वो वीडियो ध्यान से देख रही थी।

अब पायल सीखी हुई सारी क्रिया प्रकाश पर उपयोग करना चाहती थी.
इसी कारण से वो बाहर आकर 3 बजने का इंतजार करने लगी।

धीरे धीरे लाइब्रेरी खाली होने लगी।

पायल आज सीखी हुई चीजें प्रकाश पर दोहराना चाहती थी।

प्रकाश ने जब 3.30 बजे लाइब्रेरी का दरवाजा अंदर से बंद किया, पायल तुरंत सामने आ कर अपने कपड़े उतारने लगी।

फिर उसने प्रकाश की कमीज धीरे धीरे खोली, एक एक खुलते बटन के साथ, वो प्रकाश की छाती चूम रही थी।
उसने प्रकाश की बेल्ट खोल कर उसकी पैंट भी खोल दी और उसके पैरों में गिरा दी।

“हाय तुम अंदर कच्छा नहीं पहनते?” पायल अवाक हो बोली.
प्रकाश- क्यूं … जैसे मैंने तेरी कच्छी सुबह फाड़ी, तुझे भी मेरा कच्छा फाड़ना है क्या?

पायल ने आधा खड़ा लंड हाथ में लिया और उसे धीरे धीरे मसलने लगी।

प्रकाश- कुछ सीखा वीडियो से या नहीं?
पायल- आप ही महसूस कर बताना कि कुछ सीखा मैंने या नहीं?
यह कहते हुए पायल ने मुंह खोल जुबान बाहर निकाल लौड़ा मुंह में ले लिया और होंठों को गोल कर, लंड को माहिरी से चूसने लगी।

लंड का चमकता गुलाबी सुपारा पायल के गुलाबी होंठों से लग कर और गुलाबी हो गया था।

देखते ही देखते प्रकाश का लंड पायल के मुख चोदन को सलामी देने लगा।

वो पायल का हाथ पकड़ कर उसे अपने कमरे में ले गया।

“कब से तुझे इस कमरे में चोदने की इच्छा थी!”

उसने पायल को मेज़ पर झुका दिया … फिर अपना लोड़े का मुंड उसकी गीली चूत पर ऊपर नीचे करने लगा।
पायल को ये क्रिया बहुत पसंद आई।

वो पायल को तड़पता देखना चाहता था कि पायल उससे चोदने के लिए गिड़गिड़ाए।

लंड चूत के ऊपर रगड़ रगड़ के उसने पायल की हालत खराब कर दी “अब डाल भी दो ना अंदर!”

“नहीं … जब तक तू ये नहीं कहती कि तू मेरी रंडी है, तब तक तुझे ऐसे ही तड़पाता रहूंगा.”
पायल- ऐसे मत करो ना, प्लीज चोद दो … देखो मेरी चूत तुम्हारे लिए कितनी गीली है!

प्रकाश- तो बोल … तू मेरी रंडी है.
पायल- हां बाबा … हूं, अब तो चोद दो, मुझसे और रुका नहीं जायेगा!

पायल हाथ बढ़ा कर लंड पकड़ कर खुद अंदर घुसाने का प्रयास करने लगी.

प्रकाश ने पायल का हाथ झटक दिया और उसकी गांड पर तमाचा मारते हुए बोला- साली, ठीक से बोल, क्या है तू मेरी?
“रंडी हूं मैं तुम्हारी!” पायल ने वासना युक्त आवाज में कहा।

प्रकाश को पायल के मुंह से खुद को इस तरह रंडी सुन के उत्तेजना महसूस हुई।

उसने पायल की कमर कस के पकड़ी और अपने लौड़े का प्रवेश पायल की चूत में करवा दिया।

“आह्ह्ह … हां … आआह्ह हह … कितना अच्छा चोदते हो तुम प्रकाश! मैं तो जन्मों तक तुम्हारी रंडी बनने को तैयार हूं! अपनी इस रंडी की चूत को फाड़ डालो आज!”
पायल उत्तेजना के शिखर पर थी।

और उसके मुंह से बार बार रंडी शब्द का उच्चारण सुन प्रकाश भी आपा खोता जा रहा था।

“साली कुत्तिया … चुदना था ना तुझे … ले अब … आह … तेरी ये गर्म गर्म चूत!” प्रकाश भी वासना की लहरों में बह रहा था।

उसने पायल के बाल पकड़ लिए और खींचते हुए धक्के तेज़ कर दिए।

जोरदार धक्कों से मेज़ हिल रही थी पर प्रकाश बेपरवाह हुए मदमस्त पायल को एक भूखे सांड की तरह चोद रहा था।
या यूं कहो कि रौंद रहा था।

तभी पायल बोली- अह्ह्ह … आआ आआह्ह ह्हआ आआह्ह ह्ह … और चोदो मेरी इस रंडी चूत को!

“मेरा होने वाला है … रुकना मत!”
प्रकाश- बोलती रह … तू क्या है मेरी?
पायल- रंडी अअह्ह आआ अअह्ह्ह ह्ह!

प्रकाश ने पायल की भुजाएं पकड़ के पीछे कर दी और ऐसे अपने हर धक्के के साथ उसे अपनी तरफ खींचते हुए जोरदार चोदने लगा।

उसका मोटा मूसल लंड, पायल की चूत को अपना बना चुका था और उसकी योनि के अंतिम छोर पर जाकर टकरा रह था।

जिससे पायल यौन सुख के सातवें आसमान पर थी।

दोनों सीत्कारों के साथ एक साथ झड़ने लगे।
पायल का जिस्म अकड़ गया और प्रकाश के धक्के भी धीमे हो गए।

“अह्ह आह … आआआ … आह्ह ह्ह … आआह्ह … आह्ह!”

दोनों के चेहरे पर चरम सुख पाने की तृप्ति थी।
प्रकाश थक कर कुर्सी पर बैठ गया और पायल टेबल पर झुकी उसी तरह कुछ देर पड़ी रही।

पायल का योनि रस लंड रस से मिल कर चूत भिगोता हुआ जाँघों से बह रहा था।

दोनों तेज़ तेज़ सांसे भर रहे थे।

प्रकाश ने पास पड़ी पानी की बोतल निकाली और उस से पानी पीने लगा।

उसने कुछ पानी पायल की गीली चूत पर भी फेंका।
पानी की ठंडक पाकर कर पायल की जलती, भभकती चूत कुछ ठंडी हुई।

दोनों ने कुछ देर बाद कपड़े पहने और अपने अपने घर को चले गए।

कुछ दिन यूं ही चलता रहा.

प्रकाश पायल और पल्लवी को चोदने के कोई मौका नहीं गंवाता.

धीरे धीरे पायल को चोदने के वाकयात पल्लवी की चुदाई से ज्यादा होने लगे।

पल्लवी को शक होने लगा कि उसका पति यदि उसे नहीं चोद रहा तो आखिर किसे चोद रहा है?
क्योंकि वो जानती थी कि प्रकाश बिना चोदे नहीं रह सकता।

जो शनि इतवार को बीवी को नंगा बिस्तर से बांध के उसे अपनी वासना वस्तु बना कर चोदा करता था, वो कैसे इतने दिन बिना चूत में प्रवेश किए रह सकता है।

दोस्तो, पल्लवी के प्रकाश की वासना वस्तु बनने के किस्से फिर कभी।

अभी तो प्रकाश मुश्किल में फंसने वाला था।

उधर प्रकाश जवान लड़की को पाकर उसे हर तरह से भोगने की लालसा से कभी छुट्टी लेकर उसे होटल ले जाता और वहा दोनों अपनी कामलीला करते।

और कॉलेज तो उनका जाना पहचाना पुराना अड्डा बन ही गया था।

एक दिन शाम को जब प्रकाश घर लौटा तो पल्लवी खाना बना रही थी।

उसने एक खूबसूरत पीली साड़ी पहनी थी। उसके बाल एक क्लिप में घूमते हुए उसके सिर पर बंधे थे।

जब 10 मिनट तक पल्लवी चाय लेकर नहीं आई तो प्रकाश सामान ड्राइंग रूम में छोड़, किचन में पल्लवी को देखने गया।

पल्लवी की साड़ी का पल्लू घूमता हुआ उसकी कमर पर बंधा था और उसका डोरी वाला ब्लाउज, उसके गदराये भरे जिस्म पर चार चांद लगा रहा था।
उसकी हाथों से चलती कड़छी और उसकी आवाज, हाथों की छन छन करती चूड़ियां घर में छाए सन्नाटे को भर रही थी।

प्रकाश ने आकर पल्लवी को पीछे से बाहों में भर लिया, बिना कुछ बोले पल्लवी काम करती रही।

“मैं जानता हूं कि मैंने ही कहा था कि ब्लाउज मत पहना करो. पर यह ब्लाउज बहुत लाजवाब है बिल्कुल तुम्हारी तरह!” कहते हुए वो पल्लवी को खुली हुई पीठ पर चूमने लगा।

उसने ब्लाउज को डोरी को खींच के खोल दिया और अपने हाथ पीछे से ले जाकर पल्लवी की मोटी मोटी चूचियां पकड़ ली।
पल्लवी ने कोई जवाब ना देते हुए काम करना जारी रखा।

प्रकाश ने पल्लवी का चेहरा अपनी तरफ घुमाया और होंठों पर चुम्मी ले ली।
पर पल्लवी ने उसका चुंबन में साथ नहीं दिया, ना ही प्रकाश को हमेशा की तरह बाहों में भरा।

प्रकाश- क्या हुआ, नाराज़ हो क्या? मुझसे कोई भूल हो गई?
पल्लवी ने कोई जवाब नहीं दिया और गैस बंद कर के कमरे में चली गई।

प्रकाश भी पीछे पीछे चला गया.

पल्लवी अपने ब्लाउज की डोरी को अब दोबारा कसके बांधने लगी।

प्रकाश- क्या बात है, कुछ बताओ भी, यों बिना बात किए कोई मसला हल नहीं होता।
पल्लवी- आप ही बताओ कि मसला है क्या?

प्रकाश पल्लवी की फेंकी हुई गुगली समझ नहीं पाया- मतलब?
पल्लवी- मतलब ये कि आप ये जो दिन दिन भर घर से बाहर रहते हो, शाम को देर से आते हो, सुबह मेरे उठने से पहले निकल जाते हो. घर को सराय बना के रखा हुआ है. आखिर ये सब चल क्या रहा है?

प्रकाश- बताया तो था मैंने कि हेड ऑफ डिपार्टमेंट ने लायब्रेरी खुलने के वक्त में इजाफा किया है, परीक्षाओं को देखते हुए और क्लास के वक्त तो बच्चे लायब्रेरी में नहीं आयेंगे न … पहले और बाद में ही आयेंगे. सिर्फ यही सोचते हुए ये किया गया है।

पल्लवी- मुझे सब याद है, पर आपको अपना वादा याद है?
प्रकाश समझ गया कि पल्लवी अपने और उसके दांपत्य जीवन और दोनों के बीच के शारीरिक संबंधों में आई दूरी की बात कर रही थी।

“अच्छा … तो ये बात है, मेरी बीवी की गर्मी दूर नहीं हो रही! इसीलिए माथा गर्म कर रही है अपना!” प्रकाश ने छेड़ते हुए कहा और लपक के पल्लवी को अपनी ओर खींचा।

उसकी साड़ी का पल्लू कमर से निकाल दिया और साड़ी की सिलवटें खोल दी.
एक ही पल में पल्लवी केवल पेटीकोट और ब्लाउज में थी।

ना के बराबर पल्लवी का ब्लाउज, उसके बड़े बड़े चूचों को मुश्किल से ही ढक पा रहा था, सिर्फ एक डोरी खुलने की देर थी, पल्लवी आधी नंगी हो जाती।
पल्लवी से अपना गुस्सा संभाला नहीं गया और वो प्रकाश के सीने से लग गई।

प्रकाश ने भी सीने से लगी पल्लवी को बाहों में भर लिया और उसके ब्लाउज की डोरी फिर से खोल दी।

वो आज पल्लवी की हर शारीरिक मांग पूरी करना चाहता था।

बीवी की नाराज़गी पति के जीवन में बहुत कांटे भर देती है और पायल के राज को राज रखने के लिए यह जरूरी था कि पल्लवी निरंतर घर पर यौन सुख भोगे और प्रकाश से चुदती रहे।

प्रकाश ने पल्लवी को बिस्तर पर गिरा दिया और खुद उसके ऊपर आ गया.
उसने खुला पल्लवी का ब्लाउज एक हाथ से खींच कर उसके गोरे बदन से अलग कर दिया, उसकी गहरी नाभि पर जीभ लगा कर चूसने लगा.

“उम्म्ह उम्म्ह्ह आआ आआह्ह ह्ह्ह …” पल्लवी की सिसकारियों से प्रकाश भी इतने दिन बाद पल्लवी को चोदने को उत्सुक था।

पल्लवी- हनीमून के बाद से तुमने सिर्फ दो बार ही पीछे से किया है, आपको अच्छा नहीं लगता क्या मेरी गांड मारना?

प्रकाश- कैसी बात करती हो? जब जब तुम्हारी मटकती, हिलती, ऊपर नीचे होती गांड देखता हूं, उसी वक्त तुम्हें झुका के तुम्हारी ये मोटी कसी हुई गांड मारने का में करता है। पर तुम्हें दर्द होता है इसीलिए नहीं करता।

पल्लवी- मैं चाहती हूं कि तुम मेरे जिस्म के हर छेद में अपना वीर्यदान दो, मेरी चूत, गांड और मुंह को अपने लंड रस से भर दो।

प्रकाश भी पल्लवी को बिस्तर पे अधनंगी लेटी देख नंगा हो गया और पल्लवी पर टूट पड़ा.

पहले वह चिरपरिचित तरह से पल्लवी पर चढ़ा और उसका चूत चोदन किया।

फिर उसने दोबारा पल्लवी के मुंह से खड़ा कराया … पल्लवी को झुकाया और उसकी गांड में अपना मूसल लंड पेल दिया।
पल्लवी जाने कब से ऐसी जबरदस्त चुदाई का इंतजार कर रही थी।

वह उस रात 4 बार झड़ी और चुदाई का खेल रात के 3 बजे तक चला।

अगले दिन पल्लवी सुबह उठ पाने की हालत में नहीं थी.
जब वो उठी तो घर खाली देख उसका मन फिर से भर आया।

प्रकाश अपनी कॉलेज की रासलीला करने के लिए निकल चुका था।

डिअर रीडर्स, आपको मेरी चुदाई चुदाई चुदाई कैसी लग रही है?
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चुदाई चुदाई चुदाई कहानी का अगला भाग: पायल की अतृप्त प्यास- 4

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