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ढलती उम्र में अदल बदल- 1

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अन्तर्वासना की कहानी में पढ़ें कि दो दोस्त सेक्स के भूखे थे पर उनकी पत्नियां उनका उतना साथ नहीं दे पाती थी. दोनों ने मिल कर सेक्स लाइफ में नयापन लाने की सोची.

दोस्तो, आप मेरी कहानियों को पसंद करते हैं, इसके लिए धन्यवाद।

मेरी पिछली कहानी थी:

सेक्स की चाहत में पैसे का तड़का

यह अन्तर्वासना की कहानी ज़िंदगी की हाफ सेंचुरी के नजदीक पहुँच चुके दो दोस्तों की है।

ये दोनों दोस्त हैं विजय और संजीव।

दोनों ही पुराने और नामचीन व्यापारी हैं और बचपन से ही दोस्त हैं; दोनों की आपस में खूब खुली है, हर तरह का हंसी मज़ाक, खाना पीना, बाहर घूमना सब साथ होता है।

इन दोनों की पत्नियों की भी आपस में अच्छी दोस्ती है; दोनों फोन पर रोज ही बातें करती हैं, कभी-कभी दोपहर एक-दूसरे के घर ही रहतीं।

विजय और संजीव के एक-एक बेटा है।

एक का इंजीनीयरिंग में और दूसरे का मेडिकल लाइन में शिक्षा ले रहे हैं।

विजय के माता पिता पंजाब में हैं और संजीव के पिता काफी पहले गुजर गए थे तो उसकी माँ संजीव की ननिहाल में अपने भाइयों के साथ मध्य प्रदेश में रहती हैं।

उनका यहाँ मन नहीं लगा, वहाँ उनका भरा-पूरा परिवार है, उनको वहीं अच्छा लगता है तो वो वहीं रहती हैं।

कुल मिला कर बात यह है कि विजय और उसकी पत्नी सीमा और संजीव और उसकी पत्नी ऋतु यहाँ अकेले रहते हैं।

वैसे सीमा और ऋतु दोनों ही अल्ट्रा मॉडर्न हैं। दोनों को नए फेशन के कपड़े पहनना, घर सजाना, फेसबुक से लगे रहना जैसे शौक हैं और दोनों ही सेक्सी फिगर मैंटेन की हुई हैं।

विजय और संजीव जवानी से आज तक सेक्स के मामले में भूखे के भूखे ही हैं; उनके दिमाग में हर समय सेक्स घूमता है।

जब भी काम से मौका मिलता दोनों आपस में नोनवेज चुटकुले कार्टून शेयर करते।

पर अब सीमा और ऋतु उनका सेक्स में पहले जैसा साथ नहीं दे पातीं, इस बात को लेकर अब दोनों ही घरों में शिकायत होने लगी थी।

विजय तो मंडी में थोक व्यापारी था तो सुबह जल्दी जाता और शाम को पाँच बजे तक काम बढ़ाकर वापिस आ जाता।

संजीव का मेडिकल का थोक का काम था तो वो सुबह 11 बजे गोदाम जाता पर रात को 9 बजे से पहले तो कभी नहीं आ पाता।

उसको वर्किंग डेज़ में रात को ज्यादा समय नहीं मिलता था सेक्स के लिए!

पर उसको और ऋतु को 69 बहुत पसंद था।

पहले तो दोनों एक दूसरे का पानी निकाल देते थे।

ऋतु को संजीव का अपने ऊपर पेशाब करवाना या उसका पेशाब पी जाने से कोई परहेज नहीं था।

वो ओरल सेक्स को खूब एंजॉय करते।

ऋतु के मम्मे जवानी से ही सुडौल और नुकीले थे, चूसने में संजीव को जन्नत का मजा देते।

और ऋतु तो लंड चूसने में इतनी माहिर की अगर सामने दस लंड भी हों तो सबको मुंह से ही निचोड़ दे।

ऋतु को अपने मम्मों पर वीर्य गिरवाना और बाद में उसे अपने मम्मों पर मलने में बहुत मजा आता था।

संजीव भी उसकी चूत का पानी चूस-चूस कर निकाल देता और गटक जाता।

पर अब ये सब बातें बीता हुआ कल होती जा रही थीं।

उधर विजय चाहता था कि वो जब शाम को घर आए तो सीमा पहले ही डिनर बना कर रख ले और उसके आने पर बस कपड़े उतार कर उसके साथ चिपकी रहे।

विजय आते ही घर पर बने जिम में आधा घंटे वर्जिश करता; फिर शाम की चाय से लेकर रात के डिनर तक सीमा से चूमा चाटी में लगा रहता।

सीमा के मम्मे बड़े थे; बल्कि विजय ने चूस चूस कर बड़े कर दिये थे।

कसरती बदन होने से विजय सेक्स में सीमा को भरपूर मजे देता।

शुरू में तो सीमा भी उसका खूब साथ देती। उनका बेटा बचपन से ही होस्टल में पढ़ा तो दोनों अकेले रहे।

आधुनिक सुख सुविधाओं से भरपूर बड़ा घर था उनका तो दोनों घर पर अक्सर बहुत कम कपड़ों के या बिना कपड़ों के रहते।

गर्मियों में तो विजय शाम को दो दो घंटे घर के स्विमिंग पूल में सीमा को लेकर पड़ा रहता।

विजय व्हिस्की तो नहीं लेता था पर बीयर खूब लेता था।

सीमा को भी उसके साथ बीयर का चस्का लग गया।

सिगरेट दोनों शुरू से ही पीते थे।

शादी के 15-16 साल तक दोनों की सेक्स लाइफ धमाकेदार थी।

शुरू में तो सुबह शाम का सेक्स नियमित थ। वो भी नए नए अंदाज में!

फिर उम्र बढ़ने पर कुछ कम हुआ. पर रोज न हो एसा शायद ही कभी होता था, सिर्फ महीने के उन पाँच छह दिनों को छोड़ कर।

गिनती तो वो पूरी बाद में कर लेते थे।

पर अब पिछले 2-3 सालों से यह फ्रिक्वेन्सी कम होती गयी।

विजय तो रोज जिद करता, पर फिर भी अब हफ्ते में कभी तीन बार कभी दो बार और अब तो कभी एक ही बार होता।

इससे विजय बहुत नाराज रहने लगा।

सीमा उससे बहुत प्यार करती थी।

वो आज भी खूब बनठन कर रहती, अपने को मैंटेन रखती, खूब गंदे हंसी मज़ाक कर लेती, पर बस बिस्तर में आते ही उसकी हवा निकल जाती।

कोई न कोई बहाना बना कर वो सेक्स को टाल देती।

विजय अक्सर अकेले में मुट्ठी मारता।

उसे बहुत गुस्सा आता, पर वो भी सीमा से बेइंतिहा प्यार करता था।

वो समझ ही नहीं पा रहा था कि सीमा की सेक्स की आग को कैसे भड़काए।

एक दिन उसने देखा कि सीमा के हैंगआउट अकाउंट में एक रोकी नाम के गोरे लड़के का अकाउंट भी है, जो फ़िनलैंड का निवासी था।

उससे जो मेसेज आते-जाते थे उनमें कुछ सेक्सी पुट भी होता था।

विजय ने सोचा कि एक बार सीमा से उसके बारे में पूछे तो!

पर फिर उसने हर तरह से सीमा को परख लिया था तो उसे लगा की सीमा और रोकी सिर्फ चैट तक ही सीमित है।

रोकी के बहुत कहने पर भी सीमा ने उसे अपनी कभी कोई फोटो न दी थी और अपनी पहचान बताई थी.

सीमा उसकी चैट डिलीट भी नहीं करती थी। सीमा को इस बात का अंदाज़ भी नहीं था कि विजय उसका फोन चेक़ कर लेता है।

एक दिन तो विजय ने देखा कि रोकी ने अपनी नंगी फोटो अपने तने हुए लंड के साथ सीमा को भेज दी है।

बल्कि सीमा ने वो मेसेज अभी देखा नहीं था।

विजय सन्न रह गया; उसे लगा कि अब सीमा भी उसे अपनी नंगी फोटो भेजेगी।

उसने सीमा से कुछ नहीं कहा, चुपचाप फोन रख दिया।

उसका मूड बहुत खराब हो गया।

सीमा ने कई बार पूछा कि क्या बात है पर विजय ने बात घुमा दी।

उसे मनाने के लिए कहा सीमा ने कि आज अच्छे वाला सेक्स करेंगे, पर विजय उखड़ा ही रहा।

अगले दिन सुबह जल्दी उठकर उसने सीमा का मोबाइल फिर चेक़ किया तो उसने देखा कि सीमा ने रोकी को खूब फटकार लगाई है और आइंदा उससे चैट न करने की बात कही है।

इसके बाद रोकी के अनेक मेसेज सॉरी के थे पर सीमा ने कोई जवाब नहीं दिया था।

विजय ने लगातार उसका फोन देखा।

तीन चार दिन तक सीमा ने उसको कोई जवाब नहीं दिया.

फिर सीमा ने उससे कहा कि आपस में हंसी मज़ाक के अलावा वो और कुछ बर्दाश्त नहीं करेगी, तब जाकर उनकी चैट दोबारा शुरू हुई।

विजय ने महसूस किया कि दोनों की रोज एक घंटे से ज्यादा चैट होती थी और खूब सेक्सी बातें गंदे मज़ाक, अश्लील कार्टून शयर होते थे.

और जिस दिन मेसेज ज्यादा होते थे उस दिन सीमा का मूड अच्छा होता था और उनके बीच सेक्स भी होता था।

अब विजय समझ गया कि सीमा की सेक्स लाइफ को तड़के की जरूरत है।

अगले दिन कोई हड़ताल होने से बाजार बंद था।

विजय संजीव के ऑफिस चला गया।

संजीव भी खाली बैठा अकाउंटस ही कर रहा था।

विजय को देख कर उसने काम बंद कर दिया और अपने स्टाफ को बोला कि टिकिया ले आए और फ्रिज से दो केन बीयर की निकाल दे।

दोनों की गप्पें शुरू हुईं।

विजय जानता था संजीव और ऋतु को भी सेक्स का बहुत शौक है।

थोड़ी देर बाद विजय ने संजीव से बेहिचक पूछा कि उनकी सेक्स लाइफ कैसी गुजर रही है।

संजीव ने गौर से उसे देखा और मुसकुराते हुए बोला यार अभी दो तीन साल पहले तक तक तो फिल्म रंगीन थी पर अब धीरे धीरे ब्लेक एंड व्हाइट होती जा रही है!

विजय ने पूछा- क्या मतलब?

संजीव बोला- तू बता, तेरा और सीमा के बीच क्या है?

विजय समझ गया कि अब बात खुल कर ही करनी होगी।

तो उसने संजीव को बताया कि अब उनकी सेक्स लाइफ नीरस होती जा रही है। उसमें अब पहले जैसा चाव नहीं रहा।

विजय ने कहा कि एसा नहीं है कि सीमा को सेक्स पसंद नहीं है या उसे कोई तकलीफ है, पर उसका मानना है कि अब उनके रिश्ते में दोबारा जान डालने के लिए कोई दवाई लेनी होगी।

संजीव ने कहा- यार, यही हाल मेरे और ऋतु के बीच है। जब करते हैं तो खूब बढ़िया तरीके से होता है पर उसके लिए ऋतु को बहुत उकसाना पड़ता है, खुशामद सी करनी पड़ती है।

उसने कहा- मैंने तो उसको चुपके से कुछ दवाई भी दीं, उन दवाओं का प्रभाव तो हुआ, वो कामुक तो हुई पर ज्यादा दवाई उसकी सेहत खराब कर देंगी इसलिए मैंने आगे उसे वो नहीं दीं।

संजीव बोला- एक राज की बात बताऊँ … ऋतु और सीमा शायद लेस्बियन भी हैं क्योंकि मैंने ऋतु के फोन में लेस्बियन पॉर्न क्लिप्पिंग देखीं थीं, जो उसने सीमा को भेजी थीं।

ऋतु के फोन की गूगल हिस्ट्री में भी वो पॉर्न मूवी देखती रहती है और जिस दिन उनके बीच सेक्स होता है, उस दिन की हिस्ट्री चेक़ करने पर संजीव को पता चला कि ऋतु ने उसमें पॉर्न मूवी देखी थी।

पर जब संजीव ने ऋतु को साथ बेड पर पॉर्न मूवी दिखानी चाही तो ऋतु ने कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया।

संजीव खुद परेशान था कि क्या माजरा है, वो कैसे ऋतु से बात करे।

शक की कोई गुंजाइश नहीं थी।

वैसे संजीव ने विजय को बताया कि कुछ दवाइयाँ हैं जो लंबे समय तक के इस्तेमाल के लिए तो खराब हैं पर हफ्ते में एक दो बार लेने में कोई हर्ज नहीं है।

संजीव ने कहा कि वो हर शुक्रवार और शनिवार को दूध में ऋतु को वो दवाई देता है और उस रात थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है तो शुक्रवार और इतवार को उनके बीच सेक्स जरूर होता है।

और संजीव ने एक पेकेट विजय को भी दे दिया।

पर दोनों बोले- ये कोई समाधान नहीं है।

विजय बोला- हमारी पत्नियों की लाइफ में कुछ रंगीनीयत चाहिए तभी उनमें बदलाव आएगा।

संजीव ने कबूला कि इसी नीयत से पिछले महीने जब वो दो दिनों के लिए अपनी माँ से मिलने गये थे तो लौटते में रास्ते में एक दिन एक रिज़ॉर्ट में रुके थे और वहाँ उसने और ऋतु ने बॉडी मसाज कराई थी।

उस मसाज में ऋतु इतनी कामातुर हो गयी थी कि उसने संजीव के उकसाने पर मसाज करने वाले लड़के का लंड पकड़ लिया था पर संजीव की इससे आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई और उस दिन के बाद तीन चार दिनों तक दोनों के बीच खूब बढ़िया सेक्स हुआ।

अब संजीव को समझ नहीं आ रहा था कि कैसे कोई बाहरी आदमी ऋतु कीं जिंदगी में डालूँ जिससे ऋतु की सेक्स की चाहत वापिस आ जाये।

विजय ने भी कबूला कि बिलकुल यही वो सोच रहा है कि ऐसा कौन हो सकता है जो उनकी बीवियों को उकसा भी दे और उनके वैवाहिक जीवन को खराब भी न करे।

तब विजय ने संजीव को सीमा के हैंगआउट फ्रेंड के बारे में बताया.

तो संजीव बोला- मैंने तेरे को बताया नहीं … ऋतु की भी कोई फेंड है और उनके बीच खूब अश्लील मेसेज आते जाते हैं. पर वो फ्रेंड कोई लड़की है। हो सकता है कि कोई और फ्रेंड भी हो और वो लड़का भी हो सकता है।

संजीव बोला- मैंने इस हैंगआउट फ्रेंड के बारे में ज्यादा दिमाग नहीं मारा क्योंकि ऋतु अपना फोन लोक लगा कर रखती है।

विजय को संजीव ने एक राय दी कि क्यों न मैं सीमा पर और तुम ऋतु पर लाइन मार कर देखो। अगर किस्मत ने साथ दिया और दोनों पट गयी तो बाहर वाले की क्या जरूरत।

इस पर विजय सोचता रहा, फिर बोला- यार, तेरा आइडिया तो बढ़िया है. पर कोई भी औरत खुद तो बेवफाई कर लेगी पर अपने आदमी को नहीं करने देगी। मतलब ऋतु और सीमा को यह नहीं मालूम पड़ना चाहिए कि हम दोनों एक दूसरे की बीवियों को सेट कर रहे हैं। वो दोनों भी आपस में पर्दा रखेंगी।

तो दोनों के बीच मामला तय हुआ कि आज रात से ही विजय बेड पर सेक्स के मामले में संजीव की कुछ तारीफ करेगा और सीमा के मन में संजीव के लिए रुझान पैदा करेगा और एसा ही संजीव ऋतु के साथ बेड पर करेगा।

ये तय हुआ कि कल शुक्रवार है तो विजय आज से अगले तीन दिन तक सीमा को संजीव की दी हुई दवाई देगा ताकि उनके बीच सेक्स हो. और इस सेक्स में उनकी बातचीत का केंद्र संजीव हो.

और ऐसा ही संजीव करेगा और अगले तीन दिनों में सेक्स की पूरी कोशिश करेगा और विजय की बात सेक्स के दौरान जरूर करेगा ताकि ऋतु के मन में विजय कोई जगह ले ले।

विजय बोला- सीमा तो संजीव से जल्दी पट जाएगी क्योंकि वो ऑलरेडी किसी लड़के से दोस्ती में है. पर ऋतु के मन में विजय का घुसना थोड़ी टेढ़ी खीर है।

संजीव और विजय ने एक बात और तय की कि हो सकता है कि इस प्लान में दोनों को नाकामयाबी मिले या दोनों कामयाब हो जाएँ या हो सकता है केवल एक को कामयाबी मिले और दूसरा खाली हाथ रह जाये; ऐसी स्थिति में नाकामयाब कामयाब से जलेगा नहीं और खेल बिगड़ेगा नहीं।

और हाँ यदि दोनों कामयाब हो जाते हैं तो कभी चारों आपस में इस बात का खुलासा नहीं करेंगे। क्योंकि ये कड़वा सच है कि बीवियाँ खुद कुछ भी कर लें पर अपने पति को नहीं बाँट सकतीं। फिर शक के घेरे में उनकी ज़िंदगी तबाह हो जाएगी।

विजय का शरीर कसरती था, उसे बॉडी बिल्डिंग का शौक है और उसने घर पर ही जिम भी बना रखा था।

तो संजीव ने उसे सलाह दी कि वो अपने कसरती बदन की कुछ फोटो उसे भेजे और जिनमें एक आध में उसके लंड का उभार भी नजर आ रहा हो।

प्रिय पाठको, आपको इस अन्तर्वासना की कहानी के पहले भाग को पढ़ कर कैसा लगा?

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अन्तर्वासना की कहानी का अगला भाग: ढलती उम्र में अदल बदल- 2

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