हॉट भाभी की गांड मारी मैंने. भाभी खुद मेरा लंड लेने को बेताब थी. भाभी ने किन किन तरीकों से मेरे लंड का उपभोग किया, सब इस कहानी में पढ़ें.
साथियो और भाभियो, मैं अमित एक बार फिर से तनु भाभी की वासना से लबरेज देसी भाभी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर आपके सामने हाजिर हूँ.
पहले भाग
सेक्सी भाभी ने नंगा जिस्म दिखाया
में अब तक आपने पढ़ा था कि तनु भाभी ने दिन में मेरा लंड चूस कर रस पी लिया था और वो रात को चुदाई के लिए मिलने का कह कर चली गई थीं.
अब आगे पढ़ें कि कैसे मैंने हॉट भाभी की गांड मारी:
मैं लंड चूसे जाने से थक चुका था इसलिए सो गया.
कुछ देर बाद भाभी भी सो गई थीं.
शाम को मैं बाहर निकल गया और दो पैग खींच कर वापस आ गया.
करीब रात के 9 बजे मैंने जाकर भाभी को जगाया. फिर खाना पीना करके हम दोनों कमरे में आ गए.
अब तक 10 बजने वाले थे. आज की ये रात कत्ल की रात थी.
मुझे एक नई चूत और भाभी को एक मजेदार लंड मिलने वाला था.
मैंने भी आज कसम खा ली थी कि जो भी हो जाए, आज भाभी को हचक कर चोदकर उनका मन भर दूंगा.
भाभी ने मेरे ही सामने से अपनी अल्मारी में से महंगी वाली एक लाल कलर की जालीदार ब्रा और पैंटी निकाली और पहन कर बेड पर आ गईं.
मैंने कहा- भाभी ये क्यों?
तब उन्होंने दो गिलास में पैग बनाए और बोलीं- लो पी लो, आज इसमें कल की तरह नींद की गोली नहीं है.
मैंने बिना कुछ पूछे पैग पी लिया और भाभी ने अपना पैग खाली कर दिया.
भाभी ने एक हाफ बोतल सामने रखी हुई था, जिसमें से उन्होंने पैग बनाए थे.
मैंने धीरे धीरे करके भाभी के साथ वो पूरी बोतल खाली कर दी.
अब भाभी कहने लगीं कि अमित आज मैं तुम्हें तुम्हारे भैया की जगह दे रही हूँ.
भाभी उठकर मुझे किस करने लगीं.
मैं भी उनके साथ किस करने लगा.
भाभी तो लाल ब्रा पैंटी में मियां खलीफा की तरह लग रही थीं. बस मध्यम साइज के दूध अलग थे. मियां खलीफा के दूध बड़े हैं और भाभी के मस्त कसे हुए लाल सेब से थे.
भाभी को मैंने बिना ब्रा के कर दिया तो वो बिल्कुल पोर्न ऐक्ट्रेस लग रही थीं.
आज मैंने उनको मियां खलीफा ही समझा. उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया और मेरा हाथ उनके एक मम्मे पर.
मैंने जी भर के भाभी के दूध मसलना चालू कर दिए.
अचानक मेरे मन में ख्याल आया कि ये सब गलत तो नहीं है, फिर मैंने ये भी सोचा कि अमित, ये सब भाभी की मर्जी से ही हो रहा है.
भाभी ने मुझे बिल्कुल बिना कपड़ों के कर दिया था और मेरा लंड बिल्कुल तना हुआ उनकी नाभि पर लग रहा था.
चूँकि तनु भाभी की हाइट मुझसे छोटी थी इसलिए मेरा लंड हम दोनों के बीच में बहुत फासला बना रहा था.
मेरा लंड सांवले कलर का झांट रहित एकदम साफ था.
मैंने आज ही उसे साफ किया था.
भाभी ने मेरे लौड़े को अपने एक हाथ से पकड़ा और नीचे करके पकड़े रहीं.
वो लंड को किस करने लगीं.
उस समय मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था. मैंने भी अपने हाथों से भाभी के मम्मों को उनकी ब्रा से आज़ाद कर दिया.
भाभी के तने हुए फुदकते मम्मों को देखकर मैंने एक को पकड़ा और भाभी को बेड पर चित लिटाते हुए अपना मुँह मम्मों पर लगा दिया.
मैं अपनी जीभ को मम्मों के ऊपर फिराने लगा.
मेरी जीभ ने जैसे ही भाभी के एक निप्पल को कुरेदा … भाभी की मीठी आह निकल गई.
मैंने अगले ही पल अपने होंठों में उस कड़क हो चुके चूचुक के साथ आधा दूध अपने मुँह में भर लिया और पके हुए आम की तरह उसका रस चूसने लगा.
भाभी के मुँह से आंह आंह निकलने लगी थी और उन्होंने मेरे सर पर हाथ रख कर मुझे अपने दूध पर दबाना शुरू कर दिया था.
मैं इसी तरह से भाभी के दोनों मम्मों को स्वाद लेकर बारी बारी से चूस रहा था.
भाभी के रसीले निप्पलों को मैं कभी कभी अपने दांतों से पकड़ कर काट देता, कभी जीभ से निप्पल के साथ खेलने लगता.
मेरे ऐसा करने से भाभी मस्ती से ‘आआह उईई … क्या कर रहे हो … आह प्यार से चूसो न.’ सिसकारियां लेने लगतीं.
फिर मैंने अपने एक हाथ को भाभी की पैंटी के अन्दर डाला और उनकी चिकनी चूत की दरार में एक उंगली डाल दी.
चुत एकदम रसीली थी और भाभी को उसमें लंड लेने का मूड था इसलिए उनको मेरी उंगली से बिल्कुल भी मजा नहीं मिला.
भाभी ने अपने हाथों से अपनी पैंटी उतार फैंकी.
मैं उनके इस इशारे को समझ गया.
अब मैंने अपनी तीन उंगलियों को भाभी की चुत में एक साथ पेला और अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया; साथ ही उनके मम्मों को भी चूसने और मरोड़ने लगा.
इससे भाभी एकदम गर्मा गईं और थोड़ी ही देर में भाभी मेरे सिर पर हाथ रखकर मुझे नीचे धकेलने लगीं.
मैं समझ गया कि भाभी को चुत चटवाने का मन है.
मैंने बिना समय गंवाए भाभी की चिकनी चूत पर अपनी जीभ फिरा दी. उनकी चूत को मैं किसी दारूखोर बेवड़े की तरह चाटने लगा.
भाभी ने अपनी गांड उठा दी थी और उनकी लगभग पूरी चुत मेरे मुँह के कब्जे में आ गई थी.
मैं उस समय में इतने जोश में था कि मैं अपनी जीभ से भाभी की चूत 10 मिनट तक चोदता रहा.
भाभी ‘आआह … उईई … मांआ … मर गई …. आह खा जाओ … आआह …’ करती रहीं.
फिर अचानक से भाभी उठीं और मुझे नीचे करके मेरे लंड को चूसने लगीं.
मैंने उनके सिर को पकड़ कर उनके मुँह में अपना पूरा लंड पेल डाला.
भाभी ‘गों गों स्लरप स्लरप …’ करती हुई लंड चूसने लगीं.
कुछ झटकों के बाद भाभी ने लंड मुँह से निकाला और कहने लगीं- मेरे राजा अब मेरी प्यास बुझा दो … मैं और नहीं रह सकती.
भाभी अपनी टांगें फैला कर मेरे बगल में लेट गईं.
मैं उठा और भाभी के नीचे एक तकिया रख कर उन्हें चुदाई की पोजीशन में ले आया.
तकिया लगा देने से भाभी की चूत थोड़ी उठ गई थी.
मैंने चुत चोदने के पहले खुद को जरा ठंडा करने की सोची ताकि देर तक चुदाई का मजा लिया जा सके.
मैं बाथरूम गया और सुसु करके आ गया.
भाभी मुझसे कहने लगीं- मेरी जान और कितने नखरे दिखाओगे … इससे अच्छा तो मैंने रात में ही कल तुमसे खुद चुद लिया था.
मैंने कहा- भाभी आपके कहने का मतलब क्या है, मैं समझ नहीं पाया?
वो कहने लगीं- तुम दवा की वजह से गहरी नींद में सो रहे थे. मैंने तुम्हारे उस पैग में नींद की दो तरह की गोलियां मिला दी थीं. एक लंड खड़ा करने की और दूसरी नींद की. इस वजह से तुम तो हिले भी नहीं. फिर मैंने तुम्हें सीधा करके तुम्हारे लंड को 20 मिनट तक चूस कर खड़ा किया. उस पर कंडोम लगाया और अपनी चुत में लेकर 2 घंटे उछलती रही. उस समय तुमने एक रात में दो कंडोम खराब किए. मैं तो गांड उछालती हुई एकदम थक गई थी मगर तुम्हारा रस नहीं निकला. यदि मैं थकी न होती, तो पूरी रात तुम्हारे लंड पर उछलती रहती.
मैंने कहा- तनु बेबी इसलिए सुबह मुझे कमजोरी लग रही थी.
भाभी हंस दीं.
फिर मैंने कहा- तनु बेबी, आज पूरी रात मजा ले लो … आज तो मैं जग भी रहा हूँ और आपको हर तरह से चोदने के मूड में भी हूँ.
भाभी ने कहा- ठीक है आ जाओ, मैं भी रेडी हूँ माय डियर.
मैंने कहा- तनु कंडोम लगा दो.
भाभी ने कहा- नहीं, आज वो सब रहने दो … मैं आज बिना कंडोम के चुदने के मूड में हूँ.
मैं समझ गया कि भैया के लंड से औलाद का सुख नहीं मिल पा रहा है तो तनु भाभी मेरे बीज से बच्चा चाह रही हैं.
मैंने अब एक पल की भी देर न करते हुए भाभी की चिकनी चूत की दरार में लंड को घिसना शुरू कर दिया.
भाभी की चुत ने भी लंड को लपकना शुरू कर दिया था.
मैं अपने लंड के टोपे को चुत की दरार में से डालता और झट से निकाल लेता.
इससे भाभी सिसकारियां लेते हुए कहने लगीं- अब डाल भी दो … नहीं तो बोलो फिर कल जैसी ड्रिंक पिलाऊं क्या?
मैं हंस पड़ा और भाभी के पैरों को फैला कर आराम से लंड को अन्दर पेल दिया.
मेरा लंड सरसराते हुए चुत की दरार में जगह बनाता हुआ आधे से ज्यादा अन्दर चला गया.
मेरा 8 इंच का लंड उनकी चूत में 6 इंच अन्दर हो गया था.
भाभी ने उफ्फ भी नहीं की.
मैं समझ गया कि तनु भाभी तो पुरानी रंडी हैं. ये तो मैं उनके लंड चूसने के तरीके से ही समझ गया था इसलिए मुझे लंड पेलने में जरा भी दिक्कत नहीं हुई.
मैंने तनु भाभी के पैर उठाए और उनके पेट से दबाते हुए ऊपर कर दिए और आराम आराम से लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
तनु भाभी बार बार मुझे किस करने के लिए कहतीं तो मैं उनके होंठों को किस करता और मम्मों को मसल देता.
फिर मैंने थोड़ा ऊपर उठकर भाभी को चोदना शुरू कर दिया.
अब मेरे लौड़े की सीधी चोट भाभी की बच्चेदानी पर लग रही थी.
इस वजह से भाभी की मादक आवाजें निकलना शुरू हो गईं- अअह मांआ मर गई … धीरे करो जान … आह बहुत अन्दर जा रहा है आआह ऊईई.
मगर आज फूल एक काले भंवरे की कैद में था, जो उसका पूरा रस निचोड़ने के लिए उस पर बैठा था.
भाभी कहने लगीं- मेरे राजा आज मुझे कोई मर्द मिला है … तुम्हारे भैया तो 5 मिनट ही चोदते थे और सो जाते थे. कॉलेज के बाद मेरी कभी अच्छे से चुदाई हुई ही नहीं.
मैंने कहा- तनु डार्लिंग … कॉलेज में चुदाई कौन करता था?
उन्होंने कहा- कॉलेज में मेरे साइंस टीचर मेरे साथ चुदाई करते थे. वो उम्र में ज्यादा बड़े नहीं थे. उस समय वो 26 साल के ही थे. जब मेरा आखिरी साल था, उस साल उन्होंने मुझे 8 बार चोदा था. टॉप आने के चक्कर में मैं उनकी बार बार रंडी बनी थी. मेरी सील भी उन्होंने ही खोली थी. फिर शादी के बाद से तो तुम्हारे भैया ने कुछ खास नहीं किया.
मैं भाभी की इन बातों को सुनने के लिए रुक गया था.
वो कहने लगीं- तुम रुक क्यों गए … तुम अपना काम करो … क्या तुम्हारा भी अपने भैया की तरह ही निकल गया?
मैंने भाभी को चूमा और फिर से उनकी चुत में करारा प्रहार किया.
तो तनु भाभी ‘ईईईए ईईईए रुको मर गई यार … आह आराम से करो न.’ चिल्ला उठीं.
फिर मैं भाभी को आराम आराम से चोदने लगा.
भाभी भी मेरा साथ देने लगीं, वो भी अपनी कमर हिलाने लगीं.
मैं भी अपनी धुन में उनकी बैंड बजा रहा था.
फिर मैंने भाभी को अलग किया और लेट गया.
भाभी मेरे ऊपर आ गईं. मेरी तरफ उनका मुँह और दूध दोनों थे.
वो मेरे लंड पर बैठीं और उन्होंने खुद अपने हाथ से लंड पकड़ कर अपनी चुत के छेद में सैट किया.
लंड चुत में घुस गया था.
मैंने भाभी के मम्मों को पकड़ा और मसलने लगा.
वो मेरे ऊपर किसी रंडी की तरह गांड उछालने लगीं.
मैंने कमर जकड़ी और नीचे से ही झटके देना शुरू कर दिए.
मेरा लंड चुत की जड़ तक चोट मारने लगा था.
मेरे लंड की कुछ चोटें इतनी खतरनाक लगीं कि भाभी के आंसू टपक आए और वो ‘आआह ईई आआह मर गई रे .. आज तो फट गई मेरी चूत … …’ जोर जोर से ऐसी आवाजें करने लगीं.
मगर मैं नहीं रुका और लगा रहा.
भाभी अपनी कामुक आवाजों से मेरे जोश को और बढ़ा रही थीं.
मैं और तेज स्पीड से भाभी को चोदने लगा
कोई बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया.
भाभी को अन्दर गर्म गर्म महसूस हुआ और कहने लगीं- क्या तुमने पानी अन्दर निकाल दिया?
मैंने कहा- हां भाभी.
वो अचानक से कहने लगीं- पागल, तुमने ये क्या किया?
मैंने उनसे कहा- आप बाथरूम में जल्दी जाओ और साफ करके आ जाओ, फिर मैं कल दवा की गोली ले आऊंगा.
उन्होंने मुझसे कहा- रहने दो, कोई बात नहीं.
वो पैर ऊपर करके लेट गईं, मैंने देखा उनके दोनों पैर हवा में थे.
मैंने पूछा- तनु, ये आप क्या कर रही हो?
उन्होंने बताया- तुम्हारे लावा को मैं और अन्दर ले जा रही हूँ. तुम्हारे भैया से तो कुछ हो नहीं ही रहा है. कम से कम तुम ही कर दो.
मैं अपने मन में सोचने लगा कि मेरी औलाद तनु के गर्भ से जन्म लेगी तो क्या होगा … कहीं उसकी शक्ल मुझसे मिली तो लोग क्या कहेंगे.
मैं लेटा रहा और ये सब सोचता रहा. दूसरी तरफ तनु भाभी अभी भी चुदासी थीं.
करीब 20 मिनट बाद वो फिर से मेरे लंड से खेलने लगीं. उन्होंने लंड को फिर से चूस कर सख्त कर दिया.
इस बार भाभी घोड़ी बन गईं. मैंने पहले तो पीछे से भाभी की चुत बजाई, इसके बाद भाभी के ही कहने पर उनकी जमकर गांड मारी.
दस मिनट तक भाभी की गांड मारने के बाद मैंने उन्हें दीवार से चिपका दिया और उनकी एक टांग हवा में उठा कर चूत में लंड पेल दिया.
इस पोजीशन में भाभी की चुत तबियत से रगड़ रही थी.
भाभी को ऐसे में चुदने में मजा आ रहा था.
दूसरे राउंड में भी मैंने भाभी की चुदाई में रुक रुक 45 मिनट तक लंड चुत गांड में बारी बारी से रगड़ा.
मैं झड़ ही नहीं रहा था और भाभी दो बार झड़ चुकी थीं.
फिर वो बेड पर लेट गईं और मैं उनके एक पैर को अपने कंधे पर रखकर जोर जोर से उनकी चुदाई करने लगा.
वो फिर से 5 मिनट बाद अपने पैरों को जकड़ने लगीं.
मेरा लंड चूत में टाइटली जाने लगा.
उस समय भाभी ने इतनी जोर से अपने पैरों को जकड़ लिया था कि लंड मानो चुत में फंस सा गया था.
भाभी ने एक हाथ से चादर पकड़ ली और दूसरे हाथ से मेरे पेट को दबाने लगी.
अगले ही पल वो झड़ गईं.
मेरे लंड को उनके गर्म रस का स्पर्श हुआ, तो मुझे बड़ा अच्छा लगा.
मैंने अपनी पूरी दम लगा दी
जैसे ही भाभी ने अपनी चुत झाड़ना शुरू की, मैं भी उनके साथ ही झड़ गया.
झड़ने के बाद हम दोनों लेट गए. भाभी और मैं हम दोनों ही इतनी तेज हांफ रहे थे कि पूरे कमरे में हमारी हांफने की आवाजें आ रही थीं.
उस रात मैंने भाभी को दो बार और चोदा.
मुझे अपनी हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी तो भाभी ने मुझे एक टेबलेट दी, मैं सो गया.
फिर वो भी सो गईं.
अगले दिन सुबह मेरी नींद 11 बजे खुली तो भाभी बिस्तर पर मेरे सामने बैठी थीं.
उनकी हालत चलने लायक नहीं थी, मैं उठा और उनको पकड़ कर बाथरूम में ले गया.
हम दोनों साथ में ही नहाये.
फिर भाभी ने खाना आर्डर कर दिया.
कुछ देर बाद खाना भी आ गया.
भाभी कपड़े पहन कर खाना लेने जाने लगीं तो उनकी चाल कुछ बदली बदली लगने लगी.
कुछ देर बाद हम दोनों ने खाना खाया. खाते समय मैं भाभी के चहरे पर वो ख़ुशी देख रहा था … जो किसी तृप्त महिला के चेहरे पर दिखती है.
हालांकि भाभी का चेहरा कुछ शिथिल हो गया था.
तभी भैया का कॉल आया. वो बोले- मैं कल सुबह आ जाऊंगा.
इससे हम दोनों को एक दिन का मौका और मिल गया.
उस रात फिर से वही सब कुछ हुआ. लेकिन इस रात मैंने उनकी हालत देख कर सेक्स किया और उनको चरम सुख दिया.
उस रात भाभी ने मुझे ‘आई लव यू अमित …’ कहा.
मैं बहुत खुश हुआ.
मैंने भी भाभी को आई लव यू टू तनु …’ कहा.
अगले दिन सुबह भैया आ गए.
उस रात को भैया भाभी के बीच में सेक्स हुआ
भाभी ने पीरियड के मुताबिक़ गर्भवती होने की दशा में भैया के साथ जानबूझ कर सेक्स किया था.
फिर करीब 20 दिनों तक मैंने भाभी का अच्छे से ख्याल रखा और अपने घर आ गया.
मैं भाभी जी को उदास छोड़ कर आया था.
भाभी मुझे अपना ब्वॉयफ्रेंड बोलने लगी थीं.
जब भाभी को अगला पीरियड नहीं हुआ … तो वो खुश हो गईं और उन्होंने गर्भ चैक करने वाली किट से अपना प्रेगनेंसी टेस्ट किया.
फिर पहली खुशखबरी भाभी ने मुझे दी और मेरे बाद भैया को बताया.
अब भाभी अक्सर मुझे बेबी के डैडी बोलकर मैसेज करती हैं.
यदि आप सभी को और विशेषत: भाभियों को मेरी हॉट भाभी की गांड मारने की कहानी अच्छी लगी होगी. प्लीज़ कमेंट जरूर करें ताकि मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में तनु भाभी की छोटी बहन मनु की चुदाई की कहानी आपको बता सकूँ.
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