छोड़कर सामग्री पर जाएँ

मेरी बहनों ने मेरे लंड का मजा लिया- 4

  • द्वारा


एक एक करके मेरी दो बहनें मुझसे चुद चुकी थी. जब मेरी एक बहन पेट से हो गयी तो सारा परिवार मेरे खिलाफ हो गया. फिर मेरे साथ क्या हुआ?

दोस्तो, मैं एक बार फिर से आपका स्वागत करता हूं रिश्तों में चुदाई की कहानी में.
इस कहानी के तीसरे भाग
दूसरी बहन की कुंवारी बुर खोल दी
में आपको मैंने बताया था कि कैसे छोटी बहन राबिया के द्वारा हम भाई बहन की चुदाई देखने के बाद हमने उसको भी चोद लिया.

अब राबिया की चूत चुद चुकी थी और वह काफी खुश भी थी. फिर मेरी बड़ी बहनों नजमा और आसिफा बाजी के आ जाने के बाद घर में भीड़ हो गई।

हमारे घर में अब चूत तो बहुत थीं मगर चोदने का मौका नहीं था। हम काफी दिन तक चुदाई नहीं कर सके.
मैं अकेला ही अपने जीजा की दुकान संभाल रहा था.
फिर मैं वहीं रहने लगा.

कुछ 3 महीने के बाद आसिफा बाजी को बच्चा हो गया. किस्मत से वो भी बेटी ही थी और कुछ दिन बाद नजमा बाजी का फोन आया और उन्होंने मुझे पास के ही सरकारी अस्पताल में बुलाया.

मैं वहां गया तो वह देखा कि रुबीना बाजी भर्ती थी.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो नजमा बाजी मुझे वहां से अलग दूसरी ओर ले आईं.

वो मुझे फिर पार्किंग के पास खाली जगह में ले गई।
वहां जाते ही उन्होंने मुझे जोर का थप्पड़ जड़ा और बोली- हरामी तूने ये क्या कर दिया? अपनी ही बहन को चोद दिया?
मैं फिर चुप हो गया.

बाजी ने बहुत सारी बातें कहीं.

मैंने कहा- बाजी बस हो गया, मेरी गलती है. आप मुझे और मार लो.
बाजी बोली- इमरान … रुबीना बोल रही है कि वो इस बच्चे को जन्म देगी. अगर ये अब्बू को पता चला तो वो शर्म से मर जाएंगे।

फिर मैंने कहा- बाजी अब मैं क्या करूं?
बाजी ने कहा- अभी हम सब घर जाएंगे और घर में बता देंगे कि रुबीना को बुखार था। मगर किसी दूसरे अस्पताल में इसकी सफाई करवा देंगे। तू 4 हजार रूपए इकठ्ठे कर ले।

उसके बाद सब घर आ गए और किसी को कुछ पता नहीं चला. मैंने पैसे भी इकठ्ठे कर लिए. नजमा बाजी कई प्राइवेट अस्पतालों में गई और सफाई की बात की पर कुछ नहीं हुआ क्योंकि वो गैर कानूनी था.

बाजी ने ये भी समझाया कि उसकी शादी नहीं हुई तो डॉक्टर बोले- जिसने ये किया उससे ही शादी कर दो. हम पुलिस के चक्कर में नहीं पड़ेंगे।

नजमा बाजी बिल्कुल निराश हो गई। मगर मैं और रुबीना बाजी बहुत खुश थे.

एक दिन मैं बाजी को साथ लेकर छत पर ले आया और अपने बच्चे की बात कर रहा था।
तभी वहां राबिया आ गई तो हमने बात बदली और राबिया बोली- मुझे लगा तुम कुछ कर रहे होगे. मगर तुम तो फालतू घूम रहे हो.

रुबीना बाजी ने कहा- आज नहीं, कल रात को करेंगे।

उधर नजमा बाजी ने एक जगह रुबीना बाजी की शादी की बात कर रखी थी तो उन्हें देखने के लिए बुलाया.

रुबीना 5 महीने से ज्यादा की गर्भवती हो गई थी तो उन्होंने पहचान लिया और बहुत बेइज्जती की।

ये सब होने के कारण पापा को हार्ट अटैक आया और वो अस्पताल में भर्ती हो गए। कुछ ही दिन में उनकी मौत हो गई।

हम सब बहुत दुःखी हुए। घर में काफी लड़ाई हुई।

मगर मैं जाता भी तो कहां जाता. धीरे धीरे समय बीतता गया और सब नॉर्मल हो गया. फिर कुछ दिन बाद बाजी और मैं चुदाई का प्रोग्राम बना रहे थे.

बाजी बोली- चूत में नहीं करना, गांड में करना.
फिर हम रात को छत पर आ गए और सब लोग नीचे कमरे में थे. ठंड का मौसम चल रहा था. मगर हमारे जिस्मों में गर्मी बहुत थी.

मैंने बाजी को घोड़ी बनने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया कि पेट में दर्द होगा.
बाजी बोली- तुम कपड़े उतार कर लेट जाओ. मैं ऊपर से चुदूंगी।
मैं लेट गया और रुबीना बाजी मेरे ऊपर नंगी हो कर बैठ गई।

उन्होंने अपनी गान्ड में मेरा लंड घुसा लिया और उछलने लगी. वो मेरे सीने पर हाथ रख कर अपनी कमर और कूल्हे उछाल कर चुदाई कर रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था लेकिन बाजी मुझसे भी ज्यादा मजा ले रही थी.

उनकी आह … आह … आह … की आवाज़ें और मेरे लंड का गांड में चारों तरफ हिलना जैसे पागल कर रहा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैं झड़ गया और बाजी रुक गई।
वो मेरे ऊपर लेट गई।

मैंने बाजी को चूमा और हम कपड़े पहनने लगे.

फिर राबिया भी आ पहुंची और कहने लगी कि उसको भी अपनी चूत का पानी निकलवाना है.

बाजी बोली- तो तुम दोनों मस्त होकर करो.
मैंने राबिया की चुन्नी उतार दी और उसकी चूची दबाने लगा.
वो बोली- भाई … प्लीज़ जल्दी करो, कोई आ जाएगा.

मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिये. वो भी मेरा साथ दे रही थी।

मैंने राबिया को बोला कि मेरा लंड तो तैयार है, तुम अपने कपड़े उतार दो. उसने सलवार खोल दी और पैंटी भी उतार दी.

वो जब पैंटी और सलवार पंजों में से निकाल रही थी तो मेरा लंड उसके माथे और सिर पर टकरा रहा था।
अब राबिया बोली- चलो डाल दो.
मैंने उसको लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.

उसकी चूत में लंड घुसाने लगा तो उसने सिसकारी ली.
मैं समझ गया और आराम से धक्का मारा क्योंकि उसकी चूत बाजी से ज्यादा छोटी थी. उसकी चुदाई भी बहुत कम बार ही हुई थी.

उसने मेरी टांग को हटाकर अपनी दोनों टांगों को चौड़ा कर लिया और मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया. उसकी चूत खुल गई।
अब मैंने लंड को अंदर तक रास्ता दिखा दिया और धक्के लगाने लगा.

वो मस्त होकर चूत में लंड ले रही थी. मैं चारपाई को दोनों तरफ हाथों से पकड़ कर राबिया को लंड का मज़ा दे रहा था. वो भी मेरी कमर पकड़ कर अपनी तरफ खींच रही थी.

मैं उसके ऊपर ही लेट गया और भरपूर धक्के मारने लगा। राबिया की आवाज अब मादक हो गई और वो अपनी कमर और गांड को हिला रही थी। चारपाई की भी आवाज हो रही थी.

मुझे लगा कि कहीं राबिया की चूत के चक्कर में चारपाई ना टूट जाए. मैं पूरा जोर लगाकर उसकी चूत को पेलता रहा.
फिर वो झड़ गयी.
मुझे भी लंड पर बहुत मजा आया लेकिन मैंने चुदाई बंद नहीं की.

तभी राबिया एकदम चिल्लायी- अम्मी!
तो मैं रुक गया और पीछे मुड़ा तो अम्मी हम दोनों को देख रही थी।

हम दोनों खड़े हो गए. हमारी तो आज गांड फटने वाली थी।

अम्मी ने बड़ी बाजी को आवाज दी तो नजमा बाजी और आसिफा बाजी और मेरी सारी बहनें व उनकी बेटी ऊपर आ गईं।

मैंने तब तक कपड़े पहन लिए और राबिया ने भी सलवार बांध ली थी.

नजमा बाजी बोली- क्या हुआ?
अम्मी बोली- ये रण्डी अपनी भाई से ही चूत चुदाई करवा रही थी.
ये सुनकर सबके चेहरे का रंग उड़ गया.

नजमा बाजी ने सबको नीचे जाने को बोला तो अम्मी, आसिफा बाजी और नजमा बाजी और मैं और रुबीना वहीं रुक गए.

अम्मी काफी गाली दे रही थी और मुझे कोस रही थी.
तभी नजमा बाजी बोली- अम्मी … वो रुबीना की चुदाई भी इसी हरामखोर ने की है और ये बच्चा भी इसका है।

फिर अम्मी को और गुस्सा आ गया और उसने मुझे अब और भी ज्यादा बुरा भला कहा. मैं चुपचाप नीचे आ गया।

कुछ समय तक घर में सब कुछ अजीब सा चलता रहा.

मैं बस रुबीना से बात करता था और सबको भरोसा दिलवाता था कि उसको मैं कभी दुखी नहीं होने दूंगा. मगर कोई मुझसे अच्छे से बात नहीं करता था.

उस दिन के बाद राबिया ने भी मुझे चूत नहीं दी. मगर मुझे बाप बनने की खुशी बहुत ज्यादा थी. मैं कुछ अरसे के बाद बाप बन गया.
रूबीना ने एक बेटी को जन्म दिया.

घर में सब लोग दुखी थे लेकिन मैं और रूबीना खुश थे.

एक दिन खबर आई कि एक हादसे में मेरे दोनों जीजा की मौत हो गई है.
उसके बाद घर में और ज्यादा दुःख का माहौल हो गया।

मैं दफ्तर में गया और सब जानने की कोशिश की. मुझे इस खबर पर विश्वास नहीं हो रहा था.

फिर वहीं एक हमारी ही बिरादरी के भाईजान ने बताया कि तुम्हारे दोनों जीजा ने वहीं पर दूसरी शादियां कर ली हैं. वो वापस नहीं आना चाहते. उन्होंने मौत होने की खबर देने को बोला है.

मैंने ये बात किसी को घर में नहीं बताई. नजमा और आसिफा को मैं दुखी नहीं देख सकता था. कुछ दिन में फिर से सब वैसे ही नॉर्मल होना शुरू हो गया.

रुबीना बाजी को अम्मी अब भी गाली देती थी और मोटी गांड वाली नजमा बाजी तो मार भी देती थी.

मैं इससे परेशान हो गया। अब मैं अपने घर का माहौल बदलना चाहता था.

एक दिन मैंने अपने शहर में ही एक कमरा किराए पर लेने के लिए देखा और सुबह ही सबको बुला कर कहा- अम्मी मुझे पता है कि आप सब मुझसे नफरत करते हैं और रुबीना को भी रोज गालियां ही मिलती हैं. अब मैं आपके साथ नहीं रहना चाहता. मैं और रुबीना आज ही घर से चले जाएंगे।

फिर मैं और रुबीना अपनी बेटी को लेकर घर से आ गए.
बस आसिफा बाजी ने हमें रोकने की कोशिश की.

हम दोनों आ गए और किराए पर रहने लगे।

मैं घर की जरूरत का सामान ले आया और रुबीना बाजी को बोला- बाजी आज से मैं आपका शौहर हूं, कोई पूछे तो ये ही बताना.
वो मुस्कराकर बोली- अब तो तुम मेरे बच्चे के बाप भी बन गए, तो शौहर तो खुद ही हो गए।

किराए के कमरे में आने के बाद मैं और बाजी शौहर बीवी की तरह रहने लगे.

एक दिन मैंने रूबीना को हमारी बेटी को दूध पिलाते देखा. उसकी चूचियां मुझे अब और मोटी लगने लगी थीं.

मैं बोला- रूबीना ये चूचियां इतनी मोटी कैसे हो गयीं?
वो बोली- बच्चे के लिए दूध आता है इसलिए मोटी हो गयीं.
मैं बोला- मुझे भी पिला दो थोड़ा दूध.
वो बोली- पहले इसको तो पिला दूं. फिर तुम्हें भी पिला दूंगी.

फिर मैंने पूछा- हमें चुदाई किये हुए कितना समय हो गया?
वो बोली- आखिरी बार उस वाले घर में ही की थी. नजमा और आसिफा के आने से पहले.

मैंने कहा- मुझे भी उस दिन के बाद चूत नहीं मिली.
बाजी बोली- राबिया की तो चोद लेता तू?
मैं बोला- कैसे चोदता, सब मुझसे नफरत करते थे.

वो बोली- हां भाई, सबने ही गलत समझा. अब देखना उन सब को मजबूरी क्या होती है ये समझ आ जाएगा और नजमा बाजी की तो मोटी गांड से खून निकलना है।

फिर वो बोली- छोड़ो, आओ मेरा भी मन है चुदाई का. चलो आओ.
मैंने नीचे एक चादर बिछा दी. अपने कपड़े उतार कर लंड हाथ में पकड़ लिया तो बाजी ने भी अपना कमीज और सलवार उतार दी.

उन्होंने चोली और पैंटी नहीं पहनी थी। मैंने बाजी को लेटने को बोला तो वो लेट गई. मैंने उनके ऊपर लेट कर चुदाई शुरू कर दी.
बाजी आज कुछ नई लग रही थी. उन्होंने मुझे कमर से पकड़ लिया और अपनी गांड उठाकर जोर जोर धक्के लगाने लगी.

अगर मैं धक्के न भी लगाता तो भी वो अकेली ही मुझे चोद सकती थी. काफी देर तक हम दोनों चुदाई का मजा लेते रहे क्योंकि हमारे लंड और चूत का मिलन बहुत अरसे के बाद हुआ था.

काफी देर तक धक्कापेल चुदाई चलती रही. बाजी ने अपने मन की सारी कसर निकाली. मैंने भी लंड का लावा लगभग तीन चार बार निकाला और मैं पूरी तरह से थक गया. फिर हम आखिरी बार में एक साथ झड़े और सो गये.

इस तरह से रूबीना बाजी के साथ मेरा चुदाई का प्रोग्राम चलता रहा और हम दोनों खुशी खुशी रहे. हम उस किराए के कमरे में दो महीने रहे और रोज चुदाई की।

लगभग दो महीने घर से बाहर कमरे में रहने से मैं परिवार से दूर रहा।

एक दिन नजमा बाजी मुझे दुकान पर मिलने आयीं और घर वापस आने को बोलीं तो मैंने मना कर दिया.
मैं नाराजगी और गुस्से में बोला- आपको मेरी क्या जरूरत है, मैं बेकार हूं.
बाजी ने मुझे काफी बात सुनाई और समझाया मगर मैं नहीं माना।
वो थक हारकर चली गई।

अगले दिन सुबह मैं दुकान पर आने के लिए तैयार था तो आसिफा बाजी अपनी बेटी को गोद में ले कर आईं.
हम दोनों बाजी को देख कर खुश हुए।
बाजी ने खैरियत पूछी.

फिर बाजी बोली- इमरान यकीन नहीं होता कि तूने और रुबीना ने एक बच्चा पैदा कर लिया और परिवार की तरह रहते हो।
मैंने कहा- बाजी, मगर अम्मी और नजमा बाजी को ये हराम लगता है. वो कहां हमें जीने दे रहे हैं. यहां आने के बाद भी चैन से नहीं रहने देते।

बाजी बोली- घर में तुम्हारे आने के बाद से सब उल्टा ही ही रहा है. नजमा बाजी इसलिए गुस्सा है.
मैंने कहा- बाजी आओ, हमारे साथ रहो. जब दोनों को कोई दिक्कत नहीं तो आपको क्या है?

वो बोली- वो सब तो ठीक है मगर मेरी बेटी भी है.
इस पर रूबीना बोली- बाजी, वो हमारी भी बेटी है.
ये कहकर आसिफा बाजी की गोद में से उनकी बेटी को रूबीना ने ले लिया और खिलाने लगी.

तभी बाजी मेरी चारपाई पर आ गई और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- चलो हम सब मान लेंगे कि रुबीना और तुम साथ रह लेना. मगर घर वापस आ जाओ.

मैंने इसका कोई जवाब नहीं दिया और चुप रहना ही ठीक समझा.
आसिफा बोली- जवानी में तो सबके लंड और चूत में उफान आता है.
बाजी के मुंह से सुनकर मैं ये हैरान सा हो गया.

वो मेरे लंड की ओर देखने की कोशिश कर रही थी. शायद जीजा के लंड को याद कर रही थी वो.
मुझे लगा आसिफा भी चुदाई चाहती है.

एक दिन रूबीना हमारी बच्ची को लेकर अस्पताल गयी थी.
उसी दिन आसिफा कमरे पर आ गयी.

वो उसी दिन की तरह लंड चूत और चुदाई वाली घटनाओं की बातें करने लगी.
मेरा लंड खड़ा हो गया और आसिफा ने उसको पकड़ लिया. वो मेरे लंड को निकालकर चूसने लगी.

मैं भी जोश में आ गया और मैंने उसको बेड पर लिटाकर नंगी कर लिया.

उसकी टांगों को खोला और लंड उसकी चूत में दे दिया. मैं पहली बार बड़ी बहन की चुदाई कर रहा था.

मैंने उसको 20 मिनट तक चोदा और फिर उसकी चूत में झड़ गया.
मेरे लंड से चुदकर आसिफा खुश हो गयी.

उसके बाद उसको भी मेरे लंड की आदत लग गयी. इस तरह मेरे परिवार में तीन बहनों की चुदाई मैंने की.

दोस्तो, आपको ये स्टोरी पसंद आई हो तो बतायें. अगर नहीं आई हो तो भी बतायें. आप कमेंट्स में अपने विचार लिखें.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *