फुल सेक्स का मजा भाभी के साथ तब लिया जब मेरे घर वाले बाहर गये हुए थे, घर में हम दोनों ही थे. भाभी के साथ मैं पहले ही खुला हुआ था. मौक़ा पाकर भाभी ने ही हिंट दिया सेक्स का.
मेरा नाम सोनू है. मेरी उम्र 25 साल है
मेरा लौड़ा 7 इंच का है और ये 2.5 इंच मोटा भी है जो किसी की भी चूत की पहले नियत और बाद में हालत बिगाड़ देता है.
एक और खास बात कि मेरा लौड़ा बहुत कम टाइम ही बैठा हुआ रहता है, वरना ये साला खड़ा ही रहता है.
मतलब छोटा सा मज़ाक करने पर ही खड़ा हो जाता है.
सात इंच का मोटा खड़ा लंड फॉर्मल पैंट से साफ दिखता है.
वैसे तो मुझे लौड़ा चुसवाना भी बहुत पसंद है जिस कारण से मेरे लंड की लंबाई में कुछ और फ़र्क पड़ता जा रहा है.
यह मेरी पीकू भाभी की चुदाई की सच्ची कहानी है जब मैंने फुल सेक्स का मजा भाभी के साथ लिया.
भाभी दिखने में ठीक हैं. उनकी उम्र 28 साल है.
उनकी मोटी गांड भरी हुई चूचियां हैं. गोरा रंग है और प्राकृतिक रूप से बिना बालों वाली चूत है.
उन्होंने पार्लर का कोर्स भी किया हुआ है.
भाभी हर वक्त अपने शरीर की देखभाल करती रहती हैं.
यह बात 2015 की है; उस वक्त घर के सब बाहर गए हुए थे.
मैं और पीकू भाभी ही घर में थे.
ज्यादातर मैं भाभी के ही रूम में पड़ा रहता था.
चूंकि उस दिन कोई नहीं था तो ज्यादा अच्छा मौका था कि कुछ किया जा सकता था.
इसलिए मैं जानबूझ कर उनके कमरे में लेटा हुआ था.
वे मुझसे बोलीं- कहीं जाना मत, मैं अभी आई.
वैसे तो हम दोनों सब तरह का मज़ाक करते रहते थे, तो हम दोनों खुले हुए थे.
भाभी चली गईं.
वे कुछ देर बाद आईं तो उस समय उन्होंने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी.
गर्मी का मौसम था और दिन के 12 बज रहे थे.
वे मेरे करीब आकर बोलीं- मेरे ब्लाउज का हुक बंद नहीं हो रहा है सोनू, प्लीज बंद कर दो.
मैं भाभी के पीछे जाकर उनके ब्लाउज के हुक बंद करने लगा.
मैंने देखा कि उनकी नजर मेरे पैंट के ऊपर उठी हुई जगह पर थी.
मैं कुछ नहीं बोला.
जब मैं हुक बंद कर रहा था तो उन्होंने जानबूझ कर अपना हाथ मेरे लंड पर लगा कर कहा- हो गया क्या?
मैं अपने लौड़े पर उनके हाथ का स्पर्श पाकर पीछे को हटा.
वे बोलीं- सॉरी, वे ग़लती से लग गया.
उस दिन वे शायद कुछ और ही मूड में थीं.
एक तो साड़ी में वे वैसे ही सेक्सी लग रही थीं. फिर उन्होंने अपना हाथ भी खड़े लौड़े पर लगा दिया था.
मैं समझ गया कि दाल में कुछ काला है.
अब मैं जाकर सोफे पर बैठ गया और कहा- आज कुछ ज्यादा ही कड़क माल लग रही हो भौजी. क्या बात है किस पर बिजली गिराने वाली हो!
वे मेरे बात पर हंसी और बोलीं- हां बस ऐसे ही आज बिजली गिराने का मूड है.
मुझसे बात करते हुए वे झुक रही थीं तो उनकी चूचियां साफ साफ दिख रही थीं.
तेज हवा चलने के कारण भाभी का पल्लू भी नीचे गिर गया था जिसे उन्होंने उठाने की जरा सी भी कोशिश नहीं की.
वे अपनी साड़ी की प्लेटस को ठीक करने के लिए झुकी हुई थीं.
उनका ब्लाउज गहरे गले का था जिससे मुझे भाभी के मस्त भरे हुए चूचे बेहद दिलकश लग रहे थे.
और तभी मेरे लौड़े ने अपनी औकात दिखाना शुरू कर दी थी.
ठीक उसी वक्त भाई का फोन आया और उन्होंने भाभी से कहा कि कोई जरूरी काम निकल आया है और अब वे 3 दिन बाद वापस आएंगे.
भैया का फोन कटा और मैं बोला- आज तो किस करने को मन कर रहा है भौजी.
भाभी ने लाल लिपस्टिक लगा रखी थी.
वे गुस्से से बोलीं- चुप रह!
मैं डर गया.
फिर वे हंस कर बोलीं- ठीक है आ जा … कर ले किस, तू भी क्या याद करेगा!
जब तक वे हंसी नहीं थीं, जब तक तो मेरे भी पसीने छूटने लगे थे.
मैं उनके कहने के बावजूद भी उनके पास नहीं जा रहा था.
वे बोलीं- अब पास तो आओ! किस नहीं करोगे क्या?
मैं गया और मैंने छोटी सी किस की और हटने लगा.
पीकू भाभी ने मेरी शर्ट की कॉलर पकड़ी और मुझे अपनी तरफ़ खींच कर अपने होंठों से सटा लिया.
मैं एकदम से हड़बड़ा गया था.
लेकिन वे जब मेरे होंठों को चूमने लगीं तो मैं भी लग गया.
हम दोनों ने कम से कम 5 मिनट तक चुंबन किया.
भाभी की पूरी लिपस्टिक को मैं चाट गया था.
उनके साथ चुम्मी करने में ही मैं इतना ज्यादा गर्मा गया था कि मैं उनकी चूची दबाने लगा.
वे भी अपना हाथ मेरे लंड पर फेरने लगीं.
ये मेरा पहला अवसर था जब मैं किसी लड़की के साथ ये सब कर रहा था.
इससे हुआ ये कि जल्द ही मेरा पानी निकल गया.
बस इतना ही हुआ और हम दोनों अलग होकर बैठ गए और एक दूसरे को देखने लगे.
शाम के 4 बज गए थे. भाभी किचन का काम करने चली गई थीं.
वे कुछ टाइम बाद बाहर आईं और मुझको कसके पकड़ कर किस की.
मैं जब तक उन्हें पकड़ पाता, वे हंसती खिलखिलाती हुई बाहर चली गईं.
फिर भाभी रोटी बनाती हुई बोलीं- आज का खेल कैसा लगा?
मैं बोला- मज़ा आ गया भाभी, रात का प्लान क्या है?
वे बोलीं- तुम बैठक में सो जाना, मैं अपने कमरे में!
मैंने साथ सोने की जिद की तो बोलीं- नहीं, रात में कोई भी घर वापस आ सकता है और तुम मेरे कमरे में सोओगे तो मामला बिगड़ जाएगा.
तो मैं बोला- ठीक है भाभी.
मैं भाभी से ज्यादा जिद नहीं करता था क्योंकि उन्होंने मेरे लंड को सहलाया था तो मुझे पूरा विश्वास था कि भाभी को भी लौड़े की जरूरत है.
आज नहीं तो कल वे मेरे लौड़े के नीचे आ ही जाएंगी.
उस रात मुझे नींद नहीं आई, बस बार बार उनके दूध ही नजरों के सामने आ रहे थे.
मैंने अपने लंड को हिलाया और पानी निकाल कर सो गया.
उस दिन मेरे लौड़े से पानी भी कुछ ज्यादा ही निकला.
पर लंड पर कोई फ़र्क नहीं पड़ा, वे कुछ टाइम बाद फिर वैसे ही तन कर खड़ा हो गया.
अब सुबह का इंतज़ार था.
जैसे तैसे रात कटी और सुबह 5 बजे नींद आई.
मैं 7 बजे पीकू भाभी के जगाने पर उठ सका था.
मैं नींद में कुनुमुना रहा था तो भाभी ने मेरे पास आकर गाल पर काट लिया.
उससे मैं जाग गया.
वे बोलीं- चाय नहीं पीनी, उठो!
मैं खड़ा होकर बाहर जाने लगा.
उन्होंने पीछे से मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे कान पर पीछे से किस करने लगीं.
मैंने उन्हें आगे आने को बोला.
वे आ गईं.
उनके आगे आते ही मैं ज़ोरदार लिप किस करने लगा.
काफी लंबी चुम्मी करने के बाद मेरा हाथ अपने आप उनके मम्मों पर चला गया और मैंने उनके दूध दबा दिए.
वे सिसकारी लेने लगीं.
उसी समय बाहर से किसी की आवाज़ आई- सोनू सोनू.
बाहर मेरा दोस्त आया था.
वह कार्ड देने आया था, बाहर से ही शादी का कार्ड देकर चला गया.
उसने कुछ देखा नहीं था.
मैं बाथरूम में चला गया.
वहां पर पीकू भाभी की चड्डी लटकी थी.
मैं उसे सूंघने लगा.
उसमें से हल्की हल्की मोगरा जैसे इत्र की महक आ रही थी.
वैसे पहले भी कई बार उसकी पैंटी देख कर मुट्ठ मारी थी.
वे कभी कभी ही अपनी पैंटी को बाथरूम में छोड़ती थी, वरना हर बार वे उठा कर ले जाती थीं.
भाभी ने मुझे अपनी पैंटी सूंघते हुए पकड़ लिया.
हालांकि वे कुछ नहीं बोलीं, बस मेरे हाथ से पैंटी छुड़ा कर हंस कर चली गईं.
जाते जाते भाभी ने कहा- क्या रुका नहीं जाता. ये काम क्यों करते हो? ज्यादा हिलाने से नस खराब हो जाएगी.
वैसे हम दोनों कल के बाद खुल गए थे तो शर्म वाली बात तो थी नहीं.
हम दोनों एक ही कमरे में थे.
मैं प्रेस कर रहा था, मैंने कमर पर तौलिया बांध रखा था और सैंडो बनियान पहन रखी थी.
उस समय मैंने तौलिया के नीच कुछ नहीं पहना था तो उनसे बातें करते समय तौलिया के ऊपर से ही मेरा आइटम फूला हुआ साफ दिख रहा था.
वे कमेंट्स करती हुई बोलीं- मॉडल तो सही समझ आ रहा है.
मैंने उनकी बात सुनी और नजरों का पीछा किया तो मैं शर्मा कर अपना तौलिया ठीक करने लगा.
वे बोलीं- ऐसे ही रहो, क्या कोई दिक्कत हो रही है?
मैं बैठ गया मगर मेरा लंड उनकी बात सुनने के बाद खड़ा हो गया.
भाभी बोलीं- प्रेस बाद में कर लेना, पहले आ जा.
मैंने भाभी की तरफ देखा तो वे अश्लील इशारा करते हुए अपने होंठ गोल करके चुम्मी लेने का इशारा कर रही थीं.
मैं उनके पास को गया और उन्हें किस करने लगा.
भाभी ने मेरा तौलिया खोल दिया.
अब मैं सिर्फ़ बनियान में था.
मेरा लंड खड़ा था और भाभी के पेट में चुभ रहा था.
मैंने कहा- सलवार खोल कर मेज पर बैठ जाओ.
वे पास रखी मेज पर बैठ गईं और मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल कर उसे नीचे की ओर खींच दिया.
ऊपर कुर्ता पहना हुआ मैंने ऊपर कर दिया.
भाभी की चूची सामने आकर फुदकने लगीं.
उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.
मैं भाभी की चूचियों पर किस करने लगा और किस करते हुए ही उनकी चूचियों को बारी बारी से काटने और दबाने लगा.
फिर मैंने अपना एक हाथ भाभी की चूत पर रख दिया.
उनकी चूत पूरी गीली थी.
वे आह आह करने लगी थीं.
मैंने नीचे बैठ कर उनकी टांगें फैला दीं और चूत पर अपनी जुबान फेरने लगा.
उनकी चूत तो पहले से ही गीली थी, जीभ लगाने से वह बह निकली.
मैं अन्दर जीभ डालने लगा और उनकी चूत से टपकता हुआ पानी चाट कर पीने लगा.
मुझे भाभी की चूत चाटने में बेहद मज़ा आ रहा था और वे आह आह करती हुई अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं.
कुछ देर बाद भाभी मेरा एक हाथ अपने मम्मों पर रखवा कर बोलीं- लो हॉर्न भी तो बजाओ.
मैं उनकी चूत चाटने में इतना ज्यादा मगन हो गया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि वे फिर से पानी छोड़ने वाली हैं.
उन्होंने एकदम से अपने बदन को ऐंठाया और ‘आअह आह उफ्फ़ …’ की आवाज़ के साथ मेरा सिर चूत में दबाना शुरू कर दिया.
उसी के साथ वे भलभला कर झड़ गईं और निढाल हो गईं.
मैंने सारा पानी चाट कर साफ कर दिया.
वे बोलीं- तुमने तो आज मुझे वो मजा दिया है, जो मैंने कभी नहीं पाया है. अब मुझे भी तुम्हारा लौड़ा चूसना है.
मैंने कहा- हां आ जाओ भौजी.
मैं मेज पर बैठ गया और वे मेरी जगह घुटनों पर आ गईं.
अब भाभी मेरा लौड़ा चूसने लगीं.
मुझे मज़ा आ रहा था.
मैं उनकी चूचियां मसल कर और उनके बदन पर चुम्मियां करने लगा.
कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद मैंने कहा- चलो भौजी, अब नीचे चित लेट जाओ.
वे लेट गईं.
मैंने उनकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रखीं और लंड को चूत के ऊपर रगड़ा.
भाभी गांड मटका रही थीं.
मैंने धक्का लगा दिया.
मेरा लंड आभी आधा ही अन्दर गया था कि वे चिल्लाने लगीं- आह मार दिया साले ने … आह निकाल भैन के लौड़े इसे … मेरी जान निकल गयी … आह मादरचोद भोसड़ी के … लंड बाहर निकाल ले आह मर गई मैं.
भाभी की आंख में से आंसू आने लगे पर मैंने उनकी एक नहीं सुनी, धीरे धीरे मैं लंड को चूत में अन्दर बाहर करता रहा.
फिर कुछ देर बाद भाभी भी अपनी गांड उठा कर साथ देने लगीं- ओफ आह उईई आह उफ्फ़!
वे लगातार आवाज निकालती हुई मेरी कमर को कसके पकड़ कर लंड की चोटें झेलने लगीं.
कोई 20 मिनट तक धकापेल चुदाई चली उसके बाद मैं झड़ गया.
तब भाभी बोलीं- तेरे भाई ने कभी भी ऐसे नहीं किया … और उनका तो छोटा सा है. पानी भी जल्दी निकल जाता है.
भाभी की चुदाई करने के बाद मैंने लिप किस की और नीचे फर्श पर ही उनके साथ चिपका पड़ा रहा.
कुछ देर बाद वे उठीं और मेरे ऊपर चढ़ गईं व किस करने लगीं.
मेरा लौड़ा फिर से तनाव में आ गया.
उनकी चुदास भी जाग गई. भाभी ने अपने हाथ से लंड को अपनी चूत पर सैट किया और अन्दर लेकर ऊपर नीचे होने लगीं.
उस समय भाभी किसी पॉर्न एक्ट्रेस से कम नहीं लग रही थीं. उनकी भरी हुई चूचियां मेरे मुँह में आकर बारी बारी से मजा दे रही थीं.
कुछ 5 मिनट बाद वे लंड से उतर कर उसको किस करने लगीं और बोलीं- अब खड़े हो जाओ देवर जी.
मैं खड़ा हो गया.
वे मेज पर घोड़ी बन कर झुक गईं.
मैं पीछे से भाभी की चूत में लंड पेल कर उन्हें चोदने लगा.
कुछ 10 मिनट बाद भाभी बोलीं- रूको.
मैं रुक गया.
भाभी मादक आवाज में बोलीं- डिअर अब मेरी चूत चाटो.
मैंने चूत पर मुँह लगा कर किस किया और कुल देर तक चाटी.
भाभी बोलीं- बस मेरी जान, अब अपना लंड पेल दो.
मैंने उसी मेज पर भाभी को झुकाया और धक्का दे मारा.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें लिटा दिया और उनकी एक जांघ को पकड़ कर खींचा तो वे मेरे लंड से बिल्कुल सट गईं.
मैंने उनके दोनों पैरों को ऊपर करके पकड़ लिया और पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
भाभी की ‘आआह मर गई’ की आवाज़ निकल गई.
मैंने अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी.
उनकी कामुक आवाजें कमरे में गूंजने लगीं- उफ्फ़ आआह उई … मर गई … आह आज क्या जान ही निकाल कर मानेगा आह बस कर मेरे राजा!
कुछ मिनट बाद मैं भी झड़ गया और वे भी झड़ गईं.
फुल सेक्स का मजा भाभी के साथ लेने के बाद हम दोनों हांफने लगे.
गर्मी का मौसम था तो हम पसीना पसीना हो गए.
मैं भाभी के ऊपर ही पड़ा रह गया.
एक मिनट बाद मैं खड़ा हुआ और उनकी चूत से मेरा वीर्य बाहर निकलने लगा.
वे अभी भी वैसे ही लेटी थीं, बस टांगें मेज से नीचे लटका ली थीं.
कुछ देर बाद मैंने अपने कपड़े उठाए और रूम से बाहर चला गया.
वे भी दूसरे रूम में चली गईं और कूलर के सामने चूत खोल कर लेट गईं.
मैं कुछ देर बाद दोबारा से भाभी के कमरे में गया.
मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ?
भाभी बोलीं- कुछ नहीं … तुमने तोड़ कर रख दिया!
मैंने कहा- बड़ी भूख लगी है … कुछ बना लो.
भाभी बोलीं- आज मुझसे कुछ नहीं बन पाएगा. तुम बाहर से ले आओ.
मैंने कहा- ओके … साथ में कुछ ऐसा भी ले आऊँ, जिससे थकान दूर हो जाए?
भाभी समझ गईं, उन्होंने हंस कर आंख दबा दी.
मैं एक व्हिस्की का हाफ और बाहर से खाना पैक करा लाया.
हम दोनों ने चार चार छोटे पैग लगाए और खाना खा लिया.
अच्छा खास नशा हो गया था तो हम दोनों चिपक कर लेट गए.
कुछ देर बाद मैं भाभी की गर्दन पर किस करने लगा.
वे भी मूड में आ गई थीं तो बोलीं- एक बार और हो जाए?
मैंने हां कह दिया.
वे उठी और उन्होंने जो ढीला सा कुर्ता पहना था, वो निकाल दिया.
नीचे कुछ पहना ही नहीं था तो वे एकदम नंगी हो गई थीं.
भाभी मुझसे बोलीं- अपने भी सारे कपड़े उतार कर आ जाओ.
मैंने पैंट शर्ट तो पहले ही निकाले हुए थे, बस कच्छा बचा था, तो वह भी निकाल दिया और नंगा होकर भाभी के पास आ गया.
भाभी बोलीं- अबकी बार कुछ अलग करो!
मैंने कहा- चलो करते हैं पर पहले हथियार तो रेडी कर दो.
हम दोनों 69 में हो गए और चुसाई में लग गए. पहले दो बार झड़ चुके थे, तो टाइम ज्यादा लगना था.
मैंने चूत को किस करना चालू कर दिया. वे भी लंड को पूरी तरह से गले तक ले जा रही थीं.
मेरे मुँह पर भाभी की चूत रखी हुई थी.
मैं उनकी गांड में उंगली कर रहा था और चूत चाट रहा था.
कुछ मिनट बाद भाभी ने फिर से पानी छोड़ दिया.
वे बोलीं- अब जल्दी से पेल दो यार, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
हम दोनों पलंग पर लेट कर सेक्स करने लगे.
वे मेरी आंखों में आंखें डाल कर बस देखे जा रही थीं और बोल रही थीं- जल्दी जल्दी करो … आह और तेज तेज करो आआह.
दस मिनट बाद हम दोनों झड़ गए.
इस बार हम दोनों काफी थक चुके थे और दारू का नशा हमको कुछ भी नहीं करने दे रहा था.
बाथरूम जाने की भी पोजीशन नहीं थी.
जल्दी ही हम दोनों सो गए.
इस तरह से मैंने पीकू भाभी को चोदा. अभी भी मैं फुल सेक्स का मजा भाभी के साथ लेता हूँ.
मेरी यह सेक्स कहानी एकदम सच्ची है.
आपको कैसी लगी? प्लीज कमेंट्स करना ना भूलें.
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