बहन भाई सेक्स की कहानी में पढ़ें कि कैसे एक बहन ने अन्तर्वासना से पागल होकर अपने बड़े भाई को फंसाकर उससे अपनी पहली चुदाई करवा ली.
यह ऑडियो अन्तर्वासना सेक्स कहानी सुनें.
फ्रेंड्स, मैं उन्नीस साल की मदमस्त और सीलपैक मीना अपने भाई के लंड से चुदने की चाहत सेक्स कहानी सुना रही थी.
कहानी के पहले भाग
भाई के लंड से प्यास बुझाने की तमन्ना
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं उसके साथ फेसबुक के मैसेंजर पर चैट कर रही थी और वीडियोकॉल पर उसे अपने दूध दिखा चुकी थी.
अब आगे बहन भाई सेक्स की कहानी:
उस दिन हम दोनों ने रात भर बातें की. हमारी बातों में यही सब था कि तुम कहां रहते हो, क्या करते हो.
उसने भी पूछा- तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड है, नहीं है?
मैंने उसे साफ साफ कह दिया- मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है. आपको मेरे साथ सेक्स चैट करना है तो करो.
भाई बोला- क्या तुम मुझे मिल सकती हो. हम दोनों रियल में भी सेक्स कर सकते हैं.
मैंने ना कह दिया.
मैंने कहा- जो कुछ करना है, यहीं करो क्योंकि मैं बाहरी व्यक्ति से चुदकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती हूँ.
जबकि मेरी चाहत ये थी कि मैं अपने भाई का लंड भी अपनी चूत में लेना चाहती थी.
भाई मुझे लंड की फोटो भेजने लगा और मुझसे फोटो मांगने लगा.
मैंने ना कह दिया.
वो गुस्सा हो गया और ऑफ़लाइन हो गया.
मैं उससे क्या कहती … उसे जरा सा भी शक होता तो सारा खेल बिगड़ जाता.
मुझे भी अजीब सा लगा कि मैंने भाई को नाराज कर दिया.
अगले दिन भाई फिर मैसेज आया.
वह बार-बार मुझे मैसेज करे जा रहा था, पर मैंने कोई रिप्लाई नहीं दिया.
उसके बाद मैंने अपनी वह आईडी लॉगआउट करके बंद कर दी.
एक तरफ मैं उदास भी थी कि मैंने भाई को नाराज कर दिया, दूसरी तरफ से मुझे कैसे ना कैसे करके उसके साथ सेक्स भी करना था.
मैंने मन पक्का कर लिया कि अब चाहे जो भी हो जाए, मैं भाई से सब कुछ साफ़ साफ़ कह दूंगी.
रात के करीब 1:00 बजे जब सब सो रहे थे, मैं चुपचाप उसके कमरे में गई.
वहां वह केवल कच्छे में लेटा था.
मैंने कैसे ना कैसे हिम्मत करके फर्स्ट टाइम उसके कच्छे के बाहर से लंड पर उंगली टच की.
भाई का लंड हल्का टाइट और हल्का सा सॉफ्ट था.
पहले मैंने चैक किया कि भाई सोया है या नहीं.
फिर धीरे-धीरे मैं उसके कच्छे के बाहर से उसके लंड पर उंगलियों से सहलाने लग गई.
वो कोई रिस्पांस नहीं दे रहा था.
इसका मतलब ये था कि मेरा भाई गहरी नींद में सो रहा था.
मैंने सोचा कि क्यों ना अब भाई का लंड निकाल कर चूसा जाए क्योंकि मैं बहुत गर्म हो चुकी थी.
मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था.
एक बार को तो मुझे डर लगा, फिर मैंने सोचा जो होगा, देखा जाएगा.
मैंने उसके कच्छे को धीरे-धीरे नीचे किया और उसका लंड अपने हाथ में ले लिया.
भाई अभी भी बेसुध था.
मैंने धीरे-धीरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया ताकि मैं उसका खड़ा लंड देख सकूँ.
कुछ ही सेकंड में उसका लंड तन कर एकदम खड़ा हो गया.
मैंने लाइफ में पहली बार किसी का लंड पकड़ा था.
उसके लंड का टोपा एकदम कोमल था और वह पिंक कलर का था.
वाओ … मैं जब लंड हिला रही थी तो उसके लंड से तरल पदार्थ निकलने लगा, जो कि पानी जैसा था.
इससे पहले भाई का वीर्य निकल कर बह जाए, मैंने भाई का लंड सीधा अपने मुँह में ले लिया.
तभी मुझे शक हुआ कि भाई की सांसें तेज हो रही हैं.
तब भी मैंने कैसे ना कैसे हिम्मत करके उसका लंड चूसा.
मुझे पता चल गया था कि भाई जगा हुआ है और मैं भी उसको सोया हुआ समझकर लंड चूसती रही.
यदि उसे मजा न आ रहा होता तो वो अब तक उठ कर मुझे डांटने लगता.
मैं समझ गई कि मेरे भाई को भी लंड चुसवाने में मजा आ रहा है.
भाई का लंड चूसते चूसते करीब 5 मिनट हो गए थे.
इसके बाद उसका सारा वीर्य मेरे मुँह में झड़ कर निकल गया.
आह सच में वीर्य चूसने की क्या मस्त फीलिंग थी.
मैंने लंड को चाट कर साफ़ कर दिया और उसका कच्छा उसे पहना दिया.
मैंने देखा कि भाई पहले जैसे नॉर्मल हो गया था.
मैं उसको रजाई ओढ़ा कर वहां से चली गई.
आज रात तो मुझे मजा ही आ गया था.
अब ऐसा रोज होने लगा. जब सब सो जाते, मैं चुपचाप रात को उसके रूम में जाकर उसका लंड चूस कर उसका सारा पानी पी जाती.
5 दिन तक मैंने ऐसा ही किया.
अब मुझे भाई का लंड अपनी चूत में भी चाहिए था लेकिन मुझे पता था कि जब मैं उसके साथ ऐसा करती हूँ तो वो जागा रहता है, पर कुछ बोलता नहीं है.
मेरी हिम्मत काफी बढ़ गई थी.
छठे दिन मैं रोज की तरह लंड चूस रही थी.
फिर मैंने उसके धीरे से कान में कहा- भाई, क्या तुम भी मेरे साथ ऐसा ही करना चाहोगे.
वह चौंक गया और उठने लगा.
मैं उसे लिप किस करने लगी.
उसकी जब तक कुछ समझ में आता, मैं उसको इतनी जोर से किस करने लगी थी कि वह कुछ कर ही न सका.
कुछ देर बाद मेरा भाई भी मेरा साथ देने लगा और हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.
किस करते करते ही मेरे भाई ने मेरे मम्मों को देखा और मेरे मम्मों को चूसने लगा.
मैं मस्त हो गई और उससे अपने दूध चुसवाने लगी.
मेरा भाई बोला- साली फेसबुक पर यही आम दिखाती थी न … आह दे दे मेरे मुँह में अपने मम्मे!
मैं हंस दी और समझ गई कि मेरा भाई उस दिन ऐसा क्यों कह रहा था कि उसने मेरे मम्मे कहीं देखे हुए हैं.
वो मेरे दूध चूसते चूसते मस्त होने लगा. वो मेरे दूध मसल मसल कर इतना तेज चूस रहा था कि मैं पागल हुई जा रही थी.
उसी पल भाई ने मेरे नीचे हाथ डाला और मेरी पैंटी उतार दी.
मैं नीचे से नंगी हो गई.
भाई मेरी चूत में उंगली करने लगा और अपनी जीभ से मेरी चूत को सहलाने लगा.
मैं मादक आवाज निकाल रही थी- आंह … आह भाई मजा आ गया … आह चूस लो.
भाई ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और बोला- धीरे बोल कुतिया … कोई जाग जाएगा.
मैं चुप हो गई.
उसने मुझे चित लिटाया और मेरी चूत पर अपनी गर्म जीभ से से चाटने लगा.
करीब 5 मिनट तक उसने मेरी चूत को चूसा और मैं झड़ गई.
उसके बाद मैंने भाई का लंड पकड़ लिया और उससे चिपकने लगी.
वो बोला- पहले एक बार चूसो.
मैंने उसका 8 इंच का मोटा लंबा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
भाई ने कहा- चल अब सेक्स करते हैं.
मुझे मन में हल्का सा डर भी लग रहा था क्योंकि मैं कुंवारी थी. मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी.
मैंने चुदाई के लिए मना किया.
भाई ने कहा, तो मैंने उसे अपनी चिंता बताई.
भाई बोला- चल, कोई बात नहीं. मैं कल कंडोम लाऊंगा. आज तू मुँह से ही मजा दे दे.
मैंने कहा- भाई एक बात और भी है.
भाई ने कहा- क्या बात है?
मैंने कहा- मैं पहली बार सेक्स करूंगी तो मेरी चूत में दर्द होगा. आवाज निकल सकती है, तो घर में सबको मालूम चल सकता है.
भाई बोला- चल इसका भी कुछ इंतजाम करते हैं. तू लंड चूस और मुझे ठंडा कर दे.
अब मैंने भाई का लंड मुँह में ले लिया और चूस चूस कर अपने भाई के लंड से दो बार वीर्य निकाल कर पी लिया.
उसके बाद मैं अपने रूम में जाकर सो गई.
सुबह उठ मैंने एक प्लान बनाया और भाई से कहा- हम दोनों किसी होटल में जाकर सेक्स करें तो किसी को पता नहीं चलेगा.
भाई बोला- ठीक है.
फिर हम दोनों ने घर से निकल गए.
कॉलेज जाने का कह कर मैं निकली और भाई अपनी जॉब पर जाने की कह कर निकल गया.
मैं कॉलेज से बंक करके बाहर आ गई और हम दोनों होटल चल दिए.
हमने पहले ही एक रुम बुक कर लिया था.
हम दोनों पूरी तैयारी के साथ गए थे.
मैं सूट और सलवार में थी.
मैंने रूम के अन्दर भाई की पैंट उतारी और उसके लंड पर हमला बोल दिया.
मैं कुतिया सी भूखी हो गई और भाई का लंड चूसने लगी.
इधर मुझे किसी बात की कोई चिंता नहीं थी.
मैं खूब तेज तेज स्वर में मादक सिसकारियां भर रही थी.
भाई भी मस्त आवाज निकाल रहा था.
भैया भी मेरा साथ देने लगा. वो मेरी चूत सहलाने लगा. अपने हाथ से मेरे मम्मों को चूसने लगा और दबाने लगा.
मुझे खूब मजा आ रहा था. हम दोनों एक दूसरे का भरपूर साथ दे रहे थे.
उसके बाद उसने मेरी सलवार उतार दी और मेरी चूत पर हाथ फेरने लगा.
उसने मेरी पैंटी के अन्दर हाथ डाला और चूत में फिंगरिंग करनी शुरू कर दी.
उसके बाद उसने मेरी पैंटी उतारी और अपना लंड सीधा मेरी चूत पर रगड़ने लगा.
मुझे बहुत अजीब लग रहा था और डर भी लग रहा था क्योंकि मैं सीलपैक माल थी.
भाई ने लंड चूत पर सैट किया और एक जोरदार धक्का लगा दिया.
उसका थोड़ा सा लंड मेरी चूत में घुस गया और मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा. उसका लंड मेरी कसी हुई चूत में अन्दर जा ही नहीं पा रहा था.
मेरी आंखों से आंसू आने लगे थे.
भाई ने फिर से जोरदार धक्का लगाया और इस बार उसने अपना पूरा लंड एक ही बार में मेरी चूत में पेल दिया.
मैं चिल्ला पड़ी- भाई, छोड़ दो प्लीज … मेरी फट गई.
मगर भाई नहीं मानने वाला था क्योंकि उसे इन चीजों का पहले से ही एक्सपीरियंस था.
उसकी कोई बंदी उसके साथ सैट थी, जिसे उसने खूब चोदा था.
वह बोला- मेरी बहन चिंता मत कर … बस थोड़ा सा और सह ले.
लंड अन्दर जाने से मेरा खून निकलने लगा था.
भाई लगातार मेरी चूत में लंड पेल रहा था.
अब उसने अपनी स्पीड बढ़ाना चालू कर दी.
मेरा दर्द खत्म होने लगा और मुझे धीरे-धीरे मजा आने लगा.
अब मैं भी धीरे-धीरे सिसकारियां ले रही थी और आवाजें निकाल रही थी- आह आह भाई मजा आ रहा है … और चोदो मुझे … आंह भाई!
मैं भाई के बाल पकड़कर उसे चूम रही थी.
वो भी मुझे चूमते हुए अपने लंड से धक्का लगा रहा था.
कुछ देर के बाद मैं झड़ गई लेकिन भाई अभी तक नहीं झड़ा था.
वह लगातार मेरी चूत में लंड पेले जा रहा था.
कमीना भाई अपनी सगी बहन को चोदने में जरा सा भी तरस नहीं खा रहा था.
उसके बाद उसने मेरे को ऊपर आने के लिए कहा.
मैं उसके लंड के ऊपर बैठ गई और भाई के लौड़े की सवारी करने लगी.
अपनी गांड आगे पीछे ऊपर नीचे करती हुई मैं मजा ले रही थी.
मेरा भाई मेरे दूध पकड़ कर नीचे से अपनी गांड उठाते हुए बहन चोद रहा था.
मैं गर्म आवाज निकालने लगी और मस्ती से लंड के ऊपर उछलने लगी.
आज मैं अपनी चूत में अपने भाई का मोटा लम्बा लंड बड़ी आसानी से ले रही थी.
भाई का बड़ा लंड मेरी चूत में खलबली मचा रहा था.
मुझे हालांकि हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था, पर चुदाई का जुनून मुझे मस्ती दे रहा था.
कुछ देर के बाद भाई ने मुझे धक्का देकर नीचे कर दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया.
अब भाई सेक्स करते हुए मेरी चूत में तेज तेज धक्के लगाए जा रहा था.
मैं भी दुबारा से झड़ने को हो गई थी.
कुछ देर बाद मेरे जिस्म ने झुरझुरी सी ली और चूत ने रस छोड़ दिया.
मेरी चूत के गर्म लावा से मेरा भाई भी पिघलने को हो गया और उसने भी लंड चूत से खींच कर मेरे मम्मों पर अपना सारा माल निकाल दिया.
जब उसका माल मेरे मम्मों पर टपका तब मुझे होश आया कि भाई ने कंडोम लगाया ही नहीं था.
चुदाई के बाद हम दोनों काफी थक गए थे तो चिपक कर लेट गए.
कुछ देर बाद हम दोनों ने दो बार और सेक्स किया.
अब कॉलेज का समय खत्म होने को था तो हम दोनों ने कपड़े पहने और अपने घर की ओर चल दिए.
मेरी चूत खुल चुकी थी तो घर में ही भाई सेक्स करने में कोई डर नहीं था.
हम दोनों भाई बहन रोज बिना नागा चुदाई करते हैं, सिर्फ माहवारी के दिनों में मेरी चूत की दुकान बंद रहती है.
अब जब भी हमारा खुल कर चुदाई करने का मन होता है तो हम दोनों होटल में चले जाते हैं.
घर में मैं जब तब मौका देख कर अपने भाई का लंड निकाल कर चूस लेती हूँ.
भाई भी कभी भी मेरे बूब्स को दबा देता है. वह मेरी चूत में उंगली कर लेता है.
अब हम दोनों की सेक्स लाइफ बड़ी मस्त चल रही है.
मैं आशा करती हूँ कि आपको बहन भाई सेक्स की कहानी पसंद आई होगी. मुझे मेल करें,
धन्यवाद.
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