हॉट कामवाली सेक्स कहानी मेरे कमरे में कपड़े लेने आई एक धोबन की है. वो पहली बार में ही मुझे हॉट और चालू माल लगी. मैं उसकी चुदाई चाहने लगा.
दोस्तो, मेरा नाम अविनाश है. मैं एक प्राइवेट कम्पनी में मैनेजर के रूप में काम करता हूं और उत्तराखंड का रहने वाला हूं.
आज मैं आपको एक अपनी सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं.
मैं एक बार कम्पनी की तरफ से किसी काम से दिल्ली गया था.
वहां मुझे कम से कम एक महीना रुकना था. रहना खाना आदि का खर्च सारा कुछ कम्पनी की तरफ से था.
मैंने उधर एक मकान में रूम किराए पर ले लिया था.
मुझे अभी इधर एक दिन ही हुआ था. काम से फ्री होकर शाम को काम से मैं वापिस लौटा.
अगले दिन रविवार की छुट्टी थी.
तभी रविवार को सुबह किसी ने दरवाजे से घंटी बजाई.
मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि एक सुंदर और हॉट औरत मेरे सामने खड़ी थी.
उसकी उम्र 29 या 30 साल के आस पास रही होगी. उसने साड़ी पहनी हुई थी.
उसका ब्लाउज थोड़ा नीचे सरका हुआ था, जिसमें से उसके मम्मे दिख रहे थे.
मैं तो उसके हॉट हसीन जवानी में खो सा गया था.
क्या माल था दोस्तो, क्या बताऊं आपको … ऐसी गर्म औरत मैंने आज तक नहीं देखी थी.
तभी उसने मेरा ध्यान भटकाते हुए अपना हाथ मेरे चेहरे की तरफ घुमाया.
मैं वापिस अपने होश में आया.
मैंने उस औरत से पूछा- आप कौन और यहां पर कैसे?
इस पर वो बोली- मैं धोबन हूं. मैं यहां से कपड़े धोने के लिए ले जाती हूं. मैं इस बिल्डिंग से आपके मकान मालकिन के कपड़े भी ले जाती हूं.
मैंने बोला- लेकिन मैंने तो किसी को कपड़े धोने के लिए धोबन के लिए नहीं बोला था.
वो बोली- नहीं नहीं साहब, आपकी मालकिन बोल रही थीं कि नये किरायेदार रहने आए हैं. मैंने सोचा कि एक बार आपसे पूछ लूं. तभी मैं इधर आयी हूं.
फिर मैंने सोचा कि इस हॉट धोबन के पास कपड़े देने शुरू कर देता हूं, क्या पता कुछ मेरा भी काम बन जाए.
मैंने उससे कहा- ठीक है, तुम यहां कपड़े लेने आ जाया करना.
उसको मैंने कुछ कपड़े दे दिए. उन कपड़ों में मेरा अंडरवियर भी था.
वो मेरे अंडरवियर को देख कर मुस्करा दी.
मैं कुछ नहीं बोला.
वो बोली- ठीक है साहब, कल मैं ये कपड़े आपको धोकर देती हूं. कल फिर आपसे मुलाकात होगी.
और वो मुस्कराती हुई चली गई.
फिर वो जैसे ही चलने के लिए मुड़ी, तो मैंने देखा कि उस हॉट कामवाली की गांड बड़ी मस्त थी और गजब मटक रही थी.
साड़ी में भी उसके नितम्ब बड़े मस्त हिलते हुए दिख रहे थे.
मेरा लंड तो उसी टाइम खड़ा हो गया.
मैंने उसी वक्त सोच लिया कि इस धोबन को तो एक दिन चोद कर ही रहूंगा.
अगले दिन मैं काम के लिए थोड़ा जल्दी उठा. मुझे मीटिंग में जाने के लिए देरी भी हो रही थी.
अभी मैं जाने वाला ही था कि तब तक दरवाजे से किसी ने घंटी बजाई.
मैंने दरवाजा खोला, तो देखा कि वो हॉट धोबन मेरे सामने थी.
उसको देख कर मैं भूल ही गया कि मुझे जाने के लिए देरी भी हो रही है.
उस माल ने आज साड़ी नहीं बल्कि एक टाइट पजामी और टाईट कुर्ता पहना हुआ था.
उसकी टाइट पजामी में उसकी गांड उछल उछल कर बाहर निकल रही थी और उसके चूचे तो जैसे फटने के लिए उतावले हो रहे थे.
मैं एक बार फिर से होश खो बैठा. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे इस धोबन को अभी पकड़ लूं और इधर दरवाजे पर ही चोद दूँ.
उसने इठला कर मेरी तरफ देखा और होंठ दबाती हुई मुझे देखने लगी.
मैंने नशीली आंखों से उसे देखा और सवालिया नजरों से देखा, तो उसने मेरे कपड़े मेरी तरफ कर दिए.
वो मेरे कपड़े धो कर लाई थी जो वो कल ले गई थी.
तब वो बोली- साहब मैंने आपके कपड़ों में इस्तरी भी कर दी है.
मैंने उससे पूछा- तुम कितना लेती हो?
वो बोली- किस चीज का?
मैंने कहा- मेरा मतलब कपड़े धोने का.
वो बोली- साहब आप इसकी चिंता मत करो … मैं हिसाब बाद में देख लूंगी.
मैंने उससे कहा- देखो मैं यहां सिर्फ कुछ दिनों के लिए हूं, तुम ऐसा करो कि रोज के रोज पैसे भी लेते जाना.
वो बोली- अरे साहब पैसे कहां भागे जा रहे हैं. अभी आपका और मेरा तो रोज का मिलना लगा रहेगा.
ये कह कर वो मुस्करा दी.
मैं समझ गया कि उसके मन में भी मेरे लिए कुछ फीलिंग है.
तभी मुझे याद आया कि मुझे जाना भी तो है.
मैंने जल्दी से उसे कपड़े दिए और अपने जूते पहनना शुरू कर दिए.
मैंने कहा- मुझे जल्दी हो रही है.
वो बोली- इतना जल्दी भी कहां जाना है साहब?
मैंने बोला- मुझे देर हो रही है, मैं जा रहा हूं.
इस पर वो इठलाती हुई बोली- पर आप धोने के लिए मुझे और कपड़े तो दे दो.
मैंने उसको जल्दी से उसको आज की बेडशीट और एक पैंट भी दे दी और उसे चलता किया.
वो गांड मटकाती हुई चली गई.
मैं आज उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाया और निकल गया.
शाम को मैं थोड़ा जल्दी घर वापस आ गया. मेरा आज का काम जल्दी खत्म हो गया था.
तभी मुझे एक अजीब और अंजान नंबर से कॉल आया.
मैंने कॉल उठाई और हैलो बोला तो पाया कि ये उस धोबन की कॉल आयी थी.
तो मैंने पूछा- किस लिए कॉल की? मेरा नम्बर किधर से मिला?
वो बोली- साब आपकी पैंट में आपका कार्ड मिल गया था और इतना भी क्या साहब … क्या हम किसी को याद भी नहीं कर सकते?
मैं मन ही मन खुश हो गया कि मछली खुद जाल में फंसी जा रही है.
मैंने बिना भाव खाए कहा- हां बोलो, क्या काम है?
वो बोली- मैंने इसलिए कॉल की है कि मैं कल दोपहर को आपके कपड़े लेने आ सकती हूं, सुबह नहीं आ सकती.
मैंने बोला- लेकिन दोपहर को तो बाहर जाता हूं.
वो बोली- तो बताओ साहब मैं फिर क्या करूं?
मैंने बोला- कोई बात नहीं, तुम परसों आ जाना.
वो बोली- नहीं साहब, मेरा काम तो समय का एकदम चोखा रहता है, मैं तो कस्टमर को टाइम से सर्विस देने की कोशिश करती हूं.
मैं कुछ नहीं बोला.
फिर वो अचानक से बोली- साहब मैं अभी आ जाऊं क्या?
मैंने बोला- इतनी रात को?
वो बोली- हां साहब.
मैं- लेकिन तुम्हारा घर तो दूर होगा ना?
वो बोली- नहीं साहब, मेरा घर तो इधर ही पास में है. मैं आपके पास अभी लेने आ जाती हूं.
साली जाने क्या लेने के लिए आने की कह रही थी.
मैं अभी यही सोच रहा था कि वो फिर से बोली- तो साहब मैं आ रही हूँ.
इससे पहले मैं कुछ बोल पाता, उसने कॉल काट दी.
मैं हैरान हो गया कि ये किस टाइप की धोबन है … जो रात को कपड़े के लिए आ रही है.
उसी समय मेरे माइंड में उसकी हॉट जवानी याद आ गई और मैं सोचने लगा कि काश आज रात मैं इसे चोद सकूं.
मैं इस समय सोच ही रहा था कि तब तक दरवाजे की घंटी बज गई. मैं समझ गया कि वो धोबन आ गई.
मैंने दरवाजा खोला तो भाई मैं क्या देखता हूं कि आज ये धोबन, धोबन नहीं लग रही थी … बल्कि आज किसी सेक्सी माल से कम नहीं लग रही थी.
आज उसने पिंक कॉलर की नाइटी पहनी हुई थी. उसकी नाइटी से उसके कड़क निप्पल साफ साफ दिख रहे थे.
उसकी गांड भी नाइटी पहन कर बड़ी मस्त दिख रही थी.
वो अपने हाथ में एक गठरी लिए हुए थी.
मैंने उसे ऊपर से नीचे तक आंखों से चोदा और बोला- अरे वाह आज तो तुम पूरी की पूरी किसी फिल्म की हीरोइन लग रही हो.
वो मुस्कराती हुई बोली- अरे क्या साहब आप भी. अब हटो, मुझे अन्दर आने दो न!
मैंने उसे अन्दर बुलाया- हां हां, अन्दर आ जाओ.
वो इठलाती हुई अन्दर आ गई.
मैंने उससे कहा- अरे मैंने तो तुम्हारा इतने दिनों नाम तक नहीं पूछा … क्या नाम है तुम्हारा?
वो बोली- मेरा नाम महनूर है.
मैंने बोला- अरे ये तो बड़ा प्यारा नाम है.
वो शर्मा गई.
वो धोबन सच में आज बड़ी कयामत लग रही थी, उसके चूचे बड़े मस्त दिख रहे थे.
मैं उसके थोड़ा पास गया, तो वो बोली- अरे साहब, ये ले लो आपके कपड़े.
मैंने कपड़े लिए और साइड में रख दिए.
फिर वो उठने ही वाली थी, तो मैं उसकी आंखों बड़े प्यार से देखने लगा.
वो शर्माने लगी.
मैं उसके थोड़ा और नजदीक गया. मैं अपना आपा खो गया था.
उसने मुझे करीब पाकर अपना सर नीचे झुका लिया.
मैंने उसका सर हाथ से ऊपर किया और उसके होंठों को अपने होंठों की तरफ किया तो वो आंखें बंद करके खड़ी थी.
मुझे रुका न गया और मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
वो आंख खोल कर बोली- ये आप क्या कर रहे हो साहब.
मैंने बोला- अब ज्यादा नखरे मत करो … तुम भी तो मेरे बारे में सोच कर मजे लेती हो.
ये सुन कर वो मुस्करा दी और थोड़ा शर्माने लगी.
ये देख कर मुझे लगा कि इस मालगाड़ी ने ग्रीन सिग्नल से दिया है.
बस मैं उसको बेझिझक होकर चूसने चूमने में लग गया.
कुछ पल बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके मम्मों की ओर बढ़ाया तो उसने मेरा हाथ अपने मम्मों से हटा दिया.
मैंने फिर से दोनों हाथों से उसके दोनों मम्मों को कस के पकड़ा और मसलने लगा.
उसके मुँह से एक मादक ‘आहहह …’ की आवाज निकली.
मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
वो शर्माकर बोली- हम्म्म …
अब मैंने उसकी जांघो की तरफ अपना हाथ ले जाकर फेरा तो वो फिर से आह आह करने लगी.
मतलब उसे मजा आ रहा था.
फिर मैंने उसकी नाईटी ऊपर की … और उसकी चूत की तरफ हाथ फेरा.
उसने चुत पर ब्लैक कलर की कच्छी पहनी हुई थी.
बड़ी मस्त माल लग रही थी.
मैंने झट से उसकी नाईटी पूरी ऊपर करके उतार दी.
वो काली पैंटी और ब्रा में एकदम मस्त रंडी लग रही थी.
मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.
मैंने उसके मम्मों को बहुत जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया.
वो भी मादक सिस्कारियां लेने लगी- आह … आह … साहब क्या कर रहे हो आह आपने तो आग लगा दी.
मैंने उसकी ब्रा उतार दी.
उसके चूचे बहुत बड़े बड़े थे.
फिर मैंने पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूत सहलाना शुरू दी.
वो पूरी तरह गर्म हो गई थी.
अब मैंने उसकी चूत को बहुत जोर जोर से रगड़ना शुरू कर दिया.
वो कामुक आवाजें भरने लगी, उसके मुँह से ‘ओह याह … ओह …’ निकल रहा था.
कुछ देर बाद वो बोली- अब मुझसे रहा नहीं जाता साहब … जल्दी से अपना लंड मेरी गर्म चूत में डाल दो साहब!
मैंने कहा- अभी रुको मेरी जान … अभी तो तुम्हारी चूत के साथ मुझे और खेलना है.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने उसको लिटा दिया और उसकी नाभि को चूमना शुरू कर दिया. साथ ही मैं उसके मम्मों को भी दबा रहा था.
अब मैं उसकी चूत की तरफ आ गया और उसकी कच्छी उतार दी.
वाह उसकी चूत बहुत ही मस्त थी, एकदम बाहर को उभरी हुई, थोड़ी सांवली मगर मस्त कचौड़ी सी फूली चुत थी.
अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी चूत की दोनों फांकों को खोल कर देखा.
उसकी चूत अन्दर से बिल्कुल गुलाबी रंग की थी.
मैंने बिना कुछ सोचे समझे उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी.
अपनी चुत पर मेरा स्पर्श पाते ही उसके मुँह से बहुत जोर से कामुक आह निकल उठी- आह … आह … आपने तो मुझे मार ही डाला साहब … ओह ये क्या कर दिया आंह मैं मर गई!
थोड़ी देर तक चूत चटवाने के बाद उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और जोर से मेरे मुँह को अपनी चूत में चिपका कर गांड उठाने लगी.
मैंने समझ लिया था कि वो झड़ने वाली थी.
मैं जीभ को इसकी चुत के काफी अन्दर पेल कर मजा लेने लगा.
कुछ ही देर बाद उसकी गर्म चूत से पानी निकलने लगा.
वो आंह आंह करती हुई मेरे मुँह में झड़ गई.
मैंने उसकी चुत का नमकीन पानी पी लिया.
सच में उसकी चूत का पानी बड़ा ही मस्त था.
मैं चुत चाटता गया और उसकी चुत चाट कर चमका दी.
अब मैंने अपनी पैंट खोल कर अपना लंड उसकी मुँह को तरफ कर दिया.
उसने बेझिझक मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.
आंह क्या बताऊं दोस्तो … मैं तो समझो सातवें आसमान में उड़ने लगा था … ऐसा लग रहा था, जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूं. इतना मजा आ रहा था.
उसके जोर जोर से लंड चूसने के थोड़ी देर बाद मैं झड़ने वाला था.
मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूं.
वो बोली- क्यों … मेरी चूत का पानी सिर्फ क्या तुम ही चाट सकते हो साब. क्या मैं तुम्हारे लंड का पानी का स्वाद नहीं ले सकती.
ये सुन कर मुझमें जोश सा आ गया और मैं ‘आह आह …’ की आवाज निकालने लगा.
मैंने उसके मुँह से लंड बाहर निकाला मगर तभी उसने अपना मुँह खोल दिया और हाथ से इशारा कर दिया.
मैं अपने हाथ से लंड की मुठ मार कर अपना पानी निकालने लगा.
मेरे लंड ने उसके मुँह में वीर्य को पिचकारी मारना शुरू कर दी.
वो मेरे लंड का पूरा वीर्य चाटने लगी.
फिर लंड चाटते और मेरे गोटे सहलाती हुई बोली- आंह साब, आपका पानी बड़ा नमकीन है.
कुछ देर तक हम दोनों यूं ही एक दूसरे से खेलते रहे.
अब देसी धोबन चूत की चुदाई का समय आ गया था.
मैं उस रोमांचक सेक्स कहानी को अगले भाग में आपके सामने पेश करूंगा.
यह हॉट कामवाली सेक्स कहानी आपको कैसी लग रही है?
प्लीज़ मेल करना न भूलें.
हॉट कामवाली सेक्स कहानी का अगला भाग: सेक्सी धोबन के साथ गर्मागर्म चुदाई- 2