Xxx देवर भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं एक शादी में पति के चचेरे भाई के घर रुकी तो मैं सेक्स के मजे लेने के चक्कर में अपने देवर से चुद गयी.
यह कहानी सुनें.
मेरे प्यारे दोस्तो, इस चुदाई कहानी में मैं आपको अपने देवर के साथ की गई चुदाई की मस्ती को लिख रही हूँ.
मैं आरती कोलकाता से हूँ. मैं एक शादीशुदा लड़की हूँ. मेरी शादी दस साल पहले हुई थी.
मेरा फिगर 34-32-36 का है.
मेरे लम्बे बाल, बड़े बूब्स देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता है, चाहे वो जवान मर्द हो या बुड्ढा आदमी हो.
शादी से पहले भी और शादी के बाद मैं अपनी सेक्स लाइफ से ज्यादा संतुष्ट नहीं थी.
मेरी सेक्स जिंदगी बहुत बोरिंग थी इसलिए अपनी जिन्दगी को खुशनुमा बनाने के लिए मैंने बहुत सारे दूसरे मर्दों के साथ चुदने की कोशिश की. जिस्मानी रिश्ते भी बनाए.
कुछ के साथ मजा भी आया.
इसी तरह के मजे के चक्कर में मैंने अपनी शर्म ओ हया, सब खो दी थी.
इस प्रकार मेरे पास चुदाई की बहुत सारी कहानियां हैं, लेकिन सबसे नजदीकी रिश्ते में हुई अपनी Xxx देवर भाभी सेक्स कहानी को मैं आज सुनाने जा रही हूँ.
आप लोगों को पसंद आएगी. मुझे मेल से जरूर बताइएगा.
कहानी कुछ ऐसे शुरू हुई कि मेरी ससुराल में चाचा जी के घर में शादी थी.
मेरे पति किसी कारण से शादी में नहीं जा पा रहे थे. तो मुझे अकेले जाना पड़ा.
शादी के चलते चाचा के घर में सब कुछ ठीक चल रहा था. शादी हो जाने के बाद सब नाते रिश्तेदार अपने अपने घर चले गए थे.
मेरे पति वहां आकर मुझे वापस ले जाने वाले थे इसलिए मैं उधर ही रुक गई थी. मैं वहां अपने पति के चचेरे भाई के घर ठहरी थी.
उनके घर में मेरे पति की ताई जी और उनके बेटे बस दो ही लोग रहते थे.
किसी वजह से मेरे पति कुछ और दिन नहीं आ पाए.
इधर से कहानी शुरू हुई.
मैं अपने जिस देवर के साथ रह रही थी, उसका नाम चंदन था. उनको दारू पीने की बहुत बुरी आदत थी.
एक रात मेरा देवर चंदन बहुत ज्यादा दारू पीकर आया.
वो इतना ज्यादा टल्ली हो गया था कि उसके दो दोस्त उसे घर तक पंहुचा कर गए.
मेरा देवर चंदन थोड़ा मोटा है लेकिन वो मेरे पति से ज्यादा स्मार्ट है.
मेरे देवर की मम्मी यानि मेरे पति की ताई जी बहुत बूढ़ी हैं, वो ज्यादा चल फिर नहीं पाती थीं.
वो अधिकांशत: अपने कमरे में ही रहती थीं.
उस दिन बात यह हुई कि जब चंदन के दो दोस्त उसे घर छोड़ कर गए.
तो मैंने चंदन को सहारा दिया और उसे अन्दर लाने लगी.
उस वक्त उसका एक हाथ मेरे कंधे पर था और एक हाथ मैं पकड़े थी कि कहीं वो गिर न जाए.
मैं उसके घर में रह रही थी तो उसे सम्भालना मेरी जिम्मेदारी बन गई थी इसलिए मैंने उसे सहारा दिया था.
अब असली चीज़, जो नहीं होना चाहिए थी, वही हुई.
उस समय उसका सारा बोझ मेरे ऊपर था, इसलिए उसके बेडरूम में ले जाकर मैंने उसे बेड पर बिठा दिया.
मैं उसके भारी वजन के कारण थक गई थी और वो नशे में टुन्न था.
वो बिस्तर पर बैठते ही पसर गया.
फिर मैंने किसी तरह उसे बैठाया और उसकी शर्ट खोलने लगी. उसके मुँह से शराब की बहुत ज्यादा स्मेल आ रही थी.
वो बड़बड़ा रहा था.
मैं उसकी शर्ट के बटन अभी खोल ही रही थी कि उसने मेरे ऊपर जोरदार उल्टी कर दी.
उसकी उबकाई से ऐसा लगा जैसे मेरे ऊपर किसी ने झरना खोल दिया हो.
मैं उसकी उबकाई से ऊपर से नीचे तक गंदी हो गई. मेरे जिस्म पर हर जगह उसकी उबकाई पड़ी थी.
अब मैं सोचने लगी कि क्या करूं.
फिर मैंने उसे वापिस लिटा दिया और उसके सामने ही अपनी साड़ी खोल दी.
मैंने सोचा कि चंदन तो होश में नहीं है, वो मेरे साथ क्या कर सकेगा.
उस समय मैं उसके सामने सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई थी.
अब मैं फिर से उसकी तरफ ध्यान देने लगी. उसके कपड़े भी खराब हो गए थे. शर्ट भी अभी नहीं उतर सकी थी.
मुझसे उसकी शर्ट नहीं खुल रही थी, मैंने सोचा कि इसने उल्टी तो कर ही दी है. अब इसे किसी तरह से बाथरूम ले जाकर साफ़ कर देती हूँ.
मैंने किसी तरह से उसे सहारा दिया और उठा कर बाथरूम में ले गयी.
उधर मैंने उसे कमोड का ढक्कन बंद करके उस पर बिठा दिया.
फिर मैं किसी तरह उसकी शर्ट को खोल पायी. अन्दर उसने बनियान नहीं पहनी थी तो वो ऊपर से नंगा हो गया था.
उसे यूं नंगा देख कर मेरे मन में मेरी वासना जागने लगी.
लेकिन मुझे अपने आपसे भी बहुत जोर की बदबू आ रही थी.
इसलिए मैंने उसे उसी तरह बैठा छोड़ कर उसके सामने अपना ब्लाउज और पेटीकोट भी खोल दिया.
मैं यही सोच रही थी कि उससे होश नहीं है.
लेकिन मैं गलत थी.
उल्टी करने के बाद उसे काफी होश आ चुका था और अब वह मेरे साथ नाटक कर रहा था.
ये बात मैं समझ ही नहीं पायी.
फिलहाल उस वक्त मैं उसके सामने सिर्फ पैंटी ब्रा में खड़ी थी.
मैंने हैंड शॉवर लिया और उससे नहाने लगी.
अपने हाथों से उसके मुँह और छाती पेट व पीठ को भी साफ़ करने लगी.
उसने नीचे एक हाफ जॉगर्स पहन रखा था. मैं हैंड शॉवर रख कर उसे खींच कर नीचे करने लगी.
मुझे पता ही नहीं था कि उसने अंडरवियर नहीं पहना है.
जैसे ही मैंने उसका जॉगर्स उसकी जांघों तक खींचा तो मैं एकदम से चौंक गयी.
उसका विशाल लंड एकदम सामने खड़ा था और मुझे सलामी दे रहा था. उसका भूरे रंग का तीन इंच मोटा लंड देख कर मैं हतप्रभ रह गई थी.
उसके लंड पर एक भी बाल नहीं था.
मैं तो उसका मस्त लंड देख कर एकदम से बहक सी गई.
मेरा खुद पर बेकाबू ही नहीं रहा.
लेकिन मैंने किसी तरह से अपने आप पर कण्ट्रोल किया और उसका पूरा जॉगर्स खोलकर एक तरफ डाल दिया.
अब वह मेरे सामने पूरा नंगा था और मैं आधी नंगी थी और भीगी हुई थी.
देवर के कमरे का बाथरूम अब गर्म होने वाला था, यह मुझे आभास हो गया था.
मैं भी उससे चुदने के लिए रेडी थी, बस कौन पहल करे, इसका इंतजार हो रहा था.
उसकी आंखें खुल गई थीं और वो मुझे नशीले अंदाज में देख रहा था.
मेरा काम अभी बाकी था तो मैं चंदन से बोली- खड़े हो जाओ. आपके ऊपर पानी डाल कर आपको साफ कर दूँ.
वह मेरी हर बात किसी छोटे बच्चे की तरह मान रहा था.
मेरी बात सुनकर वो झट से खड़ा हो गया लेकिन उसकी नजर मेरी चूचियों पर थीं.
यह मैं देख रही थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी भूखे शेर को सामने खाना मिल गया हो, बस वह झपटने के इंतज़ार में था.
मैं उसके पीछे गयी और हैंड शॉवर से उसका पूरा पिछवाड़ा धोने लगी.
पहले मैंने उसकी पीठ धोयी, नीचे जांघें धोईं.
मुझे उसके चूतड़ों को छूने में शर्म आ रही थी लेकिन मैंने अपने हाथों से उसके गांड धोयी.
मुझे मजा भी आने लगा था तो मैंने अपनी दो उंगलियां उसके चूतड़ों के बीच में डाल दीं.
मेरी एक उंगली की पोर उसकी गांड में टच कर गई और उसने आह की आवाज कर दी.
मैंने पूछा- क्या हुआ चंदन?
वो लड़खड़ाती हुई आवाज में बोला- कुछ नहीं.
फिर मैं उसके आगे खड़ी हुई, तो उसका हाथ मेरे कन्धों पर टिक गया था.
मैंने सोची कि सहारा लेने के लिए उसने हाथ रखा होगा.
लेकिन उसका हाथ धीरे धीरे मेरी ब्रा के हुक तक जा पंहुचा और एक ही झटके में उसने मेरे ब्रा को खोल दिया.
मैं बोली- यह क्या कर रहे हो, ये गलत है. मैं आपके भाई की बीवी हूँ.
वह बोला- इस बाथरूम मैं कोई नहीं जानता कि तुम किसकी बीवी हो. यहां सिर्फ तुम एक लड़की और मैं लड़का हूँ.
उसकी बात सही थी.
मैंने अन्तर्वासना पर कई बार पढ़ा था कि औरत और मर्द के बीच रिश्ता हो सकता है. पर लंड औरचूत के बीच सिर्फ एक ही नाता होता है और वो नाता सिर्फ चुदाई का नाता होता है.
यह बात याद करके जैसे मेरे रोंगटे खड़े हो गए. मैंने उससे कुछ नहीं कहा.
फिर उसने मेरी पैंटी खोलने की कोशिश की. वो एक हाथ से नहीं खोल पाया तो मैंने खुद ही अपनी पैंटी उतार दी और कोने में फैंक दी.
अब हम दोनों पूरे नंगे, एक दूसरे के सामने खड़े थे; एक दूसरे को अपनी बांहों में लेने को बेताब थे.
कौन आगे बढ़ेगा, मैं अभी यही सोच रही थी कि तभी उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया और मेरे होंठों पर किस करने लगा.
मैंने पहले कुछ नहीं किया लेकिन अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं उसके साथ चूमाचाटी में उसका साथ देने लगी.
अपने देवर की जीभ से मैं अपनी जीभ लड़ाने लगी.
वो भी मेरे मुँह में जुबान डाल कर मेरी जीभ से खेलने लगा.
दस मिनट बाद उसने मेरे दोनों चूतड़ों पर जोर से अपने हाथ बजाए और मसलने लगा.
इससे मैं उसके लंड से जा लगी.
मुझे उसका लंड मस्त लोहे सा कड़क लग रहा था. शायद उसकी मस्ती भी बढ़ने लगी थी.
वो बार बार लंड टच करने लगा.
कुछ ही पल बाद पूरे बाथरूम में उसके थप्पड़ों की गूंज सुनाई देने लगी थी.
मुझे भी अपनी गांड पर उसकी थाप मजा देने लगी थी.
फिर हम दोनों एक साथ नहाने लगे और पूरा साफ़ होने के बाद वो मुझे अपनी बांहों में उठाकर अपने बेड पर ले गया.
मैंने महसूस किया कि अब उसका नशा मस्ती में बदल गया था और वो मुझे एक माल समझ कर चोदने की तैयारी में आ गया था.
उसने मुझे हल्के से बेड पर रखा और मेरी दोनों टांगों को हवा में उठा दिया.
फिर मेरा देवर मेरी टांगों के नीचे से मेरी चूत को चाटने लगा.
उसका मुँह अपनी चूत पर पाते ही मैं पागलों की तरह मचलने लगी थी.
कुछ ही समय में मैं झड़ गई और उससे बोली- अब बस कर चंदन. छोड़ दे मुझे, मैं अपने रूम में जा रही हूँ.
उसने गाली देते हुए कहा- रुक साली … अभी से जाने की कह रही है भैन की लौड़ी … अभी तो मजा आना शुरू हुआ है और तू जाने की बात कर रही है.
न जाने क्यों मुझे उसका ये अंदाज काफी मर्दाना लगा और मुझे अन्दर तक मजा आ गया.
दोस्तो, एक औरत जब अपनी चुदाई की मस्ती में आ जाती है तो वो मर्द की हर गाली को, उसके हर मर्दाना काम को बड़ी ख़ुशी से लेती है.
फिर चाहे वो औरत एक महारानी ही क्यों न हो और उसे चोदने वाला मर्द उसका गुलाम ही क्यों न हो.
अब मैंने चंदन से अपनी चूत चुदवाने का मन बना लिया
उसने मेरे बालों को पकड़ के मुझे घुटनों तक झुका दिया और बोला- चल साली शुरू हो जा … और देर मत कर.
मैं उसका इशारा समझ गयी और मैंने उसका लंड अपने हाथों में ले लिया.
उसका लंड वाकयी बड़ा मस्त लंड था और एकदम लोहे की रॉड की तरह सख्त था.
मैं अपने देवर के लंड के सुपारे को खोल कर चाटने लगी. फिर उसके एक अंडकोष को हाथ में लेकर चाटा और मुँह में भर कर चूसा.
मुझे मर्द का लंड चाटना जितना पसंद है उससे ज्यादा पसंद है मर्द की गांड के छेद को चाटना.
और इस सुनहरे अवसर को मैं किसी हाल में नहीं छोड़ सकती थी.
इसलिए मैंने जब उसकी गांड के छेद में अपनी जीभ डाली, तो वह जैसे चौंक गया.
कुछ मिनट तक अपने देवर का लंड और गांड चाटने के बाद मैं अलग हुई तो उसने मुझे ऐसी नजरों से देखा, मानो वह जैसे मुझसे प्यार कर बैठा हो.
उसने मुझे तुरंत उठाया और बेड पर पटक दिया. साथ ही चंदन ने अपना मोटा कड़क लंड मेरी रस टपकाती चूत में एक झटके से पेल दिया.
पहली बार तो मैं चीख पड़ी.
फिर धीरे धीरे मैं खुद को खुदकिस्मत सी महसूस कर रही थी कि इतना मोटा लंड मुझे अन्दर तक ख़ुशी दे रहा था.
वो काफी मजबूत मर्द साबित हुआ, लगातार आधा घंटा तक मेरी चूत फाड़ता रहा.
मैं उसके साथ चुद कर एकदम से थक गई थी और लगातार लंड पेलने के कारण वो भी हांफने लगा था.
उसके माथे से चुहचुहाता पसीना मुझे मादक किए जा रहा था.
मैं अपनी थकान भूल कर अपने ऊपर चढ़े अपने देवर को प्यार से सहला रही थी.
कुछ देर में हम दोनों थक गए थे और अब शायद हमारा रस भी मिल जाने को आतुर था.
कुछ ही तेज धक्कों के बाद चंदन मेरी चूत में स्खलित हो गया और हम दोनों बेड पर बेजान की तरह गिर गए.
उसके लंड ने मेरी चूत की जबरदस्त चुदाई की थी. इतनी देर तक चुदने के बाद भी मेरा मन अभी नहीं भरा था.
मैं अपनी आंखें बंद किए हुए उसका लंड पकड़ने की कोशिश कर रही थी. मैं लंड फिर से खड़ा करने के लिए हाथ चलाने लगी थी.
उसके लंड ने वापस अंगड़ाई भरनी शुरू कर दी थी.
मैंने उठ कर उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी.
जल्द ही मैं लंड खड़ा करने में कामयाब हो गई.
मेरा Xxx देवर भी मूड में आ गया.
हम दोनों ने फिर से जोरदार सेक्स करना शुरू कर दिया.
चुदाई के बाद हम दोनों नंगे एक ही चादर में सो गए.
फिर सुबह चार बजे मैं उठी और अपने रूम में जाकर चैन की नींद सो गयी.
मेरे पति के नहीं आने तक हम दोनों की रोज चुदाई चालू रही.
आपको मेरी Xxx देवर भाभी सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करें.
[email protected]