हॉट देसी भाभी पोर्न कहानी में पढ़ें कि मेरे मामा के बेटे की पत्नी ने मुझे मेसेज से बात करनी शुरू की. फिर हम सेक्स मेसेज भेजने लगे. मैंने भाभी के घर में उन्हें पहली बार चोदा.
मेरा नाम समीर है. मैं एमपी का रहने वाला हूँ. मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को पसंद आएगी.
आप लोग मुझे कमेंट्स जरूर करें.
मेरी भाभी का नाम आरुषि है. वे एक सुंदर महिला हैं.
वे बहुत हॉट और सेक्सी हैं. उनका साइज़ 34-30-36 का है, जिसको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा.
भाभी मेरे मामा के लड़के की पत्नी हैं. भैया मुझसे बड़े हैं.
मैं जॉब करता हूँ और भैया अपनी शॉप चलाते हैं.
यह हॉट देसी भाभी पोर्न कहानी 2019 की उस वक्त की है, जब मेरी भाभी के साथ सेक्सी बात होनी शुरू हुई थी.
उससे पहले मैं जब मामा जी के घर जाता था तो भाभी से केवल मिलता था. कभी उनसे मेरी सेक्स वाली बात नहीं हुई थी.
मैंने भी भाभी को बुरी या चुदाई वाली नज़र से नहीं देखा था.
एक दिन मैं जब अपनी जॉब पर था तो भाभी का नए नंबर से मैसेज आया.
मुझे नहीं पता था कि ये मैसेज किसने भेजा है.
मैंने बात की, तो मुझे पता चला कि ये भाभी का मैसेज है.
अब हम दोनों के बीच बात होना शुरू हुई.
धीरे धीरे बात बढ़ती चली गई.
भाभी मुझसे देवर जी करके बोलती थीं और मैं उनको भाभी जी करके बोलता था.
मैसेज ही मैसेज में मुझे उनका ‘देवर जी …’ करके बोलना बहुत अच्छा लगने लगा.
शायद मैं उनको भाभी जी करके बोल रहा था तो उनको भी अच्छा लग रहा था.
अब हम दोनों में ऐसे ही बातें चलती रहीं.
एक दिन हम दोनों बात कर रहे थे.
भाभी से नहीं रहा गया … भाभी ने मुझे ‘आई लव यू’ बोल दिया.
मैंने भी देर न करते हुए उनको ‘आई लव यू टू’ बोल दिया.
फिर हम लोगों के बीच में प्यार भरी बातें करना शुरू हो गईं.
मैं उनसे उनके मम्मों की पिक मांग लेता तो वे अपने दूध खोल कर उनकी फ़ोटो सेंड कर देतीं.
उनके बड़े बड़े मम्मों को देख कर मेरे लंड का बुरा हाल हो जाता और लौड़ा तुरन्त खड़ा हो जाता.
अपने मम्मों को दिखा कर भाभी भी मजा लेतीं लेकिन मुझसे कुछ भी दिखाने को नहीं कहतीं.
फिर धीरे धीरे मैंने उनकी चूत की पिक मांग ली.
भाभी ने वे फ़ोटो भी दे दी.
मुझे उनकी चूत देख कर ऐसा लग रहा था मानो मुझे जन्नत मिल गई हो.
क्या मस्त चूत थी उनकी … बिना बाल की एकदम चिकनी और मखमली चुत.
मुझे ऐसा लग रहा था कि बस भाभी की चूत पर झपट पड़ूँ और उनकी चूत को चाट चाट कर खा जाऊं, उनकी चूत की बहुत चुदाई करूं.
फिर हम दोनों में ऐसे ही बात चलती रही.
भाभी ने बताया- आपके भैया ने इसी शहर में ही एक नया मकान लिया है. मैं उसी मकान में रहने जाने वाली हूँ. आप कभी नए मकान में मुझसे मिलने आओ न!
उन्होंने मुझे आने के लिए कहा.
उस दिन मैं अपनी जॉब से छुट्टी लेकर अपने घर आ गया.
दूसरे दिन मैंने उनके घर पर ही मिलने का प्लान बनाया क्योंकि वे घर पर अकेली रहती थीं.
भैया अपनी शॉप पर चले जाते थे.
भाभी सिटी में ही रहती हैं और इस नए वाले मकान में उनके साथ मामा मामी लोग नहीं रहते हैं मतलब वे अकेली थीं तो मैं उनसे मिलने जाने को रेडी हुआ.
मुझे उनका नया वाला घर नहीं पता था कि कहां पर है.
जब मैंने भाभी से ये कहा कि भाभी मुझे नहीं पता है कि आपने नया घर किधर लिया है?
तो वे एक जगह का बताती हुई बोलीं- कोई बात नहीं. आप उस वाले गोल चक्कर पर आ जाना, उधर से मैं आपको ले लूँगी.
मैंने ओके कह दिया.
भाभी अपनी एक्टिवा पर मुझे लेने आईं.
मैं उनके पीछे लंड लगा कर बैठ गया.
भाभी के जिस्म की गर्मी से मेरे लंड में आग लगनी शुरू हो गई.
मैंने उनकी कमर में हाथ डाले तो भाभी बोलीं- इधर खुली सड़क में ये सब ठीक नहीं है देवर जी. जरा सब्र करो. आज तो आपको काजू की लंबी वाली बर्फ़ी खाने मिलेगी.
मैं समझ गया कि भाभी अपनी चूत को काजू की बर्फ़ी कह रही हैं.
मैंने उनकी चूची के नीचे से हल्के से हाथ फेर कर कहा- आप अपनी इन मुसम्मियों का रस भी पिला देना भाभी!
भाभी हंस दीं और बोलीं- जरा सब्र रखो, आज आपका पूरा स्वागत सत्कार किया जाएगा.
कुछ देर बाद हम दोनों उनके घर पर पहुंच गए और अकेले थे.
उस दिन भाभी बड़ी ही मस्त लग रही थीं.
मैं बयान नहीं कर सकता कि वे साड़ी में एकदम मस्त माल लग रही थीं.
वे मेरे जब आगे चल रही थीं, तो उनकी मटकती गांड को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था.
बड़ी ही मस्त और मतवाली गांड थी उनकी … आहह.
मैंने महसूस किया कि भाभी अपनी गांड को कुछ ज्यादा ही मटका कर चल रही थीं.
उनको देख कर ही मेरे लौड़े का बुरा हाल हो गया था.
घर में भाभी ने मुझे अपने बेडरूम में आने को कहा और बिस्तर पर बैठा दिया.
फिर उन्होंने मुझे पानी पीने को दिया.
उसके बाद उन्होंने मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़ लिया.
मुझे बहुत अच्छा लगा.
जब भाभी ने मुझे पकड़ लिया तो मैं भी कहां शांत रहने वाला था; मैंने भी धीरे धीरे अपना हाथ बढ़ा कर उनको अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया.
जैसे ही भाभी मेरे करीब आईं, मैंने उनको अपने गले से लगा कर टाइट हग कर लिया और उनके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया.
वे भी गर्म होने लगी थीं.
फिर मैं धीरे धीरे अपने हाथों से उनके मम्मों को दबाने लगा.
वे वासना से लबरेज सिसकारियां भरने लगीं.
मैं उनके होंठों को चूसता जा रहा था और मम्मों को दबाए जा रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उनके ब्लाउज का हुक खोला और ब्लाउज को उतार दिया.
भाभी मेरे सामने लाल रंग की ब्रा में थीं.
उनकी ब्रा से उनके आधे से ज्यादा दूध बाहर को निकल भागने को आतुर लग रहे थे.
मैंने अब देर ना करते हुए उनकी साड़ी और पेटीकोट दोनों को फटाफट उतार दिया.
मेरे सामने भाभी केवल ब्रा पैंटी में रह गई थीं.
मैं उन्हें अपनी प्यासी निगाहों से चोदने लगा.
आहह … दोस्तो मैं बता नहीं सकता कि भाभी कितनी हॉट और सेक्सी लग रही थीं.
उनकी लाल रंग की ब्रा और काली पैंटी मेरे लौड़े की मां चोदने का काम कर रही थी.
फिर मैं उनकी ब्रा के ऊपर से ही मम्मों को दबाने लगा था और मसलने लगा था.
वे गर्म होकर सिसकारियां ले रही थीं ‘आअहह उऊहह आअहह …’ कर रही थीं.
मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था; मैं भाभी को निहारता भी जा रहा था.
भाभी बोलीं- देवर जी, अब नहीं रहा जा रहा है. जल्दी से मेरी ब्रा उतारो और चूस डालो मेरे इन रसीले मम्मों को!
उनके ऐसे बोलते ही मैंने उनकी ब्रा उतार दी और दूध चूसना शुरू कर दिया.
दस मिनट तक दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसा.
वे सिसकारियां लेती रहीं- आआहह देवर जी … आहह बहुत अच्छा लग रहा है … आह और चूसो मेरे मम्मों को … और दबाओ.
मैं दबा दबा कर उनके दूध मसलता रहा मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
मुझे तो ऐसा लग रहा था, जैसे जन्नत मिल गई हो.
फिर भाभी ने कहा- देवर जी, अब क्या दूध ही चूसते रहोगे … नीचे वाली भी बह रही, उधर चूसने से और भी मजा आएगा. अब बस आप मेरी आप चुदाई कर दो. मैं बहुत प्यासी हूँ.
मैंने अपने कपड़े उतारे और उनके सामने अपना लंड लहरा दिया.
भाभी ने मेरे लंड को देखकर झपट्टा मारकर पकड़ लिया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
वे लौड़े को ऐसे चूस रही थीं, जैसे पता नहीं कितने दिनों से लंड की प्यासी हों.
थोड़ी देर तक भाभी लौड़े को चूसती रहीं.
मैं मस्ती में अपनी कमर को जुंबिश देता हुआ उनके मुँह में लंड देता रहा.
मैं ‘आआहह भाभी … और चूसो आह कितना मस्त चूस रही हो.’ कहता रहा.
वे चूसती रहीं.
फिर भाभी से नहीं रहा गया तो वे चित लेट गईं और अपनी टांगें फैला कर बोलीं- देवर जी, अब नहीं रहा जाता, प्लीज़ चोद डालो अपनी भाभी को … अपना लो मुझे अपनी वाइफ बना लो मुझे. फाड़ दो मेरी चुत!
यह सुन कर मुझसे भी नहीं रहा गया और मैंने अपना लंड उनकी चूत में सैट कर दिया.
जैसे ही मेरे लौड़े के सुपारे ने भाभी की चूत की चुम्मी ली, वे तड़प उठीं.
उनकी बेचैनी देख कर ऐसा साफ लग रहा था मानो कभी भैया ने उनकी चुदाई ही न की हो.
मैंने उनकी चूत में धीरे से अपना लंड का सुपारा अन्दर डाला, तो वे चिल्ला उठीं- आहह मांआ मर गई मैं … आह!
मैं तो एकदम से डर ही गया कि ये क्या हो गया. मैं लंड को निकालने की कहने लगा.
तो वे बोलीं- कुछ नहीं हुआ देवर जी … आप मेरी चिंता मत करो … आप अपना सामान पूरा अन्दर पेल डालो. अपने लंड से मेरी चूत को फाड़ ही डालो. मुझे बहुत ही प्यारा और मीठा दर्द हो रहा है.
फिर मैंने भाभी की चूत मैं अपना 6 इंच का लंड पूरा अन्दर पेल दिया और चुदाई करने लगा.
वे कराहती हुई बोलती रहीं- आह … और जोर से पेलो देवर जी आह और जोर से.
मैं भी भाभी की कसी हुई चूत को चोदता रहा.
कुछ देर बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी, अब मैं आपके नीचे आता हूँ. आप ऊपर आकर चुदाई करो!
भाभी ने मना कर दिया- नहीं देवर जी, आज तो मैं आपसे ही चुदूँगी. आप ही मुझे चोदते रहो.
वे अपने पैर हवा में फैला कर बेड में लेटी रहीं और मेरे सख्त लंड से चुदवाती रहीं.
भाभी कहने लगीं- मुझे अपने पैर फैला कर और उठा कर चुदवाने में बहुत मज़ा आता है.
जब भाभी ने ये बताया तो मैंने भी कह दिया- ठीक है भाभी जी, आपको जैसे में अच्छा लग रहा, वैसे मैं ही मैं आपकी चुदाई करूंगा.
फिर मैंने भाभी की चूत को धकापेल चोदना चालू किया और जोर जोर से उनकी चुदाई करता रहा.
वे भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाती रहीं.
लगभग 20 मिनट बाद मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ, बताओ अपने लंड का पानी कहां निकालूँ?
भाभी बोलीं- देवर जी, मैं भी झड़ने ही वाली हूँ. आप मेरी चूत में ही अपना रस निकाल दो. अगली बार से मैं मुँह में रस निकलवाऊंगी.
मैंने उनकी चूत में अपना सारा पानी निकाल दिया और उनके ऊपर लेटा रहा.
थोड़ी देर आराम करने के बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में आ गए. उधर नहाते हुए एक दूसरे को साफ किया और बाहर आ गए.
हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने.
फिर भाभी ने कहा- देवर जी, आप बहुत मस्त चुदाई करते हो. आपके भैया ने कभी मेरी ऐसी चुदाई नहीं की. मैं बहुत खुश हो गई आपसे. आपने मुझे संतुष्ट कर दिया.
मैं भी भाभी की चुदाई करके बहुत खुश था.
अब हम दोनों की फोन से बात होती रहती है. जब भी मेरा मन करता है, तो मैं छुट्टी लेकर भाभी के घर जाकर उनकी चुदाई कर लेता हूँ.
वे भी मुझसे चुदने के लिए रेडी रहती हैं.
यह थी मेरी सेक्स कहानी.
मुझे आशा है कि आप लोगों को मेरी ये सच्ची हॉट देसी भाभी पोर्न कहानी पसंद आई होगी.
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