बैड मॅाम चीटिंग सेक्स कहानी मेरी बिगड़ी हुई मम्मी की है. उन्होंने पड़ोस के डॉक्टर और पापा के दोस्त से सेक्स सम्बन्ध बना लिए. मैंने उन्हें चुदाई करते देख लिया तो उन्होंने क्या किया?
प्रिय पाठको, मेरा घर सिटी के बाहर एक नई कॉलोनी में है, इस सोसाइटी में करीब 15 मकान ही बने हैं.
मेरे घर में मेरे अलावा मम्मी, पापा और मेरी सिस्टर हैं.
तब मैं करीब 19 साल का था.
पापा पेशे से टीचर थे.
जब हम वहां रहने गए थे, तब सोसाइटी के बाहर डॉक्टर साहब रहते थे. वो वहां के स्थायी निवासी थे.
हम लोगों का इलाज वहीं होने लगा था तो धीरे धीरे डॉक्टर अंकल पापा के अच्छे दोस्त बन गए थे.
अक्सर सुबह के समय वो हमारे घर चाय पीने आने लगे.
उनका ये अक्सर आने वाला नियम रोजाना में बदल गया और वो रोज ही हमारे घर चाय पीने आने लगे.
यह बैड मॅाम चीटिंग सेक्स कहानी इन्हीं डॉक्टर और मम्मी की है.
उस समय मेरी मॉम उन्हें झुक कर चाय का प्याला पकड़ाती थीं तो उनके आधे से ज्यादा दूध डॉक्टर अंकल को देखने मिल जाते थे.
उधर पापा और डॉक्टर अंकल की दोस्ती बढ़ने लगी.
इधर मॉम अपनी जवानी की झलक डॉक्टर अंकल को दिखाने लगीं.
मॉम की जवानी की झलक पाकर अब ये भी हो गया था कि डॉक्टर अंकल पापा के ऑफिस जाने के बाद भी हमारे घर आने लगे थे.
हम सब खुश थे.
एक दिन मैं घर पर था.
मॉम ने कहा- अंकल को कॉल करो, मेरे पेट में दर्द हो रहा है.
मैंने जल्दी से उन्हें कॉल कर दिया.
डॉक्टर अंकल भी तुरंत ही आ गए.
मॉम लेटी हुई थीं और मॉम ने उसी अवस्था में लेटे हुए ही कहा- मेरे पेट में दर्द हो रहा है और ये दर्द मेरी पीठ तक जा रहा है.
यह कहती हुई मॉम ने डॉक्टर अंकल का हाथ पकड़ कर अपने पेट पर रख दिया.
डॉक्टर अंकल अपने हाथ से सहला कर मॉम के पेट को दबा कर देखने लगे.
मॉम ने मुस्कुरा कर पूछा- क्या कुछ समझ में नहीं आया डॉक्टर साहब?
डॉक्टर अंकल ने उन्हें कुछ भी नहीं कहा.
वे मुझसे बोले- तुम भाई बहन दोनों जाओ और मेरे घर जाकर आला ले आओ.
हम दोनों उनके घर चले गए.
मैंने अन्दर जाकर उनके बेटे से आला मांगा.
वो उसने दे दिया.
वापस आते आते हम दोनों को लगभग 20-25 मिनट हो गए होंगे.
वापस आकर मैंने देखा कि मॉम नॉर्मल थीं और अंकल चाय पी रहे थे.
मुझे देख कर अंकल बोले- तेरी मॉम ठीक हो गईं.
मैंने देखा कि अंकल की पैंट की जिप पर उजला सा कुछ लगा है.
मैं समझ चुका था कि डॉक्टर अंकल ने मेरी मॉम के साथ खेल कर दिया है.
परंतु अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होती इसलिए मैंने कन्फर्म करना ठीक समझा.
दूसरे दिन भी मॉम ने करीब 12 बजे मुझसे कहा- आज कुछ अच्छा बनाती हूँ. तुम डॉक्टर अंकल को बुला लो.
मैंने कहा- ओके.
मैंने अंकल को कॉल किया और उन्हें घर आने का कहा.
वो बोले- क्या हुआ?
मैंने कहा- मॉम ने चिकन लाने को कहा है.
उन्होंने कहा- अरे वाह, मैं अभी लेकर आ जाता हूँ.
अंकल बीस मिनट के अन्दर चिकन लेकर आ गए.
मॉम ने चिकन-फ्राई बना दिया और बोलीं- तुम दोनों भाई बहन अपना चिकन लेकर दूसरे रूम में जाओ.
मैंने कहा- हां, ठीक है पहले चिकन तो दे दो.
उसी समय उन्होंने डॉक्टर अंकल को अपने बेडरूम में जाने को इशारा किया.
वो चले गए.
मॉम ने आधा चिकन फ्राइ प्लेट में रखा और मुझे देती हुई दुबारा बोलीं- लो जाओ अपने रूम में!
आधा चिकन वो एक प्लेट में रख कर अपने बेडरूम में चली गईं.
मैं सेक्स के बारे में समझता था, इसलिए चुपके से मॉम के बेडरूम की खिड़की के पास चला गया.
मैंने खिड़की से देखा कि मॉम नंगी लेटी थीं.
अंकल उनकी चूत चाट चाट कर चिकन खा रहे थे.
कुछ देर बाद मॉम घोड़ी बन गईं और डॉक्टर अंकल से अपनी चूत चुदवाने लगीं.
तभी मॉम ने खिड़की की आड़ से मुझे देख लिया.
उन्होंने मेरा नाम लिया और कहा- नीतेश अपनी पढ़ाई करो, मैं बाद में आकर चैक करती हूँ.
मैं हट गया.
डॉक्टर अंकल मेरी मॉम की चुदाई करते रहे.
अंकल मेरी मॉम को बहुत देर तक पेलते रहे, उसके बाद चले गए.
मॉम मेरे रूम में आईं और गुस्से में बोलीं- नीतेश, मेरे साथ आओ और ऋतु तुम यहीं तुम रूको.
मेरी बहन मॉम के गुस्से से डर गई और मैं मॉम के रूम में आ गया.
मॉम बोलीं- बैठो.
उन्होंने मुझे एक मदरडेयरी वाली चॉकलेट खाने को दी.
मैं बैठ गया.
मॉम अपने लिए एक चेयर लाईं और वहीं बैठ गईं.
मैं नज़रें नहीं मिला रहा था.
वे मुस्कुरा कर बोलीं- तुम 12वीं में पढ़ते हो, कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैं बोला- नहीं है.
वे बोलीं- बनाओ और घर ले आओ. इधर लाकर उसके साथ वही करो … जो मैं कर रही थी. तुम उसके साथ कुछ भी करो, मैं कुछ नहीं बोलूँगी.
मैं बोला- पापा के रहते यह सब ठीक नहीं है मॉम!
मॉम मुस्कुराती हुई बोलीं- एंजाय बेटा … इसे एंजाय कहते हैं … यहां इस नई जगह पर हम लोग इसी वजह से ही रहने आए हैं. इधर खुल कर मस्ती करने में बड़ा मजा आता है.
मैं कुछ नहीं बोला.
फिर मॉम बोलीं- हिलाते हो?
मैं कुछ नहीं बोल पा रहा था.
वे फिर से बोलीं- मुझसे अब तुझे क्या प्राब्लम है … बता ना लंड हिलाता है?
जब मॉम ने खुद ही सीमा लांघ दी थी तो मैं भी मॉम से नजरें मिला कर बोला- हां, कभी कभी हिला लेता हूँ.
“आज भी हिलाओगे?”
मैं बोला- हां.
“आज वाली बात डैड को बताओगे?”
मैं बोला- नहीं.
मॉम फिर से बोलीं- गुड बॉय. बहन को बताया था क्या?
मैं बोला- नहीं.
“ठीक है.”
मैंने उनकी तरफ देखा.
फिर हंस कर बोलीं- देखना है, तो रात में खिड़की के पास आ जाना और हिला भी लेना. पर कल जब अंकल आएं तो नहीं आना. उसे लगेगा कि तुम सब जानते हो. अब जाओ अपने रूम में.
रात को 11 बजे मैं मॉम डैड के रूम के बाहर आ गया.
मैं खिड़की की तरफ चला गया.
मॉम नंगी होकर घोड़ी बन गई थीं.
डैड भी अपना हथियार हिला रहे थे.
पहले डैड मॉम की चूत को चाटने लगे.
उसके बाद पीछे से लंड चूत में पेल कर मॉम को चोदने लगे.
मॉम आ आह कर रही थीं.
डैड ने कहा- आज आवाज कुछ ज़्यादा कर रही हो. मैं खिड़की बंद कर देता हूँ, आवाज बच्चों के कमरे तक जा सकती है.
“अरे तुम चोदो ना … खिड़की को खुला रहने दो!”
डैड ने कुछ नहीं कहा और मॉम को पेलते रहे.
उस रात मॉम डैड से कई तरह से चुदीं.
मैं भी मॉम की चुदाई देख कर लौड़ा हिलाता रहा.
डैड के लौड़े से वीर्य निकल जाने के बाद मैं अपने रूम में जाकर सो गया.
सुबह उठा तो सब नॉर्मल था.
मॉम मुझे पढ़ने के लिए खरी खोटी सुना रही थीं.
पापा ऑफिस चले गए.
करीब 12 बजे फिर से मॉम बोलीं- नीतेश अंकल को बुलाओ. कुछ अच्छा खाते हैं.
मैंने उनकी ओर देखा और मुस्कुरा दिया.
मॉम बोलीं- आज मटन की कह देना.
मैं बोला- ओके.
मैंने अंकल को मटन लेकर आने का फोन किया, तो कुछ देर बाद अंकल आ गए.
अंकल आज मटन लाए थे.
पहले दिन की तरह फिर से खाना पीना हुआ, फिर सेम चुदाई का सेशन हुआ.
अंकल मॉम को पेल कर चले गए.
बहन सोई हुई थी.
मैं मॉम के पास गया और बोला- आज भी दो घंटे!
मॉम हंस कर बोलीं- तू बड़ा खुलता जा रहा है!
मैंने कहा- आपने सब कुछ ही दिखा दिया तो खुलने को और क्या बचा!
मॉम बोलीं- मां बेटे में ऐसा नहीं होता. जो लड़की तुम्हें सही लगे, उसे ले आओ और खूब करो. मैंने तो खुली छूट दे ही दी है.
मैं बोला- तुम्हीं दिलवा दो किसी की.
वो मुस्कुरा कर बोलीं- दे रखी तो है!
मैं बोला- कौन?
मॉम बोलीं- ऋतु!
मैं सकपका गया और मैंने कहा- वो बहन है!
मॉम बोलीं- भाई बहन में भी होता है. कज़िन में तो होता ही है. सगे में भी कहीं कहीं होता है.
मैं बोला- आपने किया है क्या?
“हां, तेरे मामा राजीव के साथ एक बार हुआ था … बहुत पहले.”
मैं बोला- वो तो मेरे चचेरे मामा हैं … या सही में सगे हैं?
वे बोलीं- उससे क्या फर्क पड़ता है. हैं तो मेरे भाई ही … और वो ये सब करने के बाद भी नॉर्मल बात करते हैं. अभी देखो हम दोनों भी नॉर्मल ही बात तो कर रहे हैं.
मैं बोला- हां वो तो है.
मॉम बोलीं- जरा खुली विचारधारा वाले बनो … फट से नॉर्मल हो जाओगे.
फिर मैंने एक बात और पूछ ली- मैं अपने डैड का ही बेटा हूँ ना … या मामा का?
मॉम हंस कर बोलीं- बस इतना समझ ले कि तुम अपने डैड के बेटे नहीं हो और तेरी बहन, तेरे डैड की बेटी है.
मैं एक पल को मॉम को देखने लगा और उसके बाद बोला- अगर ऋतु ने आकर तुमसे कुछ कहा तो?
“हां, वो क्यों नहीं बोलेगी … इसलिए उसे पटा कर चोदो. फिर वो कहीं नहीं बोलेगी.”
“तो मैं जाऊं, अपना शुरू करूँ?
मॉम बोलीं- हां जाओ.
मैं गया और अपनी बहन के बगल में सो गया.
मेरी बहन अभी कमसिन कली थी.
उसके ऊपर जवानी ने खिलना शुरू ही किया था.
मॉम आईं और मुझे देख कर मेरे कमरे का गेट बंद करके चली गईं.
मेरा मूड और बन गया.
मैंने बहन की स्कर्ट के नीचे से हाथ डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा.
कुछ ही पलों बाद बहन जाग गई और बोली- भईया ये क्या कर रहे हो?
मैंने आंखें बंद कर लीं.
वो उठी और उसने मॉम के पास जाकर सब बात बता दी.
मॉम उसे बैठा कर मेरे पास आईं और बोलीं- उसके सामने मैं डांटूंगी, तो बोलना ग़लती हो गई और मैं मान जाऊंगी.
मैंने वैसा ही किया.
मॉम ने उधर ही मेरी बहन को बुलाया और मुझसे बोलीं- साले जा कहीं जाकर मर जा … ऐसे कर्म करता है!
ये कह कर वो मेरे करीब आकर मुझे मारने लगीं.
तभी बहन आगे आई और मॉम से मुझे बचाने लगी.
मॉम बोलीं- ले जा इसे और ठीक से समझा दे.
बहन मुझे रूम में ले आई … और बोली- क्यों कर रहे थे ऐसा!
मैंने कहा- मुझे एक बार टेस्ट करना था बस … मैं किसी को नहीं बताऊंगा.
वो बोली- मेरा बॉयफ्रेंड है.
मैं- भाई को एक बार प्लीज़.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने समझ लिया कि मेरी बहन राजी हो गई है. मैंने उसे अपनी ओर खींचा तो वो कटी हुई टहनी की तरह मेरी बांहों में आ गिरी.
मैंने उसे गाल पर चूमा तो वो सिहर उठी.
कुछ ही देर में मैंने उससे चिपक कर उसके साथ चूमाचाटी करते हुए बात करना शुरू कर दी.
मैंने पूछा- तेरे ब्वॉयफ्रेंड ने तेरे साथ कुछ नहीं किया क्या?
वो पहले तो चुप रही, जब मैंने उसके एक दूध को धीरे से मसला और कहा- उसने तेरे ये दबाए हैं?
वो बोली- नहीं भैया वो … मैं उसे पसंद करती हूँ. मगर वो मेरी तरफ देखता ही नहीं है.
मैंने कहा- ऐसा कैसे हो सकता है … तू तो इतनी हॉट है!
वो बोली- मैंने अभी उससे कुछ कहा ही नहीं है.
मुझे हंसी आ गई- अरे पगली जब तूने उससे कुछ कहा नहीं, तो वो कैसे तुझसे कुछ कहेगा. या तो वो तुझसे कुछ कहे और तू उसकी बात को अनसुनी कर दे … तब बात समझ आती है कि उधर लफड़ा होना तेरी वजह से रुक हुआ है.
अभी मैं अपनी बात पूरी कर भी नहीं पाया था कि मेरी बहन बोली- आप अभी कुछ मत कहो. पहले मुझे प्यार करो बस!
मैंने उसकी चूची को मसलते हुए कहा- क्यों नीचे आग लगी है क्या?
वो मेरे सीने में अपना मुँह छिपाती हुई बोली- हां बहुत ज्यादा!
मैंने अब देर नहीं की और अपनी बहन को नंगी कर दिया.
उसके सामने मैं भी नंगा हो गया.
वो मेरा लंड देख कर सहम गई और बोली- तुमहारा बहुत बड़ा है!
मैंने कहा- एक बार ले लोगी फिर ये तुझे छोटा लगने लगेगा.
ये कह कर मैंने उसे पेट के बल लिटाया और उसकी टांगें फैला कर उसकी चूत में पीछे से लंड डालने लगा.
मेरा जरा सा गया, तो वह चिल्लाने लगी.
मैंने बहन के मुँह पर हाथ नहीं रखा क्योंकि मॉम को पता था.
मैंने ज़बरदस्ती अपना लौड़ा बहन की चूत में पेल दिया.
कुछ देर बाद वो नॉर्मल हो गई और बोली- अन्दर नहीं गिराना.
मैंने ओके बोला.
बाद में मैंने बहन को हचक कर चोदा और लंड बाहर निकाल कर उसकी गांड पर रस गिरा दिया.
वो उठी, तो खून से बेड लाल हो गया था.
वो बोली- अब मॉम को पता चल जाएगा.
मैं बोला- बेडशीट निकाल दो. मैं दूसरी दे देता हूँ.
वो हंस कर बोली- बेडशीट तो मॉम के कमरे में है. उनसे मांग लाओ!
मैं मॉम के पास जाकर बोला- एक बेडशीट दे दो.
वो मुस्कुराने लगीं और एक नई बेडशीट दे दी.
उस वक्त उन्होंने आंख के इशारे से पूछा कि बहन की फाड़ दी?
मैंने आंख दबा कर हां कह दी.
अब यह मेरे घर रोज का नियम हो गया.
मॉम अपने यार डॉक्टर अंकल के लौड़े से बिंदास चुदाई करवाने लगी थीं और मैं अपनी बहन को चोदने लगा था.
बहन ने भी अपने ब्वॉयफ्रेंड से सैटिंग कर ली थी और वो उसे घर लाकर उससे मेरे सामने चुद लेती थी.
मैं भी मॉम को दिखा कर किसी बाहर लड़की को घर लाकर चोद देता था.
मेरी बहन को भी मालूम चल गया था कि मॉम डॉक्टर अंकल से चुदवाती हैं.
यह मेरे घर की सच्ची बैड मॅाम चीटिंग सेक्स कहानी है. आपको कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स करके जरूर बताएं.
[email protected]