यंग पुसी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने अपनी पुत्रवधू की छोटी बहन जो बेहद खूबसूरत और सेक्सी है, उसे अपने फार्म हाउस में लेजाकर इत्मिनान से कैसे चोदा.
नमस्कार दोस्तो,
कहानी के पिछले भाग
मेरे बेटे की साली मेरे साथ नंगी
में अभी तक आपने पढ़ा था कि किस तरह से मैं प्रिया को अपने फार्महाउस तक ले आया और अब मैं अपनी जिंदगी की सबसे यादगार चुदाई करने के बहुत करीब था.
यादगार इसलिए क्योंकि उस जैसी खूबसूरत और जवान लड़की को चोदने के बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.
दोस्तो, जिंदगी में सभी किसी न किसी फ़िल्म की हीरोइन को चोदने का सपना देखते हैं और शायद मेरा वो सपना पूरा हो रहा था.
प्रिया भले फिल्मों में नहीं थी मगर किसी भी फ़िल्म की हीरोइन से कम भी नहीं थी.
जिस समय वो मेरे बिस्तर पर नंगी लेटी हुई थी, उसे देखकर किसी भी मर्द के लंड से पानी निकल जाता.
मेरी किस्मत ही इतनी अच्छी थी, जो वो मुझे मिली.
अब आगे यंग पुसी सेक्स कहानी:
मैंने उसके एक पैर को हाथों से उठाया और उसके पैरों के नाखूनों से उसे चूमना शुरू कर दिया.
मैं जल्द ही उसके घुटनों तक पहुंच गया और उसकी मस्त गोरी जांघों तक आ गया.
उसकी जांघों पर मैंने अपनी जीभ को चलाना शुरू कर दिया.
उसके पैरों से लेकर जांघ तक एक भी बाल तो छोड़ो, एक रोम तक नहीं था.
आप समझ सकते हैं कि उसकी जांघें कितनी चिकनी रही होंगी.
जैसे जैसे मैं अपनी जीभ उसकी गदरायी जांघों पर चलाता जा रहा था, वैसे वैसे वो मछली की तरह मचलती जा रही थी.
सारा कमरा उसकी सिहरन भरी मादक आवाज से गूंज रहा था ‘सीईई ऊऊह आह …’
काफी देर तक उसकी जांघों को चूमने के बाद मैं उसकी चड्डी को चूमता हुआ उसके ऊपर की ओर बढ़ने लगा.
ऊपर आते हुए मैंने उसकी गहरी नाभि में अपनी जीभ को डाल दिया.
उसके गोरे गोरे पेट को सहलाते हुए उसकी नाभि को चूमता जा रहा था.
फिर मैं नीचे की तरफ़ आया और अब बारी थी उसकी चड्डी को निकालकर उसकी मनमोहिनी चूत के दर्शन करने की.
मैं दोनों हाथों से उसकी चड्डी को पकड़कर नीचे करने लगा और वो किसी तरह से मुझे रोकने की नाकाम कोशिश करती रही.
धीरे धीरे उसकी चड्डी उसके जिस्म से अलग हो गई और मैंने पहली बार उसकी चूत के दर्शन किए.
कसम से उसकी चूत देख मेरा लंड भी पानी छोड़ने लगा.
बिल्कुल गुलाबी रंग की छोटी सी उसकी चूत, जिस पर हल्के हल्के भूरे रंग के रोम मात्र थे.
वो किसी तरह से अपनी चूत छिपाने की कोशिश कर रही थी मगर मैंने उसके दोनों पैर फैला दिए और अपने दोनों हाथों को उसकी चूतड़ के नीचे लगा कर उसकी चूत में झुक गया.
उसकी चूत की कामुक खुशबू मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी.
जैसे ही मैंने पहली बार उसकी चूत पर अपनी जीभ चलाई, उसके मुँह से बहुत ही मदहोश करने वाली आवाज निकली ‘अंह मम्मीईई … सीईई … आआह.’
मैं अपने हाथों की आठ उंगलियों से उसके चूतड़ों को हल्का सा उठाए हुए था और अपने दोनों अंगूठे से उसकी चूत को फैला रहा था.
चूत से निकल रहा उसका पानी मैं अपनी जीभ से चाट रहा था और वो बिस्तर पर मचल रही थी.
उसकी बहुत ही मुलायम और गुलाबी चूत चाटने में जो मजा आ रहा था, शायद ये मजा हम दोनों के लिए पहली बार था.
मेरे लिए वो किसी परी से कम नहीं थी.
मैं चूत के दाने को अपने मुँह में भर लेता और बड़े प्यार से चूसता.
मेरे इस तरह से चूसने से प्रिया अपने आप को रोक नहीं सकी और जल्दी ही झड़ गई.
रुक रुक कर उसकी चूत से पानी निकलने लगा.
मैं बिना रुके उसकी चूत चाटता जा रहा था.
मुझे एक नशा सा छा गया था, जिसमें मैं बस उसकी चूत को चाटता ही जा रहा था.
झड़ते समय प्रिया की हालत बहुत खराब होने लगी, उसकी तेज सिसकारी पूरे कमरे में गूंज उठी थी- उईईई ई मम्मीई आह!
मैं उसकी चूत इस तरह चाट रहा था जैसे वो मलाई हो.
उसकी चूत देखकर मुझे इतना पता था कि आज प्रिया की बहुत बुरी हालत होने वाली है क्योंकि मेरे फौलादी लंड को झेल पाना उसकी छोटी सी नाजुक चूत के बस की बात नहीं थी.
मैंने उसकी चूत के ठीक नीचे नजर डाली, तो उसकी गांड का छोटा सा गुलाबी छेद नजर आया.
मैंने उसके चूतड़ों को थोड़ा और ऊपर उठाया और उसके गांड के छेद को गौर से देखने लगा.
उसका प्यारा सा छेद किसी छुई-मुई के पत्तों की तरह खुल सिकुड़ रहा था.
उसका छेद कभी अन्दर की तरफ़ जाता कभी बाहर की तरफ़ आता.
मैंने बिना कुछ सोचे अपनी जीभ उसकी गांड के छेद पर लगा दी और उसे भी चाटने लगा.
उसके एक बार झड़ने के काफी देर तक भी मैं उसकी गांड चाटता रहा और अब उसकी हालत बेकाबू होने लगी.
वो अपने हाथ बिस्तर पर पटकने लगी.
मैं समझ गया था कि अब ये पूरी तरह से गर्म हो चुकी है और अब इसे लंड की जरूरत है.
अब मैंने ज्यादा समय न लेते हुए अपनी चड्डी निकाल दी.
प्रिया आंख बंद किए बिस्तर पर लेटी हुई थी.
उसने मेरे लंड को नहीं देखा और मैं चाहता भी था कि उसकी नजर मेरे लंड पर न पड़े. नहीं तो वो डर के मारे कहीं चुदने से ही मना न कर दे.
मैं अपनी चड्डी निकाल कर एक झटके से उसके ऊपर आ गया और जैसे ही मेरा 95 किलो का वजन उसके शरीर पर पड़ा, उसकी गांड के छेद से सुरीली आवाज निकल गई.
प्रिया के मुँह से निकला- आह आह!
मैं अपने लंड को एक हाथ में लेकर उसकी चूत में ऊपर नीचे रगड़ने लगा और अपने दोनों पैरों से उसके दोनों पैरों को फैलाकर दबा लिया.
मैंने अपने दोनों हाथों को उसकी पीठ पर ले जाकर उसे इस तरह से कस लिया कि वो बिल्कुल मेरे सीने पर चिपक गई.
अब वो पूरी तरह से मेरे काबू में थी और चाह कर भी हिल नहीं सकती थी.
मैंने अपने लंड को उसकी चूत में सैट किया और हल्का जोर देते हुए लंड अन्दर करने लगा.
मेरे बड़े से सुपारे ने उसकी चूत की दरार को फैलाया और अन्दर की तरफ़ जाने लगा.
मुझे इस बात का पता था कि वो एक बार चुदवा चुकी है, इसलिए उसकी सील तो टूट गई थी लेकिन चूत पूरी तरह से नहीं खुली थी.
शायद उस लड़के के लंड में इतनी ताकत ही नहीं थी कि उसकी चूत खोल सकता शायद पतला सा लंड ही रहा होगा.
मेरा लंड तो कई तरह के तेल की मालिश से फौलाद बन चुका था.
जैसे ही मेरे लंड ने उसकी चूत के अन्दर जाना शुरू किया, प्रिया की आंखें फटने लगीं और मुँह खुल गया.
उसे भी अहसास हो गया कि ये काफी मोटा लंड है.
उसने तुरंत अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर लगा दिए और मुझे रोकने लगी मगर उसकी ताकत और मेरी ताकत में बहुत फर्क था.
मेरा लंड फिसलता हुआ उसकी चूत की गहराई में उतरने लगा और प्रिया की अचानक से चीख निकल पड़ी ‘नहींई आआह मम्मीई.’
मैं उसे बिल्कुल ही अनसुना करते हुए अपने लंड को उसकी चूत में पेलता चला गया.
उसका गोरा चेहरा तुरंत ही लाल हो गया और आंखों से आंसू निकलने लगे.
वो चीखने लगी ‘नहीं … रुको … आआह मम्मीई नहींई …’
मगर जब तक मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक नहीं उतर गया, मैं रुका नहीं.
पूरा लंड अन्दर डालने के बाद मैंने आधा लंड बाहर निकाला और फिर से अन्दर पेल दिया.
प्रिया बुरी तरह से कांपने लगी और जोर जोर से रोने लगी.
मैं धीरे धीरे उसे चोदता रहा और वो चिल्लाती रही.
चुदाई का यही मजा मुझे सबसे ज्यादा पसंद है कि चुदाई में लड़की तड़प उठे और उसके बाद उसे इतना मजा मिले कि वो उस मर्द की दीवानी हो जाए.
उस वक्त प्रिया भी जोर जोर से चिल्लाए जा रही थी और मैं हल्के हल्के उसे चोदे जा रहा था.
उसकी मुलायम छोटी सी चूत में मेरा मूसल जैसा लंड बहुत ज्यादा ही टाइट जा रहा था.
मैं उसे जोर से अपने सीने से लिपटाये हुए था और बहुत प्रेम से उसकी चूत में अपना लंड डालता जा रहा था.
उसके दोनों गोरे गोर दूध मेरे सीने से बुरी तरह दबे हुए थे और मैं जानबूझकर उसके दूध को सीने से रगड़ रहा था.
वो मुझसे छूटने की हर कोशिश कर रही थी मगर किसी भी तरह से कामयाब नहीं हो रही थी.
मेरे 95 किलो वजन शरीर के नीचे उसका 50 किलो का कोमल बदन दबा हुआ था.
करीब 10 मिनट तक मैं उसे बहुत ही प्रेम से चोदता रहा और वो बस कलपती रही.
उसके बाद धीरे धीरे उसकी चूत का दर्द कम होने लगा.
अभी तक उसने मेरी पीठ को जोर से पकड़ी हुई थी अब उसकी पकड़ ढीली होने लगी.
उसका रोना कम हो गया और उसके हाथ मेरी पीठ पर चलने लगे.
जैसे ही मैं थोड़ा जोर से धक्का लगा देता, वो अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा देती और उसके मुँह से बहुत ही कामुक आवाज निकलती ‘ऊऊ ऊईई ईई मम्मीई.’
उसकी चूत पानी से भर चुकी थी और चूत इतनी टाइट थी कि चोदने से आवाज निकलने लगी ‘फच फच फच.’
मैंने उसकी आंखों में देखा और बोला- अब कैसा लग रहा है?
उसने बिना कुछ बोले शर्माकर अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया.
मैं समझ गया था कि इसे भी चुदाई का मजा मिलने लगा है.
मैंने उसके गुलाबी गालों को चूमते हुए उसके दोनों पैरों को अपने हाथों में फंसा लिया और अपने धक्के तेज करता चला गया.
उसकी तेज़ और कामुक सिसकारियां पूरे कमरे में गूँजने लगी ‘आआह आआह ऊऊई मम्मीई बस्स करो नहींईई.’
मेरी रफ्तार इतनी तेज हो गई थी कि पूरा पलंग बुरी तरह से हिल रहा था.
सच मानिए दोस्तो, उस समय मैं अपनी जिंदगी की सबसे हसीन चुदाई कर रहा था.
मेरा मन कर रहा था कि मेरा पानी कभी निकले ही न … और मैं उसे बस ऐसे ही चोदता रहूँ.
उसे चोदते हुए मेरी नजर बस उसके खूबसूरत चेहरे पर ही टिकी हुई थी. उसकी तड़प मुझमें और भी जोश भर रही थी.
उसके गोरे गाल पूरी तरह से लाल हो चुके थे. उसकी चूत से बुरी तरह फच फच की आवाज निकल रही थी.
उसकी चूत पानी से लबालब हो गई थी. मेरे लंड में बहुत ही ज्यादा फिसलन होने लगी थी.
मैं रुका और एक कपड़े से उसकी चूत साफ करने के लिए चूत की तरफ़ झुका तो देखा उसकी चूत पूरी तरह से झाग से भर गई थी.
मैंने उसकी चूत को साफ किया और अपने लंड पर लगा झाग भी साफ करके फिर से उसके ऊपर लेट गया.
जैसे मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाला, उसकी आवाज निकली ‘आआह सीईई.’
कसम से मुझे भी इस बार बहुत अच्छा लगा क्योंकि बिना पानी की चूत में जब रगड़ते हुए लंड अन्दर गया वो मजा बयान करना ही मुश्किल है.
मैंने फिर से उसकी चुदाई शुरू कर दी.
अब उसे भी चुदाई का पूरा मजा मिल रहा था.
उसकी चूत काफी हद तक खुल गई थी और मेरा लंड अन्दर ले रही थी.
उसने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर रखे हुए थे और बड़े प्यार से सहला रही थी.
मैं भी उसे चोदते हुए उसके गालों और होंठों को चूमता जा रहा था.
जैसे ही मैं थोड़ा तेज धक्का लगा देता, उसकी प्यारी सी आवाज निकलती ‘ऊईई मम्मीईई.’
अभी भी मैं अपनी पूरी ताकत नहीं लगा रहा था क्योंकि शायद वो सहन नहीं कर पाती.
इसलिए कम ताकत के साथ धीरे धीरे से उसकी चुदाई करता जा रहा था.
करीब 5 मिनट बाद उसका बदन अकड़ने लगा और उसने मुझे जोर से जकड़ लिया.
मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली है.
वो बिल्कुल मुझसे चिपक गई और मैं भी एक दो धक्के लगा कर रुक गया.
वो अपनी कमर हिलाने लगी और अपनी गांड उचकाते हुए झड़ गई.
उसकी चूत काफी गर्म हो गई थी.
उस वक्त मैं कुछ भी नहीं कर रहा था बस वो ही अपनी गांड हिलाए जा रही थी.
धीरे धीरे करके वो पूरी तरह से झड़ गई.
अब मैंने धक्का लगाना शुरू कर दिया, उसकी चूत काफी गीली हो गई थी और मैं दनादन उसे चोदे जा रहा था.
मेरा भी लंड जवाब दे गया और मैं उसके अन्दर ही झड़ गया.
उसकी पूरी चूत मेरे वीर्य से भर गई.
मैं शांत होकर उसके ऊपर ही लेट गया.
हम दोनों के बदन पसीने से चिपचिपा रहे थे. दोनों की सांस तेजी से चल रही थी.
कुछ समय बाद मेरा लंड सिकुड़ कर अपने आप उसकी चूत से बाहर निकल आया.
जैसे ही लंड बाहर आया गर्म गर्म पानी उसकी यंग पुसी से निकलकर बिस्तर पर गिरने लगा.
कुछ देर बाद मैं पलटा और उसकी बाजू में लेट गया.
हम दोनों बिना कुछ बोले कमरे की छत की ओर देखे जा रहे थे.
कुछ समय बाद वो उठी और अपनी चड्डी तलाश करने लगी.
मगर वो मिल नहीं रही थी, शायद कहीं दब गई थी.
मैंने पूछा, तो शर्माती हुई बोली- बाथरूम जाना है.
मैंने कहा- ऐसे ही चली जाओ, क्या दिक्कत है!
वो उठी और कमरे में ही बने बाथरूम की तरफ जाने लगी.
मेरी नजर उसके गांड पर ही अटकी हुई थी और मैं उसे जाते हुए देख रहा था.
उसके हिलते हुए चूतड़ गजब लग रहे थे.
कुछ समय बाद वो वापस आई और चादर ओढ़ कर लेट गई.
उस रात मैंने उसकी और चुदाई नहीं की क्योंकि अभी मेरे पास काफी दिन थे और अगले दिन से उसकी तरीके से चुदाई शुरू करने वाला था.
कुछ देर बाद हम दोनों ही सो गए.
दोस्तो, यंग पुसी सेक्स कहानी अभी खत्म नहीं हुई है. इसके आगे मैंने प्रिया की ऐसी चुदाई की, जिसे वो अपनी पूरी जिंदगी याद रखने वाली है.
आगे की चुदाई कहानी जानने के लिए अगला भाग जरूर पढ़ें. आप चाहें तो कोमल को मेल कर सकते हैं.
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यंग पुसी सेक्स कहानी का अगला भाग: उन्नीस की चूत छप्पन का लंड- 5